यात्रायें

Detail

बारहवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, मास्को घोषणा

नवम्बर 17, 2020

प्रस्तावना

1. हमारे, यानि संघात्मक गणराज्य ब्राजील, रूसी संघ, भारतीय गणराज्य, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के नेताओं के बीच 17 नवंबर 2020 को «वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नवीन विकास के लिए ब्रिक्स भागीदारी» विषय के तहत बारहवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया।

2. हम इस बात को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट हैं कि वर्ष 2020 में रूसी अध्यक्षता में, वर्तमान वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, नागरिकों के कल्याण के उद्देश्य से किये गए ब्रिक्स के कार्यों की गति और निरंतरता में कोई कमी नहीं आई। हम नीति व सुरक्षा, अर्थव्यवस्था व वित्त, संस्कृति तथा लोगों से लोगों के आदान-प्रदान के तीन स्तंभों में ब्रिक्स की रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के रूसी संघ के प्रयासों की सराहना करते हैं और हम व्यक्तिगत एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग (अनुलग्नक II) के माध्यम से आयोजित किए गए सौ से अधिक कार्यक्रमों के सकारात्मक नतीजों से अवगत हैं जिससे हमारे पारस्परिक रूप से लाभप्रद तथा व्यावहारिक सहयोग में और प्रगति हुई (अनुलग्नक I) है।

बेहतर दुनिया के लिए एकजुटता

3. वर्ष 2020 संयुक्त राष्ट्र की स्थापना और साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध के अंत की 75वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक है। इस संदर्भ में, हम सैनिकों और नागरिकों के जीवन की हानि समेत ब्रिक्स के सभी देशों के योगदान को हमेशा याद रखेंगे। हम सभी के लिए लाभदायक सहयोग के आधार पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय हेतु एक साझा भविष्य के उद्देश्य से एक दुनिया बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं जो शांति, स्थिरता एवं समृद्धि, आपसी सम्मान व समानता पर आधारित हो और जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान हो और इसके अपरिहार्य आधार के रूप में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निहित उद्देश्यों व सिद्धांतों, और अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका के साथ-साथ जिसमें संप्रभु राष्ट्र शांति व सुरक्षा बनाए रखने के लिए सहयोग, सतत विकास, लोकतंत्र, मानव अधिकारों और सभी के लिए मौलिक स्वतंत्रता का संवर्धन एवं संरक्षण सुनिश्चित हो।

4. हम द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत को अपनी साझा विरासत मानते हैं और उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने फासीवाद, अत्याचार तथा सैन्यवाद, उपनिवेशवाद के खिलाफ और उपनिवेशवाद से मुक्ति एवं राष्ट्रों की स्वतंत्रता हेतु लड़ाई लड़ी, और उनके स्मरण में बनाए गए स्मारकों के नष्ट होने से बचाने के महत्व को समझते हैं। हमें स्मरण है कि, द्वितीय विश्व युद्ध की भयावहता से मानवता की रक्षा हेतु एक साझा प्रयास के रूप में बनाये गए संयुक्त राष्ट्र को आने वाली पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने के लिए स्थापित किया था और तब से इसने आधुनिक युग के देशों के बीच संबंधों को आकार देने में मदद की है। हम नाजी विचारधारा, जातिवाद, विदेशी लोगों को न पसन्द करने, उपनिवेशवाद और इतिहास को नष्ट करने के खिलाफ दृढ़ रुख अपनाने का आह्ववान करते हैं।

5. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र की सत्तरवीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी राष्ट्रों की संप्रभु समानता, उनकी क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी के हितों व चिंताओं के आपसी सम्मान के आधार पर अधिक निष्पक्ष, न्यायसंगत, समावेशी और प्रतिनिधि बहुध्रुवीय अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली स्थापित करने हेतु और अधिक प्रयास करने का आह्वान करते हैं। हम राष्ट्रों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण तरीकों और न्यायिक सिद्धांतों तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप समाधान, साथ ही किसी भी राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ या किसी अन्य तरीके से संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों और सिद्धांतों की असंगतता के खतरे को अस्वीकार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम ऐसे किसी भी कठोर उपायों से परहेज करने पर बल देते हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित न हो।

6. हम बहुपक्षवाद तथा आपसी सम्मान, संप्रभु समानता, लोकतंत्र, समावेशिता व मजबूत सहयोग के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को मजबूत करने और इसमें सुधारने की दिशा में काम करते रहेंगे ताकि यह अधिक समावेशी, प्रतिनिधि, लोकतांत्रिक हो और अंतरराष्ट्रीय स्तर के निर्णय लेने में विकासशील देशों की सार्थक और अधिक भागीदारी हो और इसमें समकालीन वास्तविकताओं के अनुरुप बेहतर जुड़ाव हो। हम ये भी मानते हैं कि मौजूदा अंतर-अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों को यूएन, डब्ल्यूटीओ, डब्ल्यूएचओ, आईएमएफ और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित बहुपक्षीय प्रणाली के फिर से र्निमाण और सुधार के माध्यम से राष्ट्र और लोगों की भलाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करते हुए दूर किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में, हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों को पूरी तरह से सदस्य राष्ट्रों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए और सभी के हित को बढ़ावा देना चाहिए।

7. हम वर्ष 2021-2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य चुने जाने पर भारत को बधाई देते हैं और 2019-2020 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के रूप में अपने योगदान हेतु दक्षिण अफ्रीका की सराहना करते हैं। हम द्विवार्षिक रुप से साल 2022-2023 के लिए यूएनएससी सदस्य के रूप में ब्राजील की उम्मीदवारी की भी सराहना करते हैं। यह संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों में उनके स्थायी मिशनों के बीच नियमित आदान-प्रदान सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर ब्रिक्स देशों के बीच संवाद और आपसी हित के क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों के निरंतर सहयोग का अवसर होगा।

8. हम 21 सितंबर 2020 को अपनाए गए यूएनजीए प्रस्ताव 75/1 को स्वीकार करते हैं और संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख हिस्सों में सुधारों की आवश्यकता को दोहराते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार पर फिर से विचार-विमर्श की शुरुआत करने और महासभा को फिर से शुरु करने और आर्थिक व सामाजिक परिषद को मजबूत करने हेतु अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

9. हम 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के आउटकम दस्तावेज़ के अनुरुप इसे और अधिक प्रतिनिधि, प्रभावी व कुशल बनाने और इसमें विकासशील देशों की भागीदारी को बढ़ाने हेतु इसकी सुरक्षा परिषद के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार की आवश्यकता की पुष्टि करते हैं, जिससे यह वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सके।

10. हम कोविड-19 महामारी और इसके प्रतिकूल प्रभावों सहित उभरते हुए विश्वव्यापी खतरों से एक कुशल, व्यावहारिक, समन्वित और त्वरित तरीके से साथ मिलकर निपटने हेतु व्यक्तिगत व साझा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता को दोहराते हैं। हम विशेष रूप से समाज के सबसे कमजोर समूहों के लिए अंतरराष्ट्रीय विश्वास, आर्थिक विकास और व्यापार को बहाल करने, बाजारों की स्थिरता व लचीलापन को मजबूत करने, नौकरियों और आय को संरक्षित करने हेतु राष्ट्रों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हैं।

11. हम कोविड-19 महामारी से प्रभावित सभी लोगों और देशों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं, और साथ ही साथ महामारी के शिकार लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं, जिनका जीवन और आजीविका प्रभावित हुई है। हम सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों, नर्सों व स्वास्थ्य कर्मियों और अस्पतालों, पॉलीक्लिनिक्स, डिस्पेंसरियों, एम्बुलेंस, शोधकर्ताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जो खतरनाक और कठिन परिस्थितियों में अपने पेशेवर कर्तव्य पूरा करते हैं और अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालकर अन्य लोगों की मदद करते हैं।

12. हम जबतक सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण, प्रभावोत्पादक, प्रभावी, सुलभ एवं सस्ते टीके उपलब्ध न हो, महामारी को खत्म करने और फैलने से रोकने हेतु व्यापक प्रतिरक्षण की भूमिका से अवगत हैं। हम डब्ल्यूएचओ, सरकारों, गैर-लाभकारी संगठनों, शोध संस्थानों और फार्मास्युटिकल उद्योग द्वारा कोविड-19 वैक्सीन और चिकित्सीय के शोध, विकास व उत्पादन में तेजी लाने और इस संबंध में सहयोगी दृष्टिकोण का समर्थन करने की पहल की सराहना करते हैं। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि टीका उपलब्ध होने पर उचित, न्यायसंगत और किफायती दर पर सभी को उपलब्ध हो सके। इस संबंध में हम एक्सेस टू कोविड-19 टूल एक्सेलेरेटर (एसीटी-ए) पहल का समर्थन करते हैं।

नीति और सुरक्षा

13. कोविड-19 महामारी से आने वाली अड़चनों के बावजूद, प्रासंगिक अंतर-ब्रिक्स तंत्रों में सामयिक नीति, शांति व सुरक्षा के मुद्दों पर गहन ब्रिक्स वार्ता जारी रही है। हम 4 सितंबर 2020 को विदेशी मामलों / अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के ब्रिक्स मंत्रियों की स्वचलित बैठक का स्वागत करते हैं, जिसके दौरान उन्होंने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, साथ ही ब्रिक्स तथा आपसी सहयोग को मजबूत करने व संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र पर निकट सहयोग के तरीकों पर चर्चा की। हम 28 अप्रैल 2020 को आयोजित विदेशी मामलों / अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के ब्रिक्स मंत्रियों के वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई वार्ता का भी स्वागत करते हैं।

