मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया वार्ता का प्रतिलेख (29 फरवरी, 2024)

फरवरी 29, 2024

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: शुभ संध्या मित्रों। इस प्रेस वार्ता में आप सबका स्वागत है। हम सीधे आपके प्रश्नों पर बात करेंगे। एक निवेदन है कि कृपया अपने फोन को साइलेंट रखें या इस तरह से रखें कि इससे इस वार्ता में दूसरों को असुविधा न हो। धन्यवाद।

येशी सेली: मैं न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी सेली हूँ। सैन्यकर्मियों की जगह लेने के लिए भारत से नागरिकों का पहला समूह जो मालदीव गया है। उसमें कितने लोग गए हैं? और मालदीव में जो हेलीकॉप्टर दिया गया था, उसे बदला जाएगा? क्या आप इसका विवरण दे सकते हैं और भारत और मालदीव के बीच अगली, तीसरी कोर स्तर की बैठक कब है?

आयुषी अग्रवाल: महोदय, मैं ANI से आयुषी अग्रवाल हूँ। मेरा प्रश्न रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित है। इस संघर्ष का तीसरा वर्ष चल रहा है। भारत इस पूरी स्थिति को किस प्रकार देखता है? इसके अलावा, कुछ खबरें ये भी आई हैं कि बर्लिन में भारत से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति को लेकर बातचीत चल रही है। क्या आप उन रिपोर्टों की पुष्टि या खंडन कर सकते हैं?

सिद्धांत: नमस्ते महोदय, मैं WION से सिद्धांत हूँ। महोदय, निताशा कौल मामले पर आपका आधिकारिक दृष्टिकोण क्या है, क्या आप इस बारे में कुछ बता सकते हैं?

कादम्बिनी शर्मा: मैं एनडीटीवी से कादम्बिनी शर्मा हूँ। महोदय, जो भारतीय रूस चले गए थे और वहां रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर लड़ते हुए फंस गए थे, उनके बारे में अपने वक्तव्य में आपने कहा था कि कई व्यक्तियों को मुक्त कर दिया गया है। तो क्या आपके पास कोई आंकड़ा है कि कितने भारतीय वहां फंसे हुए हैं और कितनों को मुक्त कर दिया गया है और क्या उन्हें वापस आने में कोई मदद मिलेगी?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है। चलिए, अब हम अन्य प्रश्न अगले दौर में लेंगे। तो सबसे पहले कादम्बिनी के प्रश्न पर, जो रूस में फंसे व्यक्तियों के संबंध में था। जहां तक हमारी जानकारी है, कि लगभग 20 लोग वहां फंसे हुए हैं। हम उनको शीघ्र मुक्त करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमने दो वक्तव्य जारी किये हैं जो आपने देखे हैं। हमने नागरिकों से यह भी कहा है कि वे युद्ध क्षेत्र में न जाएं या कठिन परिस्थितियों में न फंसें। तो हमारा यही दृष्टिकोण है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं और हम यहां नई दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं, नियमित संपर्क में हैं और हम अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास कर रहे हैं। हम अपने सभी भारतीयों की भलाई के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं।

सिद्धांत, निताशा कौल पर आपके प्रश्न के संबंध में, यूके की यह विशेष नागरिक 22 फरवरी को भारत आईं थीं। जैसा कि आप जानते हैं, हमारे देश में विदेशी नागरिकों का प्रवेश एक संप्रभु निर्णय है। इसलिए मैं इस मामले में और कुछ नहीं कहना चाहता।

आयुषी, रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में आपके प्रश्न के संबंध में, हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। हमने विभिन्न स्तरों पर, उच्चतम स्तर पर यह कहा है कि भारत चाहता है कि चर्चा हो, कूटनीति हो, निरंतर वार्ता हो...ताकि दोनों पक्ष एक साथ आ सकें और शांतिपूर्ण समाधान खोज सकें। इसलिए हमारा वही दृष्टिकोण कायम है। यही हमारा नज़रिया है। हमने इसे उच्चतम स्तर पर व्यक्त किया है।

