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सिडनी संवाद में प्रधानमंत्री का मुख्य भाषण

नवम्बर 18, 2021

मेरे ​प्रिय मित्र , प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन,
मित्रों ,
नमस्कार!


यह भारत के लोगों के लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे सिडनी संवाद के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देने के लिए आमंत्रित किया है।

मैं इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उभरती डिजिटल दुनिया में भारत की केंद्रीय भूमिका को दी गई मान्यता के रूप में देखता हूं। यह हमारे दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर जताया गया बड़ा भरोसा है जो इस क्षेत्र और पूरी दुनिया की भलाई की एक ताकत है। मैं सिडनी संवाद को उभरती महत्वपूर्ण साइबर प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बधाई देता हूं।

मित्रों,

हम बदलाव के एक ऐसे दौर में हैं जो​ किसी युग में एक बार होता है। डिजिटल युग हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है। इसने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है। यह संप्रभुता, शासन, नैतिकता, कानून, अधिकारों और सुरक्षा पर नए सवाल उठा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, शक्ति और नेतृत्व को नया आकार दे रहा है।

इसने प्रगति और समृद्धि के अवसरों के एक नए युग की शुरुआत की है। लेकिन, हम समुद्र तल से साइबर और अंतरिक्ष तक विमिन्न प्रकार के नए खतरों और नए टकरावों का भी सामना कर रहे हैं।

पहले से ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख साधन बन चुकी प्रौद्योगिकी भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में बड़ी मददगार बनेगी। प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। ऐसे में हमें कुछ निहित स्वार्थों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।

मित्रों,

एक लोकतंत्र और एक बड़ी डिजिटल ताकत के रूप में, भारत साझा समृद्धि और सुरक्षा के लिए भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति की जड़ें हमारे लोकतंत्र, हमारी जनसंख्या संरचना और हमारी अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है। यह हमारे युवाओं के उद्यम और नवाचार द्वारा संचालित है। हम अतीत में मिली चुनौतियों को भविष्य में उूंची छलांग लगाने के अवसर में बदल रहे हैं।

भारत में पांच महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं:

पहला, हम दुनिया की सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना अवसंरचना का निर्माण कर रहे हैं। एक अरब 30 करोड़ से ज्यदा भारतीयों को विशिष्ट डिजिटल पहचान मिल चुकी है, 600,00 गांव जल्दी ही ब्रॉड बैंड सेवा से जुड़ने जा रहे हैं। हमने दुनिया की सबसे सशक्त डिजिटल भुगतान सेवा-यूपीआई विकसित की है। अस्सी करोड़ से ज्यादा भारतीय इंटरनेट सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं; 75 करोड़ स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं; हम प्रति व्यक्ति डेटा के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक हैं और हम सबसे सस्ती डेटा सेवा देने वाले देशों में भी एक हैं।

दूसरा, हम सशक्तिकरण, कनेक्टिविटी, लाभ वितरण और कल्याण कारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने और बेहतर शासन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके लोगों के जीवन को बदल रहे हैं। भारत के वित्तीय समावेशन, बैंकिंग और डिजिटल भुगतान क्रांति के बारे में सभी जानते हैं। हाल ही में, हमने आरोग्य सेतु और कोविन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके पूरे भारत में टीकों की 110 करोड़ से अधिक खुराक देने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया है। हम अपनी एक अरब से अधिक आबादी को सस्ती और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन भी बना रहे हैं। हमारे वन नेशन, वन राशन कार्ड की व्यवस्था से देश के किसी भी हिस्से में रह रहे करोड़ों श्रमिक लाभान्वित होंगे।

तीसरा, भारत के पास इस समय दुनिया का सबसे बड़ा और तेजी से उभरता स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है। स्वास्थ्य से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हर चीज का समाधान प्रदान करने के लिए हर कुछ हफ्तों में नए यूनिकॉर्न आ रहे हैं।

चौथा, भारत के उद्योग और सेवा क्षेत्र के साथ ही कृषि क्षेत्र भी व्यापक डिजिटल बदलाव से गुजर रहा है। हम पारंपरिक ऊर्जा से स्वच्छ ऊर्जा के इस्तेमाल की तरफ बढ़ने,संसाधनों के रूपांतरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए भी डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं।

पांचवां, भारत को भविष्य के लिए तैयार करने करने का बड़ा प्रयास हो रहा है। "हम 5G और 6G जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने के लिए निवेश कर रहे हैं। भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग वाले अग्रणी देशों में से एक है। विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मानव-केंद्रित और नैतिक उपयोग में। हम क्लाउड प्लेटफार्म और क्लाउड कंप्यूटिंग में मजबूत क्षमताओं का विकास कर रहे हैं”। यह एक संवहनीय और डिजिटल संप्रभुता की कुंजी है। हम क्वांटम कंप्यूटिंग में विश्व स्तरीय क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अब निजी क्षेत्र के वास्ते नवाचार और निवेश के लिए खुला है। भारत पहले से ही दुनिया भर के कॉरपोरेट्स को साइबर सुरक्षा समाधान और सेवाएं प्रदान करने का एक प्रमुख केंद्र है। हमने भारत को साइबर सुरक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए अपने उद्योग के साथ मिलकर एक कार्यबल का गठन किया है। हमें अपने कौशल और वैश्विक भरोसे का लाभ मिला है। अब हम हार्डवेयर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम सेमी-कंडक्टर के प्रमुख निर्माता बनने के लिए प्रोत्साहन पैकेज तैयार कर रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में हमारी उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं पहले से ही भारत में अपना कारोबार करने के लिए स्थानीय और वैश्विक कंपनियों को आकर्षित कर रही हैं।