14. हम 17 सितंबर 2020 को सुरक्षा पर आधारित ब्रिक्स के उच्च प्रतिनिधियों की दसवीं बैठक का स्वागत करते हैं, और आतंकवाद से मुकाबला, आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय हॉट स्पॉट, शांति और संगठित अपराध पर ब्रिक्स वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए उनकी प्रयासों की सराहना करते हैं।

15. हम राजनीतिक तथा कूटनीतिक माध्यम से विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम वैश्विक स्तर पर युद्ध विराम हेतु संयुक्त राष्ट्र महासचिव की पहल का संज्ञान लेते हुए इस संदर्भ में, यूएनएससी प्रस्ताव 2532 (2020) का आह्वान करते हुए आतंकवादी समूहों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी समूह के रुप में नामित संगठनों के खिलाफ कुछ मामलों में सैन्य अभियानों के साथ इसके एजेंडा में ऐसी सभी स्थितियों में तत्काल शत्रुता को रोकने की मांग करते हैं और कोविड-19 महामारी को देखते हुए स्थाई रुप से मानवीय विराम का आह्रवान करते हैं।

16. हम अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने और इसे मजबूत करने हेतु तत्काल राजनीतिक और राजनयिक प्रयास करने पर अपनी सहमति व्यक्त करते हैं। हमें रणनीतिक स्थिरता तंत्र और हथियार नियंत्रिण व्यवस्था में आने वाले व्यवधानों पर खेद है और उन्हें बरकरार रखने हेतु प्रतिबद्ध है। हम परमाणु निरस्त्रीकरण एवं अप्रसार व्यवस्था हेतु सामरिक रुप से आक्रामक हथियारों में कमी करने और इसकी सीमा निर्धारित करने हेतु 2010 के रूस-अमेरिका संधि के महत्व को समझते हैं, और हम सभी पक्षों से इसे अपनाने का आह्ववान करते हैं।

17. हम अंतर्राष्ट्रीय डब्लूएमडी निरस्त्रीकरण और नियंत्रण व्यवस्था के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में बैक्टीरियलोलॉजिकल (जैविक) और टॉक्सिन हथियारों के विकास, उत्पादन और उनके भंडारण को निषेध और उनको नष्ट करने पर कन्वेंशन (बीटीडब्ल्यूसी) के मूलभूत महत्व पर बल देते हैं। हम बीटीडब्ल्यूसी का अनुपालन करने और उसे मजबूत करने की आवश्यकता को समझते हैं, जिसमें कन्वेंशन हेतु कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रोटोकॉल को अपनाना भी शामिल है, जिससे एक कुशल तंत्र का विकास हो सके। हम ऐसे प्रोटोकॉल पर वार्ता को फिर से शुरू करने का समर्थन करते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यों समेत बीटीडब्ल्यूसी के कार्यों को भी अन्य तंत्रों द्वारा दोहराया नहीं जाना चाहिए। कार्यान्वयन के मुद्दों के समाधान के उद्देश्य से किए गए प्रयास बीटीडब्ल्यूसी के अनुरूप होना चाहिए।

18. हम निरस्त्रीकरण एवं अप्रसार के प्रभावी साधन के रूप में रासायनिक हथियार सम्मेलन (सीडब्ल्यूसी) के संरक्षण हेतु समर्थन की पुष्टि करते हैं और सभी राष्ट्रों से सीडब्ल्यूसी की अखंडता को बनाए रखने और रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्लू) में आम सहमति की भावना को बहाल करने हेतु एक रचनात्मक बातचीत शुरु करने का आह्वान करते हैं।

19. हम बाहरी अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और बाहरी अंतरिक्ष का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए करने के साथ-साथ बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकने के महत्व को रेखांकित करते हैं। हम कानूनी रूप से बाध्यकारी बहुपक्षीय साधनों पर बातचीत करने की आवश्यकता पर बल देते हैं जो बाहरी अंतरिक्ष पर लागू होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था में अंतर को भर सकता है, जिसमें बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों को स्थापित करने से रोकना और बाहरी अंतरिक्ष में स्थित वस्तुओं के खिलाफ बल का उपयोग करना या धमकी देना शामिल है। हम इस बात पर जोर देते हैं कि "नो फर्स्ट प्लेसमेंट" जैसी पहलों समेत व्यावहारिक पारदर्शिता एवं स्वविश्वास-निर्माण के तरीके (टीसीबीएम) भी इस उद्देश्य की पूर्ति में मदद कर सकते हैं। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि टीसीबीएम को पूरक होना चाहिए, न की बाहरी अंतरिक्ष के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी व्यवस्था का विकल्प होना चाहिए।

20. हम बाहरी अंतरिक्ष संधि में तय किये गए सिद्धांतों का कड़ाई से पालन के महत्व को दोहराते हैं ताकि सभी देशों के लाभ हेतु बाहरी अंतरिक्ष का स्थायी व शांतिपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जा सके। हम भावी पीढ़ी के लिए बाहरी अंतरिक्ष को संरक्षित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र के चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण अन्वेषण और उपयोग की आवश्यकता की पुष्टि करते हैं। शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए प्रासंगिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेत महत्वपूर्ण होगा। हम सुदूर संवेदन उपग्रहों के क्षेत्र में भविष्य में ब्रिक्स सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हैं।

21. हम अंतरिक्ष से जुड़े अभियानों की सुरक्षा के मद्देनज़र बाहरी अंतरिक्ष की गतिविधियों में लंबे समय तक स्थिरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते हैं। इसके लिए हम बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों में लंबे समय तक स्थिरता हेतु अपने 62वें सत्र में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति (यूएनसीओपीयूओएस) द्वारा 21 दिशा-निर्देशों वाली रिपोर्ट को अपनाने का स्वागत करते हैं, और इस मुद्दे को हल करने हेतु स्थापित कार्यकारी समूह और इसके सहमत ढांचे व कार्यक्रम के संचालन में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

22. हम दुनिया भर में बढ़ती हिंसा और विभिन्न हिस्सों में होने वाले सशस्त्र संघर्षों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जिनका क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि सभी संघर्षों का समाधान अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार राजनैतिक जुड़ाव और राजनैतिक बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए।

23. हम सीरियाई अरब गणराज्य की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता एवं क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि सैन्य साधनों से सीरियाई संघर्ष का हल नहीं हो सकता। हम यूएनएससी संकल्पना 2254 के अनुसार सीरियाई नेतृत्व और सीरियाई के स्वामित्व वाली, संयुक्त राष्ट्र की सुविधा वाली राजनीतिक प्रक्रिया हेतु अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जिससे संवैधानिक सुधार हो सके और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव का आयोजन किया जा सके। इस संदर्भ में हम जिनेवा में अस्थाना प्रक्रिया के गारन्टीकर्ता राष्ट्रों की निर्णायक भागीदारी के माध्यम से बनाई गई संवैधानिक समिति और राजनीतिक साधनों से संघर्ष को खत्म करने के प्रयासों में लगे हुए सभी राष्ट्रों के महत्व पर बल देते हैं और समिति के स्थायित्व व प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने हेतु सीरिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत के प्रयासों का स्वागत करते हैं। हमें विश्वास है कि, आम सहमति हेतु संवैधानिक समिति के सदस्य बिना किसी विदेशी हस्तक्षेप के रचनात्मक रूप से समझौता करने और सहयोग करने की प्रतिबद्धता से निर्णय लेंगे। हम इदलिब डे-एस्केलेशन क्षेत्र में स्थिति को सामान्य करने पर ज्ञापन के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने का स्वागत करते हैं। हम आंतकवाद के सभी प्ररूपों से लड़ने के अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों की पुष्टि करते हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा तय किए अनुसार सीरिया में मौजूद आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता के महत्व को रेखांकित करते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सिद्धांतों के अनुसार और संघर्ष के बाद सीरिया के पुनर्निर्माण हेतु बिना किसी अवरोध के मानवीय सहायता प्रदान करने मूलभूत महत्व पर बल देते हैं, जिससे सीरियाई शरणार्थियों की सुरक्षित, स्वैच्छिक और गरिमापूर्ण वापसी हो सके और आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों को अपने स्थायी निवास स्थान पर वापस आने का उपयुक्त माहौल बने, जिससे सीरिया और इसके अन्य क्षेत्रों में दीर्घकालिक स्थिरता तथा सुरक्षा सुनिश्चित होगी। साथ ही हम असुरक्षित माहौल में रह रहे उन सभी लोगों की स्थितियों पर चिंता व्यक्त करते हैं और जातीय या धार्मिक आधार पर होने वाले उत्पीड़न की निंदा करते हैं।

