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प्रश्न संख्या 3419 दोहरी नागरिकता

अगस्त 05, 2022

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 3419
05.08.2022 को उत्तर देने के लिए

दोहरी नागरिकता

3419. इंजीनियर गुमान सिंह दामोरः


क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद से भारत की नागरिकता प्रदान किए गए अन्य देशों के नागरिकों की संख्या देशों के नाम के साथ कितनी है;

(ख) उन देशों का नाम क्या है जिनके नागरिकों को दोहरी नागरिकता दी गई थी;

(ग) क्या दोहरी नागरिकता के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(घ) विदेश में रहने वाले भारतीयों को किस प्रकार सुरक्षा प्रदान की जाती है;

(ङ) क्या विदेशों में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा के संबंध में संबंधित देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

(च) देश के राज्यों में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों की संख्या कितनी है और ऐसे राज्यों के नाम क्या हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
[श्री वी. मुरलीधरन]

(क) से (च) नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) का उद्देश्य अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना है और जिन्होंने 31/12/2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया तथा जिन्हें विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 और उसके अधीन बनाए गए नियमों/आदेशों को पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम 1950 और विदेशियों के आदेश, 1948 में अधिसूचना दिनांक 07.09.2015 और 18.07.2016 को संशोधित करके दंड प्रावधानों से छूट दी गई है। सीएए 10.01.2020 को लागू हुआ है और इस संशोधन अधिनियम के दायरे में आने वाले व्यक्ति केंद्र सरकार द्वारा उपयुक्त नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं।

नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9 के साथ पठित भारत के संविधान के अनुच्छेद 9 के प्रावधानों के अनुसार दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है।

सरकार विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, अभिरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। विदेश स्थित हमारे मिशन और केंद्र विदेशों में संबंधित प्राधिकारियों के साथ भारतीयों की शिकायतों के बारे में सतर्क रहते हैं, उनकी बारीकी से निगरानी करते हैं और उन पर सक्रिय रूप से कार्रवाई करते हैं। ई-माइग्रेट पोर्टल, प्रस्थान-पूर्व अभिविन्यास प्रशिक्षण कार्यक्रम, मदद पोर्टल, भारतीय समुदाय कल्याण कोष आदि इस संबंध में महत्वपूर्ण तंत्र हैं। शिकायतों को विभिन्न चैनलों जैसे कॉल, वॉक-इन, ई-मेल, ट्विटर, व्हाट्सएप, 24x7 हेल्पलाइन और मिशनों/केन्द्रों के अन्य सोशल मीडिया खातों के माध्यम से भी पंजीकृत किया जाता है और उनका उत्तर दिया जाता है।

चूंकि अवैध प्रवासी गुप्त और गैर-कानूनी तरीके से देश में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं, ऐसे अवैध घुसपैठियों की कुल संख्या का कोई सटीक अनुमान नहीं है। ऐसे अवैध घुसपैठियों का पता लगाना, उन्हें हिरासत में लेना और निर्वासन करना एक सतत प्रक्रिया है जिन पर स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों और आप्रवासन ब्यूरो द्वारा कार्रवाई की जाती है।

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