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ब्रिक्स आतंकवाद-विरोधी रणनीति

नवम्बर 17, 2020

I. प्रस्तावना ।

ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने ब्रिक्स देशों की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से इस आतंकवाद-विरोधी रणनीति को विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया है। ब्रिक्स आतंकवाद-विरोधी सहयोग का उद्देश्य ब्रिक्स देशों के बीच मौजूदा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को पूरक और मजबूत करना है, और आतंकवाद के खतरे को रोकने और उसका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में एक सार्थक योगदान करना है।

ब्रिक्स देश इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है, और यह कि आतंकवाद का कोई भी कार्य, चाहे किसी के भी द्वारा, कहीं भी और किसी भी मकसद और उद्देश्य से किया गया हो, अपराध है और इसका कोई भी औचित्य नहीं है। ब्रिक्स देश यह भी मानते हैं कि आतंकवाद के कार्य, तरीके और व्यवहार अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में,मानव अधिकारों, मूलभूत स्वतंत्रताओं और लोकतंत्र के विनाश के उद्देश्य से की गईं गतिविधियां हैं, जो क्षेत्रीय अखंडता, राज्यों की सुरक्षा को खतरा है, और यह कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद को रोकने और उससे निपटने, जिसमें आतंकवादियों का सीमा पार आवागमन शामिल है, के लिए सहयोग बढ़ानेके लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए । वे यह भी यकीन करते हैं कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से जोड़ा नहीं जा सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए।

II. सिद्धांत ।

ब्रिक्स देशों का आतंकवाद-विरोधी सहयोग निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित है:

- भाग लेने वाले देशों की संप्रभुता के लिए पूर्ण सम्मान और उनके आंतरिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं;

- अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता और शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय और समन्वयकारी भूमिका की मान्यता;

v- आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में क्षेत्रीय संगठनों की भूमिका की पहचान;

- सभी राज्यों को आतंकवादी गतिविधियों को संगठित करने, उकसाने, सुविधा देने, भाग लेने, वित्तपोषण करने, प्रोत्साहित करने या बर्दाश्त करने से बचने की और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यावहारिक उपाय करने की आवश्यकता है कि उनके क्षेत्रों का उपयोग, आतंकवादी ठिकानों के लिए या अन्य राज्यों या उनके नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल के इरादे से किए जाने वाले आतंकवादी कृत्यों की तैयारी या आयोजनके लिए नहीं किया जाताहै;

- राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को उचित महत्त्व;

-खुलापन, सूचना साझाकरण, और सर्वसम्मति-आधारित निर्णय-निर्माण;

- राष्ट्रीय अनुभव और देशों की विशिष्टताओं को उचित महत्व के साथ आतंकवाद और आतंकवाद के प्रेरक उग्रवाद से निपटने के लिए राज्यों और उनके सक्षम अधिकारियों की निर्णायक भूमिका को मान्यता;

- आतंकवादी समूहों का या राजनितिक उद्देश्यों के लिएअंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और आतंकवाद के लिए प्रेरक चरमपंथ के विरोध से संबंधित मुद्दों का उपयोग करने की अस्वीकार्यता;

- आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को अपनाना;

- आतंकवाद और आतंकवाद के लिए प्रेरक चरमपंथ से निपटने के लिए दोहरे मानकों की अस्वीकृति;

- आतंकवाद के प्रसार के लिए अनुकूल परिस्थितियों को संबोधित करना और आतंकवाद के लिए अनुकूल चरमपंथ का मुकाबला करने को पूरा महत्व देना।–

III. लक्ष्य ।

ब्रिक्स देश निम्न कार्य करेंगे:

- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और इसके वित्तपोषण का मुकाबला करने में अपनी एकता को मजबूत करना;-

- आतंकवादी गतिविधियों को आयोजित करने, भड़काने, सुविधा देने, उनमें भाग लेने, वित्तपोषण करने, प्रोत्साहित करने या सहन करने में शामिल लोगों के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर विचार करना;

सभी राष्ट्रों से आह्वान करना कि वे अपने क्षेत्रों के उपयोग को, आतंकी ठिकानों या अन्य राज्यों या उनके नागरिकों के खिलाफ किए जाने वाले आतंकी कृत्यों की तैयारी या आयोजित करने से रोकने के लिए उचित उपाय करें;-

- अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय और समन्वयकारी भूमिका के समर्थन की पुष्टि करने के लिए अपने सहयोग को गहरा करना,आतंकवाद का मुकाबला करने से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों के सख्त और पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता, संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति के व्यापक कार्यान्वयन को संतुलित तरीके से लागू करना और प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद-निरोध सम्मेलनों और प्रोटोकॉल के प्रावधानों का कार्यान्वयन करना;

- संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों,संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद-विरोधी सम्मेलनों और प्रोटोकॉल, जहाँ लागू हों,के आधार पर आतंकवाद के वैश्विक खतरे का मुकाबला करना;

- आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए सुरक्षा और कानून-प्रवर्तन अधिकारियों के बीच व्यावहारिक सहयोग में सुधार करना, जिसमें समय पर और सटीक जानकारी साझा करना, और यदि आवश्यक हो, तो इस तरह के साझाकरण के लिए कानूनी ढांचा तैयार करने पर विचार करना शामिल है;

- आतंकवादी समूहों, संस्थाओं और संबद्ध व्यक्तियोंको कोई भी संसाधन, जैसे कि मानव, वित्तीय, या हथियार सहित कोई सामग्री उपलब्ध न कराए जाने के द्वारा उनकी सहूलियतों कोरोकना;

- आतंकवाद पर अंतर्राष्ट्रीय डेटाबेस और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा स्वीकृत व्यक्तियों और समूहों की समेकित सूची का, जहाँ उपयुक्त हो, व्यापक रूप से उपयोग करके, आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों को रोकने और पता लगाने के लिए, सीमा और सीमा शुल्क नियंत्रण को मजबूत करने के लिए प्रासंगिक आवश्यक उपायों को सुधारने के लिए कदम उठाना;

- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों पर खुफिया और सूचना साझा करने और सहयोग को मजबूत करने के लिए ब्रिक्स आतंकवाद-विरोधी कार्य समूह का उपयोग करना;

अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक धारणा को अपनाने के लिए सामूहिक रूप से आगे बढ़ना;-

- आतंकवाद के आगे भौगोलिक विस्तार को रोकना और संघर्ष क्षेत्रों से प्रस्थान के देशों में लौट रहे या तीसरे देशों की यात्रा पर जाने वाले आतंकवादियों से उत्पन्न खतरों को संबोधित करना;

- आतंकवाद का मुकाबला करने के उपायों पर अनुसंधान और विकास की सुविधा प्रदान करना;

- अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद के रूपों के बीच, जहाँ लागू हो, बढ़ते लिंक की रोकथाम;

- यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करना कि कोई भी व्यक्ति जो आतंकवादी कृत्यों के वित्तपोषण, नियोजन, तैयारी या अपराध में शामिल है या आतंकवादी कृत्यों के समर्थन में है, को मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के प्रति उचित सम्मान के साथ, न्याय के अधीन लाया जाता है,और इस तरह के आतंकवादी कृत्यों को उनके घरेलू कानूनों में गंभीर आपराधिक अपराध के रूप में स्थापित किया जाता है;

- आतंकवादियों के खिलाफ जाँच या आपराधिक कार्यवाही के संबंध में सहायता के व्यापक उपाय कर पाने के लिए उनके घरेलू कानूनों और नियमों के अनुरूप आपसी कानूनी सहायता और प्रत्यर्पण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना;

- आतंकवाद के लिए प्रेरक चरमपंथी आख्यानों का, और आतंकवादी भर्ती, कट्टरता और भड़काने और आतंकवादियों के लिए वित्तीय और भौतिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इंटरनेट और सोशल मीडिया के दुरुपयोग का विरोध करना;

- आतंकवाद और आतंकवाद के लिए प्रेरक अतिवाद को बढ़ावा देनाके लिए सार्वजनिक आह्वानका विरोध;

- आतंकवादी और अन्य आपराधिक उद्देश्यों के लिए सूचना और दूरसंचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग के खिलाफ सहयोग को मजबूत करना; आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रेरक अतिवादी विचारों के प्रचार को बाधित करने वाले प्रति-आख्यान का सृजन करना;

- संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ जी-20 और एफएटीएफ के साथ अपने आतंकवाद विरोधी सहयोग को व्यापक बनाना;

- यह मानते हुए कि कोई भी स्थिति आतंकवाद के कृत्यों के लिए बहाना या उन्हें उचित नहीं ठहरा सकती है, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार सुविधा द्वारा आतंकवाद के प्रसार के लिए अनुकूल परिस्थितियों को संबोधित करने के लिए कट्टरतावाद-विरोधी सहयोग को मजबूत करना;

- अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खतरे को संबोधित करने के लिए सहयोग;

-आतंकवाद निरोधी प्रयासों में प्रशिक्षण, अनुभव साझा करने और तकनीकी सहयोग सहित क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना;
v- आतंकवाद-रोधी प्रयासों में जन जागरूकता और भागीदारी को बढ़ावा देना, साथ ही अंतर-विश्वास और अन्तः-विश्वास संवाद को बढ़ाना;

IV. निष्कर्ष ।

सुरक्षा के लिए ब्रिक्स उच्च प्रतिनिधियों को इस रणनीति के कार्यान्वयन की समीक्षा के नेतृत्व का कार्य सौंपा जाएगा, और ब्रिक्स आतंकवाद-रोधी कार्यदल (सीटीडब्ल्यूजी) को इसके कार्यान्वयन का कार्य सौंपा जाएगा।

सीटीडब्ल्यूजीइस रणनीति को यथासमय पूरी तरह से और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विशिष्ट उपायों से युक्त एक कार्य योजना को विस्तृत रूप देने पर विचार करने के लिए चर्चा कर सकती है।



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