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यूके के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा पर संयुक्त वक्तव्य: राष्ट्रीय तन्यकता के माध्यम से साझा सुरक्षा और समृद्धि की ओर

अप्रैल 22, 2022

1. भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री, माननीय बोरिस जॉनसन 21-22 अप्रैल 2022 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहे। यह यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री के रूप में उनकी पहली भारत यात्रा है, जो मई 2021 में प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुए वर्चुअल शिखर सम्मेलन के बाद हुई है, जहां दोनों नेताओं ने भारत-यूके संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए सहमति जताई थी, जो लोकतंत्र, मौलिक स्वतंत्रता, बहुपक्षवाद और एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक साझा प्रतिबद्धता के आधार पर गठित हो। यह यात्रा एक महत्वपूर्ण समय पर भी हो रही है क्योंकि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों के 75 वर्ष मना रहे हैं और भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।

2. प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री जॉनसन के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की, जहां उन्होंने वर्चुअल शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों की गहनता और द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों में सहयोग की सकारात्मक गति का स्वागत किया। जैसे-जैसे दुनिया कोविड-19 महामारी से उबर रही है, दोनों नेताओं ने सतत आर्थिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करने और बाहरी व्यवधानों को कम करने के लिए राष्ट्रीय लचीलापन और विश्वसनीय साझेदारी बनाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता को दोहराया।

3. दोनों प्रधानमंत्रियों ने वर्चुअल समिट में लॉन्च किए गए भारत-यूके भविष्य के संबंधों के लिए महत्वाकांक्षी रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर तथा यूके की विदेश सचिव सुश्री एलिजाबेथ ट्रस द्वारा इसकी नियमित समीक्षा किए जाने की सराहना की। उन्होंने अपनी टीमों को समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए रोडमैप के प्रत्येक स्तंभ में उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं की पहचान करने के निर्देश दिए। दोनों नेताओं ने अपने लोगों और ग्रह की साझा सुरक्षा और समृद्धि के लिए विजन 2047 की ओर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा भी व्यक्त की।

व्यापार एवं समृद्धि

4. दोनों नेताओं ने भारत और यूके की अर्थव्यवस्थाओं द्वारा दिखाए गए मजबूत लचीलेपन और द्विपक्षीय व्यापार में सकारात्मक वृद्धि का स्वागत किया जो 2030 तक व्यापार में दोगुना वृद्धि की संभावना दिखा रहा है, जैसा कि रोडमैप 2030 में परिकल्पित है। उन्होंने वर्धित व्यापार साझेदारी (ईटीपी) के तहत हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और बाजार तक पहुंच के सभी लंबित मुद्दों का जल्द से जल्द संतुलित समाधान करने का आह्वान किया। वे नर्सिंग स्टाफ के लिए योग्यता की पारस्परिक मान्यता और एक रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए तत्पर रहे और सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था तथा कानूनी सेवाओं से संबंधित उत्कृष्ट क्षेत्रों पर सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए।

5. दोनों नेताओं ने जनवरी 2022 में नई दिल्ली में मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता शुरू किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस दिशा में पहले ही अच्छी प्रगति हो चुकी है, और एफटीए का समझौता व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों की पूरी क्षमता को अनलॉक करेगा तथा नौकरियों, निवेश और निर्यात को बढ़ावा देगा। उन्होंने एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते पर अधिकांश वार्ता को अक्टूबर 2022 के अंत तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा।

6. उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते निवेश प्रवाह को स्वीकार किया, और 11वीं आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता (ईएफडी) में हुई प्रगति का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने कोविड-19 में सुधार, जलवायु वित्त, सेवा व्यापार और बहुपक्षीय जुड़ाव पर निकटता से सहयोग करने की प्रतिबद्धताओं को दोहराया। उन्होंने ईएफडी के माध्यम से और सहयोग की आशा जताते हुए इसके लिए वित्तीय सेवाओं, बैंकिंग, बीमा, फिनटेक, हरित बांड, सतत वित्त और पूंजी बाजार क्षेत्रों में सहयोग को गहन करने तथा नियामकों और हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की बात की। उन्होंने विशेष रूप से गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी, भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) और यूके के वित्तीय सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के बीच सफल भारत-यूके सहयोग पर प्रकाश डाला और दोनों देशों के वित्तीय बाजारों के बीच अधिक से अधिक संबंध विकसित करने पर सहमत हुए। उन्होंने हाल ही में कराधान मुद्दों के सफल समाधान को दोनों पक्षों में निवेशकों के विश्वास को और मजबूत करने के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में स्वीकार किया।

