मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की प्रतिलिपि

अक्तूबर 14, 2021

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: आप सभी को शुभ संध्या। त्योहारों का मौसम चल रहा है, लेकिन फिर भी, हम यहां पर काम कर रहे है, आप सभी को यहाँ इस साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में देखकर अच्छा लगा। फिलहाल हमारे पास कोई बड़ी घोषणाएं नहीं हैं, मैं कुछ भूल रहा हूं? तो मैं इस बार प्रश्नों के साथ शुरू करूंगा, ठीक है, मैं शुरू करता हूँ। सिद्धांत से पहला प्रश्न है, और फिर हम विषयों को देखेंगे और फिर हम आगे बढ़ेंगे।

वक्ता 1: सर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक नए अध्ययन की घोषणा की है जब यह वायरस जिसका पहला मामला वुहान से था की उत्पत्ति की बात आती है। चीनी, ज़ाहिर है, इसके साथ बहुत खुश नहीं हैं । भारत की क्या स्थिति है? आप विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस घोषणा को कैसे देखते हैं?

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, मुझे लगता है, हमने इस पर कुछ मीडिया रिपोर्ट देखा, इस पर घोषणा हुआ है, सत्य यह है की वास्तव में इस पूरी जानकारी नहीं है, मैं समझता हूं कि इसे एक ब्रीफिंग में दिया गया था बजाय इसके बारे में एक औपचारिक विवरण। मैं केवल यह दोहराना चाहता हूं कि हमने अब तक जो कुछ कहा है वह यह है कि इस मुद्दे के मूल मे जाने के लिए आगे के अध्ययनों और आंकड़ों में हमारी रुचि है और इससे सभी संबंधितों द्वारा समझ और सहयोग की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि हमें इस बात को यहीं रखना चाहिए क्योंकि हम भी क्या वास्तव में घोषणा की गई है इस पर अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेंगे। क्षमा करें, मैं कुछ और प्रश्नो को देख रहा हूँ , अगला श्रींजॉय। और फिर मैं आपके पास आऊंगा।

वक्ता 2: महोदय, बांग्लादेश से दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला किए जाने के बारे में कुछ परेशान करने वाली खबरें आई हैं, न केवल एक या दो, बल्कि बड़ी संख्या में और उनमें से कुछ को नष्ट कर दिया गया है। स्वाभाविक रूप से, यह बड़े दुख की बात है। क्या यह दुख भारत सरकार में परिलक्षित होता है? क्या हमने ढाका को इस मुद्दे पर संबोधित किया है, इस पर आप क्या कुछ और जानकारी दे सकते हैं।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: हमने कुछ ऐसा देखा है जैसा कि आपने कहा है कि बांग्लादेश में धार्मिक समारोहों पर हमलों से जुड़ी अप्रिय घटनाओं जैसी परेशान करने वाली खबरें हैं। हम ध्यान दें कि बांग्लादेश सरकार ने कानून और कानून प्रवर्तन तंत्र की तैनाती सहित स्थिति पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हम यह भी समझते हैं कि दुर्गा पूजा का चल रहा उत्सव समारोह, जिसे आपने बांग्लादेश सरकार की एजेंसियों के समर्थन से बांग्लादेश में जारी रखने की ओर कहा था, और निसंदेह जनता का अधिकांश हिस्सा इसमे भाग लेती है। ढाका में उच्चायोग के साथ-साथ बांग्लादेश में हमारे वाणिज्य दूतावास स्पष्ट रूप से ढाका और स्थानीय स्तर पर प्राधिकारियों के साथ बहुत निकट संपर्क में हैं। तो भी के लिए इसे यही पर छोरते है।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: ""जी देखिये अभी मैंने जैसा कहा Bangladesh में जो कुछ incidents आए है हमारे नजर में ये जो Attacks हुए है। religious centres पे, दुर्गापूजा मंच पे।हमें ज्ञात है। इसका हम Bangladesh government के साथ हमारी contact बनाए हुए हैं।हमने देखा है कि Bangladesh की सरकार ने इस पे तुरन्त कार्यवाही की है। पुलिसऔरबाकी के जो security measures है उन्होंने लिए हैऔर Durga Puja Celebration चल रहे हैं Bangladesh में सरकार का Support रहा है। उसमे और बांगलादेशी Public का भी बहुत Support रहा है उसमें। हमारे High Commission, हमारे consul आवास Bangladesh में पूरे Bangladeshi सरकार और बाकी authorities के साथ close contact में हैं। सम्पर्क बनाए रखिये और सिर्फ ढाका में ही नहीं local level पे भी।बाकी उसके बारे मै details, तो येतो, ये तोफिर investigation या उनकी authorities पर में अभी छोड़ दूंगा, इतना मैं कह सकता हूं।