24. हमें लगता है कि फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष को हल करने में विफलता मध्य पूर्व में शांति व स्थिरता स्थापित करने में बाधा बन रही है। हम इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों और अरब शांति पहल जैसे संयुक्त राष्ट्र के कानूनी ढांचे द्वारा तय दो-राष्ट्रीय समाधान का आह्वान करते हुए न्यायसंगत व स्थायी शांति हेतु प्रतिबद्ध हैं, जिससे फिलिस्तीन अपने पड़ोसी देशों के साथ एक स्वतंत्र और व्यवहार्य राष्ट्र बन सके। हम न्यायसंगत, स्थायी व व्यापक समझौते के लिए नए तथा रचनात्मक कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता व्यक्त करते हैं और फिलिस्तीन तथा इजरायल के बीच सीधी बातचीत को जल्द से जल्द शुरु करने के महत्व पर जोर देते हैं।

25. हम 4 अगस्त 2020 को बेरूत के बंदरगाह में हुए भयंकर विस्फोट के इस दुखद समय में लेबनान के लोगों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप काफी लोग हताहत हुए और बड़े पैमाने पर संपत्ति का विनाश हुआ। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से आह्वान करते हैं कि वे लेबनान को तबाही और देश की मौजूदा राजनीतिक व सामाजिक-आर्थिक स्थिति से बाहर आने हेतु सहायता प्रदान करें। लेबनानी लोगों द्वारा इस देश की मौजूदा चुनौतियों का राजनीतिक तरीके से हल निकालने की अपेक्षा को ध्यान में रखते हुए हम इस बात पर जोर देते हैं कि, लेबनान के राजनीतिक बलों को मौजूदा परिस्थितियों में एक साथ मिलकर काम करना चाहिए और तनाव को कम करने, हिंसा को रोकने और स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने से रोकने हेतु निर्णायक कदम उठाना चाहिए।

26. हम इराकी सरकार के राष्ट्र के पुनर्निर्माण, विकास और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक व समावेशी सामाजिक जुड़ाव के प्रयासों के प्रति अपना समर्थन दोहराते हैं। इराक की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता व उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, हम चरमपंथ और आतंकवाद की अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई में इराकी लोगों की मदद करने तथा देश को आर्थिक स्तर पर उबारने के महत्व पर बल देते हैं। इसके अलावा, हम क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु इराक में स्थिरता के महत्व से अवगत हैं, और इराक में आतंकवादी और चरमपंथी समूहों, जैसे कि स्वयं-भू आईएसआईएस जैसे अपराधियों द्वारा किए जा रहे जघन्य और अमानवीय हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं।

27. हम यमन गणराज्य में आये मानवीय संकट और जारी संघर्ष पर अपनी चिंता जाहिर करते हैं जिसका पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व स्थिरता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। हम देश की मौजूदा युद्ध स्थिति को पूरी तरह से समाप्त करने और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से एक समावेशी वार्ता प्रक्रिया करने का आह्ववान करते हैं और इस बात को दोहराते हैं कि देश के विभिन्न राजनीतिक बलों के वैध हितों को ध्यान में रखते हुए रचनात्मक बातचीत के बिना यह प्रयास सफल नहीं हो सकता है। यमन में स्थायी शांति के बिना मानवतावादी संकट और गहराता रहेगा और हम यमन के नागरिकों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने और देश के सभी लोगों और सभी क्षेत्रों में मानवीय आपूर्ति की तीव्र, सुरक्षित और निर्बाध पहुंच को बढ़ावा देने के महत्व पर बल देते हैं।

28. हम खाड़ी क्षेत्र में एकतरफा कार्रवाइयों सहित जारी तनावों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। हम वार्ता और कूटनीतिक संबंधों के जरिए मौजूदा असहमति को दूर करने के प्रयासों पर ब्रिक्स देशों के समर्थन की पुष्टि करते हैं, इस क्षेत्र में सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडे को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हैं, जिसमें सभी देश संयुक्त रूप से साझा खतरों और चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला कर सके।

29. हम इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान में लंबे समय तक शांति स्थापित करने का आह्वान करते हैं और स्थिर, समावेशी, शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं समृद्ध संप्रभु राष्ट्र के निर्माण की दिशा में अफगानिस्तान के लोगों के प्रति हमारे अटूट समर्थन की पुष्टि करते हैं। हम अंतर-अफगान वार्ता के शुरु होने का स्वागत करते हैं और अफगान के नेतृत्व वाली तथा अफगान के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करते हैं। हम अफगानिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं और सुरक्षा के अस्थिर माहौल पर चिंता व्यक्त करते हैं।

30. हम अजरबैजान और अर्मेनिया के नेताओं के बीच 10 नवंबर 2020 को नागोर्नो-करबाख क्षेत्र में पूर्ण युद्ध विराम हेतु हुए समझौते का स्वागत करते हैं और इस क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए आवश्यक माहौल का सृजन करने में आगे के राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों को समर्थन देने की पुष्टि करते हैं।

31. हम पूरी तरह से परमाणु मुक्त होने सहित कोरियाई प्रायद्वीप से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने हेतु द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कूटनीतिक वार्ता जारी रखने और उत्तर पूर्व एशिया में शांति व स्थिरता बनाए रखने पर अपना समर्थन व्यक्त करते हैं। हम स्थिति का शांतिपूर्ण, राजनयिक और राजनीतिक हल निकालने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

32. हम अफ्रीकियों द्वारा खुद जाहिर किये गए «अफ्रीकी समस्याओं का अफ्रीकी समाधान» के सिद्धांत के आधार पर महाद्वीप में शांति व सुरक्षा स्थापित करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय पहलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन देने का आह्वान करते हैं। हम अफ्रीकी संघ द्वारा 2020 तक «साइलेंसिंग द गन्स» पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ के बीच अच्छी साझेदारी के महत्व को रेखांकित करते हैं।

33. हम अफ्रीकी संघ के एजेंडा 2063 और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र पर समझौते को लागू करने सहित महाद्वीप में एकीकरण व विकास की दिशा में किये जा रहे उसके प्रयासों पर अपना समर्थन व्यक्त करते हैं। हम विशेष रूप से अफ्रीका के विकास हेतु नई साझेदारी (एनईएपीएडी) के ढांचे के तहत, अवसंरचना के अंतराल को दूर करने और औद्योगिक विकास का समर्थन करने, नौकरियों का सृजित करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, गरीबी से लड़ने और अफ्रीका के सतत विकास हेतु निवेश को बढ़ावा देने में अफ्रीकी संघ द्वारा हासिल की गई प्रगति की सराहना करते हैं। हम कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को दूर करने की इसकी क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से अफ्रीकी महाद्वीप के साथ आगे सहयोग करने की अपनी तत्परता को दोहराते हैं।

34. लीबिया की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय एकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, हम संयुक्त राष्ट्र के निर्देशन में लीबिया के नेतृत्व तथा लीबिया के स्वामित्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से व्यापक और स्थायी समाधान सुनिश्चित करने हेतु लीबिया के सभी दलों से आपसी संयम अपनाने और लीबिया में स्थायी युद्धविराम की स्थापना पर बल देने का आह्वान करते हैं। हम लीबिया के राजनीतिक संवाद मंच के तहत समावेशी इंट्रा-लीबिया वार्ता को फिर से शुरू करने की घोषणा का स्वागत करते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र की सहायता से इंट्रा-लीबिया वार्ता प्रक्रिया (सैन्य, राजनीतिक एवं आर्थिक) के सभी तीनों स्तर पर हुई प्रगति को ध्यान में रखते हुए 19 जनवरी 2020 को बर्लिन में आयोजित लीबिया के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के फैसले और यूएनएससी प्रस्ताव 2510 को पूरी तरह से लागू करने की आवश्यकता को दोहराते हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से लीबिया के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त करने का आग्रह करते हुए, हम शांतिपूर्ण इंट्रा-लीबिया वार्ता तथा राजनीतिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने में अफ्रीकी संघ और अरब राष्ट्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हैं।

35. हम सूडान की सरकार के राष्ट्रीय समझौते को मजबूत करने और देश में सामाजिक व आर्थिक संकट को दूर करने हेतु उठाए गए कदमों पर अपना समर्थन व्यक्त करते हैं। हम मुख्य रूप से दारफुर, दक्षिण कोर्डोफन और ब्लू नाइल में हो रहे आंतरिक सशस्त्र संघर्षों को समाप्त करने हेतु सूडानी सरकार के देशव्यापी प्रयासों की सराहना करते हैं। हम 3 अक्टूबर 2020 को सूडान की सरकार और सशस्त्र विपक्षी आंदोलनों के बीच जुबा शांति समझौते पर हुए हस्ताक्षर का स्वागत करते हैं और हस्ताक्षरकर्ताओं को समझौते के मुख्य प्रावधानों को तेजी से लागू करने हेतु प्रोत्साहित करते हैं। 36. हम लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हैं और नागरिकों व संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों के खिलाफ हमलों की निंदा करते हैं। हम मौजूदा कानूनी ढांचे के भीतर देश में शांति को बढ़ावा देने और शरणार्थियों एवं आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को अपने घर लौटने हेतु उचित माहौल को बढ़ावा देने हेतु प्रसाय करने का आह्वान करते हैं।

