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टोक्यो, जापान में आयोजित दूसरी क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में विदेशमंत्री का उद्घाटन भाषण

अक्तूबर 06, 2020

जापान के विदेशमंत्री तोशिमित्सु मोतेगी,
संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्‍य सचिव माइकल पोम्पियो,
ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री मेराइज पायने,

देवियों और सज्जनों,


मुझे यहाँ साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर दूसरे ऑस्ट्रेलिया-भारत-जापान-संयुक्त राज्य अमेरिका विचार-विमर्श के लिए उपस्थित होने पर बहुत प्रसन्नता हो रही है। सबसे बढ़कर, मैं इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारा स्‍वागत सत्कार करने के लिए जापान को धन्‍यवाद देना और उनके गर्मजोशी भरे और शालीन आतिथ्य की सराहना करना चाहता हूँ।

यह तथ्य कि हम आज यहाँ वैश्विक महामारी के बावजूद बैठक कर रहे हैं, विशेष रूप से हाल के दिनों में इन परामर्शों को प्राप्त महत्व का प्रमाण है। आज हमारी दुनिया उस दुनिया से काफी अलग है जब हम पिछली बार सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में मिले थे। कोविड-19 महामारी विश्व स्तर पर गहरा बदलाव लाई है।

इस वर्ष की घटनाओं ने स्पष्ट रूप से यह दर्शा दिया है कि समान विचारधारा वाले देशों के लिए यह कितना जरूरी है कि वे इस महामारी द्वारा सामने लाई गई विभिन्न चुनौतियों के प्रति अनुक्रियाओं का समन्वय करें। चूँकि हम सामूहिक रूप से इन चुनौतियो से पार पाएंगे, इसलिए हम इस महामारी से पहले से कहीं अधिक लचीला बनकर उभरना चाहते हैं।

आप सभी जानते हैं कि भारत अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता ग्रहण कर रहा है। हम वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान तलाशने के लिए तत्पर हैं, जिसमें महामारी से वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार शामिल है।

साझा मूल्यों के साथ जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्र के रूप में, हमारे राष्ट्रों ने सामूहिक रूप से स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत बनाए रखने के महत्व की पुष्टि की है। हम कानून के शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के प्रति सम्मान और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर टिकी नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

हमारा उद्देश्य इस क्षेत्र में वैध और महत्वपूर्ण हित रखनेवाले सभी देशों की सुरक्षा और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाना बना हुआ है। यह संतोष की बात है कि हिंद-प्रशांत अवधारणा को उत्‍तरोत्‍तर व्यापक स्वीकार्यता मिली है। पिछले वर्ष पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हमने हिंद-प्रशांत महासागर की जो पहल प्रस्‍तुत की थी, वह उक्‍त संदर्भ में काफी संभावनाओं वाला घटनाक्रम है।

मैं आज कनेक्टिविटी और अवसंरचना विकास, सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी चर्चाओं के लिए उत्सुक हूँ, जिसमें आतंकवाद का मुकाबला करना; साइबर और समुद्री सुरक्षा; और क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि शामिल है।

इस भावना के साथ, मैं आज विचार-विमर्श में अपने भागीदारों के साथ जुड़ने के लिए तत्पर हूँ।

धन्यवाद।


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