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संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र से इतर ब्रिक्स विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मंत्रियों की बैठक के बाद प्रेस वक्तव्य

सितम्बर 23, 2022

ब्रिक्स के विदेश एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मंत्रियों ने 22 सितंबर 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र (UNGA77) के मौके पर उससे इतर अपनी वार्षिक बैठक आयोजित की, जिसकी अध्यक्षता 2023 के लिए आगामी ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में दक्षिण अफ्रीका ने की।

2. मंत्रियों ने राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक, वित्तीय और सतत विकास के क्षेत्रों के साथ-साथ अंतर-ब्रिक्स गतिविधियों को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के एजेंडे के प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 77वें सत्र में अपनी पहल के पारस्परिक समर्थन की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अपने स्थायी मिशनों के बीच नियमित आदान-प्रदान सहित आपसी हित के क्षेत्रों में ब्रिक्स सदस्यों के निरंतर सहयोग के लिए समर्थन व्यक्त किया।

3. मंत्रियों ने "नाज़ीवाद, नव-नाज़ीवाद और उन अन्य प्रथाओं के महिमामंडन का मुकाबला करने पर वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव को स्वीकार किया, जो नस्लवाद, नस्लीय भेदभाव, ज़ेनोफ़ोबिया और संबंधित असहिष्णुता के समकालीन रूपों को बढ़ावा देने में योगदान करते हैं।”

4. मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय कानून को कायम रखकर बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों को इसकी अनिवार्य आधारशिला के रूप में शामिल किया गया है, साथ ही, एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को भी, जिसमें संप्रभु राज्य शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए, सतत विकास को आगे बढ़ाने, सभी के लिए लोकतंत्र, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का प्रचार और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सहयोग करते हैं।

5. मंत्रियों ने बहुपक्षीय प्रणाली, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और इसके प्रमुख अंगों को मजबूत करने और सुधारने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, ताकि वैश्विक शासन के संस्थानों और उपकरणों को और अधिक समावेशी, प्रतिनिधि, भागीदारीपूर्ण, पुन: जीवंत और लोकतांत्रिक बनाया जा सके तथा वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और संरचनाओं में विकासशील और न्यून विकसित देशों, विशेष रूप से अफ्रीका में, की अधिक सार्थक भागीदारी की अधिक से अधिक सुविधा प्रदान की जा सके और इसे समकालीन वास्तविकताओं के साथ बेहतर ढंग से संबद्ध किया जा सके।

6. मंत्रियों ने वैश्विक शासन प्रणाली के समावेशी और प्रभावी कार्य को सुनिश्चित करने तथा आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में एक प्रमुख बहुपक्षीय मंच के रूप में जी20 की भूमिका को सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया, जिसमें प्रमुख विकसित और विकासशील देश समान और पारस्परिक लाभ के आधार पर शामिल हैं। इस संदर्भ में, उन्होंने अपना दृढ़ विचार व्यक्त किया कि जी20 को एक उत्पादक तरीके से कार्य करना जारी रखना चाहिए, ठोस परिणामों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, सर्वसम्मति से निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने इस मंच के प्रभावी संचालन में मौजूदा इंडोनेशियाई प्रेसीडेंसी की सराहना की और 15-16 नवंबर 2022 को आगामी जी20 बाली शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए रचनात्मक योगदान के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया।

7. मंत्रियों ने क्रमशः 2021-2022 और 2022-2023 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों के रूप में भारत और ब्राजील की भूमिका की सराहना की। यूएनएससी में चार ब्रिक्स देशों की उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर तथा पारस्परिक हित के क्षेत्रों में निरंतर सहयोग के लिए हमारे संवाद के महत्व को और बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।

8. मंत्रियों ने 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के परिणामी दस्तावेज को याद किया और सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधार की आवश्यकता को दोहराया, ताकि इसे और अधिक प्रतिनिधि, प्रभावी और कुशल बनाया जा सके और विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया जा सके जिससे कि यह वैश्विक चुनौतियों का पर्याप्त रूप से जवाब दे सके। चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका की स्थिति और भूमिका के महत्व को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका निभाने की उनकी आकांक्षा का समर्थन किया।

9. मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया और उनकी प्रभावशीलता और कार्य पद्धतियों में सुधार करने के साथ-साथ वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार करने के लिए, एक अधिक चुस्त, प्रभावी, प्रतिनिधि और जवाबदेह प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए जो क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सके, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करे और सभी सदस्य देशों के हितों की बेहतर सेवा करे।

10. मंत्रियों ने सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडा को लागू करने के लिए आवश्यक साधनों को जुटाकर संतुलित और एकीकृत तरीके से 2030 एजेंडा को इसके तीन आयामों - आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय - में कार्यान्वित करने का आह्वान किया।

11. मंत्रियों ने 16-19 सितंबर 2022 तक संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा आयोजित ट्रांसफॉर्मिंग एजुकेशन समिट का स्वागत किया। उन्होंने इस बात की पुन: पुष्टि की कि ब्रिक्स देश संयुक्त राष्ट्र शिक्षा 2030 एजेंडा को लागू करने, शिक्षा तक पहुंच और समानता को बढ़ावा देने, शिक्षा की गुणवत्ता के विकास और प्रशिक्षण में तेजी लाने, युवाओं के बीच आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने, सतत विकास पर ज्ञान की खेती को मजबूत करने तथा वैश्विक शासन के लिए ब्रिक्स का योगदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

12. मंत्रियों ने दोहराया कि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) और इसके पेरिस समझौते के उद्देश्यों, सिद्धांतों और प्रावधानों, विशेष रूप से अलग-अलग राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में एक समान लेकिन भिन्न-भिन्न जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने पेरिस समझौते के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए अपने राष्ट्रीय और संयुक्त प्रयासों की पुन:पुष्टि की और इस संबंध में, विश्वसनीय, पर्याप्त, अनुमानित, समय पर, नया और अतिरिक्त वित्तपोषण प्रदान करने के लिए तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकासशील देशों को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करने के लिए, विकसित देशों की प्रतिबद्धताओं की पूर्ति, वितरण और तात्कालिकता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन एजेंडा के साथ सुरक्षा को जोड़ने के प्रयासों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और याद किया कि यूएनएफसीसीसी, वार्षिक सीओपी सत्रों सहित, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर, इसके सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, चर्चा करने के लिए उपयुक्त और वैध अंतर्राष्ट्रीय मंच है। उन्होंने सीओपी27 की आगामी मिस्र प्रेसीडेंसी के प्रयासों का स्वागत किया और अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया, तथा सीओपी27 की सफलता की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।

13. मंत्रियों ने दोहराया कि सभी देशों के लोगों, विशेष रूप से विकासशील देशों के लोगों तथा उनमें भी सबसे कम विकसित देशों के लिए टीके, निदान, चिकित्सीय और आवश्यक चिकित्सा उत्पादों सहित सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण, प्रभावी और किफायती चिकित्सा प्रतिवादों तक पहुंच सुनिश्चित कराना अनिवार्य है। साथ ही साथ विश्व स्तर पर टीकाकरण की कमी को पूरा करने के लिए टीकों का समान वितरण और शीघ्र टीकाकरण सुनिश्चित करना भी आवश्यक है। उन्होंने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अग्रणी भूमिका का समर्थन किया, साथ ही ACT-त्वरक और इसकी COVAX सुविधा जैसी पहलों को स्वीकार किया। उन्होंने ट्रिप्स समझौते पर 12वें विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) के निर्णय और छह महीने के भीतर इस पर चर्चा करने, कोविड -19 के निदान और चिकित्सा विज्ञान के उत्पादन और आपूर्ति को कवर करने के लिए इसके विस्तार के निर्णय को स्वीकार किया। उन्होंने परीक्षण विधियों, चिकित्सीय, अनुसंधान, उत्पादन और पारस्परिक आधार पर टीकों की पारस्परिक मान्यता पर सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, कोविड-19 वायरस के नए रूपों को देखते हुए उनकी प्रभावकारिता और सुरक्षा पर अनुसंधान तथा कर्मियों की आवाजाही को प्रभावित करने वाले नए और उभरते मुद्दों को संबोधित करने पर जोर दिया, जो विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए, कोविड-19 के टीकाकरण के राष्ट्रीय दस्तावेज और संबंधित परीक्षण के कारण उत्पन्न होते हैं। उन्होंने सभी देशों, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों और परोपकारी संगठनों से, ब्रिक्स देशों सहित उभरते बाजारों और विकासशील देशों के निर्माताओं से टीके और बूस्टर खरीदने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विकसित की जा रही विनिर्माण क्षमताएं सतत बनी हुई हैं। कोविड-19 महामारी को लेकर प्रतिक्रिया और भविष्य की महामारी की तैयारियों के लिए विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय घोषणा के अनुरूप, मंत्रियों ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने के महत्व को भी रेखांकित किया, जो कोविड-19 से परे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों के समाधान के लिए क्षमता निर्माण में योगदान देता है, जिसमें महामारी और उष्णकटिबंधीय रोग शामिल हैं। व्यापक वैश्विक आबादी के लिए अनुसंधान और नवाचार के लाभ को सुलभ बनाने के लिए देशों के बीच मजबूत और टिकाऊ साझेदारी के लिए अनुसंधान और विकास के सहयोगात्मक मॉडल का अनुसरण किया जाना चाहिए।

