मीडिया सेंटर

प्रश्न संख्या 4068 जी-20 में भारत द्वारा अध्यक्ष की भूमिका निभाया जाना

अप्रैल 07, 2022

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 4068
दिनांक 07.04.2022 को उत्तर देने के लिए

जी-20 में भारत द्वारा अध्यक्ष की भूमिका निभाया जाना

4068. डा. सस्मित पात्रा:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) भारत किस प्रकार इस वर्ष के अंत में जी-20 की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभालने की तैयारी कर रहा है;

(ख) नियोजित गतिविधियों का ब्यौरा क्या है; और

(ग) यह भारत की संवृद्धि और विकास के लिए किस प्रकार सहायक होगा?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(डॉ. राजकुमार रंजन सिंह)

(क) भारत 01 दिसम्बर 2022 से 30 नवम्बर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। जी-20 में दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं, जिसमें वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85%, अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75% और विश्व जनसंख्या का दो-तिहाई हिस्सा है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच बनाता है।

भारत 1 दिसम्बर 2021 को इण्डोनेशिया, इटली और भारत की जी-20 तिकड़ी में शामिल हो गया है जिन्होंने क्रमशः जी-20 की वर्तमान और आगामी अध्यक्षता सम्भाली है। तिकड़ी सदस्य के रूप में भारत निरंतरता को सुनिश्चित करने और जी-20 के एजेण्डे को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए इण्डोनेशिया और इटली के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। भारत 01 दिसम्बर, 2022 को इण्डोनेशिया से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और 2023 में भारत में पहली बार जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।

जी-20 का प्रत्येक अध्यक्ष क्रमागत आधार पर उस वर्ष जी-20 सचिवालय का भी कार्य करेगा। तदनुसार केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने 15 फरवरी 2022 को एक जी-20 सचिवालय की स्थापना को अनुमोदित कर दिया है, जिसमें विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और जी-20 मामलों से संबंधित मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे। यह माननीय प्रधानमंत्री और संबंधित मंत्रियों के समग्र मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश में भारत की आगामी जी-20 की अध्यक्षता के संचालन हेतु आवश्यक निर्णयों की व्यवस्थाओं और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। जी-20 सचिवालय जी-20 चर्चाओं की मूल सामग्री के साथ-साथ संभार तंत्र से संबंधित कार्य संभाल रहा है जिसमें बैठकों की तैयारी और स्थान, तकनीकि, मीडिया और सुरक्षा पहलुओं तथा जी-20 के प्रतिनिधियों के लिए व्यवस्था संबंधी सुविधा शामिल है।

(ख) जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत वर्ष के लिए कार्यसूची, विषयों और प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करेगा, वो चर्चाएं आयोजित करेगा और परिणामी दस्तावेज़ तैयार करेगा। जी-20 सचिवालय पूर्व अध्यक्ष देश से दस्तावेज़ों के सुचारू हस्तांतरण, वर्ष के दौरान जी-20 की सभी बैठकों की तैयारी एवं उनका संचालन, हिंतधारकों के साथ परामर्श और समन्वय तथा अन्त में आगामी अध्यक्ष देश को जिम्मेदारी सौंपने हेतु उत्तरदायी होगा।

जी-20 प्रक्रिया को शेरपा ट्रैक और वित्तीय ट्रैक में विभाजित किया गया है। शेरपा ट्रैक के तहत रोजगार, स्वास्थ्य, डिजिटल अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश और उद्योग, पर्यावरण और जलवायु, ऊर्जा, भ्रष्टाचार रोधी, कृषि, पर्यटन, संस्कृति, सामाजिक आर्थिक विकास, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में लगभग 100 आधिकारिक बैठकें आयोजित किए जाने की संभावना है। इसके अलावा लगभग 50 शैक्षिक परिचर्चाएं, वार्ता समूह की बैठकें और संगोष्टियां, कार्यशालएं तथा समवर्ती कार्यक्रम आयोजित किए जाने की संभावना है। वित्तीय ट्रैक के तहत लगभग 40 बैठकें आयोजित होने की उम्मीद है जिसमें अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था, वित्त समेकन और स्थायी वित्त-पोषण, अवसंरचना के लिए वित्त-पोषण, जलवायु वित्त-पोषण और कर से संबंधित मामलों के क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा भारत की विविधता और संस्कृति को प्रदर्शित करने तथा भारत को एक व्यापार और पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन आगामी जी-20 प्रतिनिधियों के लिए भी किया जाएगा।

(ग) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संबंधी प्रमुख मंच के रूप में जी-20 सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक व्यवस्था और अभिशासन को व्यवस्थित करने और मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो एक ऐसी मान्यता दर्शाता है कि वैश्विक समृद्धि एक-दूसरे पर निर्भर करती है और हमारे आर्थिक अवसर एवं चुनौतियां आपस में जुड़ी हुई हैं। जी-20 देश भविष्य को बेहतर बनाने के लिए एक साथ कार्य कर रहे हैं। जी-20 के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने वैश्विक महत्व के मुद्दों पर लगातार चर्चा की है जिसमें विश्व को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले मुद्दें भी शामिल हैं।

जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत ऊर्जा, कृषि, व्यापार, डिजिटल अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य से लेकर सर्वाधिक संवेदनशील और वंचित वर्ग पर प्रभाव डालने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों सहित पर्यावरण, रोजगार, पर्यटन, भ्रष्टाचार रोधी तथा महिला सशक्तीकरण तक के विविध सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में विकासशील देशों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की पहचान करने, प्रकाश डालने, विकास करने और सुदृढ़ करने की स्थिति में होगा। जी-20 सचिवालय आगामी वर्षों में बहुपक्षीय मंचों पर भारत के नेतृत्व का समर्थन करने और वैश्विक मुद्दों में योगदान के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता सहित क्षमता निर्माण को भी सक्षम बनाएगा। हमारी अध्यक्षता के वर्ष के दौरान जी-20 की अध्यक्षता से पर्यटन, आतिथ्य, आईटी और नागर विमानन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक अवसर सृजित होंगे।

***

Write a Comment एक टिप्पणी लिखें
टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या