यात्रायें

Detail

गुट-निरपेक्ष आंदोलन का 18 वां शिखर सम्मेलन – माननीय उप राष्ट्रपति का वक्तव्य

अक्तूबर 25, 2019

अध्यक्ष महोदय,
महामहिम,
बहनों और भाइयो,


गुट-निरपेक्ष आंदोलन के इस ऐतिहासिक 18 वें शिखर सम्मेलन के लिए यहां बाकू में अपने मित्रों के बीच आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

2. हमारे आंदोलन के पथ के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर इसका नेतृत्व संभालने के लिए अज़रबैजान गणराज्य की सरकार और यहाँ के लोगों को मेरी बधाई। आप भारत के पूर्ण सहयोग और समर्थन के प्रति आश्वस्त रह सकते हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए आपके साथ काम करना चाहते हैं कि यह आन्दोलन अपने संस्थापक सिद्धांतों के प्रति प्रभावी और सही बना रहे। हमारे प्रतिनिधिमंडल के लिए की गई उत्कृष्ट व्यवस्था और आतिथ्य के लिए भी हम शुक्रिया अदा करते हैं।

3. पिछले तीन वर्षों में हमारे आंदोलन की गतिविधियों के सफल समन्वय के लिए मैं निवर्तमान अध्यक्ष, वेनेजुएला के बोलीविया गणराज्य का भी अभिनंदन करना चाहूंगा।

4. इस शिखर सम्मेलन के लिए चुनी गई थीम, "समकालीन विश्व की चुनौतियों के लिए अनुकूल और पर्याप्त प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने हेतु बांडुंग सिद्धांत का समर्थन", समयानुकूल है।

5. जब हम 2020 में बांडुंग सिद्धांतों की 65 वीं वर्षगांठ और 2021 में गुट-निरपेक्ष आन्दोलन की स्थापना की 60 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, तो हमें इस अवसर पर गुट-निरपेक्ष आन्दोलन की अब तक की यात्रा और उसकी उपलब्धियों पर आत्मनिरीक्षण करना है और इस बात पर विचार करना है कि इस आंदोलन को प्रासंगिक और प्रभावी बनाने के लिए हम और कौन से ठोस कदम उठा सकते हैं, जिससे कि यह आधुनिक विश्व की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सके ।

अध्यक्ष महोदय,

6. ऐतिहासिक रूप से, गुट-निरपेक्ष आन्दोलन ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने और विश्व के लगभग दो-तिहाई लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को राजनीतिक प्रेरणा और नैतिक दिशा दी है, जिसमें उपनिवेश को समाप्त करने और रंगभेद का उन्मूलन करने के लिए हमारे साझा संघर्ष शामिल हैं। यदि हमें प्रासंगिक बने रहना है, तो स्वतंत्रता की इस परंपरा का बचाव और पोषण किया जाना चाहिए ताकि हम अपना एजेंडा निर्धारित कर सकें ।

7. भारत शुरू से ही इस यात्रा का एक गौरवपूर्ण और अभिन्न अंग रहा है। हमने अपने लोगों के लिए अधिक समान और न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था सुरक्षित करने के लिए गुट-निरपेक्ष आन्दोलन के भागीदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी है। हमें फिलिस्तीनी समस्या के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता और एकजुटता बनाए रखनी हैl

8. हालांकि, बांडुंग और बेलग्रेड सम्मलेन के बाद के छह दशकों में, विश्व में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। आज हम एक अन्योन्याश्रित दुनिया की गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वैश्वीकरण और अभूतपूर्व प्रौद्योगिकीय विकास अप्रत्याशित और अक्सर विघटनकारी तरीकों से 21 वीं सदी को आकार दे रहे हैं। आज जब हम सभी समावेशी एवं टिकाऊ विकास और अपने लोगों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं, हमें यह समझना होगा कि हमारे भाग्य एक दूसरे से इस तरह जुड़े हुए हैं, जैसा पहले कभी नहीं था ।

9. जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता का अपनाया जाना एवं वैश्विक 2030 तक सतत विकास के लक्ष्य का निर्धारण हमारे कार्यों की अंतर-सहलग्नता और अंतर-निर्भरता तथा हमारी पृथ्वी के स्वास्थ्य पर उनके प्रभाव को पहचानने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है l

10. समकालीन खतरों की कोई सीमा नहीं है - चाहे वह आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, महामारी, वित्तीय संकट या साइबर सुरक्षा हो।

अध्यक्ष महोदय,

11. आतंकवाद दण्ड-मुक्त होकर बढ़ता ही जा रहा है। यह एकमात्र सबसे विनाशकारी खतरा न केवल अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए है, बल्कि उन सिद्धांतों के लिए भी है जिनपर आज हम चर्चा कर रहे हैं। नुकसान पहुंचाने की इसकी क्षमता सूचना प्रौद्योगिकी के प्रसार के साथ कई गुना बढ़ गई है, जिससे आतंकवादी संगठनों को आक्रामक साइबर क्षमताएं मिल रही हैं।

12. इस खतरे से लड़ने का एकमात्र तरीका आतंकवादियों और उनके समर्थकों का मुकाबला करने के लिए सभी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और तंत्रों को बिना किसी अपवाद के मजबूत करना और उन्हें लागू करना है। हिंसक चरमपंथी विचारधाराओं और आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए कोई औचित्य स्वीकार नहीं किया जा सकता है जो मासूमों को लुंज बनाते हैं और उनकी हत्या करते हैं, हमारे समाज का ताना-बाना छिन्न- भिन्न करते हैं, और विकास के प्रयासों को रोकते हैं। मैं गुट -निरपेक्ष आन्दोलन के अपने सभी सहभागियों से आह्वान करता हूँ कि वे आतंक के सभी रूपों के खिलाफ एक साझा मोर्चा बनाने के लिए एकजुट हों। हमें 1996 में भारत द्वारा प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद (CCIT) पर व्यापक कन्वेंशन का समर्थन करके, अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाकर, सूचनाओं का आदान-प्रदान करके और मौजूदा कानूनी ढांचे को मजबूत करके ऐसा करना चाहिए। यह सब वास्तव में तब संभव है जब हमारे पास आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के लिए एक स्पष्ट प्रतिबद्धता हो।

13. आतंकवाद के विषय पर, हमारे विचार स्वाभाविक रूप से इसके समकालीन उपरिकेंद्र - पाकिस्तान पर केन्द्रित होते हैं। हमें खेद है कि आज दोपहर से पहले, इस सम्मान्य मंच का दुरुपयोग एक बार फिर से जम्मू और कश्मीर राज्य सहित, जो भारत का अभिन्न अंग है, अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का संचालन करने की अपनी पुरानी नीति को सही ठहराने के लिए किया गया । दरअसल, हम पाकिस्तान के व्यवहार पर इस गहरी चिंता के संदर्भ में बड़े क्षेत्र के लिए बोलते हैं। गुट निरपेक्ष आंदोलन में हम सभी का ध्यान अपने विकासात्मक लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने पर केंद्रित हैं।अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास अर्जित करने के लिए पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। उसे - अपने स्वयं की भलाई के लिए, अपने पड़ोसियों की भलाई के लिए और दुनिया की भलाई के लिए- निर्णायक रूप से आतंकवाद को समाप्त करना चाहिए ।

अध्यक्ष महोदय,

14. हमें प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेज गति से होने वाले बदलाव के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से होने वाले परिवर्तन के बीच अपने लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और नौकरियां जुटाने की विकास संबंधी चुनौतियों का तुरंत समाधान ढूँढ़ना है।

15. ये सामान्य लक्ष्य केवल एक वैश्विक नियमन प्रणाली से प्राप्त किए जा सकते हैं, जो निष्पक्ष, न्यायसंगत और प्रतिनिधिक हो। इसके लिए 21 वीं सदी की समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने हेतु सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र संघ के शीघ्र और सार्थक सुधार की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की 75 वीं वर्षगांठ इस लक्ष्य की दिशा में अंतत: ठोस परिणाम देगी।

