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जी-20 नेताओं के द्वितीय पूर्ण सत्र में प्रधानमंत्री जी का "अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना और वित्तीय प्रणाली के सशक्तिकरण एवं वित्तीय अंतर्वेशन को बढ़ावा देने" पर वक्तव्य

जून 19, 2012

हम अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साधनों को संवर्धित करने संबंधी प्रयासों की सराहना करते हैं और जैसा कि कल घोषणा की गयी थी हम 10 बिलियन अमरीकी डॉलर का अंशदान देंगे।

हालांकि मैं यह अवश्य कहूँगा कि कोटा सुधार में प्रगति संसाधनों के एकत्रित होने की तुलना में धीरे हो रही है। मैं उन व्यावहारिक कारणों को स्वीकार करता हूँ जिनकी वजह से 2010 में सहमत कोटा सुधार 2012 के अंत तक पूरा नहीं किया जा सकेगा परंतु इसके बाद इसे अविलंब पूरा किया जाना चाहिए।

यह भी आवश्यक है कि जनवरी 2013 के लिए निर्धारित कोटा समीक्षा समय पर पूरा हो। यह आवश्यक है कि कोटा आर्थिक प्रभावों को सरल और पारदर्शी रूप से प्रतिबिंबित करें। इन उद्देश्यों की प्राप्ति सर्वोत्तम तरीके से अन्य तौर तरीकों का सहारा लिए बिना पीपीपी पर जीडीपी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करके की जा सकती है। इस मूलभूत स्थिति से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए और हमें इस दृष्टिकोण को मजबूती से दोहराने की आवश्यकता है।

मैं वित्तीय नियामक सुधार की दिशा में होने वाली प्रगति का स्वागत करता हूँ। परंतु अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। हमने वित्तीय स्थिरता के सशक्तिकरण के लिए यूरोप में एक बैंकिंग संघ की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर चर्चा की।

मैं इस बात को भी महत्व देता हूँ कि बैंकिंग अधिनियम में अपनाए जाने वाले विवेकपूर्ण नियमों के कारण विकासशील देशों को ऋण देने में भेदभाव न हो ।

लॉस काबोस
19 जून, 2012



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