मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया वार्ता का प्रतिलेख (अगस्त 25, 2022)

अगस्त 25, 2022

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: आप सभी को नमस्कार। इस सप्ताह की मीडिया वार्ता में हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। मेरे पास कोई तत्काल घोषणा नहीं है, इसलिए मैं आपके प्रश्नों पर आगे बढ़ना चाहूँगा ।

सिद्धांत: महोदय, विऑन से सिद्धांत। मेरा प्रश्न अग्निवीर योजना पर है, जब नेपाल में भर्ती की बात आती है, तो भर्ती प्रक्रिया आज से शुरू होनी थी और नेपाली मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि इस मामले को विदेश मंत्री ने भारतीय राजदूत के साथ उठाया था। इस पर कोई प्रतिक्रिया? भारत का क्या नजरिया है?

येशी: शेख हसीना के 5 सितंबर को भारत आने की उम्मीद है। क्या उनके एजेंडे में कुछ विशेष है? यह कहा जाता है कि सुरक्षा उनकी चिंताओं में से एक है। क्या आप उस पर टिप्पणी करना चाहेंगे?

सुहासिनी: यदि मैं इस में जोड़ सकती हूँ, तो इस सप्ताह रोहिंग्या शरणार्थियों पर पिछले बड़े हमलों के पाँच साल पूरे हुए है, जिसमें उनमें से कुछ भारत आए थे। मैं पूछना चाहती थी, सरकार द्वारा की गई टिप्पणियों के मद्देनजर, पहले शहरी विकास मंत्री द्वारा, जिन्होंने कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को ईडब्ल्यूएस आवास में रखा जाएगा, उसके बाद गृह मंत्रालय द्वारा, यह कहते हुए कि भारत उन्हें निर्वासित करने की कोशिश जारी रखेगा। और यह भी कि उन्हें उनके झोंपड़ियों से बाहर निकालने की कोई योजना नहीं है। मैं यह समझना चाहती थी कि जब रोहिंग्या की बात आती है तो भारत की नीति क्या है, अगर आप इसे फिर से बता सकते हैं। और दूसरा यह होगा कि क्या यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने पर चर्चा होने की संभावना है और विशेष रूप से, क्या भारत यहाँ से कुछ रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश ले जाने में बांग्लादेश की मदद लेने जा रहा है?

सृंजॉय: महोदय, मेरा प्रश्न आत्मघाती हमलावर आजमोव से संबंधित है। क्या रूस भारत के साथ संपर्क में है, विशेष रूप से मास्को में भारतीय मिशन से या यहाँ और भारतीय पक्ष को इस बारे में और विवरण दिया है कि जब वह यहाँ था तो वह क्या करने की योजना बना रहा था, क्योंकि पूछताछ कुछ समय से चल रही थी?

मधुरेन्द्र : सर मधुरेन्द्र न्यूज़ नेशन से, मेरा सवाल ताइवान और चीन को लेकर है, बेसिकली जिस तरह से चीन का दबाव, मिलिट्री दबाव ताइवान पर लगातार दिखाई दे रहा है उससे उस समूचे क्षेत्र में अशांति का माहौल है और ज़ाहिर है इसका प्रभाव भारत पर भी दिखाई दे रहा है। क्या भारत इस मसले पर खुलकर अपना कोई स्टैंड रख रहा है या हमलोग अभी भी चुपचाप ही बने रहेंगे?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: ठीक है। आइए इनमें से कुछ सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं। सिद्धांत, मैं अग्निपथ योजना पर आपके प्रश्न से शुरू करता हूँ। देखिए, मैं कहना चाहूँगा कि हम लंबे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती कर रहे हैं और हम अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखना चाहते हैं। फिलहाल मेरे पास यही अपडेट है। यदि आपके पास कुछ और है, तो मैं उस पर आपके पास वापस आऊँगा।

