शिखर बैठक के समक्ष एक व्यापक एजेंडा था, जिस पर पिछले दो वर्षों से काम चल रहा है। परंतु इस पर ग्रीक में अचानक घटित घटनाक्रम हावी हो गए, जिसके छलकने वाले विस्तृत प्रभाव हो सकते हैं। शिखर बैठक में विद्यमान कार्य सूची की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की गई
तथा ग्रीक संकट के प्रभावों पर भी चर्चा की गई।
जहां तक सतत रूप से जारी कार्य सूची का संबंध है, प्रेस विज्ञप्ति में सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई उल्लेखनीय प्रगति का उल्लेख किया गया है। इनमें पारस्परिक मूल्यांकन प्रक्रिया (एमएपी) का परिणाम, वित्तीय विनियमन एवं बैंकिंग पारदर्शिता में प्रगति तथा
कृषि एवं ऊर्जा बाजारों के कामकाज में सुधार के साथ-साथ हवाला बाजारों में सुधार शामिल है।
प्रेस विज्ञप्ति कीमतों में अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए जींस बाजारों के विनियमन एवं पर्यवेक्षण में सुधार के लिए आईओएससीओ की सिफारिशों का स्वागत करती है।
एमएपी प्रक्रिया पहली बार दर्शाती करती है कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने ऐसी नीतियों का अनुसरण करने के प्रति सामूहिक वचनबद्धता ग्रहण की है, जो उनके राष्ट्रीय उद्देश्यों को पूरा करने के साथ-साथ वैश्विक विकास को बढ़ावा देने के लिए भी संगत हैं।
मुझे यह जानकार विशेष रूप से खुशी है कि यह प्रेस विज्ञप्ति कर जालसाजी एवं कर अपवंचन तथा अन्य अवैध प्रवाहों से लड़ने के लिए अधिक बैंकिंग पारदर्शिता एवं सूचना के आदान प्रदान के लिए हमारे आह्वान का समर्थन करती है। यह हमारे एजेंडा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
प्रेस विज्ञप्ति सामाजिक समावेशन, राष्ट्रीय नीतियों के आधार पर सामाजिक संरक्षण के सोपानों की स्थापना तथा विशेष रूप से युवाओं में रोजगार के संवर्धन के महत्व पर बल देती है। इस तरह के बल हमारी अपनी प्राथमिकताओं के बिल्कुल अनुरूप हैं।
शिखर बैठक ने दोहा दौर की वार्ता के संबंध में स्थिति की भी समीक्षा की, जिसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। शिखर बैठक ने दोहा दौर एवं दोहा विकास कार्य सूची के अधिदेश के महत्व का समर्थन किया है। इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने के लिए, इसने जी-20 के व्यापार मंत्रियों
को दिसंबर में विश्व व्यापार संगठन की अगली मंत्रि स्तरीय बैठक में सभी संभव दृष्टिकोणों का पता लगाने एवं मैक्सिको शिखर बैठक में इस बारे में रिपोर्ट करने का कार्य सौंपा गया है।
शिखर बैठक ने नए संरक्षणवादी उपायों पर गतिरोध करार की भी पुष्टि की है, जिसे टोरंटो में अपनाया गया।
शिखर बैठक में ग्रीक संकट से उत्पन्न मुद्दों तथा संक्रमणकारी प्रभावों से बचने के लिए संरक्षी कदम उठाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई। हमने कहा था कि यूरो जोन के संकट का प्रबंधन मुख्य रूप से यूरो जोन के देशों की जिम्मेदारी है तथा इस मूल्यांकन को अनेक अन्य
प्रतिनिधियों के साथ साझा किया गया। यूरो जोन के देशों ने आपस में गहन विचार विमर्श किया तथा उन्होंने इस संबंध में कुछ प्रगति की सूचना दी है।
पिछले दिनों घोषित ग्रीक जनमत संग्रह को वापस ले लिया गया है तथा ग्रीक सरकार ने संकेत दिया है कि वे पिछले दिनों सहमत पैकेज को कार्यान्वित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। हम इस घटनाक्रम का स्वागत करते हैं तथा आशा करते हैं कि इससे शीघ्र समाधान का मार्ग प्रशस्त
होगा।
यूरो जोन के अन्य देशों पर फैल रहे संक्रमधकारी प्रभावों के मुद्दे पर, इटली ने घोषणा की कि यह एक निगरानी व्यवस्था पर सहमत हुआ है जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष हर तिमाही यूरोपीय संघ के साथ सहमत विद्यमान कार्यक्रम के अंतर्गत इटली के निष्पादन पर रिपोर्ट
प्रस्तुत करेगा।
इसका उद्देश्य बाजारों को विश्वास का संकेत भेजना है। हमने यह दृष्टिकोण अपनाया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को स्थिति पर ध्यान से नजर रखना चाहिए तथा हम यूरो जोन के अंदर उठाए गए निवारक कदमों को लागू करने में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की उपयुक्त भूमिका
का समर्थन करते हैं। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जी-20 यह सुनिश्चित करेगा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों। इस मुद्दे को दिसंबर में वित्त मंत्रियों की अगली बैठक के लिए उन्हें संदर्भित कर दिया गया है।
यूरो जोन का संकट संभावित रूप से स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती है। सभी मुद्दों के समाधान के लिए शिखर बैठक में स्पष्टत: बहुत कम समय था। तथापि, मैं आशा करता हूँ कि अनसुलझे मुद्दे भी जल्दी से सुलझ सकते हैं। इस मुद्दे पर शिखर बैठक के परिणाम को प्रगति की दिशा
में कार्य के रूप में देखना चाहिए।
कान
4 नवंबर, 2011