वक्ता 3: Sir मेरा सवाल भारत औरचीन के बीच जारी जोतना व है LAC पर उसको लेकर है।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: कृप्या आगे बढ़ते हैं।

वक्ता 4: " "जी 13वीं round की जो Core Commander level की बातचीत थी वो बातचीत बिल्कुल ही पिछले तमाम round से इतर हमदेखें कि बेपटरी हो गईऔरजिस तरह के statement दोनों ही देशों की तरफ से जारी किए गए, वो बतलाते हैं कि तनावऔरबढ़ रहे हैंऔरखास तौरपे disengagement को लेकर जो mutual understanding है उससे China पीछे हट रहा हैाआखिरक्या वजह इसकी रही क्योंकि ये वजह पता नहीं चलपा रहा हैअगर statement को देखें तो।और दूसरा कल जो statement जारी किया गया हैअरुणाचल में उपराष्ट्रपति के दौरे के दौरान, जिस तरह से चीन ने उस पर objection create किया।क्या इसे एक routine objection माना जाए या इसके पीछे भी कुछ कारण समझा जा सकता है।"

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: चीन पर कोई और? भूटान, चीन पर फिर आऊँगा। यह भारत चीन नहीं है । कोई भी भारत चीन? " हमने इस पर काफी detail सा press release तो नहीं।हमारे कमेंट मीडिया में भी दे रखा है।”

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 13वीं दौर की बैठक 10 अक्टूबर को चुशूल-मोल्दो सीमा बैठक स्थल परआयोजित की गई थी।हमने बैठक के बारे में एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्तिजारी की है।जैसा कि हमने बार-बार कहा है, एल एसी पर हालात द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए चीनी पक्ष द्वारा यथा स्थिति को बदलने के एक तरफा प्रयासों के कारण हुए थे। हमने शेष क्षेत्रों के समाधान के लिए रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और अपनी ओर कोई प्रस्ताव भी प्रस्तुत नहीं कर सका। दोनों पक्ष संवाद जारी रखने और जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष, द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए, पूर्वी लद्दाख में एल एसी के साथ शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगा। यह दोनों विदेश मंत्रियों द्वारा दुशांबे में अपनी हालिया बैठक में सुझाए गए मार्ग दर्शन केअनुरूप भी होगा, जहां वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों पक्षों को शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करना चाहिए।हम यह भी कहते रहेहैं कि शेष क्षेत्रों का समाधान और अमन और शांति की बहाली से हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सुगम बनाया जा सकेगा।अरुणाचलप्रदेश पर चीनी टिप्पणियां हमने इस तरह की टिप्पणियों को खारिज करते हुए कल इस पर एक मीडिया बयान जारी किया था।अरुणाचल प्रदेश भारत का एकअभिन्न औरअविभाज्य हिस्सा है।यह कई मौकों पर चीनी पक्ष को स्पष्ट रूप सेअवगत कराया गया है।भारतीय नेता नियमित रूप से अरुणाचल प्रदेश राज्य की यात्रा करते हैं जैसे वे भारत के किसी अन्य राज्य में करते हैं।भारतीय नेताओं के भारत के किसी राज्य के दौरे पर आपत्तिजताना भारतीय लोगों के लिए तर्क और समझ से हटकर है।"

धन्यवाद। ठीक। कृप्या आप। आप बहुत देर से इंतजार कर रहे थे।

अब तो routine है, किआपने objection कहा, देखिए हम तो काफी seriously लेते हैं।हमारे राज्य मै उपराष्ट्रपति जाएं, कोई इस पे टिप्पणी करें, आपत्ती जताए ये हमारे लिए ठीक नहीं, इसलिए हमने इसको seriously लेते हुए इसमें ये विज्ञप्तिनि काली थी कल।

वक्ता 5: मै Brahm prakash हूँ ZEE NEWS से, मेरा सवाल है Aryan Drug Case में कल कोर्ट को बताया Agency ने कि उन्होंने, जो chat है, उसमें विदेशी नागरिकों से, तो उसके लिए विदेश मंत्रायल कोapproach किया है कि कैसे उन विदेशियों तक पहुँच सकते है।तो उसको लेकर क्या कोई जानकारी उपलब्ध करा सकते है?