येशी की और साथ ही सुहासिनी की, प्रस्तावित यात्रा पर टिप्पणियों पर, ऐसा लगता है कि आपने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की यात्रा की घोषणा की है। इस पर फिलहाल मुझे कुछ नहीं कहना है। जैसा कि आप जानते हैं, उच्च स्तरीय यात्राओं की घोषणा उपयुक्त समय पर की जाती है। मेरे पास उस पर कोई अपडेट नहीं है। ऐसी काल्पनिक यात्रा पर हम क्या चर्चा करेंगे, हम आपको उस समय बताएँगे। मुझे लगता है सुहासिनी, आपने रोहिंग्या के मुद्दे के बारे में उल्लेख किया है, लेकिन मुझे नहीं पता, कि यह शेख हसीना की यात्रा के सन्दर्भ या संबंध में था, हम इसे तभी लेंगे जब यह होगी । लेकिन रोहिंग्या के बड़े मुद्दे के सन्दर्भ में, मैं एक साधारण सी टिप्पणी करना चाहता हूँ । मुझे लगता है कि गृह मंत्रालय ने इस पर विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। सच कहूँ तो इस समय हमारे पास इसमें कुछ और जोड़ने के लिए नहीं है।

सृंजॉय, आजमोव के मुद्दे पर, संदिग्ध आत्मघाती हमलावर पर। देखिए, हम मामले से वाकिफ हैं, जाहिर है। हम इस मामले में रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं, लेकिन सुरक्षा संबंधी जटिलताओं को देखते हुए, आप यह बात मानेंगे कि हम इस समय इस मामले में और विवरण साझा करने की स्थिति में नहीं हैं।

मधुरेन्द्र जी आपने, ताइवान वाले इश्यू पे हमने पिछले हफ्ते, पिछले बार जब हमारा हुआ था प्रेस कांफ्रेंस, हमने कहा था कि हमारा क्या रुख है या रवैय्या है उस पर, मैं उसको फिर से दोहरा सकता हूँ उसके आगे मेरे पास नही है कुछ।

मधुरेन्द्र : क्या उसमें कोई बदलाव है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: नहीं उसमें कोई बदलाव नही है अगर आप चाहते हैं तो मैं उसको फिर से पढ़ सकता हूँ पर नहीं उसमें हमने कह रखा था कि उसमें हमारा क्या नजरिया है जैसे हमने उस समय भी कहा था।

कई अन्य देशों की तरह, भारत भी हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है और हम संयम बरतने, यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने, तनाव को कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का आग्रह करते हैं। भारत की प्रासंगिक नीतियां सर्वविदित और सुसंगत हैं। उनकी पुनरावृत्ति की आवश्यकता नहीं है।

इसका हिंदी अनुवाद भी हमारे वेबसाइट पर है।

सौरभ: महोदय, सौरभ एएनआई से। महोदय, हमने श्रीलंका में भारतीयों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली कुछ घटनाएँ देखी है। महोदय, क्या हमने इसे स्थानीय अधिकारियों के समक्ष उठाया है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: पर्यटक?

सौरभ: स्थानीय लोग।

सुधी रंजन: महोदय, ब्लूमबर्ग से सुधी रंजन। अमेरिका ट्रेजरी के उप सचिव भारत में हैं। क्या आप हमें दोनों पक्षों के बीच हुई चर्चाओं के बारे में अद्यतन जानकारी दे सकते हैं।

कविता : सर कविता हूँ हरी भूमि से, सर मेरा सवाल यह है कि अभी कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ये कहा है कि हम भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाना चाहते है, तो उसको लेकर एमईए का क्या रिएक्शन है?

इलियाना: इलियाना, टीएएसएस न्यूज एजेंसी से। रूस में आतंकवादी की गिरफ्तारी के इस विषय को जारी रखते हुए, जिसने भारत में हमले की योजना बनाई, आप आतंकवाद-रोधी क्षेत्र में रूस के साथ संबंधों का आकलन कैसे करते हैं, यह मेरा पहला प्रश्न है। और दूसरा, मैंने पिछली बार आपसे पूछा था, क्या भारत ने तय किया है कि व्लादिवोस्तोक में इस ईस्टर्न इकनोमिक फोरम में भारत की ओर से कौन भाग लेगा, जो 5 सितंबर से शुरू हो रहा है और कम से कम तीन दिनों तक जारी रहेगा। कौन सा प्रतिनिधिमंडल होगा और इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कौन करेगा? शुक्रिया।

नीरज: सर नीरज हूँ न्यूज़ 18 इंडिया से, प्रधानमंत्री जापान जाएंगे, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के याद में जो कार्यक्रम है शोक सभा का आयोजन किया जा रहा है, उसमें पहुचेंगे प्रधानमंत्री?

