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रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की 16 वीं बैठक में विदेश मंत्री का उद्घाटन भाषण

फरवरी 27, 2019

महामहिम विदेश मंत्री वांग यी,
महामहिम विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव,
संबंधित प्रतिनिधिमंडल के सदस्य,
मित्रों और सहयोगियों,


रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की 16 वीं बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना मेरे लिए खुशी की बात है। हमारी बैठक की शानदार व्यवस्था के लिए मैं विदेश मंत्री वांग यी को धन्यवाद देती हूं।

हम सभी पिछली बार 11 दिसंबर 2017 को नई दिल्ली में आरआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक में मिले थे जहां हमें सामान्य हित के अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर मिला हमने अपनी चर्चाओं को जारी रखने और त्रिपक्षीय प्रारूप में अपने सहयोग को मजबूत करने का संकल्प लिया था। तब से, हमारे नेताओं ने ब्यूनस आयर्स में जी -20 शिखर सम्मेलन के दौरान 30 नवंबर 018 को आरआईसी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में मुलाकात की, जो हमारे नेताओं द्वारा आरआईसी प्रारूप को दिए गए महत्व को दर्शाता है।

रूस, भारत और चीन ऐसे देश हैं जिनकी राय अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण है और विश्व की घटनाओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखती साथ मिलकर हम आम चिंता और हमारी दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।

आज दुनिया के सामने अस्तित्ववादी खतरों की सूची में आतंकवाद सबसे ऊपर है। आप जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए पुलवामा, जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों पर हाल के जघन्य आतंकवादी हमले से अवगत हैं जो एक पाकिस्तान आधारित और समर्थित आतंकवादी संगठन है, जिसे संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है । हमने अपने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 से अधिक जवानों को खो दिया, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं।

आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाने और इसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत के लिए ऐसे नृशंस आतंकवादी हमले एक गंभीर चेतावनी हैं। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद, जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान में स्थित अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की माँग को गंभीरता से लेने के बजाय, पाकिस्तान ने हमले के किसी भी जानकारी से इनकार किया और जैश-ए-मोहम्मद के दावे को खारिज कर दिया।

पाकिस्तान द्वारा अपने क्षेत्र में आतंकी संगठनों को कबूलने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने से मना करने के कारण और इस विश्वसनीय जानकारी के आधार पर, कि जैश-ए-मोहम्मद भारत के विभिन्न हिस्सों में अन्य हमलों की योजना बना रहा था, भारत सरकार ने अग्रिम कार्रवाई करने का निर्णय लिया।

जनहानि से बचने के लिए लक्ष्य का चयन किया गया था। यह सैन्य अभियान नहीं था। किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। भारत में एक और आतंकी हमले को रोकने के लिए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ढांचे के खिलाफ, अग्रिम हमले का सीमित उद्देश्य निर्णायक रूप से कार्यवाही करना था।

भारत तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। भारत जिम्मेदारी और संयम के साथ कार्यवाही जारी रखेगा।

महामहिम, आज हमारी चर्चा में, मैं आपके साथ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, सुधारा हुआ बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के ढांचे के तहत आरआईसी सहयोग और अंतरराष्ट्रीय हॉट-स्पॉट मुद्दों पर उपयोगी विचार-विमर्श करने के लिए तत्पर हूं। मेरा मानना है कि कई अन्य मुद्दों पर चल रही वैश्विक चर्चाओं पर आरआईसी की वुझेन बैठक सकारात्मक योगदान देगी।

वुझेन
फरवरी 27, 2019



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