37. हम फिर से आंतकवाद के सभी प्रारूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं, चाहे यह कभीभी हो रहा हो, जहां भी हो रहा हो और जिस किसी ने भी किया हो, और भले ही यह किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से जुड़ा हो। हम इस बात पर बल देते हुए कि इस क्षेत्र में केंद्रीय और समन्वित भूमिका निभाते वाले संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करना राष्ट्रों की प्राथमिक जिम्मेदारी है, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार आतंकवाद के खतरे को रोकने और इसका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में हमारी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। साथ ही हम वर्तमान महामारी सहित आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु समुचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हैं, जिससे एक गंभीर खतरा पैदा होता है। रासायनिक व जैविक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए, हम निरस्त्रीकरण सम्मेलन में रासायनिक तथा जैविक आतंकवाद के कृत्यों के दमन हेतु अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बहुपक्षीय वार्ता शुरू करने की आवश्यकता पर बल देते हैं। हम संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक निष्कर्ष एवं व्यापक सम्मेलन को अपनाने का भी आह्वान करते हैं।

38. हम पांच ब्रिक्स देशों के आतंकवाद-रोधी कार्यदल (सीटीडब्ल्यूजी) और उसके उपसमूहों की बैठकों के परिणामों का स्वागत करते हैं, जिन्होंने आतंकवाद व इसके वित्तपोषण, विदेशी आतंकवादियों, कट्टरपंथियों और आतंकवादी उद्देश्यों व क्षमता निर्माण हेतु इंटरनेट उपयोग का मुकाबला करने में ब्रिक्स सहयोग को और मजबुत किया है। हम ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी रणनीति का समर्थन करते हैं जिसका उद्देश्य ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने और इसे मजबूत करने के साथ-साथ आतंकवाद के खतरे को रोकने और उससे निपटने के वैश्विक प्रयासों में मदद करना है। हम सुरक्षा हेतु रणनीति के कार्यान्वयन और इस संबंध में आतंकवाद-रोधी कार्य योजना के विकास सहित ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी कार्यदल (सीटीडब्ल्यूजी) के कार्यों की समीक्षा करने के लिए ब्रिक्स के ऊंचे पदों पर तैनात प्रतिनिधियों को नामित करते हैं।

39. हम आईसीटी के विकास और सुरक्षा के लिए व्यापक तथा संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं, जिसमें तकनीकी का विकास, व्यवसाय का विकास, राष्ट्रों और सार्वजनिक हितों की सुरक्षा और व्यक्तियों की निजता के अधिकार का सम्मान करना शामिल है। हम बिना किसी पूर्वाग्रह के अन्य प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय मंचों के आईसीटी के दायरे में राष्ट्रों के जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार हेतु सहमत मानदंडों, नियमों और सिद्धांतों के विकास और आईसीटी के उपयोग व सुरक्षा पर सार्वभौमिक समझ हेतु बातचीत को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी भूमिका को स्वीकार करते हैं। हम इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों के महत्व पर जोर देते हैं। इस संबंध में, हम यूएन ओपन-एंडेड कार्य समूह के साथ-साथ सरकारी विशेषज्ञों के समूह के कार्यों का स्वागत करते हैं और चर्चाओं के माध्यम से हुई प्रगति पर विशेष ध्यान देते हैं।

40. साथ ही हम आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा को सुनिश्चित करने पर ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच सहयोग के कानूनी ढांचे की स्थापना के महत्व को भी रेखांकित करते हैं। हम आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा पर ब्रिक्स कार्य समूह की गतिविधियों का संज्ञान लेते हैं और आईसीटी के उपयोग और सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु ब्रिक्स के अंतर-सरकारी समझौते पर सहयोग और ब्रिक्स देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते समेत इस मामले पर प्रस्तावों के विचार और विस्तार की दिशा में किये गए कार्य की सराहना करते हैं। हम संबंधित पहलों के विचार और आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा सुनिश्चित करने पर व्यावहारिक सहयोग के ब्रिक्स की कार्ययोजना के कार्यान्वयन सहित इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग को आगे बढ़ाने के महत्व की पुष्टि करते हैं।

41. विकास एवं उन्नति के लिए डिजिटल क्रांति की अद्भुत क्षमता पर जोर देते हुए, हम इससे जुड़ी नई संभावनाओं को भी चिन्हित करते हैं जिससे आपराधिक गतिविधियां और खतरे सामने आते हैं। हम आईसीटी के आपराधिक दुरुपयोग के बढ़ते स्तर और जटिलता के साथ-साथ आपराधिक उद्देश्यों के लिए आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने हेतु कोई बहुपक्षीय ढांचा न होने पर चिंता व्यक्त करते हैं। हमारा यह भी मानना है कि इस संबंध में सामने आने वाली नई चुनौतियों और खतरों से निपटने हेतु संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आपराधिक उद्देश्यों के लिए आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने पर एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की आवश्यकता सहित अंतर्राष्ट्रीय कानूनी सहयोग और संभावित कानूनी ढाँचों पर विचार-विमर्श की आवश्यकता है और 27 दिसंबर 2019 को यूएनजीए प्रस्तावना 74/247 के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में विशेषज्ञों की एक ओपन एंडेड तदर्थ अंतर सरकारी समिति की स्थापना का संज्ञान लेते हैं।

42. हम बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण और उनके स्वास्थ्य व विकास के लिए हानिकारक अन्य सामग्री से बचाने की बढ़ती चुनौती को लेकर चिंतित हैं और इंटरनेट पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।

43. हम दुनिया भर में बड़े पैमाने पर हो रही अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं जो सार्वजनिक सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है। हम ड्रग नियंत्रण पर तीन संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों की हमारी प्रतिबद्धता और अंतर्राष्ट्रीय ड्रग नियंत्रण तंत्र को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल देते हैं। हम ब्रिक्स देशों के बीच नशीली दवाओं के नियंत्रण पर सहयोग के महत्व को मानते हैं और ब्रिक्स एंटी ड्रग वर्किंग ग्रुप की चौथी बैठक का आयोजन 14 नवंबर 2020 को होना तय करते हैं।

44. हम विशेष रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के 2021 के विशेष सत्र को ध्यान में रखते हुए और ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करके संबंधित कानूनी प्रणालियों के अनुसार बहुपक्षीय ढांचे के भीतर संपत्ति वसूली से संबंधित मामलों और भ्रष्टाचारियों को सुरक्षित आश्रय से वंचित करने और उनपर मुकदमा चलाने सहित भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन से संबंधित सभी मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हम 2021 के यूएनजीएएसएस का स्वागत करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी सहयोग का एक महत्वपूर्ण माध्यम मानते हुए यूएनसएसी को बढ़ावा देने का काम करेंगे। इस संबंध में हम ब्रिक्स भ्रष्टाचार निरोधक कार्य समूह को अपना काम जारी रखने हेतु प्रोत्साहित करते हैं।

45. हम पैसे के अवैध प्रवाह (आईएफएफ), मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) और एफएटीएफ की तरह के क्षेत्रीय निकायों (एफएसआरबी) के साथ-साथ अन्य बहुपक्षीय , क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मंचों के साथ सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम एंटी मनी लॉन्ड्रिंग / आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (एएमएल / सीएफटी) के प्रमुख मुद्दों पर ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के महत्व को स्वीकार करते हैं और इसे प्रोत्साहित करते हैं।

अर्थव्यवस्था एवं वित्त, अंतर सरकारी सहयोग

46. ​​हम कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों की जटिलता और इसके एक-दुसरे से संबंध तथा इसके अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, वित्तीय क्षेत्र व विकास, और हमारे समाज के सबसे कमजोर वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव को समझते हैं। इस संबंध में, हम व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ समन्वय, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक सुधार में मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं व्यापार में ब्रिक्स की हिस्सेदारी को देखते हुए, हम मौजूदा संकट से निपटने व आर्थिक विकास सुनिश्चित करने हेतु साझा, कुशल एवं टिकाऊ हल के लिए बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने और अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

47. हम ब्रिक्स देशों के मजबूत, स्थायी, संतुलित और समावेशी आर्थिक विकास हेतु कोविड-19 के बाद के दौर में आवागमन को आसान बनाने के अपने प्रयासों को मजबूत करेंगे और हम आर्थिक विकास को बल देने के लिए अपने-अपने देशों में लागू किए गए पर्याप्त राजकोषीय, मौद्रिक व वित्तीय स्थिरता उपायों की सराहना करते हैं, और लोगों के जीवन व आजीविका की सुरक्षा के लिए उपलब्ध नीति साधनों का उपयोग जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराते हैं।

48. हम राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए गए उपायों के साथ-साथ अल्पकालिक तथा मध्यम अवधि के प्रोत्साहन पैकेजों के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के महत्व को समझते हैं, जिसका उद्देश्य मौजूदा संकट को कम करना और सतत विकास हेतु 2030 एजेंडा का पूर्ण कार्यान्वयन है। हमारे देशों की नीतिगत प्राथमिकताएं कोविड-19 संकट को कम करने हेतु तत्काल उद्देश्यों से परे हैं और इसमें अन्य बातों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग व व्यापार को गहरा करना, औद्योगिक तथा कृषि संबंधी वस्तुओं के लिए उचित आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना और उसमें आने वाले व्यवधानों को कम करना, सामाजिक जाल और हेल्थकेयर सिस्टम को मजबूत करना, सार्वजनिक व निजी निवेशों को बढ़ाना, मजबूत व स्थायी मैक्रोइकॉनॉमिक नीतियों को बढ़ावा देना, अर्थव्यवस्थाओं की लचीलापन को बढ़ावा देना, वित्तीय स्थिरता बनाए रखना और सतत विकास एजेंडा के सभी तीन स्तंभों - आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरण - का अनुसरण सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार करना, ताकि कोई भी व्यक्ति पीछे न रहें और वंचितों की सबसे पहले मदद हो सके। हम महामारी के बाद के आर्थिक एजेंडा में ब्रिक्स के जटिल मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता से अवगत हैं।