वक्ता 1: महोदय, भारत-जापान 2+2 संवाद प्रतीक्षित है, इस पर कोई विवरण कि कब हो सकता है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता : मैं सौरभ के प्रश्न से शुरू करता हूँ, सौरभ आपने श्रीलंका में भारतीयों के बारे में बात की, विशेष रूप से पर्यटकों के बारे में। देखिए, हम कुछ समय से इसका अनुसरण कर रहे हैं, वहाँ के घटनाक्रम का, लेकिन मैं यह बताना चाहूँगा कि हमारी समझ यह है कि भारतीय अभी भी श्रीलंका के लिए पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत हैं। जहाँ तक मौजूदा स्थिति में भारतीयों की श्रीलंका यात्रा का संबंध है, मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूँ कि इस विशेष मामले में श्रीलंका सहित, भारत से बाहर रहने के दौरान भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सलामती हमेशा प्रमुख महत्व रखती है। हमारा प्रयास है कि भारत के बाहर, भारतीयों के साथ किसी भी अप्रिय घटना को रोका जाए। इसलिए हम भारतीयों को श्रीलंका में रहते हुए पूरी देखभाल और सावधानी बरतने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्हें श्रीलंका की कोई भी आवश्यक यात्रा करने से पहले मुद्रा परिवर्तनीयता और ईंधन की स्थिति सहित सभी प्रासंगिक कारकों की जाँच करनी चाहिए। फिलहाल मेरे पास कहने के लिए यही है। देखिए, हमारा उच्चायोग निश्चित रूप से सभी स्थानीय प्राधिकारियों के संपर्क में है। लेकिन यह उन लोगों के लिए एक सामान्य मार्गदर्शन था जो वहाँ हैं, जो पर्यटक वहाँ हैं, या जो वहाँ जाने की सोच रहे हैं, उन्हें यही हमारा मार्गदर्शन होगा।

वक्ता 2: (अश्रव्य)

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: नहीं, मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक मार्गदर्शन था। हाल ही में, मुझे नहीं लगता कि किसी पर हमला किया गया है, मेरा मतलब है, हमारे उच्चायोग के पास इसका विवरण होगा। मेरे पास तत्काल इसकी कोई संख्या नहीं है, लेकिन यह एक टिप्पणी थी, हमारे पास भारतीय पर्यटकों के कुछ प्रश्न हैं, उन्हें जाने या न जाने के बारे में क्या करना चाहिए, आदि। इसके लिए हम उन कारकों के लिए आग्रह करेंगे।

यूएस के ट्रेजरी उप सचिव के मुद्दे पर, मुझे लगता है कि सुधी ने इसका उल्लेख किया था। देखिए, यह यात्रा अभी जारी है। मुझे लगता है कि श्री वैली एडेयमो, अमेरिकी ट्रेजरी उप सचिव, वे 24 अगस्त से 26 अगस्त तक यात्रा कर रहे हैं। बैठकें चल रही हैं। उनकी बैठकें हुई हैं, मुझे लगता है कि मुंबई में और वह अभी दिल्ली आए हैं या दिल्ली आने वाले हैं। अब तक निश्चित रूप से उनकी योजनाओं में विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा शामिल है, लेकिन देखिए, यह अभी भी जारी है। तो मुझे उस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। हमारे परिप्रेक्ष्य से, मुझे लगता है कि हम इस यात्रा को आतंकवाद के वित्तपोषण, जलवायु वित्त, आईएमएफ में विभिन्न मुद्दों पर समन्वय जैसे मुद्दों को शामिल करते हुए देखते हैं, आप जानते हैं, ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें हम कवर करने की उम्मीद करते हैं। देखते हैं कि बातचीत कैसे चलती है।

