यात्रायें

Detail

जमैका की संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद का संबोधन

मई 18, 2022

• माननीय अध्यक्ष, सुश्री मारिसा डेलरिम्पल

• सीनेट के माननीय अध्यक्ष, श्री थॉमस तवारेस- फिन्सन

• परम माननीय प्रधानमंत्री, श्री एंड्रयू होल्नेस

• नेता प्रतिपक्ष, श्री मार्क गोल्डिंग,

• माननीय मंत्रीगण,

• प्रतिनिधि सभा और सीनेट के विशिष्ट सदस्यगण,

• विशेष रूप से आमंत्रित अतिथिगण,

• देवियों और सज्जनों


1. मैं आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

अध्यक्ष महोदया,

2. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक प्रमुख के रूप में, मैं जमैका के जीवंत लोकतंत्र के नेताओं की इस भव्य सभा में बात करते हुए प्रसन्न और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

3. सबसे पहले मैं यह भी बताना चाहता हूं कि जमैका में होना, इसकी जीवंत संस्कृति का अनुभव करना और यहां के अत्यंत जीवंत लोगों से मिलना कुछ ऐसी चीज है जिसका मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा था। मन को झकझोर देने वाले बॉब मार्ले के गीत, रेगे संगीत, खेलों के सुपरस्टार, और साथ ही साथ जमैका के लोगों के गर्मजोशी से स्वागत करने वाले स्वभाव दुनिया भर में जाने जाते हैं। और वैसे ही जानी जाती है आपकी ब्लू माउंटेन कॉफी और खूबसूरत समुद्र तट।

अध्यक्ष महोदया,

4. भारत से पंद्रह हजार किलोमीटर दूर, मैं आपके सामने घर जैसा महसूस करता हूं। और मैं क्यों न करूं, जब इस सदन में भारतीय वंश के कई प्रतिष्ठित सदस्य मौजूद हैं।

5. जमैका ने भारतीयों का खुले दिल से स्वागत किया है और उन्हें इज्ज़त व सम्मान दिया है। नतीजतन, न सिर्फ राजनीति; बल्कि व्यापार, संगीत, खेल, पोशाक और भोजन सभी में समृद्ध भारतीय उपस्थिति नज़र आती है।

6. मैं अपने साथ भारत से एक चंदन का पौधा लाया था, और मैंने कल इसे होप बॉटनिकल गार्डन में इंडिया-जमैका फ्रेंडशिप गार्डन में लगाया। मुझे पूरा विश्वास है कि यह पौधा एक पेड़ के रूप में विकसित होगा और पूरे बगीचे को अपनी खुशबू से भर देगा, ठीक वैसे ही जैसे भारतीय समुदाय यहाँ बड़ा हुआ और आज जमैका के विकास में योगदान दे रहा है।

7. और फिर भी, यह केवल भारतीय प्रवासी और सांस्कृतिक बंधन ही नहीं हैं जो हमारे दोनों देशों को एक साथ लाते हैं, बल्कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता में हमारा विश्वास भी हमें एक साथ बांधता है। यह विचार कि सभी नागरिकों को समान बनाया गया है, जमैका के संविधान का एक केंद्रीय स्तंभ है। हमारे संस्थापकों ने भी इसी विश्वास को साझा किया और भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता की मांग की। उन्होंने स्वतंत्रता, लोकतंत्र और समानता को केंद्र में रखकर एक आधुनिक राष्ट्र का निर्माण किया। और ऐसा करने में, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हम 'विविधता में एकता' का जश्न मनाते रहें, जो कि जमैका के 'अनेक में से, एक व्यक्ति' के आदर्श वाक्य के समान है। इस प्रकार, मैं आज यहां न केवल एक अतिथि राष्ट्राध्यक्ष के रूप में बल्कि एक साझा परंपरा वाले एक साथी राष्ट्र के प्रतिनिधि के रूप में खड़ा हूं।

अध्यक्ष महोदया,

8. कल, मैंने अपनी यात्रा की शुरुआत राइट एक्सीलेंट मार्कस गर्वे के स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ की। अन्याय और भेदभाव के खिलाफ उनके अग्रणी नेतृत्व ने दुनिया भर में लोगों को पीढ़ियों से प्रेरित किया है, जिससे लाखों लोगों को सम्मान और बेहतर जीवन मिला है।