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: मेरे को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।मैंने Court के बारे मैं वो document भी नहीं देखा।हो सकता है media report काफी आचुकी हैं। मेरे पास ऐसी कोई खबर नहीं है। मै check करके देखूंगा। वो कर रहे है Court में मुझे check करना पड़ेगा। आगे बढ़ें।

वक्ता 6: आपने भूटानी विदेश मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी उसे देखा होगा, जिसमें मूल रूप से यह घोषणा की गई है कि भूटान और चीन के बीच आज एक वर्चुअल सम्मेलन में उनके सीमा मुद्दों के समाधान के लिए तीन स्टेप रोडमैप पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसलिए मेरे प्रश्न दो हैं। एक, क्या भूटानी सरकार ने भारत को इस घटना के बारे में सूचित किया है, विदेश मंत्रालय एक ऐसे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करता है जो सीमा पर वास्तविक समझौते की दिशा में एक कदम है। दूसरा प्रश्न निश्चित रूप से यह है कि डोकलाम उन सीमाओं में से एक है, जिन पर दोनों के बीच चर्चा हो रही है। और क्या भारत विशेष रूप से चिंतित है कि डोकलाम एक समाधान पैकेज का हिस्सा हो सकता है जो किसी तरह से चीन के नियंत्रण में दिया जाएगा?

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, मैं इस पर बहुत ही विशिष्ट टिप्पणी करूंगा। आप मेरे विचार से बात कर रहे हैं कि उस समझौता ज्ञापन की तरफ जिसे प्रेस विज्ञप्ति में जारी किया गया था। मैंने उसे यहाँ आने से थोरी देर पहले देखा है। । हमने आज भूटान और चीन के बीच समझौता ज्ञापन पर किए गए हस्ताक्षर को अंकित किया है। आप जानते हैं कि भूटान और चीन 1984 से सीमा पर बातचीत कर रहे हैं। भारत इसी तरह चीन के साथ सीमा वार्ता करता रहा है। मैं इस समय के लिए बस इसी टिप्पणी तक सीमित रखता हूँ। जैसा कि मैंने कहा, हमने उस घटना पर ध्यान दिया है, हमें इसकी जानकारी है। और हम भी जानते है के रूप में आप कर रहे है कि वे सीमा वार्ता आयोजित किया गया है । इसके इस पर भी नजर रखें हैं की वे सीमा वार्ता कर रहें हैं। अगला, कोई प्रश्न। हाँ, आप जल्दी दिखे। क्षमा करें, आपका प्रश्न मै नहीं ले पाया।

वक्ता 7: भारत और चीन के बीच 13वें दौर की वार्ता में यह गतिरोध प्रतीत होता है। तो क्या इसके बाद राजनयिक स्तर की कोई शुरुआत होगी?

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, मैंने इस पर इसी तरह का प्रश्न सुना है। हमने जो कुछ कहा है, उससे परे मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। जैसा कि मैंने कुछ देर पहले हिंदी में उल्लेख किया था, हमने इस दौर के दौरान रचनात्मक सुझाव प्रस्तुत किए थे लेकिन चीन की ओर से सहमति नहीं बनी। जैसा कि आप जानते हैं कि हमने अतीत में विभिन्न क्षेत्रों से डिसइंगेजमेंट के मामले में कुछ प्रगति की है। हमने दुशांबे में पहले दोनों विदेश मंत्रियों के बीच एक बैठक की है, जहां वे इस बात पर सहमत थे कि शेष क्षेत्रों का समाधान किया जाना चाहिए। मैं यह कहने के अलावा किसी विशेष तरीके की विशेषता नहीं बताना चाहूंगा कि दोनों पक्ष संचार बनाए रखने और जमीन पर स्थिरता बनाए रखने के लिए सहमत हो गए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष सभी मुद्दों को जल्द हल करने की दिशा में काम किया जाएगा। और जाहिर है, जैसा कि मंत्री जी की बात के दौरान चर्चा की गई थी, द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉलों का पूरी तरह से पालन करते हुए और मुझे फिर से दोहराने दीजिए, शेष क्षेत्रों का समाधान और शांति और सौहार्द बहाल करने से हमारे समग्र द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम होगी और हम इस पर चीन के साथ लगातार जुड़ने के लिए तत्पर हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद, अगले प्रश्न पर जाने से पहले अब कोई प्रश्न नहीं, क्षमा करें, आपका कोई प्रश्न है, आपने अपना पहला प्रश्न पूछ लिया है, अगर कोई प्रश्न न हो तो अगले विषय पर चलें। ठीक हैं। उन्हे पहले बोलने दें।