येशी, मालदीव के संबंध में आपने कुछ रिपोर्ट देखी होंगी। मौजूदा कर्मियों को बदलने के लिए तकनीकी कर्मियों का पहला समूह मालदीव, माले पहुंच गया है। यही वस्तुस्थिति है। जहां तक कोर ग्रुप की बैठक का सवाल है, जब हम अगली बैठकें करेंगे तो आगे प्रगति का पता चलेगा।

अविनाश: महोदय, मैं द असाही शिंबुन से अविनाश हूँ। महोदय, विदेश मंत्री अगले सप्ताह जापान और कोरिया के दौरे पर जा रहे हैं। तो महोदय, क्या आप हमें उनके जापान दौरे के महत्व के बारे में कुछ बता सकते हैं।

मधुरेन्द्र: महोदय मैं न्यूज नेशन से मधुरेन्द्र हूँ। महोदय यूएन मानवाधिकार परिषद के मंच पर पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापा, और इस बार भी भारत की नसीहत के ठीक विपरीत तुर्की ने उसका साथ दिया, तुर्की ने भी इस मसले को उठाया। जिस तरह से ये पाकिस्तान और तुर्की के बीच का ये कॉकटेल दिखाई दे रहा है, रिश्ता दिखाई दे रहा है कश्मीर के मुद्दे पर, कई मंचों पर देखा गया है, उसपर आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

ऋषभ: महोदय, मेरे दो प्रश्न हैं। मैं टाइम्स नाउ से ऋषभ हूँ। महोदय, एक प्रश्न किसी अन्य द्वारा पूछे गए प्रश्न की निरंतरता में है। अल्बानिया में पिछले सप्ताह एक शांति वार्ता हुई थी। क्या भारत इसमें शामिल था या भारत को उस वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया था? ए, और बी, पाकिस्तान में आज नई सरकार ने शपथ ग्रहण की है। क्या इस्लामाबाद से या दिल्ली से इस्लामाबाद कोई संवाद हुआ है?

आशीष: मैं क्योडो न्यूज़ से आशीष हूँ। मेरा प्रश्न डॉ. जयशंकर के टोक्यो दौरे के संबंध में है। क्या आप बता सकते हैं कि डॉ. जयशंकर और उनके जापानी समकक्ष के बीच बैठक के मुख्य विषय क्या होंगे? और रायसीना राउंडटेबल पहली बार टोक्यो में आयोजित किया जाएगा। क्या आप इसे जापान में आयोजित करने का कारण भी बता सकते हैं?

पिया: नमस्ते, मैं द प्रिंट से पिया हूँ। महोदय, मेरे दो प्रश्न हैं। पहला तो यह कि क्या कतर में मौजूद आठवें नौसैनिक के बारे में कोई नई जानकारी है? मीडिया के कुछ वर्ग कह रहे हैं कि उनके ख़िलाफ़ अभी भी आरोप हैं। उन पर केस चल रहा है। क्या आप इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं? और दूसरी बात, मैं बस एक प्रश्न दोहराना चाहती थी जो मैंने बजट के बाद विविध व्यय के लिए कुल 9,000 करोड़ रुपये की व्यय राशि के बारे में पूछा था। क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि सरकार ने उसे किस पर खर्च किया, जी20 पर या किसी अन्य कार्यक्रम पर? धन्यवाद।

हुमा सिद्दीकी: महोदय, विदेश मंत्री दक्षिण कोरिया भी जा रहे हैं। क्या आप बता सकते हैं, कि चर्चा का फोकस क्या रहेगा और दक्षिण कोरिया में भारतीय विद्यार्थियों तथा वहां रहने वाले नागरिकों के खिलाफ नस्लभेद के कई मामले भी सामने आए हैं। क्या यह एजेंडे में शामिल है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता:तो, हुमा, पहले आपके प्रश्न पर बात करते हैं। विदेश मंत्री 5 से 8 मार्च तक जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर रहेंगे। हमने उस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। दक्षिण कोरिया में वह 10वीं संयुक्त आयोग की बैठक में भाग लेंगे जहां निश्चित रूप से दक्षिण कोरिया के साथ हमारे बहुत व्यापक, व्यापक-आधारित, बहुआयामी संबंध हैं। संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा होगी कि हम इन्हें कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।'

