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प्रश्न सं. 1965 अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में ‘ब्रिक्स’ की भूमिका

दिसम्बर 05, 2019

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 1965
05.12.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए

अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में ‘ब्रिक्स’ की भूमिका

1965. श्री मानस रंजन भूनिया:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) क्या अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रिका (व्रिक्स) की भूमिका को बढ़ाने में भारत सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहा है ;

(ख) यदि हां, तो वर्तमान में ‘ब्रिक्स’ में सक्रिय भूमिका नहीं निभाने के क्या कारण हैं; और

(ग) ‘ब्रिक्स’ का मौजूदा दृष्टिकोण और अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ क्या हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (ग) भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ ब्रिक्स के माध्यम से वैश्विक महत्व के मुद्दों से सक्रिय रूप से जुड़ा रहता है। ब्रिक्स एक महत्वपूर्ण समूह है जो विश्वभर की उभरती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है जिसका विश्व व्यापार में 16% हिस्सा है, विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 23% हिस्सा है और विश्व जनसंख्या का 42% हिस्सा इसके समूह देशों में निवास करता है। ब्रिक्स देश पिछले कुछ वर्षों के दौरान वैश्विक आर्थिक उन्नति के मुख्य इंजन रहे हैं। साथ ही ब्रिक्स समूह शांतिपूर्ण, समृद्घ और बहुध्रुवीय विश्व के लिए बड़ा कारक बनकर उभरा है।

शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स राजनेता वैश्विक महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं जिनमें वैश्विक वित्तीय और सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद से निपटना, जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ विकास, बहुपक्षीय तंत्र में सुधार, विश्व व्यापार संगठन और अर्न्तराष्ट्रीय शासन संस्थाओं में सुधार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, व्यापार, स्वास्थ्य, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच परस्पर आदान-प्रदान सहित ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं। सभी ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों में भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है।

मोटे तौर से आर्थिक राजनीतिक एवं सुरक्षा और लोगों के बीच परस्पर संपर्क के अंतर्गत ब्रिक्स सहयोग चलता है। शुरु से ही वित्त और व्यापार ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग का मुख्य क्षेत्र रहा है। नया विकास बैंक (एनडीबी) और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) इस क्षेत्र के मुख्य परिणाम हैं। एनडीबी ने ब्रिक्स देशों में 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर की 44 परियोजनाएं का वित्त पोषण किया/वित्त पोषण का निर्णय लिया है, जिसमें से 3246 मिलियन अमेरिकी डॉलर की 8 परियोजनाएं भारत में हैं। इसके अतिरिक्त वैश्विक द्रवता दबाव से संरक्षण प्रदान करने के लिए ब्रिक्स में आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था भी स्थापित की गर्इ।

ब्रिक्स देश आतंकवाद से निपटने में भारत के इस पक्ष का समर्थन कर रहे हैं कि आतंकवाद किसी भी रूप और अभिव्यक्ति में स्वीकार्य नहीं है। ब्रिक्स राजनेताओं ने आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी इत्यादि को हिंसा फैलाने वाली तंजीमों के रूप में सूचीबद्घ किया है। ब्रिक्स में आतंकवाद का मुकाबला करने संबंधी विभिन्न पहलुओं को शामिल करने के लिए आतंकवाद रोधी कार्य समूह के अंतर्गत उप समूहों का गठन किया गया है।


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