वक्ता 8: मेरा सवाल Sri Lanka को लेकर है। Sri Lanka में हम लगातार देख रहे हैं कि चीन जो हैं वो अपने strategic alliance को बढ़ा रहा है।वहां पर Economic Partnership को बढ़ा रहा है। हाल के दिनों में विदेश सचिव की यात्रा हुई। अभी Army Chief भी वहां की यात्रा पर हैं। भारत किस तरह से अपनी engagement को बढ़ा के अपने पड़ोसी को अपने करीब लाने की कोशिश कर रहाहै? उसके बारे में।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: ये तो Question नहीं हुआ, ये तो आप काफी Open Discussion आप शुरू करना चाहते हैं। देखिए Foreign Secretary की यात्रा रही। बहुत Successful रही।हमने पिछले बार पिछले हफ्ते या उसके पहले भी हमने Detail में विस्तार से आपको बताया कि क्या-क्या हुआ वो Sri Lanka में गए थे। Colombo में तो गए ही थे। वो Candy में गए, वहां पे tooth temple है, वहां पे उन्होंने लोगों से मुलाकात की। वो trincomalee गए।जहां पे वहां वो Oil tank farm है, जहांपे उन्होंने दौरा किया।तोउसमें काफी हम लोग invest कर रहे है, उसको और बढ़ाने के लिए। फिर Jaffna में गए। वहां पे काफी मुलाकातें हुई। उनको मुलाकातें सरकार के Ledership से, civil ledership से हुई और tamil लोगों के Leadership से भी हुई। और इसके अलावा बातचीत रही economic engagement और बड़े बड़े projects जो हमारे दोनों देशों के फायदे का रहेगा।

मुझे लगता है कि हमने इस पर विस्तार से बात की है और मेरे पास इस मुद्दे पर कहने के लिए और कोई बात नहीं है।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: मुझे लगता है दुसरे दौर के प्रश्न मे बहुत ज्यादा हो गया। आपने जो अभी पूछा। हाँ, आप।बताएं?

अध्यक्ष 9: (अश्राव्य)

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: हां, मुझे लगता है कि यह प्रश्न सामने आया था। मुझे लगता है कि हमें पहले इस प्रश्न का उत्तर देना चाहिए था। मुझे लगता है कि पिछले हफ्ते किसी ने मुझसे यह सवाल पूछा था। देखिए, हमें 20 अक्टूबर को अफगानिस्तान पर मॉस्को फॉर्मेट की बैठक का निमंत्रण मिला है। हम इसमें भाग लेंगे। मेरे पास अंतिम पुष्टि नहीं है जो इसमें भाग लेंगे लेकिन यह संभावना है कि हम इसे संयुक्त सचिव स्तर पर रखेंगे। हाँ, कृप्या बोलें।

वक्ता 10: ...(अश्राव्य) विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों के दर्द को महसूस करता है। मेरा प्रश्न इस बिंदु पर भारत से है, 15 अगस्त से अफगानिस्तान को किसी भी प्रकार के भोजन या मौद्रिक सहायता की योजना बना रहा है, भारत ने कोई भेजा है।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है, मुझे एक काम करने दीजिए। मैं प्रश्नों का एक दौर लूंगा। यह आखिरी होगा । प्रणय कृपया कहें।

वक्ता 11: "Afghanistan के तरफ से Covid Vaccines के लिए क्या पहले कोई orders दिये गए थे और उन orders का status क्या है? और Vaccine Maitri जब India ने वापस Resume किया है तो Afghanistan को क्या Covid Vaccines दिए जाएंगे?

वक्ता 12: "अभी दूबारा जब भारत ने Vaccine देनी शुरू की है तो कितने देशों ने Request किया है भारत से Vaccine लेने के लिए? क्या इसका detail है और कितने देशों को अभी भेजा जा चुका है?”

धन्यववाद। श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: औरकोईबाकीरहा।एक Cast Question बताएं।हाँ, कृप्या बताएं।