7. प्रधानमंत्री मोदी ने 2022- 2026 की अवधि में भारत में जलवायु संबंधी परियोजनाओं में यूके के विकास वित्त संस्थान ब्रिटिश अंतर्राष्ट्रीय निवेश (बीआईआई) (पहले सीडीसी समूह) के माध्यम से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सार्वजनिक वित्त के लिए यूके की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। उन्होंने भारत में हरित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त 425 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाने के लिए गठित भारत-यूके ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड की सफलता पर संतोष व्यक्त किया, जिसे भारत के राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) और यूके के विदेशी राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) द्वारा संचालित किया जा रहा था। साथ ही वे भारत-यूके विकास पूंजी निवेश भागीदारी के तहत दस साल के सफल सहयोग निर्माण के लिए सहमत हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने हरित बुनियादी ढांचे को विकसित करने में भारत का समर्थन करने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के विश्व बैंक के ऋण के लिए यूके की गारंटी का स्वागत किया।

8. दोनों नेताओं ने त्रिपक्षीय विकास सहयोग के क्षेत्र में भारत-यूके ग्लोबल इनोवेशन पार्टनरशिप (जीआईपी) की कार्यान्वयन व्यवस्था को अंतिम रूप देने का भी स्वागत किया, जिसमें भारत और यूके भारत से एशिया, अफ्रीका और इंडो-पैसिफिक के तीसरे देशों में जलवायु-स्मार्ट समावेशी नवाचारों का स्थानांतरण करने और पैमाना तय करने तथा सतत विकास लक्ष्यों के वितरण में तेजी लाने के लिए 14 वर्षों में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का सह-वित्तपोषण करेंगे।

9. दोनों नेताओं ने भारत-यूके असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा की पुन:पुष्टि की, और परमाणु ऊर्जा अध्ययन, रेडियोधर्मी अनुप्रयोगों व परमाणु सुरक्षा पर संयुक्त रूप से अनुसंधान एवं प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप (जीसीएनईपी) के साथ यूके के नए सिरे से सहयोग का स्वागत किया। उन्होंने भारत-यूके परमाणु सहयोग समझौते को नवीनीकृत करने तथा उसे और मजबूत बनाने के लिए वार्ता के शीघ्र पूरा होने को लेकर तत्परता दिखाई। उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण और अप्रसार को आगे बढ़ाने में दोनों देशों की साझा रुचि भी व्यक्त की। उन्होंने बाहरी अंतरिक्ष के क्षेत्र में अंतरिक्ष व्यापार, वाणिज्य और अंतर्राष्ट्रीय पहल सहित द्विपक्षीय नागरिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए 2021 में अंतरिक्ष परामर्श और संयुक्त राष्ट्र में आयोजित उत्पादक चर्चाओं पर ध्यानाकृष्ट किया।

10. वे बहुपक्षीय प्रणाली में विश्वास और भरोसे को बहाल करने सहित अपने साझा लक्ष्यों पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने भारत-यूके बहुपक्षीय व्यापार वार्ता और अन्य तंत्रों के माध्यम से, जैसा उपयुक्त हो, निरंतर जुड़ाव के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों देशों ने सफल 12वें विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को लेकर आशा व्यक्त की और विश्व व्यापार संगठन के मूल सिद्धांतों, मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार तथा विश्व व्यापार संगठन के सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

