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पाकिस्तान के विदेश मंत्री की असभ्य टिप्पणी के संबंध में मीडिया के सवालों पर आधिकारिक प्रवक्ता की प्रतिक्रिया

दिसम्बर 16, 2022

पाकिस्तान के विदेश मंत्री की असभ्य टिप्पणी के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में आधिकारिक प्रवक्ता श्री अरिंदम बागची ने कहा:

ये टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 के इस दिन को भूल गए हैं, जो जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था। दुर्भाग्य से, पाकिस्तान का अपने अल्पसंख्यकों के साथ रवैया बहुत अधिक नहीं बदला है। निश्चित रूप से भारत पर आक्षेप लगाने के लिए उसके पास साख की कमी है।

2. जैसा कि हाल के सम्मेलनों और घटनाओं ने प्रदर्शित किया है, आतंकवाद का मुकाबला करना वैश्विक एजेंडे में सबसे ऊपर है। आतंकवादी और आतंकवादी संगठनों को प्रायोजित करने, शरण देने और सक्रिय रूप से वित्त पोषित करने में पाकिस्तान की निर्विवाद भूमिका संदेह के घेरे में है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री का असभ्य गुस्सा आतंकवादियों और उनके प्रतिनिधियों का इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता का परिणाम प्रतीत होता है।

3. न्यूयॉर्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे शहर उन कई शहरों में से हैं, जो पाकिस्तान प्रायोजित, समर्थित और उकसाने वाले आतंकवाद के निशान झेल रहे हैं। यह हिंसा उनके विशेष आतंकवादी क्षेत्रों से उत्पन्न हुई है और दुनिया के सभी हिस्सों में निर्यात की गई है। 'मेक इन पाकिस्तान' आतंकवाद को रोकना होगा।

4. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को शहीद बताता है और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को पनाह देता है। कोई भी अन्य देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित 126 आतंकवादियों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित 27 आतंकवादी संगठनों का दावा नहीं कर सकता है!

5हम चाहते हैं कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुंबई की नर्स सुश्री अंजलि कुल्थे की गवाही को और अधिक ईमानदारी से सुना होता, जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की गोलियों से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी। जाहिर है, विदेश मंत्री की दिलचस्पी पाकिस्तान की भूमिका पर लीपापोती करने में ज्यादा थी.

6. पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हताशा उनके अपने देश में आतंकवादी उद्यमों के मास्टरमाइंडों के प्रति बेहतर निर्देशित होगी, जिन्होंने आतंकवाद को अपनी राजकीय नीति का हिस्सा बना लिया है। पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने या अछूत बने रहने की जरूरत है।

नई दिल्ली
दिसंबर 16, 2022

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