सदस्यगण और मित्रों,

9. भारत में, अति सम्माननीय डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर ने खुद को दलितों के उत्थान और सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने संविधान में सामाजिक सशक्तिकरण के प्रावधानों को पेश किया और उन्हें 'भारतीय संविधान का वास्तुकार' कहा गया। मैं जमैका सरकार द्वारा किंग्स्टन में एक एवेन्यू का नाम डॉ. अम्बेडकर के नाम पर रखने के लिए आभारी हूं, जिसका मैंने कल उद्घाटन किया था।

अध्यक्ष महोदया,

10. यह देखना वाकई खुशी की बात है कि जमैका ने साठ साल पहले अपनी आजादी के बाद से लोकतंत्र के आदर्शों का अक्षरश: पालन किया है। सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका के साथ, जमैका दूसरों के अनुकरण के लिए मानदंड स्थापित कर रहा है। मैं जमैका को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने एक महिला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति करके एक उदाहरण स्थापित किया है।

11. पर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक स्थिति, युवा आबादी और गतिशील नेतृत्व के साथ, जमैका और भी अधिक आर्थिक सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार है। कैरिकॉम क्षेत्र में इसका नेतृत्व, अंतर्राष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवहार और अधिक जिम्मेदारी निभाने की इच्छा इसे अन्य देशों के लिए पसंद का भागीदार बनाती है।

सदस्यगण और मित्रों,

12. जैसे-जैसे दुनिया कोविड-19 संकट से उबर रही है, भारत के सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज दर से बढ़ने का अनुमान है। हमने स्वतंत्रता के बाद से कृषि उत्पादकता में कई गुना वृद्धि की है और खाद्यान्नों के शुद्ध निर्यातक बने हुए हैं। भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' के रूप में भी जाना जाता है, जो सस्ती कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाओं और टीकों का निर्माण करता है।

13. भारत ने 150 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता को पार कर लिया है और खुद के लिए 2030 तक 450 गीगावाट का लक्ष्य रखा है। हमने दुनिया भर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में भी अग्रणी भूमिका निभाई है। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने काफी प्रगति की है। हम दुनिया भर के देशों के लिए नियमित रूप से उपग्रहों को लॉन्च करने के अलावा, मंगल ग्रह पर एक कक्षीय मिशन भेजने वाले चुनिंदा देशों में से हैं।

अध्यक्ष महोदया,

14. भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है जो प्रगति और विकास को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान का सृजन, प्रसार और उपयोग करता है। आज, भारत और भारतीय चौथी औद्योगिक क्रांति का आधार बनाने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और मेटा-वर्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर अनुसंधान और विकास का बीड़ा उठा रहे हैं। भारत स्टार्ट-अप और नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों का केंद्र भी है और उन शीर्ष तीन देशों में शामिल है जहां सबसे अधिक यूनिकॉर्न हैं।

15. भारत के शिक्षा क्षेत्र, विशेष रूप से इसके विश्वप्रसिद्ध उत्कृष्टता संस्थानों का विशेष संदर्भ दिया जाना चाहिए। आज प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के कई पूर्ववर्ती छात्र दुनिया भर की कंपनियों के सबसे बड़े व्यवसायों और प्रौद्योगिकी का नेतृत्व कर रहे हैं।

16. 2020 में जारी हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, भारत विदेशों में नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान शुरू करने की योजना बना रहा है। मुझे खुशी है कि जमैका उन पहले देशों में से एक है जिसने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की मेजबानी करने में रुचि व्यक्त की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने प्रमुख भारतीय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों के लिए विशेष तकनीकी पाठ्यक्रम के द्वार भी खोले हैं। जमैका के छात्रों को विश्व स्तर पर सम्मानित कुछ सर्वोत्तम संस्थानों में अध्ययन के इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए, जहाँ पश्चिमी संस्थानों की तुलना में खर्च का केवल एक अंश ही शुल्क लगता है।

सदस्यगण और मित्रों,

17. "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" का आदर्श वाक्य राष्ट्र का हमारा दृष्टिकोण है जिसमें प्रत्येक नागरिक को शामिल करने वाला विकास का समावेशी मॉडल समाहित है। साथ ही, यह हमारी विविधता का उत्सव है; सामाजिक सद्भाव की ताकत, और व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। यह हमारी संस्कृति का कालातीत लोकाचार है, यह हमारे संविधान का मूल है और हमारे भविष्य की नींव भी है।