पिया, कतर में भारतीय नागरिक को लेकर आपके प्रश्न के संबंध में... जैसा कि आपको पता है, कि सभी आठ भारतीय नागरिक जो अल दहरा ग्लोबल के केस में शामिल थे, उन्हें रिहा कर दिया गया है। उनमें से सात भारत लौट आए हैं। आठवें भारतीय नागरिक को कुछ प्रक्रियाएं पूरी करनी हैं। जब वे पूरी हो जाएंगी तो वह भी वापस आ जाएंगे। तो आठवें नागरिक के बारे में यही वस्तुस्थिति है।

आपका प्रश्न जो आपने कुछ समय पहले पूछा था। देखिए, बजट में 9,000 करोड़ का प्रावधान है। ये एक खास प्रयोजन से था। जैसा कि आपको पता है कि विदेश मंत्रालय के पास विदेशों में देशों के लिए विकासात्मक साझेदारी संबंधी एक बड़ा पोर्टफोलियो है। इस सहभागिता के अंतर्गत, देशों को लाइन ऑफ क्रेडिट प्रस्तावित की जाती हैं। लाइन ऑफ क्रेडिट के सुचारू क्रियान्वयन में सहायता करने के लिए इस विविध सामान्य सेवाओं के प्रावधान किए जाते हैं। यह आवंटन आरबीआई की नियामक अपेक्षाएं पूरी करने के लिए एक्ज़िम बैंक को धनराशि प्रदान करने के लिए है। तो यह स्थिति है। यह विशेष प्रावधान, ऋणकर्ता देशों की देनदारी को किसी भांति भी कम नहीं करता है। इस तरह से, यह विशेष रूप से आरबीआई की अपेक्षाएं पूरी करने हेतु लक्षित है। विदेश में देशों को लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान करने के संबंध में आरबीआई ने एक्ज़िम बैंकों के लिए कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं।

पिया: यह एक नया आवंटन है, हमने इतना बड़ा आवंटन पहले कभी नहीं देखा है।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता:यह विशेष अपेक्षा पहले नहीं थी। इसलिए यह विदेशों में हमारे द्वारा देशों को प्रदान की जाने वाली क्रेडिट लाइनों के सुचारु क्रियान्वयन को सुगम बनाने के लिए आवश्यक है।

आशीष, आपके प्रश्न के संबंध में... मैं पुन: आपको हमारे द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति का संदर्भ लेने के लिए कहना चाहूँगा। विदेश मंत्री जापान के दौरे पर रहेंगे। जैसा कि आप अवगत हैं कि जापान... जापान के साथ हमारे संबंध बहुत सुदृढ़ रहे हैं। दौरे के अंतर्गत विदेश मंत्री स्तर की रणनीतिक वार्ता आयोजित की जाएगी। हमारे पास दौरे के कुछ विवरण हैं। आप फॉलो कर सकते हैं। आपको इस बारे में अधिक जानकारी मिलेगी कि कार्यक्रम में और क्या शामिल होगा। लेकिन हमने जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, उसमें बहुत सारे विवरण हैं। तो मैं आपको उसका संदर्भ दूँगा।

ऋषभ, पाकिस्तान के संबंध में आपके प्रश्न पर बात करें तो। इस पर, मेरे पास आपके लिए अभी कोई नई जानकारी नहीं है। परंतु आशा है कि बाद में कुछ अधिक जानकारी दी जा सकेगी। अल्बानिया के संबंध में भी, मेरे पास कोई नई जानकारी नहीं है। हम पता लगाएंगे और उस विशेष मुद्दे पर भी आपको बाद में संपर्क करेंगे।

