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20वें यूएस-इंडिया काउंटर टेररिज्म ज्वॉइंट वर्किंग ग्रुप (CTJWG) और 6वें डेजिग्नेशंस डायलॉग का संयुक्त वक्तव्य

मार्च 06, 2024

संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने 5 मार्च, 2024 को वाशिंगटन डी.सी. में यूएस-इंडिया काउंटर टेररिज्म ज्वॉइंट वर्किंग ग्रुप की 20वीं बैठक और डेजिग्नेशंस डायलॉग की 6वीं बैठक आयोजित की। विदेश विभाग में आतंकवाद विरोधी समन्वयक राजदूत एलिजाबेथ रिचर्ड और विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आतंकवाद निरोधक) राजदूत के.डी. देवल ने अपने-अपने अंतर-एजेंसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने अमेरिका-भारत के बीच व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी के असाधारण महत्व और स्थायित्व पर जोर दिया और आतंकवाद का प्रतिरोध करने और अपने व्यापक द्विपक्षीय सहयोग के अभिन्न अंग के रूप में क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को नवीनीकृत किया। दोनों पक्षों ने दोहराया कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। अमेरिकियों, भारतीयों और वैश्विक नागरिकों के लिए समृद्धि और शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद का सामना करना एक महत्वपूर्ण पहलू बना हुआ है।

दोनों देशों के विभिन्न विभागों और एजेंसियों के प्रतिनिधियों की भागीदारी ने दर्शाया कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत मानते हैं कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक समावेशी और समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। यह दृष्टिकोण उत्पादक सूचना साझाकरण सुनिश्चित करने और दोनों देशों और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए हमारी एजेंसियों के बीच द्विपक्षीय समन्वय पर निर्भर करता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने आतंकवाद में उभरते खतरों और रणनीति की समीक्षा की, जिसमें आतंकवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट और नई और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग, आतंकवादियों का अंतर्राष्ट्रीय आवागमन, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादी गतिविधियों का वित्तपोषण, और कट्टरपंथ आधारित हिंसा और हिंसक उग्रवाद सम्मिलित है। दोनों पक्षों ने, इन खतरों से निपटने के लिए सूचनाएं साझा करने, क्षमता सृजन और द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।

संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने 26/11 मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों के अपराधियों को कानून के कटघरे में लाने का आह्वान किया। उन्होंने सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्यवाही किए जाने के लिए भी आह्वान किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा प्रतिबंधित समूह, जैसे अल-कायदा, आईएसआईएस/डैश, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) भी सम्मिलित हैं।

दोनों पक्षों ने कानून के अभिशासन के समर्थन में कानून प्रवर्तन और न्यायिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसमें सूचनाओं को साझा करना और कानूनी सहायता वाले आपसी अनुरोधों पर सहयोग बढ़ाना सम्मिलित है।

दोनों पक्षों ने विभिन्न आतंकवादी संस्थाओं/समूहों और व्यक्तियों को नामित करने की प्राथमिकताओं और प्रक्रियाओं के बारे में भी जानकारी का आदान-प्रदान किया।

संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने एक समावेशी और लोचशील, स्वतंत्र और उदार हिंद-प्रशांत का समर्थन करते हुए क्षेत्र में साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड काउंटरटेररिज्म वर्किंग ग्रुप और संयुक्त राष्ट्र, ग्लोबल काउंटरटेररिज्म फोरम (GCTF) और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) जैसे अन्य बहुपक्षीय मंचों और प्रक्रियाओं में सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

नई दिल्ली
06 मार्च, 2024

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