रक्षा और सुरक्षा

11. प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री जॉनसन ने भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बदलने तथा एक स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के समर्थन में जुड़ाव बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने 2030 रोडमैप में अपनी प्रतिबद्धताओं पर हुई प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने अक्टूबर 2021 में यूके के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) की भारत की सफल यात्रा तथा यूके और भारतीय सेनाओं के बीच पहला त्रि-सेवा अभ्यास, भारत के सूचना संलयन केंद्र में यूके के संपर्क अधिकारी को शामिल करने और पहले वार्षिक भारत-यूके समुद्री संवाद को याद करते हुए उनका स्वागत किया।

12. वे भारत-यूके रक्षा एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा साझेदारी ढांचे के तहत विरासत के मुद्दों को जल्दी से जल्दी से हल करने और विश्वसनीय भागीदारों के रूप में सहयोग को गहन बनाने पर सहमत हुए। उन्होंने संयुक्त अनुसंधान, सह-डिजाइन, सह-विकास और रक्षा प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन- विशेष रूप से प्रमुख और उभरती सैन्य प्रौद्योगिकियों- के माध्यम से उन्नत सुरक्षा क्षमताओं को प्रदान करने में मदद करने के लिए यूके की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के बीच व्यवस्था पत्र को अंतिम रूप देने का स्वागत किया। इस संबंध में उन्होंने समुद्री विद्युत प्रणोदन प्रणालियों में सैन्य और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ भारत-यूके इलेक्ट्रिक प्रणोदन क्षमता भागीदारी पर एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का स्वागत किया।

13. दोनों नेताओं ने मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत सह-विकास, स्वदेशीकरण, तकनीकी के हस्तांतरण के माध्यम से रक्षा उपकरणों, प्रणालियों, स्पेयर पार्ट्स, घटकों, समुच्चय और अन्य संबंधित उत्पादों तथा प्रमुख क्षमताओं के निर्माण के लिए मजबूत रक्षा औद्योगिक सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने भारत और अन्य देशों के सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए संयुक्त उद्यमों की स्थापना पर भी ध्यान दिया। उन्होंने आधुनिक लड़ाकू विमान और जेट इंजन उन्नत कोर प्रौद्योगिकी सहित रणनीतिक सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग का उल्लेख किया। दोनों पक्ष द्विपक्षीय रूप से और प्रमुख भागीदार देशों के साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए ताकि भारतीय उद्योग के लिए प्रौद्योगिकी के उच्चतम स्तर तक पहुंच की सुविधा प्रदान की जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के साथ प्रौद्योगिकी जुड़ाव की सुविधा के लिए 'ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस' की यूके की घोषणा और यूके के विमानन एवं नौसैनिक जहाज निर्माण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भारत को खुला अवसर प्रदान करने का स्वागत किया।

14. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि रसद और प्रशिक्षण समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप देने से समझ और विश्वास गहरा होगा तथा दोनों देशों के बीच सहयोग और सहभागिता को और सक्षम बनाया जा सकेगा। वे समुद्री क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने के लिए सहमत हुए और डार्क और ग्रे शिपिंग पर समुद्री सूचना विनिमय व्यवस्था को जल्द से जल्द पूरा करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और साइबर सहित रक्षा के महत्वपूर्ण और उभरते हुए क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाने का भी आह्वान किया।

15. दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस वर्ष रक्षा मंत्री स्तर की वार्ता के आयोजन को लेकर उत्सुकता दिखाई, जो सभी आवश्यक रूपरेखा समझौतों के मौजूद होने को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

16. दोनों नेताओं ने एक मुक्त, खुले, शांतिपूर्ण और सुरक्षित साइबरस्पेस के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे सहित साझा साइबर खतरों से निपटने के लिए वर्धित भारत-यूके साइबर सुरक्षा साझेदारी के तहत प्रगति का स्वागत किया। उन्‍होंने एक संयुक्‍त साइबर वक्‍तव्‍य में सम्पूर्ण साइबर प्रशासन में सहयोग को गहरा करने, निवारण और साइबर लचीलेपन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

17. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों- और उन सभी के लिए जो आतंकवाद को प्रोत्साहित करते हैं, समर्थन करते हैं और वित्तपोषण करते हैं या आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों को आश्रय प्रदान करते हैं- चाहे उनकी प्रेरणा कुछ भी हो, के लिए जीरो टॉलरेंस की बात की। उन्होंने सभी देशों से आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों और बुनियादी ढांचे को खत्म करने, आतंकवादियों के नेटवर्क और उनके वित्तपोषण चैनलों को बाधित करने तथा आतंकवादियों के सीमा पार आंदोलन को रोकने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने मुंबई और पठानकोट हमलों सहित भारत और यूके में आतंकवादी हमलों की पुन: निंदा की। उन्होंने आतंकवादी हमलों के अपराधियों को व्यवस्थित तरीके से और शीघ्रता से न्याय के कटघरे में लाने के महत्व पर जोर दिया, और वैश्विक रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

18. उन्होंने आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी-सीटी) के माध्यम से चल रहे सहयोग पर संतोष व्यक्त किया, जिसमें आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों पर सूचना और खुफिया जानकारी साझा करना शामिल है। इस ढांचे के भीतर, वे दोनों पक्षों के बीच सहयोग को और बढ़ाने के लिए उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए एक उप-समूह का गठन करने पर सहमत हुए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिंसक उग्रवाद और आतंकवाद को उकसाने की कोशिश कर रहे देश के भीतर या बाहर स्थित समूहों और व्यक्तियों और जो ऐसी गतिविधियों के वित्तपोषण में शामिल हैं, के खिलाफ सभी संभव कार्रवाई की जा सके।

जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा

19. दोनों नेताओं ने पेरिस समझौते और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के लक्ष्यों के अनुसरण में महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और नवंबर 2021 में ग्लासगो में हुए पार्टियों (सीओपी) के 26वें सम्मेलन में घोषित संबंधित जलवायु कार्रवाई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में निकट सहयोग करने पर सहमत हुए। दोनों प्रधानमंत्रियों ने स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाने के लिए अपनी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने विकसित देशों के लिए अपने जलवायु वित्त लक्ष्यों को पूरा करने की आवश्यकता दोहराई, जिसमें 2025 तक 100 बिलियन डॉलर प्रदान करना और अनुकूलन वित्त को दोगुना करना शामिल है। दोनों नेताओं ने ग्लासगो जलवायु समझौते को पूर्ण रूप से लागू करने के महत्व को दोहराया, और आशा व्यक्त की कि निर्णायक एजेंडा न्यायसंगत और त्वरित परिवर्तन की दिशा में प्रयास को सामूहिक रूप से मजबूत बनाएगा।

20. प्रधानमंत्री जॉनसन ने आईएसए (अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन), सीडीआरआई (आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन) और स्वच्छ उद्योग संक्रमण में भारत के अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व की सराहना की। दोनों नेताओं ने वैश्विक ग्रीन ग्रिड पहल - वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (GGI-OSOWOG) और सीडीआरआई के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स (आईआरआईएस) प्लेटफॉर्म का स्वागत किया, दोनों को भारत और यूके द्वारा सीओपी26 में संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने आईएसए के लिए यूके के नए समर्थन का स्वागत किया, और दोनों नेताओं ने GGI-OSOWOG की शीघ्र शुरुआत के लिए ठोस परियोजनाओं की पहचान करने के लिए प्रयासों को और आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, जिसे सितंबर 2022 में होने वाले स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय और मिशन नवाचार मंत्रिस्तरीय बैठक के समय तक सहमति दी जानी है। प्रधानमंत्रियों ने ऊर्जा संक्रमण परिषद में आईएसए की भागीदारी का भी स्वागत किया। वे आगामी भारतीय G20 प्रेसीडेंसी के तहत इन पहलों को आगे बढ़ाने के लिए भी तत्पर रहे।

21. दोनों नेताओं ने भारत-यूके सस्टेनेबल फाइनेंस फोरम द्वारा की गई प्रगति की सराहना की और इस संदर्भ में, कम कार्बन, जलवायु लचीला विकास के लिए बड़े पैमाने पर निजी पूंजी जुटाने के लिए क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव (सीएफएलआई) साझेदारी के शुभारंभ का स्वागत किया।

