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प्रश्न संख्या 542 भारत-अफगानिस्तान द्विपक्षीय संबंध

दिसम्बर 02, 2021

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 542
दिनांक 02.12.2021 को उत्तर देने के लिए

भारत-अफगानिस्तान द्विपक्षीय संबंध

542. श्री आनन्द शर्मा:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) क्या सरकार ने भारत-अफगानिस्तान द्विपक्षीय संबंधों पर तालिबान के अधिग्रहण के परिणामों का मुल्यांकन कराया है;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम के क्या प्रभाव पड़ेंगे; और

(घ) भारत के राष्‍ट्रीय हितों की रक्षा करने, भारतीय नागरिकों तथा भारतीय मूल के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम प्रस्तावित हैं ?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (घ) अफगानिस्तान का एक निकटवर्ती पड़ोसी देश और लंबे समय से साझेदार होने के नाते भारत उस देश में हाल के घटनाक्रमों के बारे में चिंतित है।

भारत अफगानिस्तान के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संपर्क बनाए हुए है। इस संबंध में, प्रधान मंत्री ने एससीओ-सीएसटीओ शिखर सम्मेलन और अफगानिस्तान पर जी-20 असाधारण शिखर सम्मेलन में भाग लिया। विदेश मंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी द्वारा सह-आयोजित अफगानिस्तान सम्मेलन और अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय बैठक में भाग लिया। भारत ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका का समर्थन किया है। भारत की अध्यक्षता में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने संकल्प 2593 को पारित किया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह मांग की गई कि अफगान के भूक्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को धमकाने या हमला करने; आतंकवादियों को पनाह देने या प्रशिक्षण देने; आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने और उसे वित्तपोषित करने के लिए नहीं किया जाए।

भारत ने 10 नवंबर, 2021 को दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता का आयोजन किया जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सचिवों ने भाग लिया। इस वार्ता के परिणामस्वरूप दिल्ली घोषणा की गई, जो क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों पर 'क्षेत्रीय सहमति' को दर्शाती है। सभी पक्षकारों ने अफगान के लोगों को मानवीय सहायता देने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की, संयुक्त राष्ट्र की मुख्य भूमिका को स्वीकार किया, अफगानिस्तान में सही मायने में प्रतिनिधिक और समावेशी सरकार की आवश्यकता पर जोर दिया और यह दोहराया कि अफगान भूक्षेत्र आतंकवादी समूहों का ठिकाना नहीं बनना चाहिए।

अफगान के लोगों के साथ हमारे विशेष संबंध और यूएनएससी संकल्प 2593 अफगानिस्तान के प्रति भारत के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे। इस प्रयास में, भारत ने मानवीय सहायता के रूप में अफगान लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

काबुल में शासनतंत्र भंग होने के बाद, 16 से 25 अगस्त 2021 की अवधि के दौरान, भारत सरकार ने अफगानिस्तान से फंसे हुए 565 भारतीय और अफगान नागरिकों को निकालने के लिए "ऑपरेशन देवी शक्ति" के तहत कई विशेष भारतीय वायु सेना और एयर इंडिया उड़ानें संचालित की। अफगानिस्तान से देश वापसी को सुविधाजनक बनाने और अन्य अनुरोधों के लिए विदेश मंत्रालय में एक 24x7 विशेष अफगानिस्तान सेल की स्थापना की गई थी।

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