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प्रश्न संख्या 190* नीदरलैंड के साथ सहमति ज्ञापन तथा करार

दिसम्बर 05, 2019

राज्य सभा
तारांकित प्रश्न संख्या 190*
दिनांक 05.12.2019 को उत्तर देने के लिए

नीदरलैंड के साथ सहमति ज्ञापन तथा करार

*190. श्रीमती शांता क्षत्रीः

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) क्या सरकार ने नीदरलैंड के साथ सहमति ज्ञापनों और करारों पर हस्ताक्षर किए हैं;

(ख) क्या सरकार ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में नीदरलैंड से अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं; और

(ग) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

उत्तर
विदेश मंत्री
(डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर)

(क) से (ग) विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है।

***

"नीदरलैंड के साथ सहमति ज्ञापन तथा करार” के संबंध में दिनांक 05.12.2019 को उत्तर दिए जाने हेतु राज्य सभा तारांकित प्रश्न संख्या *190 के भाग (क) से (ग) के उत्तर में उल्लिखित विवरण

भारत के नीदरलैंड के साथ विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, जल प्रबंधन, बंदरगाह, पोत परिवहन, अंतर्देशीय जलमार्ग, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य देखभाल, अंतरिक्ष, शहरी विकास एवं स्मार्ट सिटी, नवीकरणीय ऊर्जा, खेल-कूद तथा कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग की व्यवस्था है। यह सहयोग सरकारी और कारोबारी दोनों स्तर पर मौजूद है। वर्तमान में, भारत सरकार और नीदरलैंड के बीच निष्पादित तैंतीस (33) सक्रिया समझौता ज्ञापन और करार मौजूद हैं जो इस प्रकार हैंः

i. वायु सेवा करार (मई 1951)।

ii. भगोड़े अपराधियों के परस्पर अभ्यर्पण हेतु संधि (1898 की आंग्ल-डच संधि, जो 1971 में प्रभावी हुई)।

iii. आर्थिक तथा तकनीकी सहयोग संबंधी करार (फरवरी 1983)।

iv. सांस्कृतिक करार (मई 1985)।

v. वैज्ञानिक सहयोग संबंधी करार (नवंबर 1985)।

vi. दूरसंचार के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (सितंबर 1987)।

vii. पर्यावरणीय सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (जनवरी 1988)।

viii. दोहरा कराधान परिहार, राजकोषीय अपवंचन निवारण (जुलाई 1988)।

ix. कृषि तथा पशुपालन में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (सितंबर 1990)।

x. निवेशों के प्रोन्नयन तथा संरक्षण हेतु करार (नवंबर 1995)।

xi. निवेश प्रोन्नयन हेतु समझौता ज्ञापन (फरवरी 2004)।

xii. सांस्कृतिक सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (अक्तूबर, 2007)।

xiii. बंदरगाह और समुद्री परिवहन एवं संभारिकी के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (फरवरी, 2008) – जिसे मई, 2011 में अगले तीन वर्ष के लिए बढ़ाया गया।

xiv. विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (मार्च, 2008)।

xv. सामाजिक सुरक्षा करार (अक्तूबर, 2009)।

xvi. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर) तथा लीडेन यूनिवर्सिटी के बीच लीडेन यूनिवर्सिटी में "समकालीन भारत के अध्ययन हेतु दीर्घावधिक पीठ” की स्थापना हेतु समझौता ज्ञापन (दिसंबर, 2010)।

xvii. कॉरपोरेट अभिशासन तथा सीएसआर के क्षेत्रों में सहयोग हेतु आशय-पत्र (एलओआई) (जून 2011)।

xviii. दोहरे कराधान परिहार और राजकोषीय अपवंचन निवारण के संबंध में भारत और नीदरलैंड के बीच अभिसमय में संशोधन करने हेतु संशोधित प्रोतोकॉल (मई 2012)।

xix. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) तथा आर्थिक कार्य, कृषि तथा नवाचार मंत्रालय, नीदरलैंड अधिराज्य के अधीन उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा प्राधिकरण के बीच खाद्य सुरक्षा संबंधी समझौता ज्ञापन (नवंबर, 2012)।

xx. आकाशीय आयोजना, जल प्रबंधन तथा आवाजाही प्रबंधन के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (मई, 2013)।

xxi. स्वास्थ्य देखभाल एवं जन-स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (जनवरी, 2014)।

xxii. खेल-कूद अवसंरचना विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (जनवरी, 2014)।