49. हम खुले, स्थिर तथा सुरक्षित वैश्विक बाजारों के महत्व को दोहराते हैं और राष्ट्रीय स्तर एवं हमारे संबंधित क्षेत्रों के संदर्भों में, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य, खाद्य व अन्य औद्योगिक तथा कृषि उत्पादों के उत्पादन हेतु विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरुप अधिक लचीला वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण को स्वीकार करते हैं। हम डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य राष्ट्रों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि कोविड-19 से संबंधित उपाय लक्षित, आनुपातिक, पारदर्शी व अस्थायी हैं और इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यापार में अनावश्यक व्यवधान या अवरोध पैदा नहीं होता, और ये विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप हैं। हम इन सभी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का स्वागत करते हैं। हम लोगों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने हेतु ठोस तरीकों की तलाश करेंगे, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के हमारे प्रयास बाधित न हों।

50. अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच और वर्तमान वैश्विक चुनौतियों से निपटने हेतु समन्वित कार्रवाई के रूप में जी20 की भूमिका को स्वीकार करते हुए, हम ब्रिक्स देशों के आपसी हित के मुद्दों पर जी20 के भीतर, जी20 एक्शन प्लान को अद्यतन करने सहित उभरते बाजार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों के हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने हेतु समन्वय एवं सहयोगात्मक प्रयासों को जारी रखने की पुष्टि करते हैं। 51. हम वैश्विक वित्तीय सुरक्षा जाल के केंद्र में मजबूत, कोटा आधारित और नये आईएमएफ की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। हम आईएमएफ द्वारा कोविड-19 से उत्पन्न संकट के जवाब में की गई कार्रवाइयों का स्वागत करते हैं। आईएमएफ के सबसे गरीब देशों के लिए आपातकालीन वित्तपोषण, गरीबी में कमी और विकास ट्रस्ट (पीआरजीटी) और विनाश नियंत्रण एवं राहत ट्रस्ट (सीसीआरटी) ने ऋण प्रवाह में राहत देकर आईएमएफ के प्रभावित सदस्य राष्ट्रों की भुगतान की जरूरतों को पूरा करने तथा स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव पर पड़ने वाले प्रतिकूल को कम करने में मदद की है। हम आईएमएफ से ऐसे संकट के समय में पिछले संकटों से मिले अनुभवों के आधार पर ऐसे अन्य उपाय करने का आह्वान करते हैं जिससे इसके सदस्य राष्ट्रों की जरूरतें पूरा हो सके। आईएमएफ वित्तपोषण की पर्याप्त मांग को देखते हुए, हम आईएमएफ संसाधनों की मांग पर करीबी नज़र रखेंगे। इसलिए, हम तय समय-सीमा के भीतर कोटा की 16वीं सामान्य समीक्षा को पूरा करने और आईएमएफ में लंबे समय से लंबित सुधारों के लिए शीघ्र कार्रवाई हेतु तत्पर हैं।

52. हम कम आय वाले देशों को ऋण सेवा सस्पेंशन पहल (डीएसएसआई) और 6 महीने के विस्तार सहित सहायता प्रदान करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का स्वागत करते हैं। हम विश्व बैंक सहित एमडीबी को डीएसएसआई की मदद करने के उनके सामूहिक प्रयासों बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित करते हैं। पात्र देशों द्वारा अनुरोध किए जाने पर हम निजी लेनदारों को तुलनात्मक दृष्टि से डीएसएसआई में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करते हैं। इसके अलावा, हम क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा डाउनग्रेड के जोखिमों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान करते हैं, जिससे बाजार पहुंच और ऋण निलंबन का अनुरोध करने हेतु संप्रभु निर्णय प्रभावित होते हैं।

53. हम आर्थिक सुधार में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हैं और विश्व व्यापार संगठन के अनुरुप पूरी तरह से पारदर्शी, खुले, समावेशी, बिना भेदभावपूर्ण तथा नियमों पर आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली हेतु प्रतिबद्ध हैं। यह जरुरी है कि विश्व व्यापार संगठन के सभी सदस्य एकतरफा और संरक्षणवादी उपायों से बचें, जो विश्व व्यापार संगठन की भावना और नियमों के विपरीत हैं।

54. हम वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने और सभी विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों के हित में इसके मुख्य भागों को बेहतर बनाने हेतु इसे अधिक लचीला व प्रभावी बनाने और डब्ल्यूटीओ में आवश्यक सुधार का समर्थन करते हैं। अन्य बातों के साथ-साथ यह सुधार विश्व व्यापार संगठन की केंद्रीयता, मूल मूल्यों एवं बुनियादी सिद्धांतों में बदलाव के बिना होना चाहिए, और इस बात को ध्यान में रखते हुए कि अधिकांश विश्व व्यापार संगठन के सदस्य विकासशील देश हैं, सुधार के दौरान विकासशील देशों और एलडीसी सहित सभी सदस्यों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। हम डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्यों से आग्रह करते हैं कि वे पूरी क्षमता से अपीलीय निकाय के शीघ्र बहाली की आवश्यकता पर विचार करें। इस संबंध में, हम बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली और डब्ल्यूटीओ सुधार पर ब्रिक्स व्यापार मंत्रियों के संयुक्त वक्तव्य को स्वीकार करते हैं।

55. हम ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी 2020 के लिए रणनीति में अभी तक के कार्यान्वयन पर ध्यान हेतु हमारे बीच सहयोग को बढ़ाने में इसकी भूमिका को समझते हैं। ब्रिक्स देशों में आर्थिक सुधार में तेजी लाने और जीवन के स्तर अच्छा बनाने में हम व्यापार, निवेश व वित्त, डिजिटल अर्थव्यवस्था एवं सतत विकास में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश के रूप में 2021-2025 की अवधि हेतु ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी की रणनीति को अपनाने का स्वागत करते हैं। हम अपने आर्थिक तथा व्यापार सहयोग को बढ़ाने हेतु आवश्यकता अनुरुप आर्थिक एवं व्यापार सहयोग पर ब्रिक्स एक्शन एजेंडा को लागू करना भी जारी रखेंगे।

56. हम निवेश की सुविधा पर ब्रिक्स सहमति को अपनाने का स्वागत करते हैं, जिसमें सतत विकास हेतु निवेश को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा पारदर्शिता, दक्षता में सुधार व सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक कार्यों पर जोर दिया गया है। हम एमएसएमई को व्यापार का उचिक माहौल देने पर भी ध्यान देते हैं। इस संबंध में हम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में एमएसएमई के प्रभावी भागीदारी को बढ़ावा देने के दिशानिर्देशों को अपनाने का स्वागत करते हैं जिससे वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एमएसएमई एकीकरण और उनके संचालन को बढ़ावा मिलता है। हमारा मानना है कि घरेलू, इंट्रा-ब्रिक्स एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर निवेश का अनुकूल माहौल बनाने का सबसे उपयुक्त तरीका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, सतत विकास और समावेशी विकास को बढ़ावा देना हो सकता है।

57. हम निवेश के अवसरों की पहचान करने, निजी क्षेत्र के निवेशों को बढ़ाने तथा ब्रिक्स देशों की बुनियादी ढांचागत निवेश की जरूरतों को पूरा करने हेतु अवसंरचना डेटा-शेयरिंग को मजबूत करने के महत्व को समझते हैं। इस संबंध में, हम बुनियादी तौर पर निवेश परियोजनाओं पर प्रासंगिक एवं पहले से ही मौजूद राष्ट्रीय डेटा को स्वैच्छिक आधार पर एक डेटा रुम में साझा करने की पहल को स्वीकार करते हैं। हम पीपीपी तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ब्रिक्स टास्क फोर्स द्वारा किये गए कामों का संज्ञान देते हुए इस पहल में एनडीबी को शामिल करने के संभावित तरीकों और ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को लेकर तत्पर हैं।

58. हम कोरोना वायरस से होने वाले मानवीय, सामाजिक एवं आर्थिक नुकसान को कम करने और ब्रिक्स देशों में आर्थिक विकास को बहाल करने हेतु वित्तीय संसाधन प्रदान करने के लिए एनडीबी की सराहना करते हैं। हम एनडीवी द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने हेतु समय पर किए गए उपायों और आपातकालीन सहायता कार्यक्रम के तहत इसके सदस्य देशों को 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक का आपातकालीन ऋण प्रदान करने के लक्ष्य की सराहना करते हैं।