मधुरेंद्र आपका सवाल जो पाकिस्तान को ले कर रहा, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में, उसमें आपने देखा होगा कि हम लोगों ने एक अपना वक्तव्य जारी किया है उस मुद्दे को ले कर, तो उसमें हम लोगों ने साफ-साफ कहा है कि हर बार की तरह इस बार भी बेवज़ह इस मुद्दे को ला कर परिषद का समय ज़ाया किया जा रहा है।

पुन:, आपका प्रश्न जो जापान के संबंध में था। मैं आपको फिर से उस विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति का संदर्भ देना चाहूँगा जो हमने जारी की थी। कृपया यात्रा को फॉलो करें। जो हो रहा है हम आपको उसका विवरण देंगे। जहां तक जापान की बात है, तो वह एक बहुत ही विशेष देश है, वह भारत के लिए एक बहुत ही विशेष भागीदार है.. हमारे बीच एक व्यापक-आधार वाला और व्यापक संबंध है जो कई क्षेत्रों तक विस्तृत है। विदेश मंत्री द्वारा जापान के दौरे के समय इनमें से हर पहलू पर चर्चा की जाएगी। 5 से 8 तारीख तक, पहले वह दक्षिण कोरिया जाएंगे, और उसके बाद वह जापान जाएंगे।

कल्लोल भट्टाचार्जी: मैं द हिंदू से कल्लोल भट्टाचार्जी हूँ। मेरा प्रश्न गाजा की स्थिति के संबंध में है। वहां बड़े पैमाने पर भुखमरी और अन्य मानवीय समस्याओं की खबरें हैं। लेकिन ऐसा माना जा रहा था कि भारत गाजा में कुछ खाद्य सहायता भेजेगा। तो, क्या वह खाद्य सहायता गाजा में नागरिकों तक पहुंची? यह पहला प्रश्न है। और दूसरी बात यह पूछनी है कि क्या भारत ने साथ ही इज़राइल को सैन्य ड्रोन भी निर्यात किए थे?

इलियाना: मैं TASS न्यूज़ एजेंसी से इलियाना हूँ। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन ने हाल ही में घोषणा की है कि उन्होंने यूक्रेन में कुछ पश्चिमी सैनिकों को भेजने की संभावना पर चर्चा की थी। तो, क्या उस पर आपकी कोई टिप्पणी है? इस मामले में भारत का क्या दृष्टिकोण है?

आशीष: मैं क्योडो न्यूज़ से आशीष हूँ। महोदय, आपने रायसीना राउंडटेबल के बारे में नहीं बताया। भारत ने जापान को क्यों चुना?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: रायसीना राउंडटेबल का सवाल भी ... जैसा कि आप अवगत हैं, रायसीना अब एक महत्वपूर्ण वैश्विक प्लेटफॉर्म बन गया है। हमारे यहां अभी हाल ही में रायसीना डायलॉग का आयोजन हुआ था, जिसमें विश्व भर से प्रतिनिधि, नेतागण, राजनैतिक नेता, थिंक-टैंक, रणनीतिक विचारक, वे सभी दिल्ली आए थे। ग्रीस के प्रधानमंत्री हमारे मुख्य अतिथि थे। इस तरह से, आज इस प्लेटफॉर्म की वैश्विक उपस्थिति है। आपने देखा होगा कि रायसीना डायलॉग विभिन्न स्तरों पर भी हो रहा है या इसके विभिन्न भागों का आयोजन विश्व के अन्य भागों में भी हो रहा है। जापान, निश्चित रूप से, हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण भागीदार है और यह विशेष सहभागिता, हमारी वार्ताओं में सहायक होगी, जापान के साथ हमारी सहभागिता में भी अधिकाधिक सहायक होगी।

