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भारत - इटली वर्चुअल शिखर सम्मेलन पर संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम) द्वारा विशेष ब्रीफिंग की प्रतिलिपि (06 नवंबर, 2020)

नवम्बर 16, 2020

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: मित्रों, नमस्कार और शुभ संध्या। आपका स्वागत है। हम विशेष ब्रीफिंग से शुरुआत करेंगे। जैसा कि आप जानते हैं, हमने अभी-अभी भारत-इटली वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का समापन किया है और शिखर सम्मेलन और इसके परिणामों के बारे में जानकारी देने के लिए हमारे साथ संयुक्त सचिव यूरोप पश्चिम, श्री संदीप चक्रवर्ती हैं। संयुक्त सचिव अपनी आरंभिक टिप्पणी के साथ शुरुआत करेंगे और उसके बाद कुछ सवालों का जवाब देंगे। संदीप आपकी बारी ।

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम): धन्यवाद अनुराग। नमस्कार, शुभ संध्या। जैसा कि आप सभी जानते हैं, आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और इटली के प्रधान मंत्री प्रोफेसर ज्यूसेपे कॉन्टे के बीच पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन था। पिछले तीन वर्षों में दोनों नेताओं के बीच प्रधानमंत्री स्तर की यह पांचवीं वार्ता थी। हालही में, मई 2020 तक दो टेलीफोन वार्ताएं हुई हैं। हमारे प्रधानमंत्री को मई 2020 में प्रधान मंत्री कॉन्टे के निमंत्रण पर इटली जाना था, हालांकि कोविड महामारी के कारण वे यह यात्रा नहीं कर सके। इसलिए, दोनों नेताओं ने संपर्क बनाए रखने का फैसला लिया, चाहे वह वर्चुअल प्रारूप में था। बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच चर्चा बहुत ही मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने मई 2020 की टेलीफोन पर हुई बातचीत को याद किया, जिसके दौरान उन्होंने कोविड की स्थिति, भविष्य की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्षों ने ऐतिहासिक संबंधों, समान लोकतांत्रिक परंपराओं और कानून के शासन पर आधारित द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर प्रगति पर संतोष के साथ ध्यान दिया। क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। इस अवसर पर एक संयुक्त वक्तव्य और एक संयुक्त कार्य योजना जारी की जा रही है। वर्चुअल बैठक का उद्देश्य मजबूत राजनीतिक समझ और नींव का निर्माण करना है जिसका लाभ दोनों देश प्राप्त कर सकें और जिस पर दोनों देशों के बीच संबंधों की आर्थिक और द्विपक्षीय आधारभूत संरचना का निर्माण कर सकें । दोनों पक्षों ने जल्द ही प्रवास और गतिशीलता साझेदारी समझौते पर भी मिलकर काम करने का फैसला किया। आज की चर्चा का एक रोचक पहलू यह है कि प्रधान मंत्री कॉन्टे ने प्रधान मंत्री मोदी को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ कवि दांते एलिघिएरी की 700 वीं जयंती में भाग लेने का निमंत्रण दिया था और प्रधानमंत्री कॉन्टे ने उल्लेख किया कि उनकी "डिवाइन कॉमेडी" में, दांते ने भारत के बारे में कई संदर्भ दिए हैं और विशेष रूप से एक संदर्भ जिसका उन्होंने उल्लेख किया है, वह गंगा नदी का संदर्भ है और प्रधान मंत्री ने जवाब दिया कि उनका निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी गंगा पर स्थित है और यह उनकी अगली इटली यात्रा के संभावित अवसर के लिए एक प्रकार का विशेष आकर्षण है। मुझे लगता है कि ये मेरी आरंभिक टिप्पणी है अनुराग। अब आप कमान संभालें।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: धन्यवाद संदीप। हमें कुछ प्रश्न प्राप्त हुए हैं। मैं उन्हें पढ़ता हूँ। पहला सवाल रक्षक न्यूज से रंजीत कुमार का है - "क्या इटली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी पर अपने रुख में किसी भी बदलाव का संकेत दिया है?"

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम): इटली पक्ष ने इस मामले पर विचार-विमर्श में कोई संकेत नहीं दिया है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: डब्ल्यूआईओएन से सिद्धांत जानना चाहते हैं - "क्या वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर चर्चा की गई थी?"

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम): मुझे लगता है कि आज की चर्चा या बातचीत का पूरा ध्यान आर्थिक संबंधों पर था और इटली भारत के साथ अधिक ठोस आर्थिक साझेदारी करने के लिए आज अपनी आपूर्ति श्रृंखला, अपने निवेश, निवर्तमान निवेश में विविधता लाने के लिए बहुत उत्सुक है। मुझे लगता है, इस तरीके से, सिद्धांत आपका प्रश्न बहुत प्रासंगिक है, मुझे लगता है कि पूरी चर्चा और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण पर केंद्रित था। और, यदि आप उन समझौतों को देखें हैं जिन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो शिखर सम्मेलन के दौरान हुए, 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, अधिकतर निजी क्षेत्र के थे और आप देखेंगे कि बहुत सारे निवेश संबंधी निर्णय लिए गए हैं और निजी क्षेत्र के निकायों के बीच सहयोग हुआ है। इसलिए, मुझे लगता है कि शिखर सम्मेलन का पूरा ध्यान और समझौते भी इस बात का प्रमाण हैं कि आपने जो कहा वह प्रासंगिक है और वह शिखर सम्मेलन में चर्चा का मुख्य बिंदु था।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: सिद्धांत यह भी जानना चाहते हैं कि- " क्या बातचीत के दौरान चीन के बारे में भी चर्चा हुई थी?"

