राज्यसभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 2931
दिनांक 19.03.2020 को उत्तर देने के लिए
चाबाहार पोर्ट का कार्य-संचालन
2931. डा. अमर पटनायकः
क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :
(क) भारत के साथ भागीदारी से अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रचालित की जा रही पत्तन विकास परियोजनाओं का ब्यौरा क्या है;
(ख) क्या चाबाहार पोर्ट के कार्य-संचालन के संबंध में अमरीका द्वारा दिखाई गई समझ अफगानिस्तान को मानवतावादी आधार पर निरंतर आपूर्ति करने मात्र के लिए है; और
(ग) क्या वर्तमान समय में पोर्ट का कार्य-संचालन केवल अफगानिस्तान को मानवीय आधार पर आपूर्ति करने मात्र के लिए किया जा रहा है?
उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)
(क) से (ग) भारत, बांग्लादेश, ईरान, म्यांमार और श्रीलंका में बंदरगाह विकास परियोजनाओं में भागीदारी कर रहा है।
भारत, बांग्लादेश को प्रदान की गई भारत सरकार की 4.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता के अंतर्गत मोंग्ला बंदरगाह के उन्नयन हेतु परियोजना में भागीदारी करेगा। परियोजना की अनुमानित लागत 530 मिलियन अमरीकी डॉलर है। परियोजना में बंदरगाह पर दो कंटेनर टर्मिनलों और संबंधित
अवसंरचनात्मक सुविधाओं का निर्माण शामिल है।
म्यांमार में, भारत सरकार की अनुदान सहायता से लगभग 78 मिलियन अमरीकी डॉलर की लागत पर मई 2017 में कलादान बहु-विध पारगमन परिवहन परियोजना के अंतर्गत सितवे में एक बंदरगाह और पालेत्वा और सितवे में भीतरी जलमार्ग परिवहन टर्मिनलों का निर्माण किया गया है। एक बंदरगाह संचालन
ने 01 फरवरी, 2020 से बंदरगाह संचालन का कार्य संभाल लिया है।
भारत जनवरी, 2018 में श्रीलंका के साथ हस्ताक्षरित 45.27 मिलियन अमरीकी डॉलर में ऋण सहायता करार के अंतर्गत श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में अवस्थित कांकेसंथुरई (केकेएस) लंगरस्थल के उन्नयन के लिए एक परियोजना में भागीदारी कर रहा है।
ईरान में, भारत ईरान इस्लामिक गणराज्य की सरकार के सहयोग से चाबाहार बेहस्ती बंदरगाह के प्रथम चरण के विकास में साझेदारी कर रहा है। भारतीय कंपनी, इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड ने दिसंबर 2018 में चाबाहार के शहीद बेहस्ती बंदरगाह पर कार्य-प्रचालन संभाल लिया है और
तब से अफगान कार्गो सहित 5 लाख टन से अधिक कार्गो का सफलतापूर्वक संचालन किया है। अमरीका ने अफगानिस्तान को लगातार लोकोपकारी आपूर्ति और अफगानिस्तान को आर्थिक विकल्प मुहैया कराने हेतु चाबाहार बंदरगाह के कार्य प्रचालन के महत्व के प्रति बोध प्रदर्शित किया है।
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