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प्रश्न सं. 1959 मलेशिया और तुर्की द्वारा व्‍यक्‍त किए गए विचार

दिसम्बर 05, 2019

राज्‍य सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 1959
05.12.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए

मलेशिया और तुर्की द्वारा व्‍यक्‍त किए गए विचार

1959. चौधरी सुखराम सिंह यादव:

श्री विशम्‍भर प्रसाद निषाद :

श्रीमती छाया वर्मा:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्‍या यह सच है कि मलेशिया और तुर्की द्वारा भारत के हितों की लगातार अनदेखी की जा रही है और ये देश अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर भारत के हितों के विरूद्ध बोलते रहते हैं;

(ख) क्‍या यह सच है कि मलेशिया से आयातों में लगातार वृद्धि हुई है;

(ग) सरकार मलेशिया द्वारा भारत के हितों की अनदेखी को देखते हुए क्‍या- क्‍या कदम उठा रही हैं; और

(घ) भारत और मलेशिया जैसे पड़ौसी देश के बीच दूरी बढ़ने का मुख्‍य कारण क्‍या है?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
[श्री वी. मुरलीधरन]

(क) और (ग) भारत के मलेशिया और तुर्की के साथ परंपरागत रूप से सौहार्दपूर्ण, संबंध रहे हैं जो बढ़ते हुए आर्थिक संबंधों से और मजबूत हो रहे हैं।

भारत और इन देशों के बीच उठने वाले किसी भी मामले का समाधान द्विपक्षीय रूप से किया जाएगा और भारत सरकार ने मलेशिया और तुर्की सहित अपने भागीदारी देशों से भारत की संप्रभुता और भू-क्षेत्रीय अखंडता का सम्‍मान करने; और संबंधित मामले में समुचित समझ विकसित करने का आग्रह किया है।

(ख) भारत और मलेशिया के बीच पिछले वर्षों में द्विपक्षीय व्‍यापार बढ़ता रहा है। पिछले चार वर्षों के व्‍यापार संबंधी आंकड़े निम्‍नानुसार हैं :

(बिलियन अमरीकी डालर में)

Ministry of External Affairs, Government of India.
व्‍यापार/वर्ष 2016-16 2016-17 2017-18 2018-19

मलेशिया को किया गया निर्यात

3.70

5.22

5.70

6.43

मलेशिया से किया गया आयात

9.08

8.93

9.01

10.81

कुल व्‍यापार

12.78

14.15

14.71

17.24

(घ) : प्रश्न नहीं उठता।

***

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