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम):आप देखें कि क्षेत्रीय और बहुराष्ट्रीय दोनों मुद्दों पर चर्चा हुई और इसमें अनेक क्षेत्रीय विषयों पर चर्चा हुई।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: सुमन शर्मा, उनका सवाल है - " दो रक्षा मंत्रालयों के बीच चर्चा में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समझौता ज्ञापन, क्या यह हो गया है और उस पर हस्ताक्षर किए गए हैं, या उस पर और चर्चा होगी?"

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम): द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर चर्चा चल रही है। यह पूरा नहीं हुआ है। हम बहुत आश्वस्त और आशान्वित हैं कि यह जल्द ही पूरा हो जाएगा और वास्तव में, रक्षा क्षेत्र में एक उच्च-स्तरीय आदान प्रदान पर कुछ चर्चा हो रही है। इसलिए शायद उस अवसर पर, इसे पूरा किया जाएगा।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: लाइव मिंट से एलिजाबेथ। वह जानना चाहती हैं कि क्या भारत-यूरोपीय संघ एफटीए पर कोई चर्चा हुई थी?

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम):एलिजाबेथ आप देख रही हैं कि इटली यूरोपीय संघ का एक अति महत्वपूर्ण सदस्य है। ब्रेक्जिट के बाद, यह यूरोपीय संघ में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत का यूरोपीय संघ में पांचवां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और भारत का एक बड़ा निवेशक भी है। इसलिए, निश्चित रूप से, भारत के साथ यूरोपीय संघ के संबंध, यूरोपीय संघ के साथ संबंध चर्चाओं का हिस्सा बने और यूरोपीय संघ एफटीए पर चर्चा की गई तथा प्रधानमंत्री ने 15 वें यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन के बारे में उल्लेख किया, जो 15 जुलाई को आयोजित किया गया था, जहां अंतर-मंत्रालयी तंत्र स्थापित किया गया है और यह भारत-यूरोपीय संघ व्यापार समझौते और व्यापार संबंधों से संबंधित कार्य देखेगा । इसलिए इस पर चर्चा हुई। हाँ।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: अगला सवाल सीएनएन न्यूज़ 18 से महा का है - "आज के शिखर सम्मेलन के बाद इटली और भारत के बीच कौन-कौन से समझौते हुए हैं?"

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम): महा जैसा कि मैंने के पहले उल्लेख किया था, 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें सबसे अधिक आर्थिक क्षेत्र में, ऊर्जा में, हरित ऊर्जा में, कचरे से धन में, नवीकरणीय ऊर्जा में और कुछ सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी थे। वास्तव में, आरसीएस और एएनआई के बीच विषय-वस्तु साझा करने के लिए एक मीडिया समझौता भी हुआ है । इसलिए अनेक क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन मैं कहूंगा कि अधिकतर आर्थिक क्षेत्र में थे और मुझे लगता है कि सूची को एक्सपी प्रभाग द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा, आप देख सकते हैं।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: हां, हम शीघ्र ही प्रदर्शित करेंगे। सीएनबीसी से परीक्षित जानना चाहते हैं कि- "भारत-इटली शिखर सम्मेलन से क्या उम्मीदें हैं? व्यापक एजेंडा क्या था और किन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए?" मुझे लगता है कि आपने पहले ही समझौतों का उल्लेख किया है, आप शेष प्रश्नों के उत्तर दे सकते हैं।

श्री संदीप चक्रवर्ती, संयुक्त सचिव (यूरोप पश्चिम):जैसा कि मैंने पहले कहा था, शिखर सम्मेलन का पूरा ध्यान भारत और इटली के बीच घनिष्ठ राजनीतिक संबंध बनाने पर था और अपनी आर्थिक साझेदारी को नए क्षेत्रों में, हरित प्रौद्योगिकी में, ऊर्जा में, नवीकरणीय ऊर्जा में आधुनिक विनिर्माण में, सर्कुलर अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में उच्च स्तर तक ले जाने पर था । यदि आपको याद है कि यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन में, नवीकरणीय और सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसलिए, मुझे लगता है कि इटली सर्कुलर अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भागीदार बन सकता है, जहां हम उत्पादन की गई सभी वस्तुओं का पुनर्चक्रण कर सकते हैं और उसे नया रूप दे सकते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि नई प्रौद्योगिकियों और उभरती प्रौद्योगिकियों में इटली एक महत्वपूर्ण भागीदार है और मुझे लगता है कि शिखर सम्मेलन का केंद्र और उद्देश्य संबंध के आर्थिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना था।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: और कोई प्रश्न नहीं है, इसलिए मुझे लगता है कि हम इस विशेष ब्रीफिंग को समाप्त कर सकते हैं। संदीप आपका धन्यवाद, ब्रीफिंग में शामिल होने के लिए धन्यवाद और हम कुछ ही मिनटों में हमारी नियमित साप्ताहिक ब्रीफिंग के साथ शीघ्र आएंगे।



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