इलियाना, आपके प्रश्न के संबंध में, जो आपने राष्ट्रपति मैक्रॉन के संबंध में पूछा था, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूँगा। यह कुछ ऐसा है जो उनसे ही संबंधित है.. जो उन्होंने कहा है और यह पूरी तरह से फ्रांस पर निर्भर है कि वे क्या करना चाहते हैं। इस संबंध में हमारी ओर से कोई टिप्पणी नहीं है।

कल्लोल, जहां तक मानवीय सहायता भेजने का प्रश्न है, यह फिलिस्तीन के नागरिकों के साथ हमारी सहभागिता का एक महत्वपूर्ण अंग है। पिछले कुछ वर्षों में, हमने UNRWA के माध्यम से और द्विपक्षीय रूप से भी मानवीय सहायता प्रदान की है। तो, इस मामले में यह स्थिति है। हम सहायता प्रदान करते रहेंगे। हमने हाल ही में भी ऐसा किया है, जहां तक आपके विशिष्ट प्रश्न की बात है, कि क्या यह किसी विशेष X या Y स्थान पर पहुंची है, तो इस संबंध में मेरी कोई विशेष टिप्पणी नहीं है। मैं नई जानकारी प्राप्त करूंगा और फिर आपको अवगत कराऊंगा।

दूसरा प्रश्न... आपके द्वारा पूछे गए दूसरे प्रश्न के संबंध में मेरे पास अभी कोई टिप्पणी नहीं है, मैं उस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करूंगा।

मिलन: महोदय, मैं इंडिया टुडे से मिलन हूँ। बिल गेट्स इस समय भारत में हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा जी20 के नेतृत्व की भी सराहना की है, क्या विदेश मंत्रालय के माध्यम से किसी कार्यक्रम की योजना है, क्या आप इस संबंध में हमें कुछ विवरण दे सकते हैं? धन्यवाद।

सिद्धांत: नमस्ते महोदय, मैं सीएनएन न्यूज 18 से सिद्धांत हूँ। तो, कुछ दिन पहले, एक वक्तव्य आया था, मालदीव के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कुछ रिपोर्टों में पुष्टि की गई थी कि भारत से एक टीम, नागरिक टीम, रिपोर्ट में यही शब्द इस्तेमाल किया गया था, मालदीव में मौजूदा टीमों से कार्यभार लेने के लिए जा रही है। तो, क्या आप कृपया इस टीम के बारे में कुछ और विवरण दे सकते हैं और कितने सदस्य टीम में जा रहे हैं और क्या सबसे पहले आप इसकी पुष्टि कर सकते हैं? धन्यवाद।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता:ठीक है। मिलन, आपके प्रश्न पर बात करते हुए, विदेश मंत्रालय का बिल गेट्स के दौरे से संबंध नहीं है। इसलिए, मेरे पास आपके लिए कोई विवरण नहीं है। जाहिर है, जब भी वह आते हैं, तो इस देश में कई क्षेत्रों तक व्यापक उनकी बहुत सुदृढ़ सहभागिताएं होती हैं। तो, उनका कार्यक्रम काफी व्यापक रहता है, फॉलो करने के लिए एक बहुत ही व्यापक कार्यक्रम है, लेकिन हम उसमें शामिल नहीं हैं। इसलिए, मैं आपको उस बारे में कोई नई जानकारी नहीं दे सकता।

सिद्धांत, मालदीव के बारे में आपके प्रश्न के संबंध में बात करते हैं। देखिए, येशी के प्रश्न का उत्तर देते हुए मैंने पहले भी कहा था, कि गान में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर को संचालित करने वाली तकनीकी कर्मियों की पहली टीम मालदीव पहुंच गई है। यह उन मौजूदा कर्मियों का स्थान लेगी जो अब तक इस प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे थे। तो, हमारे पास अभी यही जानकारी है।

सिद्धांत: महोदय, टीम में कितने सदस्य पहुंचे हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: जैसा कि मैंने आपको बताया, पहली टीम पहुंच गई है और हमें बाद में अधिक जानकारी मिलने पर हम आपको अवगत कराएंगे। फिलहाल पहली टीम वहां पहुंच चुकी है।

कल्लोल भट्टाचार्जी:अंबाला के डीएसपी ने कहा है कि उन्होंने किसान प्रदर्शनकारियों के पासपोर्ट रद्द करने की सिफारिश की है या शायद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तो, सवाल यह है कि क्या ऐसे कानून हैं जिनके अनुसार, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के कारण से पासपोर्ट रद्द किए जा सकते हों?

