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प्रश्न संख्या 708-विभिन्न देशों से भारतीयों का निर्वासन

फरवरी 08, 2024

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 708
दिनांक 08.02.2024 को उत्तर दिए जाने के लिए

विभिन्न देशों से भारतीयों का निर्वासन

708 श्री दीपेन्द्र सिंह हुड्डाः

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) वर्ष 2019 से वैध वीजा के बिना अवैध रूप से प्रवेश करते हुए/बिना वैध वीजा के रहते हुए अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ, मध्य पूर्वी और खाड़ी देशों से पकड़े गए/निर्वासित भारतीयों का राज्य-वार ब्यौरा क्या है;

(ख) भारतीयों द्वारा वैध वीजा के बिना अवैध रूप से अन्य देशों में प्रवेश करने के संभावित कारण क्या हैं;

(ग) क्या वर्ष 2019 से अमरीका, कनाडा, यूरोपीय संघ, मध्य पूर्वी, दक्षिण पूर्व एशियाई और खाड़ी देशों में भारतीय कामगारों के आप्रवासन में भारी गिरावट आई है, तत्संबंधी वर्ष-वार प्रवृत्ति क्या है; और

(घ) इन देशों में भारतीय कामगारों के आप्रवासन में इतनी भारी गिरावट के क्या कारण हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (घ) कई देश अपने देश में अवैध प्रवास के बारे में जानकारी प्रदान नहीं करते हैं, सिवाय इसके कि जब वे निर्वासन के आदेश के अधीन हो और यात्रा दस्तावेज़/राष्ट्रीयता सत्यापन की आवश्यकता हो। इस प्रकार, हमारे मिशनों और केंद्रों के पास विदेश में अवैध रूप से रह रहे या काम करने वाले भारतीयों की संख्या पर कोई विश्वसनीय डेटा नहीं है। विदेशी नागरिकों के निर्वासन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है। कुछ देश निर्वासित व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं करते हैं और निर्वासन तक उन्हें हिरासत/निर्वासन केंद्रों में रखते हैं। इसके अलावा, गिरफ्तारी/हिरासत और निर्वासन के बारे में जानकारी भारतीय मिशनों/केंद्रों के साथ साझा नहीं की जाती है और यदि निर्वासित व्यक्ति के पास वैध यात्रा दस्तावेज है तो निर्वासन सीधे मेजबान सरकार द्वारा किया जाता है। मेजबान सरकारों द्वारा भारतीय मिशनों/केंद्रों से केवल ऐसे मामलों में संपर्क किया जाता है, जहां निर्वासित व्यक्ति की राष्ट्रीयता सत्यापन और आपातकालीन प्रमाणपत्र (ईसी) जारी करना आवश्यक होता है। चूंकि सभी देश सभी भारतीय निर्वासित लोगों का विवरण साझा नहीं करते हैं, इसलिए विदेश मंत्रालय के पास विदेश से निर्वासित भारतीयों की सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है।

यह देखा गया है कि कई बेईमान एजेंट/ट्रैवल एजेंसियां विदेशी रोजगार के लिए जनशक्ति भर्ती के व्यवसाय में अवैध रूप से शामिल हैं। ई-माइग्रेट पोर्टल पर अवैध एजेंटों के बारे में जानकारी नियमित आधार पर अपलोड और अपडेट की जाती है। 31 जनवरी 2024 तक, 2959 अवैध एजेंटों को ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से सूचित किया गया है।

भारत सरकार केवल कानूनी रूप से प्रवासन को प्रोत्साहित करती है। विदेश में रोजगार के लिए भारतीय नागरिकों की भर्ती को उत्प्रवास अधिनियम 1983 के तहत विनियमित किया जाता है। 2015 से, उत्प्रवास जांच अपेक्षित (ईसीआर) देशों के लिए विदेशी रोजगार की प्रक्रिया ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से की जा रही है, जो भर्ती करने वाली एजेंसियां, विदेशी नियोक्ताओं और संभावित विदेशी प्रवासी श्रमिकों को उत्प्रवास मंजूरी (ईसी) जारी करने हेतु पंजीकरण के लिए एक फेसलेस, पेपरलेस और कैशलेस डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

कानूनी प्रवासन को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय बीमा योजना (पीबीबीवाई) और प्रस्‍थान-पूर्व अभिविन्‍यास एवं प्रशिक्षण (पीडीओटी) जैसी कई पहल की हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रवासी कामगार सुरक्षित रूप से प्रवासन कर सकें, गंतव्य देशों में काम करने और रहने की अच्छी स्थिति हो, वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें तथा सरकार की कल्‍याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। इसके अतिरिक्‍त, विदेश मंत्रालय ने संभावित प्रवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए 2018 में 'सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं' (गो सेफ गो ट्रैंड) अभियान शुरू किया है।

भारत ने यूके, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया और इटली जैसे देशों के साथ कुल छह (06) प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी करार (एमएमपीए) के साथ-साथ इजराइल, डेनमार्क, पुर्तगाल, जापान, मॉरीशस, जॉर्डन और जीसीसी देशों सहित बारह (12) देशों के साथ श्रमिक आवाजाही करारों (एलएमए) पर हस्‍ताक्षर किए हैं।

एमएमपीए/एलएमए नियमित प्रवास मार्गों को मजबूत करने और लोगों के बीच के संबंधों को बढ़ावा देने, वीजा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, अनियमित प्रवास को रोकने, इसके अतिरिक्‍त द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा कुशल गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित करना चाहते हैं।

मंत्रालय सुरक्षित और कानूनी प्रवासन के लाभों और विदेश में रोजगार के अवसरों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए कई राष्‍ट्रीय सरकारों और संबंधित हितधारकों के साथ समन्वय कर रहा है। अवैध प्रवासन/मानव तस्करी से संबंधित शिकायतों की जांच और अभियोजन के लिए राष्‍ट्रीय पुलिस को भेजा जाता है।

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