59. हम पिछले 5 वर्षों में एनडीबी द्वारा किए गए कामों की सराहना करते हैं और अपने कार्यकाल के दौरान इस संस्था का मजबूती से नेतृत्व करने हेतु एनडीबी के पहले अध्यक्ष श्री कुंदापुर वामन कामथ की सराहना करते हैं। हम एनडीबी के नए अध्यक्ष के रूप में श्री मार्कोस ट्रायजो का स्वागत करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि उनके नेतृत्व में बैंक का संस्थागत विकास जारी रहेगा। हम मास्को में एनडीबी यूरेशियन क्षेत्रीय केंद्र - तीसरा एनडीबी क्षेत्रीय कार्यालय - खुलने का स्वागत करते हैं और अगले वर्ष भारत में भी एनडीबी का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने की उम्मीद करते हैं।

60. हम एनडीबी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के निर्णय के आधार पर एनडीबी में और सदस्यों को शामिल करने की प्रक्रिया का समर्थन करते हैं। इससे वैश्विक विकास वित्त संस्थान के रूप में एनडीबी की भूमिका मजबूत होगी और बैंक के सदस्य राष्ट्रों में अवसंरचना व सतत विकास परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने में सहायता मिलेगी। सदस्यों को शामिल करने की प्रक्रिया इसके सदस्यता में भौगोलिक प्रतिनिधित्व के साथ-साथ उच्चतम संभव क्रेडिट रेटिंग और संस्थागत विकास प्राप्त करने के एनडीबी के लक्ष्यों के अनुरुप क्रमिक व संतुलित होनी चाहिए। हम इन सिद्धांतों के आधार पर संभावित देशों से औपचारिक बातचीत की शुरूआत और एनडीबी की सदस्यता में तय समय-सीमा में विस्तार की दिशा में काम करने का स्वागत करते हैं।

61. हम आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) दस्तावेजों में बदलाव करने में हुई प्रगति और ब्रिक्स देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सीआरए को विश्लेषणात्मक सहयोग देने की सराहना करते हैं। हम सीआरए का समर्थन करने हेतु ब्रिक्स आर्थिक बुलेटिन को एक वार्षिक विश्लेषणात्मक दस्तावेज के रूप में पेश करने स्वागत करते हैं। हम जटिलता के एक अन्य घटक के रूप में अग्रिम भुगतान के साथ तीसरे परीक्षण के सफल निष्कर्ष का स्वागत करते हैं।

62. हम राष्ट्रीय भुगतान प्रणालियों के सहयोग, विशेष रूप से, ब्रिक्स पेमेंट्स टास्क फोर्स (बीपीटीएफ) के सृजन हेतु किये गये कामों की सराहना करते हैं और इसपर आगे की प्रगति के लिए तत्पर हैं।

63. हम ब्रिक्स रैपिड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी चैनल (ब्रिस्क) की स्थापना का स्वागत करते हैं, जिससे ब्रिक्स देशों के केंद्रीय बैंकों को साइबर खतरों पर जानकारी का आदान-प्रदान करने और वित्तीय क्षेत्र में साइबर हमलों का सामना करने का अनुभव साझा करने की सुविधा मिलेगी।

64. हम ब्रिक्स स्थानीय मुद्रा बॉन्ड फंड की स्थापना में हुई प्रगति पर ध्यान देते हेतु इसके संचालन के लिए तत्पर हैं।

65. हम औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता को दोहराते हैं और नई औद्योगिक क्रांति (पार्टएनआरआई) पर ब्रिक्स भागीदारी के ढांचे सहित हमारे व्यापार व निवेश सहयोग के बढ़ने का स्वागत करते हैं। हम बातचीत के माध्यम से औद्योगिक प्रतिस्पर्धा केंद्र की स्थापना का आकलन करने पर ब्रिक्स देशों और यूएनआईडीओ के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं, और नई औद्योगिक क्रांति नवाचार केंद्र पर ब्रिक्स भागीदारी स्थापित करने की चीन की पहल का संज्ञान लेते हैं।

66. हम उद्योग के आधुनिकीकरण एवं उसमें बदलाव, समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, बाधा रहित वैश्विक व्यापार एवं व्यापार के संचालन को समर्थन देने और इससे सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में ब्रिक्स राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं की सहायता करने में डिजिटल अर्थव्यवस्था की भूमिका को महत्वपूर्ण साधन मानते हैं। साथ ही हम मानते हैं कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों व ई-कॉमर्स में उच्च पैमाने पर हुई वृद्धि से चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं, और डिजिटल अंतर पर काबू पाने व इसके सामाजिक-आर्थिक निहितार्थों को दूर करने में विकासशील देशों का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। ई-कॉमर्स क्षेत्र के विकास को तेज करने और दुनिया भर में ऑनलाइन ट्रॉजेक्शन को बढ़ाने के संदर्भ में, हम ब्रिक्स ई-कॉमर्स वर्किंग ग्रुप के माध्यम से अपने सहयोग को बढ़ाएंगे। हम ई-कॉमर्स में ब्रिक्स तथा अन्य देशों के अनुभव के साथ-साथ उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय संघों के अनुभव की जांच करने में वर्कफ़्लो स्थापित करने और ब्रिक्स देशों पायलट प्रोजेक्ट्स व पहलों के माध्यम से उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु व्यावहारिक ढांचे के विकास हेतु एक आधार बनाने की क्षमता को चिन्हित करते हैं।

67. हम सतत विकास को बढ़ावा देने में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए समानता, बिना भेदभाव के और संप्रभुता व राष्ट्रीय हितों का पूर्ण सम्मान करते हुए ऊर्जा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबुत करने की अपनी इच्छा को दोहराते हैं। सभी को सस्ती, विश्वसनीय, स्थाई व आधुनिक ऊर्जा देना अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा नीति की मूल उद्देश्य है और हम ऊर्जा की कमी से निपटने हेतु सहयोग बढ़ाने का इरादा रखते हैं। हम इस बात पर जोर देते हैं कि सभी ऊर्जा स्रोतों, ऊर्जा दक्षता व प्रौद्योगिकी की तैनाती का टिकाऊ तथा कुशल उपयोग प्रत्येक देश के ऊर्जा परिवर्तन, और विश्वसनीय ऊर्जा प्रणालियों के सृजन एवं ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने हेतु आवश्यक है। हम विश्व ऊर्जा उत्पादन और उपभोग में उनकी हिस्सेदारी को देखते ब्रिक्स देशों के वैश्विक ऊर्जा एजेंडा में अधिक से अधिक योगदान पर जोर देते हैं।

68. हम ऊर्जा से संबंधित वस्तुओं में व्यापार को बढ़ावा देने, तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने, आपसी निवेश को सुविधाजनक बनाने, नियमों व ऊर्जा नीतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करके ऊर्जा में रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाएंगे। हम अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मंचों पर इस समय की ऊर्जा समस्याओं पर ब्रिक्स राष्ट्रों के बीच अनौपचारिक परामर्श और चर्चाओं का स्वागत करते हैं। हम वैश्विक स्तर पर ब्रिक्स देशों के हितों को बढ़ावा देने हेतु इस वार्ता को आगे जारी रखेंगे। इस संबंध में हम ब्रिक्स ऊर्जा सहयोग के रोडमैप को अपनाने तथा ब्रिक्स ऊर्जा अनुसंधान सहयोग मंच (ईआरसीपी) के दायरे में व्यावहारिक सहयोग की शुरूआत सहित संयुक्त रिपोर्ट तैयार करने का स्वागत करते हैं। हम साझा शोध के दायरे को बढ़ाने, संयुक्त परियोजनाओं की शुरूआत करने और ब्रिक्स ईआरसीपी को मजबूत करने के महत्व को समझते हैं।

69. हम बौद्धिक संपदा, तकनीकी विनिमय, मानकों, मेट्रोलॉजी एवं अनुरूपता मूल्यांकन के क्षेत्र में ब्रिक्स सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। हम अपने राष्ट्रीय आईपी कार्यालयों और ब्रिक्स देशों के बीच तकनीकी नियमन, मानकों, मेट्रोलॉजी, अनुरूपता आकलन एवं प्रत्यायन पर कार्य तंत्र के तहत सहयोग से प्राप्त परिणामों की सराहना करते हैं और आगे सहयोग जारी रखने के महत्व को दोहराते हैं।

70. हम शहरी क्षेत्रों में आने वाली नई चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स देशों के कामों की सराहना करते हैं और इन प्रयासों में ब्रिक्स शहरीकरण मंच के योगदान को समझते हैं।

71. ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए पर्यटन को बेहद अहम मानते हुए, हम स्वीकार करते हैं कि पर्यटन उद्योग पर कोविड-19 महामारी का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर होने वाली ब्रिक्स वार्ता का स्वागत करते हैं।

72. हमें ज्ञात है कि हमारे देश साथ मिलकर वैश्विक कृषि उत्पादन के एक तिहाई से अधिक हिस्से का उत्पादन करते हैं और कृषि व खाद्य क्षेत्र, वैश्विक खाद्य सुरक्षा व पोषण की स्थिरता सुनिश्चित करने में ब्रिक्स की भूमिका और जिम्मेदारी पर जोर देते हैं। हम कोविड-19 के फैलने से रोकने के संबंध में तत्काल उपाय करने और वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के कामकाज और राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप कृषि बाजारों की स्थिरता पर इन उपायों के प्रभाव को कम करने हेतु विश्व व्यापार संगठन के नियम आधारित लक्षित, आनुपातिक, पारदर्शी, सामयिक एवं सुसंगत दृष्टिकोण के महत्व पर बल देते हैं। कोविड-19 को रोकने में आवश्यक न होने वाले उपायों को बंद करने या हटाने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