अध्यक्ष महोदया,

18. "वसुधैव कुटुम्बकम" के आदर्श में भारत का स्थायी विश्वास है, जिसका अर्थ है "विश्व एक परिवार है", जो हमारे शाश्वत मूल्यों को दर्शाता है। भारत ने महामारी के चरम के दौरान 100 से अधिक देशों को चिकित्सा सहायता प्रदान की, और जमैका सहित कई देशों मेंकोविड-19 के टीके भी पहुंचाए।

अध्यक्ष महोदया,

19. कुछ सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के पड़ोस में होने से जमैका की रणनीतिक स्थिति, और अंग्रेजी बोलने वाले युवाओं का प्रतिभाशाली समूह, इसे 'ज्ञान राजमार्ग' बनने और चौथी औद्योगिक क्रांति से लाभ उठाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। भारत जमैका के 'विज़न 2030' के लक्ष्यों को साझा करता है, जो एक समृद्ध और टिकाऊ अर्थव्यवस्था बनते हुए अपने लोगों को सशक्त बनाने और एक सुरक्षित, एकजुट और न्यायपूर्ण समाज सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

20. भारत जमैका के साथ साझेदारी करने और अपने तकनीकी कौशल, ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है जो जमैका की शिक्षा और व्यवसायों को बदल सकता है। जमैका के शीर्ष व्यवसाय पहले से ही भारत में स्थित प्रौद्योगिकी कंपनियों से सॉफ्टवेयर और बैकरूम तकनीकी सहायता लेते रहे हैं।

21. भारत और जमैका पहले से ही कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत सहयोग कर रहे हैं। रेलवे और कृषि क्षेत्रों में भागीदारी की भी काफी संभावनाएं हैं, जो भारत की ताकत हैं।

22. 3 मिलियन से भी कम आबादी वाले देश के लिए, एथलेटिक्स में ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और अन्य प्रमुख खेल आयोजनों में जमैका का दबदबा देखना आश्चर्यजनक है। आप देखेंगे कि भारत खेल और एथलेटिक्स में सबक सीखने के लिए आपकी ओर रुख कर रहा है। संगीत और मनोरंजन में, आपसी आदान-प्रदान दोनों देशों में मनोरंजन उद्योगों को समृद्ध करेगा। साथ ही हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म में भी सहयोग और आपस में सीखने की काफी गुंजाइश है।

सदस्यगण और मित्रों,

23. मुझे विश्वास है कि हमारा सम्मिलन और पूरकताएं परस्पर लाभकारी होंगी। जैसा कि हम अपने राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, आइए, हम अपनी बढ़ती साझेदारी, हमारे मूलभूत सिद्धांतों और साझा मूल्यों से प्रेरणा और शक्ति प्राप्त करें।

24. हम अपने साझा आदर्शों को व्यावहारिक सहयोग में बदलने और अधिक न्यायसंगत विश्व व्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखें। हमारी साझेदारी न केवल हमारे लोगों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगी बल्कि एक अधिक एकजुट, मानवीय और समृद्ध दुनिया के लिए एक सेतु के रूप में भी काम करेगी। मैं भारत के लिए स्वतंत्रता के उद्देश्य की बात करते हुए भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विस्तृत विश्व दृष्टिकोण को याद करना चाहता हूं, और मैं उद्धृत करता हूं, "मैं अपने देश की स्वतंत्रता चाहता हूं ताकि अन्य देश मेरे स्वतंत्र देश से कुछ सीख सकें, ताकि मेरे देश के संसाधनों का उपयोग मानव जाति के लाभ के लिए किया जा सके।"

25. इन्हीं शब्दों के साथ, मैं अध्यक्ष महोदया को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करने का अवसर दिया। आप सभी के साथ अपने विचार साझा करते हुए मुझे अत्यंत खुशी हुई। मैं कामना करता हूं कि हमारे महान लोकतंत्र के लोग मित्रता, सहयोग और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंचें।

धन्यवाद!

किंग्स्टन,
मई 17, 2022



टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या