14. मंत्रियों ने बहुपक्षवाद और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की जिसके मूल में विश्व व्यापार संगठन है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत बनाने और उनमें सुधार करने की अति आवश्यक जरूरत को दोहराया। मंत्रियों ने विश्व व्यापार संगठन की बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जो कि सर्वसम्मति और नियम आधारित, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, खुला, मुक्त और समावेशी है, जिसमें एलडीसी सहित विकासशील देशों के लिए विशेष और अलग प्रकार का व्यवहार है, और इस बात पर जोर दिया कि संरक्षणवाद और एकतरफावाद विश्व व्यापार संगठन के नियमों और भावना के विपरीत है। उन्होंने सभी राज्यों से ऐसे किसी भी आर्थिक, वित्तीय या व्यापारिक उपायों को लागू करने और प्रचारित करने से परहेज करने का आग्रह किया, जो विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के नियमों के अनुसार नहीं हैं और विशेष रूप से विकासशील देशों में आर्थिक और सामाजिक विकास की पूर्ण उपलब्धि को बाधित करते हैं। उन्होंने 2024 तक पूरी तरह से और अच्छी तरह से काम करने वाले डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान तंत्र को बहाल करने की प्राथमिकता और तात्कालिकता पर भी जोर दिया, जैसा कि एमसी12 परिणाम दस्तावेज में अनिवार्य बताया गया है।

15. सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध मंत्रियों ने बातचीत और परामर्श के माध्यम से देशों के बीच मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अनुकूल सभी प्रयासों का समर्थन किया। उन्होंने राजनीतिक और राजनयिक माध्यमों से विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी वहन करने वाले के रूप में यूएनएससी की भूमिका को मान्यता दी। उन्होंने आगे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित किसी भी जबरदस्ती के उपायों से परहेज करने की अनिवार्यता पर जोर दिया।

16. मंत्रियों ने दुनिया के कई हिस्सों में बढ़ते और चल रहे संघर्षों के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने यूएनजीए के प्रस्ताव 46/182 में स्थापित मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के बुनियादी सिद्धांतों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के पूर्ण सम्मान और मानवीय सहायता के प्रावधान की आवश्यकता को दोहराया। मंत्रियों ने यूएनएससी और यूएनजीए जैसे उपयुक्त मंचों पर व्यक्त यूक्रेन की स्थिति के संबंध में अपनी राष्ट्रीय स्थिति को याद दिलाया।