73. हम दक्षिण-दक्षिण सहित कृषि क्षेत्र में सहयोग को गहरा करके और डब्ल्यूटीओ के कृषि पर लागू नियम के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापक विकास को बढ़ावा देकर कोविड-19 महामारी के प्रभावों को देखते हुए कृषि, ग्रामीण क्षेत्रों एवं किसानों की सुविधाओं को मजबूत करेंगे। विश्व कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा के संतुलित सुधार एवं कृषि में स्थायी लक्ष्यों के कार्यान्वयन हेतु ग्रामीण विकास बहुत अधिक जरुरी है। हम भोजन को नुकसान होने या बर्बादी से बचने के महत्व को समझते हैं और भोजन के नुकसान और बर्बाद होने से बचाने के लिए एकजुट प्रयास करने की सिफारिश करते हैं।

74. ऊफ़ा (2015) के बाद से ब्रिक्स के सभी नेता की घोषणाओं का स्मरण करते हुए, हम प्रमुख बीमारियों (एचआईवी / एड्स, टीबी, मलेरिया और अन्य) और किसी नई बीमारी के उभरने पर, जो महामारी का रुप ले सकती है, को फैलने से रोकने हेतु एकजुट होकर प्रभावी प्रतिक्रिया तैयार करने सहित स्वास्थ्य व मानव कल्याण की चुनौतियों को दूर करने में ब्रिक्स सहयोग को और बढ़ाने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में नीतियां तथा पहल विकासित करने और उसके कार्यान्वयन में राष्ट्रों के प्रयासों का स्वागत करते हैं, जो उनके देश की विशेष स्थितियों के अनुरुप हैं। इस संबंध में हम ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने के जोहान्सबर्ग घोषणा (2018) में लिये गए निर्णय का स्मरण करते हैं और और इसके समय पर व प्रभावी संचालन को प्रोत्साहित करते हैं। हम कोरोना वायरस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के उपायों की समीक्षा शुरु करने का स्वागत करते हैं और भविष्य में विचार व चर्चा करने हेतु बड़े स्तर के संक्रामक रोगों के जोखिमों को रोकने के लिए ब्रिक्स एकीकृत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने के रूस के प्रस्ताव का संज्ञान लेते हैं। कोविड-19 महामारी और राष्ट्रों के केंद्रीय प्रयासों के लिए व्यापक वैश्विक प्रतिक्रिया के समन्वय में हम डब्ल्यूएचओ सहित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की मूलभूत भूमिका की सराहना करते हैं। इस संबंध में हम, ब्रिक्स देशों के अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा में योगदान को बढ़ाने, व्यक्तिगत व सामूहिक रूप से समन्वित एवं निर्णायक कार्य करने की आवश्यकता पर बल देते हैं।

75. हम ब्रिक्स विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष (एसटीआई) फ्रेमवर्क कार्यक्रम के तहत हुई प्रगति की सराहना करते हैं, जिसने कई ब्रिक्स फंडिंग एजेंसियों द्वारा समर्थित विभिन्न क्षेत्रों सौ से अधिक ब्रिक्स परियोजनाओं को आकर्षित किया। इसने ब्रिक्स के शोध संगठनों और वैज्ञानिकों के समूह को एक साथ काम करते हुए सामान्य सामाजिक चुनौतियों का किफायती समाधान विकसित करने की सुविधा दी है। हम ब्रिक्स एसटीआई फ्रेमवर्क प्रोग्राम के तहत विशेष संयुक्त आरएंडडी की शुरूआत एवं विशेषज्ञता के ऑनलाइन आदान-प्रदान समेत कोविड-19 को फैलने से रोकने और प्रभावों को कम करने में ब्रिक्स एसटीआई सहयोग के महत्व को चिन्हित करते हैं। हम ब्रिक्स एसटीआई अवसंरचा के तहत ब्रिक्स एसटीआई संचालन समिति द्वारा की गई प्रगति, विशेष रूप से विषयगत कार्य समूहों पर, की सराहना करते हैं। 76. हम कोविड-19 के बाद लोगों की रि-स्किलिंग और अप-स्किलिंग हेतु सतत विकास को पाने और समावेशी आर्थिक विकास हेतु मानव पूंजी को बढ़ाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हैं। हम दूर एवं मिश्रित अधिगम हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकियों सहित जानकारी और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान से, विशेष रूप से टीवीईटी एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने हेतु प्रतिबद्ध हैं, जो उच्च गुणवत्ता, सतत सुलभ शिक्षा के आवश्यक साधन बन गए हैं।

77. हम टैक्स से बचने के तरीकों को पूरी तरह से खत्म करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे कर नियमों में कमी का लाभ उठाया जाता है। हम कर पारदर्शिता एवं सूचना के आदान-प्रदान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय मानकों का अनुपालन करते हुए सुधार के प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध हैं और अपने कर प्राधिकरणों की क्षमताओं में सुधार करने और अवैध वित्तीय प्रवाह को रोकना, पता लगाने व बाधित करने और कर चोरी एवं कर देयता से बचने में तकनीकी क्षमता में सुधार करने के लिए तत्पर हैं।

78. हम ब्रिक्स देशों के प्रतिस्पर्धी प्राधिकरणों के बीच सहयोग की सराहना करते हैं, जिनका उद्देश्य प्राथमिकता वाले बाजारों में प्रतिस्पर्धा का उचित माहौल बनाना है और जो सामाजिक-आर्थिक विकास, प्रतियोगिता नीति एवं प्रवर्तन में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम प्रतियोगिता कानून एवं नीति के क्षेत्र में सहयोग पर ब्रिक्स के प्रतिस्पर्धी प्राधिकरणों के बीच समझौता ज्ञापन के विस्तार का संज्ञान देते हैं। हम ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी कानून और नीति केंद्र गतिविधियों की सराहना करते हैं। हम 2021 में चीन में सातवें ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन के आयोजन से अवगत हैं।

79. हम अपनी तुलनीयता सुनिश्चित करने हेतु पद्धतिगत दृष्टिकोण पर उनके सहयोग को जारी रखने के ब्रिक्स देशों की राष्ट्रीय सांख्यिकीय एजेंसियों के महत्व को रेखांकित करते हैं और इस संबंध में नियमित आधार पर इंट्रा-ब्रिक्स जुड़ाव के लिए तत्पर हैं।

80. हम सतत विकास के 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन का फिर से प्रयास करेंगे और हम यह मानते हैं कि उच्चतम गरीबी सहित गरीबी के सभी रूपों एवं आयामों का उन्मूलन सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है और सतत विकास हेतु ऐसा करना आवश्यक है। हम मानते हैं कि अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के कई विकासशील देशों को कोविड-19 और उससे जुड़ी समस्याओं से उबरने में ज्यादा समय लगेगा। हम दाता देशों से अपनी आधिकारिक विकास सहायता (ओडीए) प्रतिबद्धताओं को पूरा करने, और अतिरिक्त विकास संसाधनों के साथ-साथ विकासशील देशों के क्षमता निर्माण में मदद करने एवं उनको प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करने का आह्ववान करते हैं। 81. हम आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के बीच निरंतर बातचीत के महत्व को दोहराते हैं और आपदा जोखिम प्रबंधन बैठक पर ब्रिक्स के संयुक्त कार्य बल के कामों की सराहना करते हैं और इस क्षेत्र में सहयोग को आगे भी जारी रखने हेतु प्रोत्साहित करते हैं।

82. हम विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सामान्य लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत सहित, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसी) के सिद्धांतों के तहत अपनाए गए पेरिस समझौते के कार्यान्वयन पर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। हम विकसित देशों के शमन तथा अनुकूलन कार्रवाई में सहयोग करने हेतु विकासशील देशों को वित्तीय, तकनीकी, तकनीकी व क्षमता-निर्माण सहायता प्रदान करने हेतु अनुलग्नक II में शामिल करने का आग्रह करते हैं। हम इस संबंध में 30 जुलाई 2020 को ब्रिक्स मंत्रियों की 6वें पर्यावरण सभा के वक्तव्य को भी स्वीकार करते हैं। हम ब्रिक्स पर्यावरण की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी (बेस्ट) प्लेटफ़ॉर्म के तहत हुई प्रगति का स्वागत करते हैं, जिसमें बेस्ट प्लेटफ़ॉर्म "मैट्रिक्स" स्थापित करने की पहल भी शामिल है। ब्रिक्स स्वच्छ नदी कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से समुद्री प्लास्टिक के कचरे से निपटने में पर्यावरण के मुद्दों पर सहयोग को और मजबूत करने हेतु तत्पर हैं।

83. हम विकास हेतु एक साथ काम करने और समर्थन तंत्र के कार्यान्वयन सहित, जैव विविधता पर पार्टियों के 15वें सम्मेलन में (सीबीडी सीओपी15) 2020 की वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क को इस तरह से अपनाने के महत्व को स्वीकार करते हैं, जो संतुलित हो, जैव विविधता के संरक्षण को संबोधित करता हो, इसके घटकों का स्थायी उपयोग हो और आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभों का उचित एवं न्यायसंगत साझाकरण हो।