इलियाना, आजमोव पर आपके प्रश्न के लिए, मैंने श्रृंजॉय को उत्तर दिया है कि हमारा दृष्टिकोण क्या है और हम संपर्क में हैं। देखिए, इसके आतंकवाद-रोधी हिस्से पर, आपने हमारे रक्षा मंत्री को उस पर टिप्पणी करते हुए सुना, मुझे लगता है, जब वह ताशकंद में थे और इस विशेष मामले में समर्थन के लिए रूस को धन्यवाद दिया था। तो यह उसी का हिस्सा है। मुझे लगता है कि उस पर हमारा घनिष्ठ सहयोग है, लेकिन उस विशेष मामले पर साझा करने के लिए मेरे पास कोई अपडेट नहीं है। ईस्टर्न इकनोमिक फोरम पर, आपने पिछले सप्ताह पूछा था, एक आधिकारिक स्तर की भागीदारी होगी। मैं आपके साथ विवरण साझा करूँगा, यह सीधे मंत्रालय से नहीं है, इसलिए मैं आपके साथ विवरण या नाम अलग से साझा करूँगा।

कविता जी आपने पूछा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री! देखिए, इसमें कोई नई तो बात है नही, हम पहले भी कह चुके है कि उसमें एक अट्मोस्फीयर होना चाहिए फ्री ऑफ़ टेरर जिसमें हम बातचीत कर पाएं। बाकी हम भी चाहते है रिलेशन नेबर्स के साथ अच्छा रहे पर पाकिस्तान के साथ आप जानते है क्या दिक्कते है और उनके तरफ से क्या स्टेप्स उनको लेना पड़ेगा या लेना चाहिए। तो मेरे पास ऐसा कोई स्पेसिफिक अपडेट नही है।

नीरज आपने शिंजो आबे जी! देखिए ये उनके फ्यूनरल की बात है, अभी तक मेरे पास ऐसी कोई अनाउंसमेन्ट नही है, बताया गया है कि 27 तारीख को इनका स्टेट फ्यूनरल होगा, प्रधानमंत्री के जाने या ना जाने वाला ये डिसीजन या अनाउंसमेन्ट अपने सही वक्त पर होता है, मेरे पास कोई अपडेट नही इस बारे में।

किसी ने भारत-जापान 2+2 के बारे में पूछा। देखिए, भारत-जापान 2+2 मंत्री स्तर का एक महत्वपूर्ण तंत्र है जो मुझे लगता है कि नवंबर 2019 में शुरू किया गया था, अगर मुझे सही से याद है यह भारत में आयोजित किया गया था। यह एक ऐसा तंत्र है जो हमें रक्षा के साथ-साथ विदेश मंत्रालय दोनों के पक्ष में समन्वय करने में मदद करता है। आप जानते हैं, अब इसकी मेजबानी करने की जापान की बारी है। यह हमें रक्षा और सुरक्षा सहयोग की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर देगा, साथ ही हमारी विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के इस सहयोग के हिस्से को और मजबूत करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श करेगा। जैसा कि मैंने कहा, जापान ने अगली बैठक की मेजबानी करने की पेशकश की है, लेकिन कोविड और अन्य कारकों के कारण, बैठक अभी तक आयोजित नहीं की जा सकी है। जैसे ही उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा हम आपके साथ विवरण साझा करेंगे।

देवीरूपा: मैं द वायर से देवीरूपा हूँ। मेरा बस एक सवाल था - दो हफ्ते हो गए हैं जब लेखक सलमान रुश्दी को संयुक्त राज्य अमेरिका में चाकू मारा गया था। क्या भारत सरकार की ओर से निंदा का कोई बयान आया है, खासकर जब कि वे भारतीय मूल के व्यक्ति हैं और हम भारतीय मूल के व्यक्तियों के खिलाफ हमलों के मुद्दों को उठाते हैं।

