मीडिया सेंटर

चीन के भूमि सीमा कानून पर मीडिया के सवालों पर आधिकारिक प्रवक्ता की प्रतिक्रिया

अक्तूबर 27, 2021

चीन के भूमि सीमा कानून पर मीडिया के सवालों के जवाब में, आधिकारिक प्रवक्ता श्री अरिंदम बागची ने कहा:

" हमने नोट किया है कि चीन ने 23 अक्टूबर 2021 को एक नया "भूमि सीमा कानून" पारित किया है। कानून अन्य बातों के अलावा बताता है कि चीन भूमि सीमा मामलों पर विदेशों के साथ संपन्न हुए या संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित संधियों का पालन करता है। इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में जिलों के पुनर्गठन के प्रावधान भी हैं।

यह उल्लेखनीय है कि भारत और चीन ने अभी भी सीमा विवाद का समाधान नहीं किया है। दोनों पक्ष समान स्तर पर परामर्श के माध्यम से सीमा विवाद का एक निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए सहमत हुए हैं। हमने अंतरिम रूप से भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए कई द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और व्यवस्थाओं पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस संबंध में, कानून लाने के चीन के एकतरफा निर्णय का सीमा प्रबंधन पर हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्थाओं के साथ-साथ संबंधी मुद्दे पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जो हमारे लिए चिंता का विषय है। इस तरह के एकतरफा कदम का उन व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिनपर दोनों पक्ष पहले ही सहमत हो चुके हैं, चाहे वह सीमा विवाद पर हो या भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए हो। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि चीन इस कानून के बहाने कार्रवाई करने से बचेगा जो भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति को एकतरफा बदल सकता है ।

इसके अलावा, इस नए कानून का पारित होना हमारे विचार में 1963 के तथाकथित चीन पाकिस्तान "सीमा समझौते" को कोई वैधता प्रदान नहीं करता है, जिस पर भारत सरकार का लगातार ये रूख रहा कि, यह एक अवैध और अमान्य समझौता है।"

नई दिल्ली
अक्टूबर 27, 2021

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