22. प्रधानमंत्रियों ने स्वीकार किया कि वर्तमान वैश्विक ऊर्जा मूल्य अस्थिरता घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा तथा स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के महत्व को रेखांकित करती है। उन्होंने अपतटीय पवन ऊर्जा और जीरो एमिशन व्हीकल डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर के बाद से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर हुई प्रगति का स्वागत किया। वे भारत के राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान और यूके के ऑफशोर रिन्यूएबल एनर्जी कैटापुल्ट के बीच इस आशय की संयुक्त घोषणा के माध्यम से सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए। उन्होंने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर संक्रमण में तेजी लाने के लिए एक्सिस बैंक के लिए गारंटको द्वारा 200 मिलियन डॉलर की गारंटी का भी उल्लेख किया। उन्होंने दोनों देशों के लिए किफायती हरित हाइड्रोजन के विकास और तैनाती पर चल रहे सहयोग की सराहना की, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन पर भारत-यूके विज्ञान एवं नवाचार साझेदारी तथा ग्रीन हाइड्रोजन हब पर संयुक्त कार्य शामिल है।

23. दोनों नेताओं ने जैव विविधता सम्मेलन के पक्षकारों के सम्मेलन (सीओपी 15) की पंद्रहवीं बैठक के दूसरे भाग में एक महत्वाकांक्षी और प्रभावी वैश्विक जैव विविधता ढांचे पर सहमत होने के अपने इरादे की पुष्टि की। नेताओं ने भारत-यूके वन साझेदारी के तहत एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का स्वागत किया, और वनों एवं भूमि के उपयोग पर घनिष्ठ सहयोग की आशा व्यक्त की। दोनों नेताओं द्वारा महासागर 30by30 के समर्थन और यूके के ब्लू प्लैनेट फंड के तहत सहयोग के बाद, वे समुद्री जैव विविधता पर संयुक्त गहरे समुद्र अनुसंधान सहित पृथ्वी प्रणाली विज्ञान पर वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत करने के लिए कई साझेदारियों के लिए सहमत हुए।

स्वास्थ्य

24. प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री जॉनसन ने पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपने देशों के घनिष्ठ सहयोग के लिए गहरा गर्व और प्रशंसा व्यक्त की, जब दोनों देशों की जरूरत के समय में सरकारें, नागरिक समाज, व्यवसाय और प्रवासी समुदाय आपातकालीन राहत आपूर्ति को साझा करने के लिए अभूतपूर्व तरीके से संगठित हो गए थे।

25. दोनों प्रधानमंत्रियों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन पर अत्यधिक सफल सहयोग को याद किया। वे भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने और 100 दिनों में टीके, चिकित्सीय और निदान विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए, जिसमें कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रीपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) पहल के ढांचे के तहत वैक्सीन का विकास करना शामिल है। उन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से कोविड-19 चिकित्सा विज्ञान के रिकवरी ग्लोबल क्लिनिकल परीक्षण की भारतीय शाखा की शुरुआत, और एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध से निपटने के लिए फ्लेमिंग फंड के माध्यम से एक नई यूके-भारत साझेदारी का स्वागत किया। उन्होंने एसआईआई (SII) द्वारा यूके में हाल ही में किए गए निवेश का स्वागत किया, जो वैक्सीन अनुसंधान, विकास और निर्माण पर केंद्रित है।

26. उन्होंने संबंधित प्रौद्योगिकियों सहित डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और अंग्रेजी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के बीच सहयोग का स्वागत किया। वे स्वास्थ्य और जीवन विज्ञान पर भारत-यूके कार्य योजना पर सहमत होने और टीकों, निदान और चिकित्सा विज्ञान, महामारी की तैयारी, डिजिटल स्वास्थ्य, एंटी- माइक्रोबियल प्रतिरोध, और स्वास्थ्य कार्यकर्ता गतिशीलता के लिए वर्ष के अंत में मंत्रिस्तरीय संवाद के आयोजन को लेकर तत्पर दिखे।