84. हम एकजुट होकर सीमा शुल्क से जुड़े अपराधों का मुकाबला करने, सीमा शुल्क से संबंधित तकनीकों को विकसित करने और क्षमता निर्माण में सहयोग करने हेतु बहुपक्षीय मंचों सहित, इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग को बढ़ाने का आह्वान करते हैं। हम ब्रिक्स सीमा शुल्क सहयोग के सामरिक ढांचे के कार्यान्वयन में की गई प्रगति का स्वागत करते हैं। हम सीमा शुल्क से जुड़े मामलों में सहयोग और पारस्परिक प्रशासनिक सहायता समझौते पर तकनीकी सहमति को आगे बढ़ाने में उठाये गये महत्वपूर्ण कदमों से भी प्रोत्साहित हैं और इसके प्रारंभिक निष्कर्ष का स्वागत करते हैं।

85. हम ब्रिक्स देशों के बीच घनिष्ठ व्यापार संबंध बनाने के एक प्रभावी तरीके के रुप में व्यापार संवर्धन, निवेश, अवसंरचना विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था और ऊर्जा, प्रभावी विनियमन, जिम्मेदार व्यावसायिक व्यवहार, विकास वित्तपोषण के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान सहित ब्रिक्स व्यापार परिषद के ढांचे के तहत सहयोग को बढ़ाने पर अपना समर्थन व्यक्त करते हैं। हम ब्रिक्स इंटरबैंक कोऑपरेशन मैकेनिज्म के कामों का भी स्वागत करते हैं, जिसमें ब्रिक्स विकास संस्थानों के जिम्मेदार वित्तपोषण एवं कुशल ग्रीन फाइनेंस मैकेनिज्म के सिद्धांतों को विकसित करना शामिल है।

86. हम ब्रिक्स महिलाओं के व्यापार गठबंधन (डब्ल्यूबीए) की स्थापना की घोषणा का भी स्वागत करते हैं जो ब्रिक्स देशों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने हेतु एक ठोस मंच प्रदान करता है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास के संचालक के रूप में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाना है।

सांस्कृतिक और लोगों-से-लोगों के बीच आदान-प्रदान

87. हम ब्रिक्स राष्ट्रों और लोगों के बीच आपसी समझ, मित्रता व सहयोग को बढ़ाने में लोगों-से-लोगों के बीच आदान-प्रदान के महत्व की पुष्टि करते हैं। हम इस संबंध में संतोष जाहिर करते हैं कि रूस द्वारा ब्रिक्स की अध्यक्षता में, महामारी संबंधी बाधाओं के बावजूद, स्थानीय शासन, संस्कृति, खेल, कला, फिल्म, युवा व अकादमिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में गतिविधियां काफी हद तक निर्बाध रूप से जारी रहीं, जिसने इसके विकास को बढ़ावा देने में योगदान दिया। हम आगे भी विविध पहल एवं गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हैं।

88. हम ब्रिक्स संसदीय आदान-प्रदान के महत्व पर जोर देते हैं और 2020 में ब्रिक्स संसदीय एवं युवा सांसदों के मंचों के कामों को लेकर संतोष जाहिर करते हैं। हम ब्रिक्स संसदीय सहयोग को मजबूत करने और ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ाने में इसके योगदान हेतु तत्पर हैं। हम ब्रिक्स मैत्री शहरों और स्थानीय सरकार सहयोग मंच, II ब्रिक्स नगरपालिका फोरम, साथ ही साथ संबंधित जमीनी स्तर की पहलों की भी सराहना करते हैं।

89. हम ब्रिक्स के मुख्य न्यायाधीशों के मंच के कामों की सराहना करते हैं, जिन्होंने "डिजिटल युग" की नई वास्तविकताओं के लिए प्रशासनिक न्यायिक प्रक्रिया और अदालती तंत्र को अपनाते हेतु आर्थिक कारकों, उद्यमियों और उपभोक्ताओं के अधिकारों व हितों की रक्षा पर चर्चा की।

90. हम ब्रिक्स सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस के प्रमुखों की दूसरी औपचारिक बैठक के परिणामों का संज्ञान हुए इस दायरे में ब्रिक्स सहयोग को आगे बढ़ाने के महत्व को मानते हैं, जिसमें समावेश, खुलापन और पारस्परिक रूप से लाभप्रद ज्ञान साझा करने की भावना में इंटरनेशन ऑर्गनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (आईएनटीओएसएआई) शामिल है।

91. हम सांस्कृतिक सहयोग में हुई प्रगति की सराहना करते हैं और लोगों के बीच समझ बढ़ाने में इसकी भूमिका को स्वीकार करते हैं। हम ब्रिक्स देशों के संस्कृति मंत्रियों की पांचवीं बैठक के परिणामों का स्वागत करते हैं और हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय, पुस्तकालय, कला दीर्घा व थिएटर सहित संस्कृति के क्षेत्र में जारी विभिन्न पहलों में आगे आदान-प्रदान करने एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु तत्पर हैं। हम पांचवें ब्रिक्स फिल्म फेस्टिवल के संगठन से संतुष्ट हैं। हम संस्कृति पर ब्रिक्स वर्किंग ग्रुप की स्थापना की रूस की पहल का स्वागत करते हैं।

92. हम ब्रिक्स के खेल मंत्रियों की पहली बैठक और भौतिक संस्कृति व खेल के क्षेत्र में सहयोग पर हुए समझौता ज्ञापन को अपनाने का स्वागत करते हैं। हम ब्रिक्स देशों के बीच खेल में और अधिक सहयोग हेतु तत्पर हैं, अन्य बातों के साथ-साथ ब्रिक्स देशों के बीच खेलों के महत्व को स्वीकार करते हैं। इस संदर्भ में हम चीन में होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों का इंतजार कर रहे हैं।

93. हमारे देशों और हमारे युवाओं की भावी पीढ़ियों की समृद्धि एवं हमारी मित्रता से लाभ हेतु ब्रिक्स साझेदारी को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होने के नाते, हम इसकी विशाल क्षमता को समझते हैं और नवोन्मेष, ऊर्जा, आईसीटी, स्वयंसेवा एवं उद्यमशीलता जैसे क्षेत्रों सहित ब्रिक्स देशों के बीच के युवाओं के आदान-प्रदान को विकसित करने के महत्व पर बल देते हैं। हम ब्रिक्स युवा ऊर्जा शिखर सम्मेलन और ब्रिक्स युवा ऊर्जा एजेंसी के ढांचे के तहत सहयोग एवं स्कूल के छात्रों के लिए पांचवें अंतर्राष्ट्रीय ब्रिक्समैथडॉटकॉम ऑनलाइन गणित प्रतियोगिता सहित ब्रिक्स युवा अधिकारियों, ब्रिक्स युवा राजनयिकों एवं युवा वैज्ञानिकों गोष्ठी, और अन्य अनौपचारिक युवा संबंधित पहलों पर संतोष जाहिर करते हैं और सभी पांच देशों के बच्चों की उत्साहजनक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं। हम आगामी वार्षिक ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन का स्वागत करते हैं।

94. हम ब्रिक्स देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक पर संतोष व्यक्त करते हैं और हमारे शिक्षा सहयोग में हुई प्रगति की सराहना करते हैं। हम ब्रिक्स नेटवर्क के विश्वविद्यालय और ब्रिक्स विश्वविद्यालय लीग के समेकन को प्रोत्साहित करते हैं ताकि उनकी गतिविधियों में सहभागिता हो सके। हम विश्वविद्यालयों की क्षमता को बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने व समृद्धि का विस्तार करने हेतु नवाचारों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को मजबूत करने के उद्देश्य से सदस्य देशों के विश्वविद्यालय के नेटवर्क के बीच सहयोग का मजबुत करने का स्वागत करते हैं।

95. हम भविष्य उन्मुख शोध नीति विश्लेषण और ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देने हेतु शैक्षणिक समुदाय के बीच ब्रिक्स विशेषज्ञ संवाद और आदान-प्रदान को मजबूत करने की दिशा में हुई प्रगति को स्वीकार करते हुए ब्रिक्स थिंक टैंक काउंसिल (बीटीटीसी) और ब्रिक्स अकादमिक फोरम की बैठकों के नतीजों की सराहना करते हैं। इस संबंध में बीटीटीसी को अपने आंतरिक तंत्र में सुधार करना जारी रखना चाहिए और एनडीबी तथा ब्रिक्स व्यापार परिषद सहित ब्रिक्स के सरकारी क्षेत्रों एवं अन्य संस्थानों के साथ अपने संबंध को मजबूत करना चाहिए। हम ब्रिक्स सिविल फोरम के आयोजन का संज्ञान लेते हुए ब्रिक्स सॉल्यूशंस अवार्ड शुरु करने का स्वागत करते हैं।

96. भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील ने 2020 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करने हेतु रूस की सराहना की और बारहवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित करने हेतु रूस की सरकार और लोगों का आभार व्यक्त किया।

97. ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करने और तेरहवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन हेतु भारत के प्रति अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया।



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