गौतम लाहिड़ी: मैं गौतम लाहिड़ी हूँ। मेरा प्रश्‍न यह है कि 12 वर्षों के बाद भारत और बांग्लादेश संयुक्‍त नदी आयोग की बैठक यहाँ दिल्‍ली में हो रही है और बैठक अभी-अभी समाप्त हुई है। विदेश मंत्रालय भी बैठक में भाग ले रहा है। क्या आपके पास उस बैठक पर कोई प्रतिक्रिया है और बैठक या कार्यसूची के बारे में कोई जानकारी है, यदि आप उस पर विस्तार से बता सकते हैं। शुक्रिया।

वक्ता 3: मेरा प्रश्न भी नदी के मुद्दे से संबंधित था महोदय। तो क्या इसमें केवल तीस्ता शामिल है या इसमें दोनों देशों के बीच की सभी 54 नदियाँ शामिल हैं।

कल्लोल: द हिंदू से कल्लोल । जेआरसी की बैठक में क्या इस बात की संभावना है कि कुशियारा नदी को किसी समझौते के लिए लिया जाएगा। और क्‍या इस बार गंगा जल संधि को नवीकृत करने का भी कोई प्रस्‍ताव है?

अभिषेक झा: महोदय, मैं न्यूज 18 से अभिषेक झा हूँ। मेरा सवाल पाकिस्तान में एक सिख लड़की के अपहरण और संभवत: धर्मांतरण और फिर उसकी शादी के संबंध में है। मीडिया रिपोर्ट ऐसी ही रही है। तो, भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया।

संध्या: महोदय, ईटी से संध्या । सीईपीए पर एक त्वरित प्रश्न, क्या वह भारतीय पक्ष की तरफ से उठाया जाएगा, क्या आप पुष्टि कर सकते हैं?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: किस लिए?

संध्या: बांग्लादेश के साथ।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: जिस यात्रा की घोषणा नहीं की गई है?

संध्या: हाँ।

वक्ता 4: आज बीजिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में, पीएलए के प्रवक्ता ने आगामी भारत-अमेरिका संयुक्त अभ्यास, ‘युद्ध अभ्यास’ के संदर्भ में कहा है कि चीन, चीन-भारत सीमा मुद्दे में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है। उन्होंने आगे कहा कि 1993 और 1996 में चीन और भारत द्वारा हस्ताक्षरित प्रासंगिक समझौते के आलोक में, वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में किसी भी पक्ष को दूसरे के खिलाफ सैन्य अभ्यास करने की अनुमति नहीं है। उस पर आपकी प्रतिक्रिया।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्‍ता : यह बहुत व्‍यापक आधार वाला प्रश्‍न है। देवरूपा आपने सलमान रुश्दी के बारे में पूछा था, मुझे लगता है कि विदेश मंत्री के पास इस पर टिप्पणी करने का मौका था, लेकिन मुझे देखने दीजिये, भारत हमेशा हिंसा और उग्रवाद के खिलाफ खड़ा रहा है। हम सलमान रुश्दी पर हुए इस भीषण हमले की निंदा करते हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

नदी आयोग की बैठक पर, कई प्रश्न पूछे गए हैं। असल में इसके साथ समस्या यह है ईमानदारी से कहें तो इस पर बैठकें वास्तव में चल रही हैं। आप में से बहुत से लोगों ने उस पर पूछा है, हमारी यह बैठक चल रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में, सचिव स्तर की बैठक हुई थी, और आज वास्तव में मंत्रिस्तरीय बैठक की तारीख है जो चल रही है। यह कुछ अंतराल के बाद हो रहा है और बैठक समाप्त होने के बाद हम आपके साथ अधिक विवरण साझा करेंगे, मुझे पता नहीं है कि यह पहले ही खत्म हो चुका है, हम निश्चित रूप से उस पर विस्तार से कुछ जारी करेंगे। मैं इसमें नहीं जाना चाहता कि क्या चर्चा की जाएगी, आदि, क्योंकि यह वास्तव में मेरे बजाय उस मंत्रालय के लिए है। और, कल्लोल ने कुशियारा पर, गंगा जल संधि, तीस्ता, क्या यह सभी 54 नदियाँ थीं, पर विशिष्ट प्रश्न पूछे; मुझे लगता है कि ये मेरे लिए विशेष रूप से विदेश नीति के दृष्टिकोण से उत्तर देने के लिए बहुत अधिक तकनीकी प्रश्न हैं। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, सचिव स्तर पर जल संसाधन या पानी से संबंधित मुद्दों पर सहयोग के बड़े मुद्दे पर चर्चा की गई और मुझे लगता है कि आज चर्चा की जा रही है। और जैसा कि मैंने कहा, उस बैठक के समाप्त होने के बाद अधिक जानकारी साझा की जाएगी।