xxiii. नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (फरवरी, 2014)।

xxiv. संयुक्त व्यापार एवं निवेश समिति के संबंध में समझौता ज्ञापन (नवंबर 2014)।

xxv. विद्युत चालित परिवहन व्यवस्था के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग प्रगाढ़ बनाने के संबंध में संयुक्त सहयोग कार्यक्रम (जून, 2015)।

xxvi. जल प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (जून, 2017)।

xxvii. सांस्कृतिक सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (जून, 2017)।

xxviii. सामाजिक सुरक्षा संबंधी करार में संशोधन करने हेतु प्रोतोकॉल (जून 2017)।

xxix. आकाशीय आयोजना, जल प्रबंधन तथा आवाजाही प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (अप्रैल, 2018) का विस्तार करने हेतु विदेश सेवा संस्थान, विदेश मंत्रालय, भारत गणराज्य और नीदरलैंड अधिराज्य के विदेश मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (मई 2018)।

xxx. सीमा शुल्क संबंधी मामलों में परस्पर प्रशासनिक सहायता संबंधी करार पर आशय-पत्र (एलओआई) (जनवरी, 2019)।

xxxi. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन संबंधी कार्य-ढाँचा करार (मई, 2018)।

xxxii. विदेश सेवा संस्थान, विदेश मंत्रालय, भारत गणराज्य और नीदरलैंड अधिराज्य के विदेश मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन (मई, 2018)।

xxxiii. भारत और नीदरलैंड के रक्षा मंत्रालयों के बीच वर्गीकृत सूचनाओं के परस्पर संरक्षण हेतु करार (अक्तूबर, 2019)।

2. भारत और नीदरलैंड जलवायु परिवर्तन संबंधी सरोकारों सहित परस्पर सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। शिखर सम्मेलन स्तरीय बैठकों के पश्चात् जारी किए जाने वाले संयुक्त वक्तव्यों में भी ये परिलक्षित होते हैं।

3. वर्ष 2017 तथा 2018 में आयोजित शिखर सम्मेलन स्तरीय बैठकों के पश्चात् जारी किए गए संयुक्त वक्तव्यों में उल्लिखित जलवायु परिवर्तन संबंधी अनुच्छेदों के प्रासंगिक अंश इस प्रकार हैं:

भारत-नीदरलैंड संयुक्त विज्ञप्ति द हेग, (27 जून, 2017)

प्रधान मंत्री मोदी ने नीदरलैंड को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में शामिल होने का न्योता दिया। प्रधान मंत्री रूत्ते ने भारत द्वारा इस पहल के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के संबंध में विश्व स्तर पर संगठित कार्रवाई करने के प्रयोजनार्थ इसकी अगुवाई करने के लिए सराहना की और उन्होंने घोषणा की कि नीदरलैंड इस आमंत्रण पर सकारात्मक रूप से विचार करेगा।

नीदरलैंड के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा के दौरान भारत-नीदरलैंड संयुक्त वक्तव्य (24 मई, 2018)

दोनों राजनेताओं ने पेरिस करार के अनुसरण में जलवायु परिवर्तन से निपटने, क्षमता बढ़ाने तथा नकारात्मक प्रभावों को कम करने के प्रति अपनी-अपनी प्रतिबद्धताओं की पुनः पुष्टि की। उन्होंने समूची मानव जाति के लाभार्थ जलवायु परिवर्तन से निपटने में अपरिवर्तनीय वैश्विक प्रक्रिया के एक हिस्से के तौर पर संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन अभिसमय कार्य-ढाँचा (यूएनएफसीसीसी) के तहत इस करार को पूर्णतः लागू करने के प्रति वचनबद्धता व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने गौर किया कि जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों का निदान करने और सुरक्षित, किफायती तथा टिकाऊ ऊर्जा आपूर्ति का मुद्दा महत्वपूर्ण साझी प्राथमिकताएं हैं और उन्होंने प्रौद्योगिकी आविष्कार, सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षमता विकास, व्यापार तथा निवेश और परियोजना स्थापना के माध्यम से विकास लागत को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं शुरू करने हेतु परस्पर सहयोग पर सहमति व्यक्त की।

भारत ने नीदरलैंड द्वारा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन कार्य-ढाँचा करार पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। दोनों प्रधान मंत्रियों ने शोध संस्थानों तथा उद्योगों, जिनमें अन्य देश भी शामिल हैं, से आग्रह किया कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से सौर प्रौद्योगिकियों के उपयोग को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए जिससे नीदरलैंड अधिराज्य के कैरिबियाई हिस्से भी लाभान्वित होंगे।

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