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प्रधानमंत्री द्वारा 15वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में उद्धघाटन वक्तव्य

नवम्बर 14, 2017

महामहिम राष्ट्रपति ड्यूटेर्टे,
महामहिमगण,
मिस्टर प्रेजीडेंट,


आसियान की स्थापना के इस ऐतिहासिक 50वें वर्ष में मनीला की अपनी पहली यात्रा पर यहां उपस्थित रहते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

हम आसियान - भारत वार्ता भागीदारी के 25 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहे हैं।

मैं इस उल्लेखनीय वर्ष के दौरान आसियान का सुयोग्य नेतृत्व करने के लिए फिलीपींस को बधाई देता हूं तथा इस शिखर-सम्मेलन के लिए की गई उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए मिस्टर प्रेजीजेंट को धन्यवाद देता हूं।

मैं आसियान-भारत भागीदारी को और सुदृढ़ बनाने के लिए समन्वयक देश के रूप में वियतनाम के माननीय प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद देता हूं।

महामहिमगण,

आसियान की यह उल्लेखनीय यात्रा इसके स्थापना के आयोजन के समान ही इसकी उल्लेखनीय उपलब्धियों का भी स्मरणोत्सव मनाने की पात्रता रखती है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर, मुझे विश्वास है कि आसियान एक दृष्टिकोण, एक पहचान और एक स्वतंत्र समुदाय के रूप में एक साथ मिलकर आगे और कार्य करने का संकल्प लेगा।

भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति आसियान देशों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है तथा भारत-आसियान क्षेत्र की प्रादेशिक सुरक्षा संरचना में इसकी केन्द्रीयता स्पष्ट है।

तीसरी आसियान-भारत कार्य योजना के अंतर्गत सहयोग का हमारा व्यापक एजेंडा भली-भांति प्रगति कर रहा है जिसमें राजनीतिक-सुरक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक भागीदारी के तीन महत्वपूर्ण स्तंभों को शामिल किया गया है।

महामहिमगण,

भारत और आसियान देशों के बीच स्थापित हजारों वर्ष पुराने सामुद्रिक संबंधों ने हमारे व्यापार संबंधों को सुदृढ़ बनाया है तथा हमने उन्हें और भी मजबूत बनाने के लिए अत्यंत घनिष्ठता के साथ कार्य करना है।

भारत आसियान को नियम आधारित प्रादेशिक सुरक्षा संरचना हासिल करने के लिए अपने सतत् सहयोग का आश्वासन देता है जो क्षेत्र के हितों तथा इसके शांतिपूर्ण विकास की श्रेष्ठ रूप से संपुष्टि करता है।

हमने व्यक्तिगत रूप से आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए कड़ा प्रयास किया है। अब समय आ गया है कि हम इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग को और भी गहन बनाने के लिए इस चुनौती का सामना संयुक्त रूप से करें।

महामहिमगण,

हमारी 25वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए निर्धारित किए गए उपयुक्त विषय "साझे मूल्य, समान नियति" को अनेक स्मारक क्रियाकलापों के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है।

मैं इस स्मारक वर्ष की शानदार समाप्ति की अपेक्षा करता हूं तथा 25 जनवरी, 2017 को नई दिल्ली में आयोजित किए जाने वाले भारत-आसियान विशेष स्मारक शिखर-सम्मेलन में आप सभी का स्वागत करने के लिए प्रतीक्षारत हूं।

भारत के 1.25 बिलियन लोग 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में भारत के मुख्य अतिथियों के रूप में आसियान नेताओं का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।

मैं हमारी साझी नियति को हासिल करने के लिए आपके साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

धन्यवाद।



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