मित्रों,

भारत में आज प्रौद्योगिकी का सबसे बड़ा उत्पाद, डेटा है। हमने डेटा संरक्षण और इसकी सुरक्षा तथा निजता बनाए रखने का एक मजबूत ढांचा तैयार किया है। हम लोगों के सशक्तिकरण के माध्यम के रूप में डेटा का उपयोग करते हैं। भारत के पास व्यक्तिगत अधिकारों की मजबूत गारंटी के साथ लोकतांत्रिक ढांचे में ऐसा करने का बेजोड़ अनुभव है।

मित्रों,

कोई भी देश प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किस प्रकार से करता है यह उसके मूल्यों और सोच पर निर्भर करता है।भारत की पंरपराएं पुरानी हैं और आधुनिक संस्थाएं सशक्त हैं। हमने दुनिया को हमेशा एक परिवार की तरह माना है। भारत सूचना प्रौद्योगिकी की एक ऐसी प्रतिभा है जिसने वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद की है। कोई भी देश प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किस प्रकार से करता है यह उसके मूल्यों और सोच पर निर्भर करता है। भारत की पंरपराएं पुरानी हैं और आधुनिक संस्थाएं सशक्त हैं। हमने दुनिया को हमेशा एक परिवार की तरह माना है। भारत सूचना प्रौद्योगिकी की एक ऐसी प्रतिभा है जिसने वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में मदद की है। उसने Y2K समस्या से निपटने में योगदान दिया है। ऐसी प्रौद्योगिकियों और सेवाओं को विकसित करने में मदद की है जिनका इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के काम काज के लिए करते हैं।

आज, हमने अपना कोविन प्लेटफॉर्म पूरी दुनिया के लिए मुफ्त में पेश किया है और इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर बना दिया है। समावेशी विकास और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए जनहितकारी नीतियों को लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के मामले में भारत का व्यापक अनुभव विकासशील देशों के लिए बहुत मददगार हो सकता है।

हम राष्ट्रों और उनके लोगों को सशक्त बनाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं और उन्हें इस सदी के अवसरों के लिए तैयार कर सकते हैं। यह इस दुनिया के भविष्य निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह हमारे लोकतांत्रिक आदर्शों और मूल्यों को दर्शाता है। यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हमारे लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धि महत्वपूर्ण है।

मित्रों,

इसलिए यह जरूरी है कि लोकतांत्रिक देश "भविष्य की प्रौद्योगिकी के लिए अनुसंधान और विकास कार्यों में निवेश करने के लिए एक सहयोगात्मक ढांचा बनाने ; विश्वसनीय विनिर्माण आधार और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने ; साइबर सुरक्षा पर खुफिया और परिचालन सहयोग को गहरा करने, महत्वपूर्ण सुरक्षा सूचना बुनियादी ढांचा निर्मित करने; जनता की राय को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के चलन को रोकने;अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप तकनीकी और शासन के मानक और मानदंडों को विकसित करने ; डेटा प्रबंधन के मानक और मानदंड निर्धारित करने तथा डेटा के सीमा पार प्रवाह की रक्षा करने और उसे सुरक्षित रखने के लिए मिलकर काम करें।

उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में राष्ट्र के अधिकारों का ध्यान रखा जाना चाहिए और साथ ही, व्यापार, निवेश और बड़े स्तर पर जल कल्याण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर क्रिप्टो मुद्रा को ही ले लें। इस संबंध में महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर एक साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए वरना यह "हमारे युवाओं के लिए हानिकार हो सकता है।"

मित्रों,

हम एक ऐसे ऐतिहासिक मोड़ पर खड़े हैं जहां हमें यह चुनना है कि , हमारे युग की प्रौद्योगिकी की सभी अद्भुत क्षमताएं, सहयोग या संघर्ष, जबरदस्ती या पसंद, वर्चस्व या विकास, उत्पीड़न या अवसर में से किसका साधन बनेंगी। भारत, ऑस्ट्रेलिया और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र तथा उससे परे भी हमारे सहयोगियों को समय की इस पुकार को सुनना होगा।

हम अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए उठ खड़े होने को तैयार हैं। मुझे विश्वास है कि सिडनी संवाद वर्तमान युग में हमारी साझेदारी को आकार देने और अपने देशों तथा दुनिया के भविष्य के लिए अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में हमारी मदद करने के लिए एक अद्भुत मंच साबित होगा।

धन्यवाद!

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