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जी4 देशों- ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य

सितम्बर 23, 2022

22 सितंबर 2022 को जी4 देशों के विदेश मंत्रियों- ब्राजील के विदेश मंत्री महामहिम श्री कार्लोस अल्बर्टो फ्रेंको फ्रांका, जर्मनी की संघीय विदेश मंत्री महामहिम सुश्री एनालेना बारबॉक, भारत के विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर और जापान के विदेश मंत्री महामहिम श्री योशिमासा हयाशी- ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के उद्घाटन के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए मुलाकात की।

2. जी4 मंत्रियों ने इस बात का आकलन किया कि दुनिया भर में आज के संघर्षों के साथ-साथ तेजी से जटिल होती और परस्पर जुड़ी वैश्विक चुनौतियों ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार और निर्णय लेने वाले इसके मुख्य निकायों को अद्यतन करने की तात्कालिकता को सबसे बड़ी जरूरत बना दिया है।

3. वे इस बात पर सहमत हुए कि इन चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने में सुरक्षा परिषद की अक्षमता, समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने और इसकी प्रभावशीलता एवं वैधता तथा इसके निर्णयों के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है।

4. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के कार्य की समीक्षा करते हुए, जी4 मंत्रियों ने सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) में सार्थक प्रगति की निरंतर कमी पर चिंता व्यक्त की।

5. जी4 के मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि इस सत्र ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आईजीएन खुलेपन और पारदर्शिता की कमी के कारण बाधित है। वे सहमत थे कि ठोस परिणाम उत्पन्न करने के लिए, आईजीएन को निर्णय लेने की आवश्यकताओं और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर तथा महासभा के नियमों और प्रक्रियाओं में निर्धारित कार्य विधियों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए।

6. मंत्रियों ने इस प्रक्रिया को रोकने के ठोस प्रयासों पर निराशा व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में इस मुद्दे को निर्णायक तरीके से और तात्कालिकता के साथ संबोधित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया। जी4 मंत्रियों ने 76वीं महासभा के अध्यक्ष की "पाठ आधारित वार्ता की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ने" की स्पष्ट सिफारिश का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि 77वें महासभा सत्र में सभी प्रतिनिधिमंडलों द्वारा इस मार्गदर्शन का पालन किया जाएगा।

7. जी4 मंत्रियों ने दोहराया कि स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों की सदस्यता में सुरक्षा परिषद का विस्तार निकाय को अधिक प्रतिनिधिपूर्ण, वैध और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक है।

8. मंत्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के सवालों पर आज दुनिया के सामने आने वाली जटिल और उभरती हुई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से जवाब देने हेतु परिषद की क्षमता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में विकासशील देशों और प्रमुख योगदानकर्ताओं की बढ़ी हुई भूमिका और उपस्थिति की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

9. जी4 मंत्रियों ने कॉमन अफ्रीकन पोजिशन (सीएपी) के लिए अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि की और इस बात पर जोर दिया कि अफ्रीका को एज़ुलविनी सर्वसम्मति और सिर्ते घोषणा में निहित सीएपी के अनुरूप, एक सुधारित और विस्तारित सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में प्रतिनिधित्व दिए जाने की आवश्यकता है।

10. मंत्रियों ने आईजीएन में बिना किसी देरी के पाठ-आधारित वार्ता शुरू करने की दिशा में काम करने के अपने दृढ़ संकल्प को नवीनीकृत किया। मंत्रियों ने इस उद्देश्य के लिए संयुक्त राष्ट्र में अपने प्रतिनिधिमंडलों को 77वीं महासभा के अध्यक्ष और आईजीएन के अध्यक्ष (क्षों) के साथ काम करने का निर्देश दिया, ताकि यूएनजीए द्वारा विचार किए जाने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव के आधार के रूप में एक समेकित पाठ पर पहुंचा जा सके।

11. 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के परिणामी दस्तावेज़ को याद करते हुए, जिसमें सभी एचओएस/जी ने सर्वसम्मति से "सुरक्षा परिषद के जल्द सुधार- संयुक्त राष्ट्र में सुधार के हमारे समग्र प्रयास का एक अनिवार्य तत्व- का आह्वान किया था, ताकि सुरक्षा परिषद को और अधिक व्यापक रूप से प्रतिनिधि, कुशल और पारदर्शी बनाया जा सके और इस प्रकार इसकी प्रभावशीलता और इसके निर्णय की वैधता तथा कार्यान्वयन को और बढ़ाया जा सके"। मंत्रियों ने आईजीएन प्रक्रिया की धीमी गति पर अपनी चिंता व्यक्त की और इस संबंध में अन्य देशों व समूहों सहित सभी सुधार समर्थक सदस्य राष्ट्रों के साथ बातचीत तेज करने का निर्णय लिया, ताकि एक निश्चित समय-सीमा में ठोस परिणाम प्राप्त करने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।

12. जी4 मंत्रियों ने एक सुधारित सुरक्षा परिषद में आकांक्षी नए स्थायी सदस्यों के रूप में एक-दूसरे की उम्मीदवारी के लिए अपने समर्थन को दोहराया।

13. संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ की घोषणा को याद करते हुए, जिसमें सभी सदस्य देशों ने "सुरक्षा परिषद में सुधार पर चर्चा में नया जीवन डालने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी", मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधारों की प्रक्रिया को निर्णायक और सामूहिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप पर पहुंचने के लिए अगले साल की शुरुआत में जी4 डीजी की बैठक की मेजबानी करने के लिए जर्मनी की पहल का स्वागत किया।

न्यूयॉर्क
सितम्बर 22, 2022

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