16. गुट निरपेक्ष आन्दोलन में शामिल देशों को नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था और वैश्विक कानून के सम्मान को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि बहुपक्षीय संस्थान और शासन हमारे लोगों के हित के लिए प्रभावी रूप से काम करें।

17.गुट निरपेक्ष आन्दोलन को बदलते समय के साथ भी तालमेल बनाए रखना है और एक उपयोगी एवं प्रभावशाली समूह बनने के लिए पुनर्विचार करना है जिससे उभरती वैश्विक चुनौतियों के समक्ष हमारे हितों को बढ़ावा मिल सके।

18. हमारे आंदोलन का सृजन नए स्वतंत्र और विकासशील राष्ट्रों के लिए नीति की स्वायत्तता हेतु एक मंच प्रदान करने के लिए किया गया था और वह उद्देश्य आज भी प्रासंगिक है। हमें एक केंद्रित सकारात्मक दीर्घकालिक एजेंडा अपनाकर विविधता में एकता के सामर्थ्य का प्रदर्शन करना चाहिए।

19. इसके लिए, हमें गुट-निरपेक्ष आन्दोलन को किसी भी विचारधारा या राष्ट्रों के समूह 'के लिए' या 'के विरुद्ध' रखने की आवश्यकता नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी ऊर्जा को उन मुद्दों पर बर्बाद न करें जो हमारे बीच असंगति का कारण बनते हैं। हमें चुनिंदा प्रतिनिधिक क्षेत्र की चुनौतियों की पहचान करनी चाहिए, जिन पर हमें तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, और जिन पर हम व्यवहार्य समाधान प्रस्तुत करने के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं। जिन मुद्दों पर तुरंत ध्यान जाता है, वे हैं- आतंकवाद का विरोध, वैश्विक नियमन में सुधार, सतत विकास और दक्षिण-दक्षिण सहयोग ।

20. यद्यपि हम सभी देश विविध लोगों, परिस्थितियों और विकास के स्तरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, तथापि हम आम तौर पर बहुत कुछ साझा करते हैं, समान अनुभव और साझा आकांक्षाएं रखते हैंl गुट-निरपेक्ष आन्दोलन में शामिल देशों एक बड़ा समूह है जो ऐसी चुनौतियों के लिए वैश्विक प्रतिक्रियाओं को आकार दे सकता है, जैसा कि हमने अतीत में किया है।

अध्यक्ष महोदय,

21. हमेशा की तरह, भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत के विकास के एजेंडे का अंतर्निहित सिद्धांत "सभी के समर्थन के माध्यम से, सभी के विकास के लिए और सभी के विश्वास की ओर है"। इस दृष्टिकोण में सतत विकास संबंधी 2030 के एजेंडे का सार- किसी को पीछे नहीं छोड़ना- शामिल है ।

22. कुछ सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि किस तरह भारत द्वारा सूत्रपात किए गए नए वैश्विक मंचों के जरिए भारत दुनिया के सामने उत्पन्न गंभीर चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक प्रयास की अपेक्षा रखता हैl

23. भारतीय दृष्टि मानवता की सामान्य भलाई के लिए सहयोगात्मक प्रयास की दृष्टि है। जैसा कि 4000 साल पहले लिखा गया वैदिक स्तोत्र "संगच्छध्वम" जताता है- "हमारे इरादे और आकांक्षाएं एक जैसी हों ताकि एक सामान्य उद्देश्य हम सभी को एकजुट कर सके।" यह सामान्य उद्देश्य हमारे सभी नागरिकों का कल्याण है। आइए हम अपने आंदोलन को अपने लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य के साथ संरेखित करें। आइए हम शांति और विकास की शक्ति के साथ एकजुट हों ।

24. यह वह संदेश है जो मैं 1.3 बिलियन भारतीयों की ओर से गुट-निरपेक्ष आन्दोलन में शामिल देशों के लिए लाया हूँ ।

सधन्यवाद।



टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या