बांग्लादेश के साथ सीईपीए के मुद्दे पर। देखिए, हम देखेंगे, जब और जैसे यात्रा की घोषणा की जाती है, और फिर जब मैं इस पर कुछ अपडेट प्राप्त कर लूँगा तो हम आपके साथ अधिक जानकारी साझा करने का प्रयास करेंगे।

अभिषेक, दीना के अपहरण मामले के संबंध में आपका प्रश्न, देखिए ये ऐसे मुद्दे हैं जो निश्चित रूप से हमें बहुत चिंतित करते हैं। हमने इस अपहरण के बारे में मीडिया रिपोर्टों को देखा है, उस महिला जिसका आपने उल्लेख किया है, सिख शिक्षिका, दीना कौर का फिर जबरन धर्म परिवर्तन और विवाह, मुझे लगता है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से। यह भी रिपोर्ट में बताया गया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया जिसके बाद परिवार और सिख समुदाय के अन्य सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता के इस तरह के और स्तर को देखना चौंकाने वाला है। धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति कानून प्रवर्तन एजेंसियों की उदासीनता निश्चित रूप से उसी व्यवस्था का हिस्सा है। और हम इसे पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा सामना किए जाने वाले धार्मिक उत्पीड़न के एक और उदाहरण के रूप में देखते हैं। जैसा कि आप जानते हैं, दुर्भाग्य से पाकिस्तान में हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमलों की इसी तरह की घटनाएँ हुई हैं, जिनमें मई में पेशावर में दो सिख व्यापारियों, मार्च 2022 में सुक्कुर में अपहरण का विरोध करने पर एक 18 वर्षीय हिंदू लड़की की हत्या शामिल है और फरवरी में पेशावर में एक ईसाई पादरी की नृशंस हत्या कर दी गई। हमारे दृष्टिकोण से, ये उदाहरण पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों द्वारा झेले जा रहे असुरक्षा के माहौल को प्रकट करते हैं और हम हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों सहित वहाँ अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की कड़ी निंदा करते हैं। वास्तव में भारत सरकार, पाकिस्तान सरकार के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से इस तरह के मुद्दों को उठाती रही है और हम पाकिस्तान से अपने अल्पसंख्यकों के प्रति इस भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण को समाप्त करने और अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा, देखभाल और सलामती सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आह्वान करते हैं।

सुहासिनी, आपने बीजिंग से जिस बयान के बारे में उल्लेख किया है, मैंने अभी तक पूरा बयान नहीं देखा है, और मुझे लगता है कि यह आज दिया गया है, लेकिन मुझे लगता है कि जिस बात को आपने कहा है वह वही है जो हम कहते रहे हैं, कि दोनों पक्षों को अतीत में किए गए समझौतों का पालन करना चाहिए, और जाहिर है कि ऐसा नहीं हुआ है। मैं तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के संदर्भ को नहीं समझता हूँ। भारत-अमेरिका अभ्यास कुछ बिल्कुल अलग हैं। और मुझे नहीं पता कि क्या रंग दिया गया है कि यह वहाँ टारगेट किया गया है, या यह किसी मौजूदा समझौते का उल्लंघन कर रहा है। मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि मैं इसकी पुष्टि कर सकूँ या इससे सहमत हो सकूँ । तो मोटे तौर पर मेरे पास यही था।