वक्ता 13: "Sir, पिछले दिनों एक पाकिस्तानी Terrorist पकड़ा गया था जिंदा, उसने इस बात का भी सबूत दिया कि वो कहां से आया था, बकायदा Press Conference भी हुई थी उस पर। उसके बाद लगातार targeted killing बढ़ रही है जम्मू - कश्मीर में तो अब जब evidence भी है, सब चीजें पाकिस्तान evidence मांगता है।तो क्या विदेश मंत्रालय के स्तर पर कोई इस तरीके की चीजें आगे बढ़ी है कि continue जो है वो terrorism को बढ़ा रहा है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: ठीक है, अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता पर प्रश्न आ रहा है। देखिए, मैं यह कहते हुए शुरू करता हूं कि आप सभी जानते हैं कि अफगानिस्तान के प्रति भारत की नीति अफगान लोगों के साथ हमारी मित्रता से निर्देशित है। मुझे लगता है कि हमने इस अवसर पर यह कहा है और इसे दोहराने लायक है। हमने अतीत में बुनियादी ढांचे के साथ-साथ मानवीय आदि दोनों के लिए सहायता प्रदान की है। मानवीय सहायता के मुद्दे पर विशेष रूप से। आपको याद होगा संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस विषय पर एक बैठक बुलाई थी, मेरे विचार से 13 सितंबर को विदेश मंत्री ने भाग लिया था, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व किया था। मुझे लगता है कि यदि आप देखें और हमने उनके हस्तक्षेप को सार्वजनिक किया, तो मानवीय सहायता के मुद्दे पर हमारा दृष्टिकोण उनके हस्तक्षेप में विदेश मंत्री द्वारा बहुत स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया था। इसमें अफगान लोगों के साथ खड़े रहने की भारत की इच्छा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सर्वोत्तम संभव सक्षम वातावरण बनाने की आवश्यकता, मानवीय सहायता प्रदाताओं तक निर्बाध, अप्रतिबंधित और सीधी पहुंच और भेदभाव रहित वितरण और कुछ अन्य तत्व शामिल हैं जो मुझे लगता है कि यह वहां है। मुझे लगता है कि फिलहाल के लिए बस इतना ही आगे इसमे कोई भी अपडेट होगी तो मै आपसे जरूर साझा करूंगा। टीके के निर्यात के बारे में, "कुछ लोगों ने पूछा उस मे। देखिये आपने पूछा था, आपने भी पूछा था। दोनों को कम्बाइन कर के बताता हूँ उसमे।

यू एन जनरल एसम्ब्ली में भी हाल ही में प्रधान मंत्री जी गए दे। वहाँ पे उन्होने हमारे ये डिसिशन की हम वैक्सीन सप्लाइ फिर से शुरू करेंगे, इस का उन्होने बताया था उस दिन। उस के फलस्वरूप हमने फिर अभी तक नेबरहूड़ से शुरू करने का डिसिशन लिया। तो पहले नेबरहूड़ में जाएंगे। और मुझे जितना दूर मालूम है की नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और ईरान में हमने वैक्सीन इंडिया से जा चुका है। और ये सिचुएशन हम लगातार इसका आप जानते हैं, मॉनिटर कर रहें हैं, रिवियू कर रहें हैं। और हमारे जो डोमेस्टिक प्रॉडक्शन है और हमारे जो जरूरतें हैं, हमारे अपने वैक्सीन प्रोग्राम को, इनको मद्दे नजर रखते हुए, हम बाकी जो फ़र्दर सप्लाइ की बात होगी, वो हम उसपे डिसाइड करेंगे। और टेर्रोरिजम आपने कुछ पूछा, देखिए ये जाँच एजेन्सीस और ये जो करते है इसके बारे में कुछ कहना नहीं चाहूँगा। जब उपयुक्त समय अपर जो करना होगा हमें, हम पहले भी कह चूकें हैं की टेर्रोरिज़्म, क्रॉस-बार्डर टेर्रोरिजम जिसके दिक्कत हमें आती है, सफ़र कर रहें उसके बारे में हर जगह इस को तरह तरह से लोगों को बताया है। पाकिस्तान सरकार को बताया है पर इस पर्टिकुलर इशू पे मालूम नहीं क्या हुआ अभी, हाल ही की बात है। जब जरूरत पड़ेगा हम करेंगे जो भी कार्यवाई होगी। धन्यवाद, आपका कोई प्रश्न। हमारे पास यही जानकारी थी। अभी मेरे पास यही खबर है की अभी हम नेबरहूड़ से शुरू कर रहें हैं। काफी देशों ने काफी कुछ, तरह से रखा हुआ था, पहले भी आपको याद होगा। काफी ने रिक्वेस्ट कर रखा था। कुछ ने ऑर्डर प्लेस कर रखा था। पर हमारा जो डिसिशन तब लिया गया था, वैक्सीन मैत्री, के तहत, काफी देशों में, पर हमने कहा था नहीं, हमारे डोमेस्टिक प्रॉडक्शन की जरूरत ज्यादा है, डोमेस्टिक रिक्वाइरमेंट, तो वो भी चल रहा है, उसमें फोकस है। पर जैसे प्रधानमंत्री जी ने कहा था न्यूयॉर्क में, अभी शुरू किया है। ये चार देशों के नाम मैंने लिए थे इन देशों में। मुझे जितना दूर मालूम है वैक्सीन अभी हाल ही में गए हैं।

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: बस आज के लिए इतना ही। आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। इस सप्ताह मीडिया ब्रीफिंग में शामिल होने के लिए धन्यवाद। शुभ संध्या।

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