हमारे देशों और लोगों को जोड़ना

27. दोनों नेताओं ने दोनों देशों में लोगों से लोगों के बीच गहरे और जीवंत संबंधों का अभिवादन किया, जिसे यूके में 1.6 मिलियन मजबूत भारतीय प्रवासियों के सजीव पुल द्वारा बढ़ावा दिया गया था, और वे इस विशेष बंधन को और मजबूत करने पर सहमत हुए। इस संदर्भ में, उन्होंने प्रवास को सुविधाजनक बनाने, अवैध प्रवास को संबोधित करने और रिटर्न प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में भारत-यूके व्यापक प्रवासन एवं गतिशीलता भागीदारी (एमएमपी) की प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने प्रत्यर्पण और संबंधित मामलों पर प्रभावी परिचालन सहयोग की सुविधा के लिए संबंधित अधिकारियों के बीच नियमित जुड़ाव के महत्व पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने मार्च 2023 से पहले आपराधिक रिकॉर्ड पर जानकारी साझा करने के लिए तंत्र स्थापित करने में सहयोग करने के अपने इरादे की भी घोषणा की।

28. उन्होंने दोनों देशों के बीच समृद्ध सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को चिह्नित करते हुए "इंडिया/यूके टुगेदर" कार्यक्रम का स्वागत किया, और साथ ही एक अलग से पूरी तरह से वित्त पोषित छात्रवृत्ति कार्यक्रम की भी सराहना की जो इस वर्षगांठ साल में 75 भारतीय छात्रों को यूके में शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक उद्योगों पर सहयोग को गहरा करने की उम्मीद जताई।

29. दोनों नेताओं ने विज्ञान, तकनीक, शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में एक बढ़ी हुई साझेदारी के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इस साल के अंत में लंदन में अगली मंत्रिस्तरीय विज्ञान और नवाचार परिषद (एसआईसी) के आयोजन की आशा व्यक्त की। उन्होंने डिजिटल और प्रौद्योगिकी पर इस आशय की संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर का स्वागत किया और इस वर्ष भारत-यूके सामरिक तकनीकी वार्ता के लिए व्यवस्था को अंतिम रूप देने की आशा व्यक्त की, ताकि हमारे तकनीकी क्षेत्रों के लिए समर्थन बढ़ाया जा सके और महत्वपूर्ण एवं उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर घनिष्ठ सहयोग को बढ़ाया जा सके। भारत और यूके दोनों देशों को आर्थिक और सामाजिक लाभ देने के लिए एआई पर सहयोग को बढ़ावा देने और सामाजिक चुनौतियों को हल करने के लिए एआई के अनुप्रयोग में सुधार करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने के लिए सहमत हैं।

30. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के उच्च शिक्षा क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और दोनों देशों में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम स्थापित करने के लिए चल रहे प्रयासों का स्वागत किया।

31. दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत और यूके को संसद और न्यायपालिका सहित हमारे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों में सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखना चाहिए। उन्होंने भारत-यूके सामरिक फ्यूचर्स फोरम के शुभारंभ का स्वागत किया।

32. दोनों नेता कनेक्टिविटी, चुनाव और पैसे के मूल्य को अधिकतम करने के लिए द्विपक्षीय हवाई सेवाओं के महत्व को पहचानते हैं। दोनों पक्ष भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते के अपडेट पर 2022 में आगे की चर्चाओं को आयोजित करने पर सहमत हुए।

क्षेत्रीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग

33. दोनों नेताओं ने यूक्रेन में जारी संघर्ष और मानवीय स्थिति के बारे में कड़े शब्दों में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से नागरिकों की मौत की निंदा की, और शत्रुता की तत्काल समाप्ति तथा संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता को दोहराया, जिसका दुनिया भर में गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, विशेष रूप से विकासशील देशों पर। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है। उन्होंने यूक्रेन के लोगों के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने की अपनी इच्छा को फिर से दोहराया।

