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प्रधानमंत्री की डेनमार्क यात्रा के अवसर पर जारी भारत-डेनमार्क संयुक्त वक्तव्य

मई 03, 2022

डेनमार्क की प्रधानमंत्री, महामहिम सुश्री मेटे फ्रेडेरिक्‍सन ने 3-4 मई, 2022 को डेनमार्क की आधिकारिक यात्रा पर आए भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री, महामहिम श्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी की।

डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने डेनमार्क में श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया और अक्टूबर 2021 में भारत की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान गर्मजोशी से किए गए स्वागत और आतिथ्य के बदले में वैसा ही सत्कार दे सकने में सक्षम होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

हरित रणनीतिक साझेदारी

2. सितंबर, 2020 में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान की गई हरित रणनीतिक साझेदारी, भारत और डेनमार्क के बीच बढ़ते सहयोग के लिए उत्प्रेरक बन गई है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने हरित रणनीतिम साझेदारी के तहत हुई प्रगति का स्वागत किया और लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन और मानवाधिकारों के सम्मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिस पर हरित रणनीतिक भागीदारी आधारित है।

3. दोनों प्रधानमंत्रियों ने अक्टूबर 2021 में प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडेरिक्‍सन की भारत यात्रा के बाद से विभिन्न क्षेत्रों और विशेष रूप से अक्षय ऊर्जा, स्वास्थ्य, जहाजरानी और जल क्षेत्र में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने जलवायु कार्रवाई, हरित विकास और ऊर्जा विविधीकरण के महत्व पर हितों के अभिसरण को साझा किया। इस संबंध में सुरक्षा नीति के साथ-साथ जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा आपूर्ति की सहूलियत को महत्वपूर्ण माना गया। इस प्रकार, दोनों नेता अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अपने सहयोग को और मजबूत करने पर सहमत हुए और भारत और डेनमार्क में एक व्यापक ऊर्जा नीति वार्ता पर काम किए जाने का स्वागत किया जिसमें विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण पर ध्यान देने के साथ क्रॉस-सेक्टर ऊर्जा योजना, ऊर्जा भंडारण और डीकार्बोनाइजेशनपर सहयोग को मजबूत करना शामिल है। इस संबंध में दोनों प्रधानमंत्रियों ने ऊर्जा नीति वार्ता की दिशा में मंत्रिस्तरीय स्तर पर चर्चा का स्वागत किया।

5. दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के काम में हुई प्रगति पर ध्यान दिया और आईएसए के सचिवालय को मजबूत करने सहित आईएसए के काम के लिए योजनाबद्ध तरीके से डेनमार्क की ओर से मिले समर्थन का स्वागत किया।

6. दोनों प्रधानमंत्रियों ने शहरी और ग्रामीण जल आपूर्ति, भूजल मानचित्रण, अपशिष्ट जल प्रबंधन, नदी सरंक्षण और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में सहयोग में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने समग्र और व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से वर्तमान और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए सुरक्षित पेयजल के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को गहरा और विस्तारित करने के दोनों देशों के इरादे का स्वागत किया। वे मौजूदा सहयोग को बढ़ाने और वाराणसी में स्वच्छ नदी जल पर एक स्मार्ट प्रयोगशाला और स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन पर एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की पहल के लिए जल शक्ति मंत्रालय और डेनमार्क के पर्यावरण मंत्रालय के बीच एक व्यापक आधार वाले ढांचे के रूप में एक समझौता ज्ञापन पर शीघ्र हस्ताक्षर करने की उत्सुकता ​प्रकट की।

7. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भविष्य में द्विपक्षीय समुद्री सहयोग को और मजबूत करने वाले हरित नौवहन पर एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना पर आशय पत्र का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने संयुक्त घोषणा द्वारा अन्य के अलावा डेयरी पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने करके कृषि क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने पर भी सहमति व्यक्त की।

8. दोनों प्रधानमंत्रियों ने हरित हाइड्रोजन और हरित ईंधन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए संयुक्त आह्वान करने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने संयुक्त आह्वान के लक्षित क्षेत्रों को विशेष रूप से परिवहन और उद्योग के लिए हरित हाइड्रोजन और अन्य हरित ईंधन के संबंध में इस बात पर गौर किया कि इसके अलावा जीवाश्म ऊर्जा का कोई लागत प्रभावी विकल्प नहीं हैं।

9. दोनों प्रधानमंत्रियों ने कौशल विकास क्षेत्र में चल रहे सहयोग का स्वागत किया और कौशल विकास पर एक समझौता ज्ञापन द्वारा सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।

10. दोनों प्रधानमंत्रियों ने सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित अप्रवासन को बढ़ावा देने की दृष्टि से अप्रवासन और गतिशीलता पर आशय पत्र के साथ लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।

11. दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त कार्य योजना के अनुरूप पारस्परिक हित के विषयों पर नीति नियोजन वार्ता को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की।

12. दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त आयोग के तहत हरित रणनीतिक साझेदारी के मध्यावधि मूल्यांकन की आशा व्यक्त की और मौजूदा संयुक्त कार्य योजना2026 में समाप्त होने के बाद एक व्यापक हरित रणनीतिक साझेदारी के लिए और उन्नत रणनीतिक परिप्रेक्ष्य की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।

13. दोनों प्रधानमंत्रियों ने 2024 में द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को उचित तरीके से मनाने के और इस समय तक नियमित रूप से उच्च स्तरीय बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

व्यापार और निवेश

14. दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के महत्व को रेखांकित किया और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों की अधिकतम क्षमता का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि विविध, लचीली, पारदर्शी, खुली, सुरक्षित और अनुमानित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से मजबूत द्विपक्षीय निवेश और व्यापार प्रवाह उनके लोगों की आर्थिक सुरक्षा और समृद्धि को सुनिश्चित करेगा।

15. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत में विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा, जल, टर्मिनलों और बंदरगाह का आधुनिकीकरण और विस्तार, खाद्य प्रसंस्करण और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में डेनमार्क की ओर से निवेश और विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की ओर से डेनमार्क में निवेश का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया किया कि इस तरह के निवेशों ने भारत को ऐसा देश बना दिया है जहां डेनमार्क की कंपनियों के पास डेनमार्क के बाहर कर्मचारियों की सबसे बड़ी संख्या है। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि हरित रणनीतिक साझेदारी द्वारा निर्मित अवसरों से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में वृद्धि की संभावना है।

16. इस संदर्भ में, दोनों प्रधानमंत्रियों ने "इंडिया ग्रीन फाइनेंस इनिशिएटिव" के शुभारंभ का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य भारत में हरित विकास और रोजगार सृजन में तेजी लाना और हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण में योगदान करना है।

स्वास्थ्य, टीके और कोविड-19

17. दोनों प्रधानमंत्रियों ने हरित सामरिक साझेदारी के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के महत्व की पुष्टि की।

18. दोनों पक्षों ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध क्षेत्र में अपने निरंतर सहयोग की पुष्टि की। भारत ने मिशन पार्टनर के रूप में इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस सॉल्यूशंस (ICARS) में शामिल होने के लिए डेनमार्क के निमंत्रण को स्वीकार किया।

19. डेनमार्क के प्रधान मंत्री ने साक्ष्य-आधारित डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए भारत के निमंत्रण पर वैश्विक डिजिटल स्वास्थ्य भागीदारी में डेनमार्क के शामिल होने की पुष्टि की।

सांस्कृतिक सहयोग

20. दोनों प्रधानमंत्रियों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर सहमति व्यक्त की और एक नए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया।

क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम

21. दोनों प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन में संघर्ष, यूरोप और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

22. डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने रूसी सेनाओं द्वारा यूक्रेन के खिलाफ गैरकानूनी और अकारण किए गए हमलों की एक बार फिर से कड़ी निंदा की।

23. दोनों प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन में चल रहे मानवीय संकट के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से यूक्रेन में नागरिकों की मौत की निंदा की। उन्होंने शत्रुता को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समकालीन वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के सम्मान और राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित है। उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष के अस्थिर प्रभाव और इसके व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की। दोनों पक्ष इस मुद्दे पर घनिष्ठ रूप से जुड़े रहने पर सहमत हुए।

24. अंत में, दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी के महत्व पर जोर दिया और इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ के व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतक समझौतों पर वार्ता को फिर से शुरू करने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की और एक संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी दृष्टिकोण के साथ शीघ्र और एक साथ निष्कर्ष निकालने का आह्वान किया। उन्होंने व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा से संबंधित क्रॉस-कटिंग मुद्दों पर गहन, रणनीतिक सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के शुभारंभ का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारत-यूरोपीय संघ कनेक्टिविटी साझेदारी को भी याद किया और इसके शीघ्र कार्यान्वयन की दिशा में प्रयासों का समर्थन करने पर सहमत हुए।

बहुपक्षीय सहयोग

25. दोनों प्रधानमंत्रियों ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और एक सुदृढ़ और सुधारों वाली बहुपक्षीय प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

26. दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधार की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, ताकि इसे और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सके। डेनमार्क की प्रधान मंत्री ने एक सुधरी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए डेनमार्क के समर्थन को दोहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2025-2026 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए डेनमार्क की उम्मीदवारी के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की।

जलवायु सहयोग

27. दोनों प्रधानमंत्रियों ने वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री से नीचे रखने के लिए त्वरित जलवायु कार्रवाई की आवश्यकता पर COP-26 में अंतर्राष्ट्रीय समझौते का स्वागत किया और तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तर पर 1.5 डिग्री तक सीमित करने के प्रयासों को आगे जारी रखने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने हरित सामरिक साझेदारी के माध्यम से - महत्वाकांक्षी हरित ऊर्जा संक्रमण के लिए वैश्विक नेतृत्व लेने और ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इसे प्राप्त करने के लिए सही दिशा दिखाने की आकांक्षाओं की पुष्टि की।

28. डेनमार्क की प्रधान मंत्री ने 2030 तक उत्सर्जन को 70 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए डेनमार्क में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को खत्म करने और नवीकरणीय ऊर्जा की तैनाती के चरण में तेजी लाने के लिए डेनमार्क की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। डेनमार्क ने यूरोपीय ग्रीन डील को तुरंत लागू किए जाने के प्रति भी अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की।

सरकारी स्तर पर हुए समझौते

29. दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में निम्नलिखित समझौतों/दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया :

(i) प्रवासन और गतिशीलता पर आशय की घोषणा (डीओआई)

(ii) भारत सरकार के बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय और डेनमार्क के व्यापार,उद्योग और वित्तीय

मामले मंत्रालय के बीच हरित नौवहन में उत्कृष्टता केंद्र के लिए आशय पत्र (एलओआई)

(iii) भारत सरकार और डेनमार्क के संस्कृति मंत्रालयो के बीच वर्ष 2022-2026 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी)

(iv) भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय और डेनमार्क के पर्यावरण मंत्रालय के बीच आशय पत्र

(v) कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

(vi) पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में सहयोग पर आशय की संयुक्त घोषणा (जेडीआई)

(vii) सर्टाट अप के क्षेत्र में सहयोग के लिए इन्वेस्ट इंडिया और डेनमार्क के तकनीकी विश्वविद्यालय के बीच आशय पत्र

कोपनहेगन
मई 03,2022

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