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भारत-यूनाइटेड किंगडम साइबर स्टेटमेंट

अप्रैल 22, 2022

1. भारत और यूनाइटेड किंगडम एक ऐसी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं जो दोनों देशों के लिए उपयोगी हो। हमारे विजन 2030 में हमारे लोगों के बीच पुनर्जीवित किए गए और गतिशील संबंध तथा रक्षा और सुरक्षा के बढ़े हुए सहयोग शामिल हैं जो एक अधिक सुरक्षित इंडो-पैसिफिक का निर्माण करते हैं। साइबरस्पेस के माध्यम से एक डिजिटल सजीव पुल मौजूद है जो हमारे नागरिकों, छात्रों और व्यवसायों को आपस में बातचीत करने और हमारी साझा समृद्धि को बढ़ावा देने में सक्षम बनाता है। जैसे-जैसे हम इससे प्राप्त नए अवसरों का लाभ उठा रहे हैं, वैसे-वैसे हमें इससे उभरते खतरों से भी अपनी रक्षा करनी चाहिए।

2. मई 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री जॉनसन एक बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा साझेदारी के लिए सहमत हुए थे। आज, भारत और यूनाइटेड किंगडम ने इस साझेदारी को पूरा करने के लिए सहयोग के एक संयुक्त कार्यक्रम के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जो साइबर शासन, प्रतिरोध, लचीलापन और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है।

3. नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को उसी तरह ऑनलाइन बनाए रखा जाना चाहिए, जैसे वह ऑफ़लाइन है। भारत और यूनाइटेड किंगडम साइबरस्पेस में जिम्मेदारिपूर्ण राज्य व्यवहार के पहचाने गए मानदंडों के विपरीत दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों में शामिल होने के लिए राज्यों और उनके प्रॉक्सी की बढ़ती चाहत से चिंतित हैं। हम लगातार नए-नए खतरों के खिलाफ शमन रणनीतियों में समन्वय के साथ-साथ साइबर अपराध से निपटने में सहयोग को गहरा करेंगे।

4. भारत और यूनाइटेड किंगडम अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए जोखिम को कम करने में जिम्मेदार राज्य व्यवहार के स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी मानदंडों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं। इसकी पुष्टि साइबर जगत में जिम्मेदार राज्य व्यवहार को उन्नत बनाने पर संयुक्त राष्ट्र के सरकारी विशेषज्ञों के छठे समूह की 2021 की रिपोर्ट द्वारा की गई है, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा तथा 'अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में सूचना और दूरसंचार के क्षेत्र में विकास पर ओपन एंडेड वर्किंग ग्रुप' के संदर्भ में है। हम उन मानदंडों की ओर ध्यान आकर्षित करते हैं जो उन साइबर उपकरणों के उपयोग पर रोक लगाते हैं जो बुनियादी ढांचे को जानबूझकर नुकसान पहुंचाते हैं या उन्हें खराब करते हैं। साथ ही हम राज्यों के दायित्व पर ध्यान देते हैं जो दूसरे राज्य के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से उनके क्षेत्र से निकलने वाले दुर्भावनापूर्ण आईसीटी गतिविधि को कम करने के लिए उचित अनुरोधों का जवाब देने से संबंधित हैं।

5. इसके साथ ही, हम संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के तहत अपराधियों द्वारा आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अधीन काम करेंगे ताकि साइबर अपराधों को रोकने, कम करने, जांच करने और मुकदमा चलाने पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाया जा सके, साइबर अपराध के पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जा सके, और डेटा सुरक्षा सहित उचित सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को ध्यान में रखा जा सके। भारत और यूनाइटेड किंगडम इंटरनेशनल काउंटर रैनसमवेयर इनिशिएटिव के तहत घनिष्ठ सहयोग में काम कर रहे हैं।

6. भारत और यूनाइटेड किंगडम एक समग्र और संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण को अपनाते हुए हमारे आपसी साइबर लचीलेपन को बढ़ाने के लिए साझेदारी में काम करेंगे। हम सिस्टम डिजाइन और तैनाती पर निर्णय सुनिश्चित करने के लिए, सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और जनता एवं बुनियादी ढांचे के मालिकों की जागरूकता और क्षमता को बढ़ाने के लिए तथा दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि के खिलाफ लचीलापन को बढ़ाने के लिए साझा कमजोरियों की पहचान करने के लिए संयुक्त कार्य पूरा करेंगे, और प्रभावी सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देंगे। हम उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय मानक संगठनों के माध्यम से मिलकर काम करना जारी रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स को कनेक्ट करने योग्य डिवाइस डिज़ाइन द्वारा सुरक्षित हैं। हम अपने कार्यबल में साइबर कौशल की उपलब्धता और विविधता बढ़ाने के प्रयासों का समर्थन करेंगे और साइबर स्पेस के क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों से लोगों के संबंध और शैक्षिक लिंक को बढ़ावा देंगे।

7. हम मानते हैं कि सरकारें डिजिटल युग की चुनौतियों का अकेले सामना नहीं कर सकती हैं और निजी क्षेत्र नई प्रौद्योगिकियों के विकासकर्ताओं और कार्यान्वयनकर्ताओं के रूप में तथा डेटा प्रबंधन के संबंध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम बहु-हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हुए ऑनलाइन सुरक्षा में सुधार करने और ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए साझा जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए उद्योग के सहयोग से काम करेंगे। हम डिजिटल सेवा प्रदाताओं, सोशल मीडिया और दूरसंचार कंपनियों के साथ मिलकर सहयोग करना जारी रखेंगे, ताकि उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सहयोग को प्रोत्साहित किया जा सके, विशेष रूप से 5G और 6G प्रौद्योगिकियों की शुरुआत के साथ। हम उद्योग द्वारा अब तक उठाए गए कदमों का स्वागत करते हैं और उनसे आईसीटी के उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करने का आग्रह करते हैं।

8. भारत और यूनाइटेड किंगडम एक खुले, सुरक्षित, स्थिर, सुलभ और शांतिपूर्ण साइबर स्पेस के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं, जिसका सभी लोग आनंद उठा सकें।

नई दिल्ली
अप्रैल 22, 2022



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