34. उन्होंने एक खुले, मुक्त, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अपने साझा दृष्टिकोण को रेखांकित किया जिसमें देश सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक दबाव से मुक्त हों। उन्होंने भागीदारों और प्रासंगिक क्षेत्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई जो क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने, कानून के शासन, पारदर्शिता, नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता, समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन की केंद्रीयता को बढ़ावा देने, निर्बाध वैध वाणिज्य, और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को आगे बढ़ाने की दृष्टि को साझा करते हैं। वे इस बात पर सहमत थे कि कहीं भी होने वाला संघर्ष हर जगह की स्वतंत्रता के लिए खतरा है, और उन्होंने वर्तमान वैश्विक संदर्भ में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के विशेष महत्व को दोहराया। दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक में आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ) की केंद्रीयता के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (आईपीओआई) में शामिल होने और इंडो-पैसिफिक समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए क्षेत्रीय समन्वय एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समुद्री सुरक्षा पर स्तंभ का सह-नेतृत्व करने के यूके के फैसले का स्वागत किया।

35. दोनों नेताओं ने आपसी सुरक्षा और लचीलेपन के लिए साझेदारी में काम करने वाले लोकतांत्रिक देशों के महत्व पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने धमकी या बल प्रयोग या यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के किसी भी प्रयास का सहारा लिए बिना सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

36. अफगानिस्तान पर, दोनों पक्षों ने मानवीय स्थिति, मानवाधिकारों के उल्लंघन और लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा तक पहुंच में बाधा को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने तालिबान से आह्वान किया कि वे लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय में लौटने की अनुमति दें। प्रधानमंत्री मोदी ने 31 मार्च को मानवीय प्रतिक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान सम्मेलन की सह-मेजबानी में यूके की भूमिका को स्वीकार किया। प्रधानमंत्री जॉनसन ने अफगानिस्तान के लोगों को चिकित्सा और खाद्यान्न सहायता प्रदान करने में भारत द्वारा निभाई गई भूमिका को स्वीकार किया। नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के संकल्प 2593 (2021) के महत्व को फिर से दोहराया, जो स्पष्ट रूप से यह कहता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कृत्यों को आश्रय देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाए और सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए, जिनमें यूएनएससी द्वारा स्वीकृत समूह भी शामिल हैं। दोनों पक्ष अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने पर सहमत हुए और एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के समर्थन में एक प्रतिनिधि और समावेशी राजनीतिक प्रणाली की आवश्यकता को दोहराया।

37. दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मुद्दों पर नियमित बातचीत और यूएनएससी में बढ़ते सहयोग की सराहना की। प्रधानमंत्री जॉनसन ने 2021-22 की अवधि के लिए यूएनएससी (UNSC) के सदस्य के रूप में भारत के महत्वपूर्ण योगदान तथा परिषद में समुद्री सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे को लाने में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री जॉनसन ने एक सुधारित यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए यूके के समर्थन को दोहराया। नेताओं ने एक निश्चित समय सीमा के भीतर ठोस परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से टेक्स्ट आधारित वार्ता शुरू करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री जॉनसन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश के लिए यूके के समर्थन को भी दोहराया।

38. दोनों पक्षों ने विविध वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में G20 की प्रमुखता की पुष्टि की और 2023 में G20 की भारत की अध्यक्षता की तैयारी के दौरान और उस समय भी मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

39. दोनों नेताओं ने विशेष रूप से समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए, अपने सभी सदस्य राज्यों की जरूरतों और अपेक्षाओं का समर्थन करने के लिए अपने एजेंडे और संस्थानों को पुनर्जीवित करने तथा राष्ट्रमंडल को फिर से सक्रिय करने की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की। नेताओं ने इस वर्ष के अंत में किगाली में एक सफल राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के लिए एक साथ मिलकर काम करने की आशा की।

40. साझा मूल्यों और सिद्धांतों तथा बढ़ते रणनीतिक अभिसरण को दर्शाते हुए, दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री स्तर पर वार्षित यात्राओं के द्वारा भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री जॉनसन ने भारत यात्रा के दौरान उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के गर्मजोशी से भरे आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री मोदी को उनकी सुविधा के अनुसार जल्द से जल्द यूके आने का निमंत्रण दिया।

नई दिल्ली
अप्रैल 22, 2022



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