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भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी पर संयुक्त विज़न वक्तव्य

मार्च 22, 2024

1. भारत और भूटान के बीच असाधारण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं जो सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ, सशक्त मैत्रीपूर्ण संबंध और नागरिकों के बीच घनिष्ठ संपर्कों पर आधारित है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग टोबगे के बीच थिम्पू में सार्थक और व्यापक चर्चा हुई, जिसमें दोनों नेतागणों ने भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए इस असाधारण द्विपक्षीय साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

2. दोनों नेतागणों ने भूटान के जल-विद्युत क्षेत्र के विकास हेतु, तथा क्षेत्र को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी के शानदार योगदान का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में भूटान की कंपनियों और तकनीकी एजेंसियों की बढ़ती घरेलू क्षमताओं की सराहना की। प्रधानमंत्री टोबगे ने हाल के वर्षों में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन आदि पहल को बढ़ावा देने हेतु नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी।

3. दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की और इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि संयुक्त रूप से क्रियान्वित परियोजनाएं भलीभाँति संचालित हैं और भूटान के आर्थिक विकास में योगदान कर रही हैं। 720 मेगावाट की मंगदेछू जलविद्युत परियोजना की सफलता के आधार पर, दोनों नेतागणों ने इस वर्ष 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना को चालू करने के लिए अभिरूचि प्रकट की। दोनों पक्षों ने 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-I जलविद्युत परियोजना के लिए तकनीकी रूप से सुदृढ़ और लागत-कुशल तरीके पर सकारात्मक विशेषज्ञ-स्तरीय चर्चा का स्वागत किया।

4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने निम्न पर अपनी सहमति व्यक्त की:

(i) भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी में, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने, दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त करने, रोजगार सृजन करने, निर्यात आय बढ़ाने और औद्योगिक और वित्तीय क्षमताओं के और अधिक विकास में योगदान देकर दोनों देशों को लाभ पहुंचाने की क्षमता है।

(ii) नई ऊर्जा परियोजनाओं के विकास और विद्युत व्यापार सहित इस पारस्परिक रूप से लाभप्रद द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को और सशक्त बनाने के लिए अभूतपूर्व अवसर मौजूद हैं।

(iii) जल-विद्युत, सौर और हरित हाइड्रोजन के क्षेत्रों में नई ऊर्जा परियोजनाओं का विकास किया जाएगा, जिसमें रणनीतिक साझेदार के रूप में भारतीय संस्थाओं की भागीदारी भी शामिल है।

(iv) दोनों सरकारें जलाशय जल-विद्युत परियोजनाओं सहित नई परियोजनाओं के लिए परियोजना-विशिष्ट क्रियान्वयन के तरीकों की समीक्षा करेंगी और उन्हें अंतिम रूप प्रदान करेंगी।

(v) भारत सरकार, भूटान में नई और आगामी जलविद्युत परियोजनाओं के लिए भारत में वित्तीय संस्थानों से वित्तपोषण तक आवश्यक पहुंच, तथा बिजली बिक्री के लिए बाजार हेतु सुगमता प्रदान करेगी।

(vi) दोनों देशों के बीच ऊर्जा विनिमय, इस पूरे क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस संबंध में, पारस्परिक सहमति आधारित व्यवस्थाओं और वितरण बिंदुओं के माध्यम से, लागू घरेलू नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार भूटान के बिजली उत्पादकों को बाजार पहुंच की सुविधा प्रदान की जाएगी।

(vii) उभरते ऊर्जा बाजारों को दृष्टिगत रखते हुए, भूटान की ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश सक्षम बनाया जाएगा और निर्बाध सीमा पार विद्युत व्यापार सुनिश्चित करने के लिए नियमित परामर्श आयोजित किए जाएंगे।

(viii) अधिक उप-क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग की दिशा में कार्य किया जाएगा, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच आपसी संबंध बढ़ने के साथ सभी हितधारकों को पारस्परिक रूप से लाभ होगा।

(ix) क्षमता संवर्धन, नीतियों और प्रौद्योगिकियों पर जानकारियों के आदान-प्रदान और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान और विकास के माध्यम से, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में ऊर्जा सहयोग को सशक्त बनाया जाएगा।

5. दोनों प्रधानमंत्रियों ने पारस्परिक लाभ हेतु संयुक्त विज़न वक्तव्य के आधार पर परियोजनाओं और प्रयासों में तेजी लाने हेतु सहमति व्यक्त की।

थिम्पू
22 मार्च 2024

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