सिद्धांत: महोदय, मेरा एक जुड़ा हुआ प्रश्न है, महोदय। तो, मूल रूप से, महोदय, जब कोर ग्रुप की बैठक हुई, तो मालदीव की ओर से एक बयान आया जिसमें कहा गया कि 10 मार्च पहली समय सीमा है, उसके बाद 10 मई दूसरी समय सीमा है। तो क्या यह घटनाक्रम कोर ग्रुप की बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच हुई प्रतिबद्धता के उस विशेष बयान के अनुपालन के संबंध में है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है। तो, सिद्धांत, पहले आपके प्रश्न पर बात करें। यह टीम वहां पहुंच चुकी है। स्पष्ट है, कि ये मुद्दे आपसी परामर्श से तय किए जाते हैं और मुझे आपके प्रश्न पर अभी बस यही कहना है।

कल्लोल, अंबाला की घटना के संबंध में, जैसा कि आप अवगत हैं कि पासपोर्ट या वीज़ा संबंधी सभी मामले कुछ सुस्थापित नियमों, कानूनों और दिशानिर्देशों द्वारा शासित होते हैं और यदि इसके कारण कोई मुद्दा आता है, तो उन कानूनों, नियमों और विनियमों के अनुसार विचार किया जाएगा। तो यही स्थिति है।

तो, यदि अब कोई अन्य प्रश्न नहीं है, तो अब हम इस वार्ता का समापन करेंगे।

वक्ता: रूस में काम करने गए भारतीयों की कुल संख्या कितनी है? ऐसे आंकड़े हैं जो कहते हैं कि यह संख्या 100 थी। आपने कहा कि 20 लोग वापस आने की कोशिश कर रहे हैं। क्या आपने यही कहा था?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: मैंने आपको 20 का आंकड़ा बताया था, हमारी जानकारी के अनुसार वहां 20 लोग रूसी सेना के साथ सहायक स्टाफ या सहायक के रूप में काम करने के लिए गए हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने हमसे संपर्क किया है और हमारी जानकरी के मुताबिक यही संख्या है।

हुमा सिद्दीकी: महोदय, मैं सिर्फ यह पूछना चाहती थी, कि जो लोग इज़राइल जा रहे हैं, अर्थात वे भी युद्ध क्षेत्र में जा रहे हैं जो गाजा में है। क्या होगा यदि उनको भी लड़ाई में धकेल दिया गया या शामिल कर लिया गया?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: लेकिन हुमा, अभी तक कोई भी इज़राइल नहीं गया है। ऐसे लोग हो सकते हैं जो अपनी मर्जी से गए होंगे। जैसा कि आपको पता है, कि जब हमने इज़राइल से निकासी अभियान चलाया था, तब भी हमारे 18,000 से अधिक देखभालकर्ता जो वहां थे, वे वहीं रुक गए थे। वे अभी भी वहीं हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो व्यवसाय के लिए जाते हैं, जो लोग अन्य गतिविधियों के लिए जाते हैं, वे अपनी मर्जी से जाते हैं। लेकिन, इस विशेष मामले में, ये 20 विशेष लोग हैं जिन्होंने दूतावास से संपर्क किया है और हम उन्हें वहां से निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें मुक्त कराने और उनकी सहायता करने का प्रयास कर रहे हैं।

हुमा सिद्दीकी: क्या वे सभी मास्को में हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: वे अलग-अलग स्थानों पर हैं लेकिन उन्हें वहां से निकालने के लिए दूतावास, रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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