राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 709
दिनांक 08.02.2024 को उत्तर दिए जाने के लिए
मंत्रालय के लिए विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्यों को आवंटित निधि
709. डॉ. अनिल अग्रवालः
श्री कामाख्या प्रसाद तासाः
श्री जग्गेशः
श्री बृज लालः
डॉ. अनिल सुखदेवराव बोंडे:
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या वर्ष 2019-20 से 2023-24 की अवधि के दौरान विदेश मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत महाराष्ट्र, केरल और असम राज्यों को आवंटित निधि हाल ही के विगत के वर्षों में आवंटित की गई निधि की तुलना में अधिक हैं;
(ख) यदि हां, तो वर्ष 2019-24 के दौरान इसके लिए वार्षिक रूप से कितनी कितनी धनराशि आवंटित की गई है;
(ग) क्या भारत सरकार ने वर्ष 2019-24 तक महाराष्ट्र, केरल और असम राज्यों के लिए प्रवासी भारतीय कार्यों के अंतर्गत विदेश मंत्रालय की किन्ही विशेष परियोजनाओं को मंजूरी दी है; और
(घ) यदि हां,तो वर्ष 2019-24 की अवधि के दौरान तत्संबंधी वार्षिक ब्यौरा क्या है?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
[श्रीमती मीनाक्षी लेखी ]
(क) से (घ ) मंत्रालय की 'राज्य सुविधा और ज्ञान सहायता (एसएफ एंड केएस) योजना के तहत मंत्रालय के शाखा सचिवालयों, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों और पासपोर्ट कार्यालयों को देश भर के विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य आउटरीच गतिविधियों को पूरा करने के लिए विशिष्ट अनुरोध पर धनराशि प्रदान की जाती है।
'राज्य सुविधा और ज्ञान सहायता' (एसएफ एंड केएस) के तहत धनराशि निम्नानुसार आवंटित की गई थी :
शाखा सचिवालय/क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय/पासपोर्ट कार्यालय |
वित्तीय वर्ष |
आवंटित धनराशि ( भारतीय रूपए) |
शाखा सचिवालय, गुवाहाटी |
2020-21 |
5,00,000/- |
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, मुंबई |
2021-22 |
3,00,000/- |
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, पुणे |
2021-22 |
2,00,000/- |
शाखा सचिवालय, गुवाहाटी |
2023-24 |
13,71,443/- |
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, त्रिवेन्द्रम |
2023-24 |
25,00,000/- |
एसएफ एंड केएस योजना की स्थापना क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों, पासपोर्ट कार्यालयों और एमबीए शाखा सचिवालय के नेटवर्क के माध्यम से राज्य सरकारों, स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों , थिंक-टैंक और व्यवसाय संवर्धन संगठनों के सहयोग से कार्यक्रम/सेमिनार आयोजित करने के माध्यम से मंत्रालय की पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। इस योजना को व्यापार, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देने, राजनयिक पहुंच की सुविधा प्रदान करने, विदेशी समकक्षों के साथ सिस्टर सिटी/ राज्यों की भागीदारी स्थापित करने और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के हितों पर ध्यान देने के साथ आर्थिक कूटनीति पर संवाद स्थापित करने पर ध्यान देना शामिल है।
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