राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 706
दिनांक 08.02.2024 को उत्तर दिए जाने के लिए
बहुपक्षीय समूह
706. श्री अजय प्रताप सिंहः
श्री सदानंद शेट तनावड़ेः
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) वर्ष 2014 से भारत किन-किन नए बहुपक्षीय समूहों में शामिल हुआ है; और
(ख) वर्ष 2014 से भारत द्वारा क्या-क्या पहलें की गई हैं और इनके क्या लाभ हुए हैं?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
[श्री वी. मुरलीधरन]
(क) प्रमुख बहुपक्षीय समूहों, जिनमें भारत वर्ष 2014 से शामिल है, का विवरण अनुबंध- I. में दिया गया है।
(ख) भारत ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए इन बहुपक्षीय समूहों में निरंतर नवीन पहलें की हैं। ऐसी पहलों का उपयोग न केवल भारत के पक्ष की अभिव्यक्ति के लिए, बल्कि सभी की शांति, सुरक्षा और समृद्धि की आवाज़ के रूप में किया गया है। इन पहलों के माध्यम से जो सहमति बनी है, उससे भारत साझेदार देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने तथा भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और वैश्विक मुद्दों, जैसे बहुपक्षवाद में सुधार, शांति और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, आदि से संबंधित एजेंडे को आकार देने में सक्षम हुआ है। ये पहलें वैश्विक मुद्दों के समाधान हेतु साझेदार देशों के समक्ष भारत के अपने विशिष्ट समाधान भी प्रस्तुत करती हैं, जैसे 'अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन' और 'आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना संगठन'। इसके परिणामस्वरूप हुई सहमति/करार भारत को विभिन्न क्षेत्रों में साझेदार देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने में सक्षम बनाते हैं जिनमें व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग शामिल हैं। इस प्रकार के परिणाम भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडे में योगदान भी देते हैं ताकि हमारे लोगों के आर्थिक विकास और कल्याण को प्रोत्साहित किया जा सके और जी20 जैसे मंचों पर विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ाया जा सके।
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