सृंजॉय: एक यह है कि हसीना की यात्रा की पूर्व संध्या पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारत से अपना अगला चुनाव कराने के लिए मदद माँगी है। एक यह है। दूसरा, हाल ही में यूएनएससी के मतदान में ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ने रूस के खिलाफ मतदान किया है। तो क्या आप इसे समझा सकते हैं।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: टिप्पणियों के मुद्दे पर देखिए, मैंने मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं, मुझे अनुमान है कि आप इसके बारे में बात कर रहे हैं। मैं समझता हूँ कि वास्तव में उन रिपोर्टों की ही सटीकता के बारे में बहस चल रही है, और स्वयं बांग्लादेशी प्राधिकारियों द्वारा इस मामले को भी स्पष्ट किया गया है या स्पष्ट किया जा रहा है। इसलिए मुझे इस पर और कुछ नहीं कहना है। जहाँ तक, यूक्रेन के राष्ट्रपति को भाग लेने की अनुमति देने के लिए सुरक्षा परिषद के वोट से आपका तात्पर्य है, मुझे लगता है कि यह कल एक बहस में वर्चुअल स्वरुप द्वारा था। मेरी समझ यह है कि हमने किसी के खिलाफ वोट नहीं किया है। यह उन्हें वोट देने, वर्चुअल रूप में बोलने की अनुमति देने का प्रस्ताव था और हमने इसका समर्थन किया। मुझे लगता है कि यह तीसरा अवसर था जब उन्होंने वर्चुअल रूप से बात की। अतीत में दो मौके ऐसे आए हैं जहाँ उन्होंने वर्चुअल रूप में बात की और हमने उसका समर्थन किया। इसलिए हमारे द्वारा किसी भी तरह रूस के खिलाफ मतदान करने का कोई सवाल ही नहीं है।

वक्ता 5: महोदय, एक आतंकवादी को कश्मीर में एजेंसियों ने पकड़ा, जिसने कहा है कि किसी पाकिस्तानी कर्नल ने (अश्रव्य) दिया है

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: मैंने वह रिपोर्ट देखी। मुझे खेद है कि यह विदेश नीति का क्षेत्र नहीं है। मुझे ऐसा नहीं लगता। हमने वह रिपोर्ट देखी है। पाकिस्तान किस तरह से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है और उस पर अंकुश लगाने के लिए क्या करने की जरूरत है, इस पर हमारे विचार सर्वविदित हैं।

वक्ता 6: क्या पाकिस्तान ने मानेसर में एससीओ आतंकवाद-रोधी अभ्यास के लिए अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है?

इलियाना: रूस के साथ संबंधों पर मेरा एक और सवाल है। यह काफी व्यापक प्रश्न है, लेकिन यह मेरी कहानी के लिए अच्छा होगा।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: यह मेरी वार्ता का उद्देश्य नहीं था, लेकिन कृपया पूछें।

इलियाना: तो, इस साल रूस और भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। तो भारतीय और रूसी संबंधों की वर्तमान स्थिति के बारे में भारत का आकलन क्या है और सबसे दिलचस्प, इसकी दीर्घकालिक और अल्पकालिक रणनीति क्या है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्‍ता : इस प्रश्‍न का उत्‍तर पहले देकर मुझे खुशी हो रही है। मुझे लगता है कि यह साप्ताहिक वार्ता के दायरे से बाहर है। 75 वीं वर्षगाँठ, निश्चित रूप से, एक विशेष वर्षगाँठ के रूप में इसके आसपास गतिविधियाँ होंगी, लेकिन मुझे खेद है, मैं उस तरह के आकलन के अकादमिक मानसिक स्वरुप में नहीं हूँ। एससीओ अभ्यास पर मुझे लगता है कि आपने प्रश्न किया, देखिए, मेरी समझ यह है कि 13 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम के समापन समारोह के लिए पाकिस्तान केवल एक पर्यवेक्षक है। ठीक। तो बस इतना ही। आज शाम हमारे साथ जुड़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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