पार्थिव शरीर का स्थानांतरण

प्र: मेरे रिश्तेदार की विदेश में मृत्यु हो गई है; क) उसके पार्थिव शरीर के परिवहन में भारतीय दूतावास की क्या भूमिका है? ख) यदि पार्थिव शरीर के परिवहन की व्यवस्था करने के लिए कोई उपलब्ध नहीं है, तो दूतावास किस प्रकार मदद कर सकता है? ग) यदि हम परिवहन लागत का भुगतान करने में हम समर्थ नहीं हैं तो क्या भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास पार्थिव शरीर को भेजने में सहायता करता है यदि हम परिवहन लागत के लिए भुगतान नहीं कर पा रहे हैं?
उ:
किसी भारतीय नागरिक के पार्थिव शरीर को वापस लाने के प्रयोजन से संबंधित भारतीय मिशन/पोस्ट पर मृत्यु का पंजीकरण आवश्यक है, जिसके लिए सामान्य रूप से निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
  • अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल रिपोर्ट/मृत्यु प्रमाण पत्र
  • आकस्मिक या अप्राकृतिक मृत्यु के मामले में विस्तृत पुलिस रिपोर्ट की प्रतिलिपि (अंग्रेजी अनुवाद के साथ, यदि रिपोर्ट किसी अन्य भाषा में है),
  • स्थानीय दाह संस्कार/दफन/पार्थिव शरीर के परिवहन के लिए मृतक के परिजनों के निकटतम से सहमति पत्र, किसी नोटरी द्वारा विधिवत सत्यापित
  • पासपोर्ट और वीजा पृष्ठों की प्रतिलिपि
  • उपर्युक्त के अलावा अन्य दस्तावेजों जैसे नश्वर अवशेषों को संबल करने की निकासी और व्यवस्थाएं, स्थानीय आप्रवास/सीमा शुल्क विभाग से मंजूरी आदि की आवश्यकता है । ये प्रक्रियाएं प्रत्‍येक देश में भिन्न हो सकती हैं ।
  • हालांकि प्राकृतिक मृत्‍यु के मामलों में कोई अनावश्यक विलंब नहीं होता है, लेकिन पार्थिव शरीर को भारत पहुंचाने में लगने वाला समय अप्राकृतिक मृत्‍यु के मामले में है, क्योंकि उन देशों में मृत्‍यु के कारणों की जांच के लिए स्थानीय प्रक्रियाएं शामिल हैं ।
  • हमारे मिशन/पोस्‍ट मृतक भारतीय नागरिक के निकटतम संबंधियों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं ताकि मृतक के परिवार की इच्छाओं के अनुसार पार्थिव शरीर के परिवहन या स्थानीय दाह संस्‍कार की सुविधा प्रदान की जा सके । वे भारत में पार्थिव शरीर को स्वदेश भेजने की प्रक्रियाओं में तेजी लाने के लिए संबंधित विदेशी अधिकारियों से भी संपर्क कर सकते हैं ।
  • यदि पार्थिव शरीर के परिवहन की देखभाल के लिए कोई मित्र या रिश्तेदार उपलब्ध नहीं है, तो आप भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास को पार्थिव शरीर के परिवहन की व्यवस्था करने के लिए अधिकृत कर सकते हैं ।
  • हां, भारतीय दूतावास आपके अनुरोध पर 'साधन परीक्षण' के आधार पर विचार कर सकता है। आपको अपने अनुरोध का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है।
प्र: क्या विशेष रूप से खाड़ी देशों में विदेशी भूमि में पार्थिव शरीर को दफनाना संभव है?
उ:
हां, यह संभव है लेकिन इनमें से अधिकतर देश केवल मुसलमानों के मामले में ही इसकी अनुमति देते हैं। इसके लिए स्थानीय दफन के लिए मृतक के कानूनी वारिस की सहमति भी जरूरी होगी । गैर मुस्लिमों के मामले में पार्थिव शरीर को उनके गृह देशों में स्वदेश भेजना अनिवार्य है। लावारिस शवों के मामले में स्थानीय अधिकारी उचित कार्रवाही करते हैं।
प्र: भारत में पार्थिव शरीर के परिवहन के लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता है?
उ:
  • कानूनी वारिस से सहमति और पॉवर ऑफ अटार्नी;
  • नैदानिक मृत्यु प्रमाण पत्र;
  • एम्बलमिंग प्रमाण पत्र;
  • गैर संक्रमण मृतक प्रमाण पत्र;
  • रद्द करने के लिए पासपोर्ट; और
  • भारतीय दूतावास से अनापत्ति प्रमाण पत्र।
प्र: पार्थिव शरीर के परिवहन के लिए कितना समय लगता है?
उ:
विदेशी नागरिकों के पार्थिव शरीर के परिवहन के लिए स्थानीय प्रक्रियाएं प्रत्‍येक देश में मिलती हैं। खाड़ी देशों में, सामान्य स्थानीय प्रक्रियाओं के कारण 2 से 4 सप्ताह तक का समय लगता है जैसा कि ऊपर बताया गया है । यदि मृत्यु अप्राकृतिक कारणों के कारण हुई हो और मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच चल रही है, तो जांच में प्रगति के आधार पर इसमें काफी अधिक समय लग सकता है । भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए संबंधित स्थानीय प्राधिकारियों के संपर्क में रहता है।