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मॉरीशस में विकास परियोजनाओं के संयुक्त उद्घाटन और शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

जनवरी 20, 2022

नमस्ते।

मॉरीशस गणराज्य के प्रधान मंत्री, माननीय प्रविन्द कुमार जगन्नाथ जी,

महानुभवों,


भारत के सभी 130 करोड़ लोगो की ओर से, मॉरिशस के सभी भाई-बहनों को नमस्कार, बॉनजोर और थाईपूसम कावडी की शुभकामनाएं।

सबसे पहले, मैं भारत-मॉरीशस संबंधों को सशक्त बनाने में स्वर्गीय सर अनिरुद्ध जगन्नाथ के महान योगदान का स्मरण करना चाहता हूं। वे एक ऐसे दूरदर्शी नेता थे, जिनका भारत में बहुत सम्मान किया जाता था। उनके निधन पर हमने भारत में राष्ट्रीय शोक मनाया था और हमारी संसद में भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई थी। वर्ष 2020 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करना हमारे लिए बहुत सौभाग्य की बात थी।

दुर्भाग्यवश इस महामारी ने हमें उनके जीवनकाल में सम्मान समारोह आयोजित करने का अवसर नहीं दिया लेकिन पिछले वर्ष नवंबर में श्रीमति सरोजनी जगन्नाथ के पुरस्कार प्राप्त करने के लिए भारत आने से हम गौरवान्वित हुए। उनके दुखद निधन के बाद भारत और मारिशस के बीच यह पहला द्विपक्षीय कार्यक्रम है। इसलिए ऐसे समय में जब दोनों देशों ने अपनी साझा विकास यात्रा में एक और मील का पत्थर पार किया है मैं भी श्री जगन्नात के परिवार और मॉरीशस के सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं।

महानुभवों

भारत और मॉरीशस इतिहास, संस्कृति, भाषा और हिंद महासागर जल क्षेत्र के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आज हमारी मजबूत विकास साझेदारी हमारे घनिष्ठ संबंधों के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरी है। विकास साझेदारी मॉरीशस के प्रति भारत के दृष्टिकोण का एक ज्वलंत उदाहरण है। यह हमारे भागीदारों की जरूरतों और प्राथमिकताओं पर आधारित है और उनकी संप्रभुता का सम्मान करती है।

प्रविंद जी, मुझे आपके साथ मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट, न्यू ईएनटी हॉस्पिटल और सुप्रीम कोर्ट के नए भवन का उद्घाटन करना याद है। मुझे यह जानकर खुशी है कि मेट्रो 56 लाख यात्रियों की लोक​प्रिय सवारी बन चुकी है। हम आज 190 मिलियन डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट समझौते के तहत मेट्रो के आगे विस्तार में सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। यह हमारे लिए भी संतोष और गर्व की बात है कि न्यू ईएनटी अस्पताल ने कोविड-19 का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

वास्तव में कोविड महामारी के दौरान हमारा सहयोग अनुकरणीय रहा है। हमारे वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत, मॉरीशस उन पहले देशों में से एक था जिन्हें हम कोविड के टीके भेजने में सफल रहे थे। मुझे खुशी है कि आज मॉरीशस दुनिया के उन चंद देशों में शामिल है, जिन्होंने अपनी आबादी के तीन-चौथाई हिस्से का पूरी तरह से टीकाकरण कर दिया है। मॉरीशस भी हिंद महासागर क्षेत्र के प्रति हमारे दृष्टिकोण का अभिन्न अंग है। अपनी 2015 की यात्रा के दौरान मॉरीशस में ही मैंने हिन्द महासागर-क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के भारत के समुद्री सहयोग के दृष्टिकोण को रेखांकित किया था।

मुझे खुशी है कि समुद्री सुरक्षा सहित हमारे द्विपक्षीय सहयोग ने इस सोच को साकार किया है। कोविड की बाधाओं के बावजूद, हम एक डोर्नियर विमान को पट्टे पर देने और मॉरीशस के तटरक्षक जहाज बाराकुडा की मरम्मत कर उसे ​पूरी तरत से संचालन लायक बनाने में कामयाब रहे। वाकाशियो तेल रिसाव को रोकने के लिए उपकरणों और विशेषज्ञों की तैनाती हमारी साझा समुद्री विरासत की रक्षा के लिए हमारे सहयोग का एक और उदाहरण था।

महानुभवों

आज का कार्यक्रम फिर से हमारे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। प्रविन्द जी, सामाजिक आवासी परियोजना के पूरा होने पर आपके साथ जुड़कर मुझे खुशी हो रही है। मॉरीशस के आम लोगों को किफायती घर उपलब्ध कराने के इस महत्वपूर्ण प्रयास से जुड़कर हमें विशेष रूप से प्रसन्नता हो रही है। हम आज दो अन्य परियोजनाएं भी शुरू कर रहे हैं जो राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं: एक अत्याधुनिक सिविल सर्विस कॉलेज जो मॉरीशस की निरंतर प्रगति के लिए सरकारी अधिकारियों को कुशल बनाने में मदद करेगा; और दूसरी 8 मेगा वाट सौर पीवी फार्म परियोजना, जो मॉरीशस को एक द्वीप देश होने के नाते उसकी जलवायु चुनौतियों को कम करने में मदद करेगी।

भारत में भी, हम अपने मिशन कर्मयोगी के तहत सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए नवीन दृष्टिकोणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमें नए सिविल सेवा कॉलेज के साथ अपने अनुभव साझा करने में खुशी होगी। जैसा कि हम 8 मेगा वाट सौर पीवी फार्म का शुभारंभ कर रहे हैं, मुझे वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड पहल याद आती है, जिसे पिछले साल ग्लासगो में सीओपी -26 बैठक के दौरान शुरु किया गया था।यह एक विचार है जिसे मैंने अक्टूबर 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा में रखा था। इस पहल से न केवल कार्बन फुटप्रिंट और ऊर्जा लागत में कमी आएगी, बल्कि विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच सहयोग के लिए एक नया रास्ता भी खुलेगा। मुझे उम्मीद है कि भारत और मॉरीशस मिलकर सौर ऊर्जा में इस तरह के सहयोग की एक बेहतरीन मिसाल पेश कर सकते हैं।

लघु विकास परियोजनाओं पर यह समझौता जिसका हम आज आदान-प्रदान कर रहे हैं, मॉरीशस में सामुदायिक स्तर पर उच्च प्रभाव वाली परियोजनाएं उपलब्ध कराएगा। आने वाले दिनों में हम कई और महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम शुरू करेंगे जैसे कि गुर्दा प्रत्यारोपण इकाई, फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, राष्ट्रीय पुस्तकालय और अभिलेखागार, मॉरीशस पुलिस अकादमी और इसी तरह की कई अन्य परियोजनाएं। मैं आज फिर से यह कहना चाहूंगा कि भारत मॉरीशस की विकास यात्रा में हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा।

विवे ल'अमिटी एंट्रे ल'इंडे एट मॉरिस!

भारत और मॉरिशस मैत्री अमर रहे।

वीवे मॉरिस!

जय हिन्द!

आपका सबका बहुत बहुत धन्यवाद। नमस्कार।

भारत और मॉरिशस मैत्री अमर रहे।

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