17. मंत्रियों ने कभी भी, कहीं भी और किसी के भी द्वारा किए गए आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की। उन्होंने आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरवाद से उत्पन्न खतरे को पहचाना। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसमें आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियाँ, और आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क तथा सुरक्षित पनाहगाह शामिल हैं। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और मानवाधिकारों के सम्मान के आधार पर आतंकवाद के खतरे को रोकने और उसका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में आगे योगदान करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की, इस बात पर जोर देते हुए कि संयुक्त राष्ट्र के साथ आतंकवाद का मुकाबला करना राज्यों की प्राथमिक जिम्मेदारी है, जो इस क्षेत्र में केंद्रीय और समन्वयकारी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया, जो एक गंभीर खतरा पैदा करता है, वर्तमान में महामारी के माहौल में भी। उन्होंने आतंकवाद और आतंकवाद के अनुकूल उग्रवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को खारिज कर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अंतिम रूप देने और उसे अपनाने तथा निरस्त्रीकरण सम्मेलन में रासायनिक और जैविक आतंकवाद के कृत्यों के दमन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पर बहुपक्षीय वार्ता शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने सातवीं ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्य समूह की पूर्ण बैठक और इसकी पांच उपसमूह बैठकों के परिणामों का स्वागत किया।

18. मंत्रियों ने 13 जुलाई 2022 को वर्चुअल तौर पर आयोजित पहली ब्रिक्स भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक का स्वागत किया। उन्होंने पूर्ण परामर्श और सर्वसम्मति के आधार पर तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ सहयोग के आगे के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए, ब्रिक्स देशों के बीच भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों पर अनुभव और सूचना साझा करने सहित सहयोग को मजबूत करने के लिए भ्रष्टाचार विरोध पर ब्रिक्स कार्य समूह को प्रोत्साहित किया।

19. मंत्रियों ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय दवा नियंत्रण व्यवस्था के अनुसार ब्रिक्स ड्रग्स विरोधी कार्य समूह के भीतर सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

20. मंत्रियों ने विकास और उन्नति के लिए आईसीटी की प्रबल क्षमता पर बल देते हुए, आपराधिक गतिविधियों और खतरों की नई आशंकाओं को पहचाना और आईसीटी के आपराधिक दुरुपयोग के बढ़ते स्तर और जटिलता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आपराधिक उद्देश्यों के लिए आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को विस्तृत रूप देने के लिए विशेषज्ञों की संयुक्त राष्ट्र ओपन-एंडेड एड-हॉक अंतर सरकारी समिति में चल रहे काम का स्वागत किया और संयुक्त राष्ट्र महासभा संकल्प 75/282 द्वारा अपनाए गए जनादेश के कार्यान्वयन में सहयोग करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

21. मंत्रियों ने समानता और आपसी सम्मान के सिद्धांतों के तहत मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने में सभी देशों के सहयोग की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने विकास के अधिकार सहित सभी मानवाधिकारों का पालन निष्पक्ष और समान तरीके से, समान स्तर पर और समान बल के साथ करने पर सहमति जताई। एक गैर-चयनात्मक, गैर-राजनीतिक प्रारूप में मानव अधिकारों को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और पूरा करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और रचनात्मक तरीके से और दोहरे मानकों के बिना, वे ब्रिक्स के भीतर और संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा मानवाधिकार परिषद सहित बहुपक्षीय मंचों पर सामान्य हितों के मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करने के लिए सहमत हुए।

22. मंत्रियों ने ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया पर प्रारंभिक विचार-विमर्श को नोट किया और XIV ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के निर्देशों के अनुसार शेरपा चैनल के माध्यम से पूर्ण परामर्श और सहमति के आधार पर, इस विस्तार प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट करने के लिए चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।

23. मंत्रियों ने 23 जून 2022 को आयोजित वर्चुअल 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए चीन की हार्दिक सराहना की। उन्होंने ब्रिक्स आउटरीच/ब्रिक्स प्लस सहयोग सहित ब्रिक्स साझेदारी के खुले और समावेशी प्रकृति के प्रमाण के रूप में 24 जून 2022 को वर्चुअल तौर पर आयोजित वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय वार्ता का स्वागत किया।

24. मंत्रियों को 2023 में दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स की अध्यक्षता की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने 2023 में ब्रिक्स की अध्यक्षता और XV ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका को अपना पूर्ण समर्थन दिया। मंत्रियों ने 2023 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के विदेश और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मंत्रियों की स्टैंडअलोन बैठक को लेकर उत्सुकता ज़ाहिर की।

न्यूयॉर्क
सितम्बर 22, 2022

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