मीडिया सेंटर

एलएसी पर चीन की स्थिति के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए बयानों का हवाला देते हुए हालिया मीडिया रिपोर्ट पर पूछे गए सवालों के संबंध में आधिकारिक प्रवक्ता का प्रत्युत्तर

सितम्बर 29, 2020

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की स्थिति के संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय के वक्तव्य का हवाला देते हुए हाल की मीडिया रिपोर्ट पर पूछे गए सवालों के बारे में आधिकारिक प्रवक्ता श्री अनुराग श्रीवास्तव ने कहाः

हमने दिनांक 29 सितंबर को हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट देखी है जिसमें चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए एक वक्तव्य का हवाला देते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन सीमा क्षेत्र में चीन की स्थिति का उल्लेख किया गया है।

भारत ने तथाकथित रूप से एकतरफा तौर पर परिभाषित किए गए 1959 के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को कभी स्वीकार नहीं किया है। इसकी वास्तविक स्थिति तर्कसंगत और सर्वविदित है, तथा इस बारे में चीनी पक्ष भी भलिभांति जानता है।

इसके अलावा, इससे संबंधित विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के तहत, जैसे कि 1993 के एलएसी पर शांति और रखरखाव हेतु समझौता, 1996 के इस सैन्य क्षेत्र में कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजरमेंट (सीबीएफ) पर समझौता, 2005 के सीबीएम के कार्यान्वयन पर प्रोटोकॉल, 2005 के भारत-चीन सीमा प्रश्न के निपटारे के लिए राजनीतिक मापदंडों और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर समझौता, में भारत-चीन सीमा प्रश्न के निपटान के लिए भारत और चीन दोनों एलएसी के स्पष्टीकरण और पुष्टि के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि एलएसी के संरेखण हेतु एक आम सहझ तक पहुंचा जा सके। वास्तव में, दोनों पक्ष साल 2003 तक एलएसी को स्पष्ट करने और इसकी पुष्टि करने की कवायद में लगे थे, लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी, जैसा कि चीनी पक्ष ने इसे और आगे बढ़ाने की इच्छा नहीं दिखाई।

इसलिए, अब चीनी पक्ष का बार बार यह कहना कि केवल एक ही एलएसी है, इन उपरोक्त उल्लिखित समझौतों में चीन द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं के विपरीत है।

जैसा कि हमने पहले ही स्पष्ट किया है, भारतीय पक्ष ने हमेशा ही एलएसी का सम्मान और पालन किया है। जैसा कि माननीय रक्षामंत्री ने हाल ही में संसद में उल्लेख किया कि यह चीनी पक्ष ही है जिसने बार बार पश्चिमी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में एलएसी को स्थानांतरित करने के अपने प्रयासों से, एकतरफा रूप से इसकी यथास्थिति को बदलने की कोशिश करता रहा है।

पिछले कुछ महीनों में, चीनी पक्ष ने बार-बार पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति का समाधान किया जाना चाहिए। दिनांक 10 सितंबर को विदेश मंत्री और उनके चीनी समकक्ष के बीच हुए परस्पर बातचीत में भी, चीनी पक्ष ने सभी मौजूदा समझौतों का पालन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष ईमानदारी और विश्वासपूर्वक सभी समझौतों और सहमति का पूरी तरह से पालन करेगा, और एलएसी की गैरसमर्थनयोग्य एकतरफा व्याख्या को आगे प्रसारित करने से बचेगा।

नई दिल्ली
29 सितंबर, 2020

 

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