मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया वार्ता का प्रतिलेख (08 मार्च, 2024)

मार्च 09, 2024

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: देवियों और सज्जनों, आप सभी को शुभ दोपहर। इस प्रेस वार्ता में पधारने के लिए आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे एक घोषणा करनी है और उसके बाद एक वक्तव्य भी देना है। तो सबसे पहले घोषणा। यह भारत गणराज्य की राष्ट्रपति द्वारा मॉरीशस के राजकीय दौरे के संबंध में है।

भारत की माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, मॉरीशस सरकार के निमंत्रण पर 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने हेतु 11 से 13 मार्च, 2024 तक मॉरीशस गणराज्य का राजकीय दौरा करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू मॉरीशस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री पृथ्वीराजसिंह रूपन और मॉरीशस के प्रधानमंत्री, महामहिम श्री प्रविन्द कुमार जुगनौथ के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगी। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति कई गणमान्य व्यक्तियों और नेतागणों से भी भेंट करेंगी। इस दौरे के अंतर्गत, राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री जुगनौथ, भारत से सहायता प्राप्त 14 परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे, जो मॉरीशस के साथ भारत की जीवंत विकासपरक साझेदारी के बढ़ते विस्तार और बहुमुखी प्रकृति को प्रदर्शित करती हैं। 2000 के बाद से मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने वाले छठे भारतीय राष्ट्रपति के रूप में, राष्ट्रपति मुर्मू का यह राजकीय दौरा, भारत और मॉरीशस के बीच दीर्घकालिक और स्थायी संबंधों को रेखांकित करता है। इस संबंध में शीघ्र ही एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाएगी। कृपया इसे देखें।

मुझे रूस में पकड़े गए भारतीयों के संबंध में भी एक बयान देना है। कई भारतीय नागरिकों को छलपूवर्क रूसी सेना में काम करने के लिए भर्ती किया गया है। हमने ऐसे भारतीय नागरिकों को शीघ्र छोड़े जाने के लिए रूसी सरकार के समक्ष दृढ़ता से मामला उठाया है। झूठे बहानों और वादों के आधार पर भर्ती करने वाले एजेंटों और धोखेबाज़ों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही शुरू की गई है। मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का सीबीआई ने कल भंडाफोड़ किया, कई शहरों में तलाशी ली और अभियोग योग्य साक्ष्य एकत्र किए। कई एजेंटों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। हम एक बार फिर से भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंटों द्वारा दिए गए प्रस्तावों से प्रभावित न हों। यह जीवन के लिए खतरनाक है और जोखिम से भरा है। हम रूसी सेना में सहायक कर्मचारियों के रूप में कार्यरत हमारे नागरिकों को शीघ्र छोड़े जाने और अंततः उनकी घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं। तो ये दो बातें मुझे कहनी थीं...

वक्ता:महोदय हिंदी में रूस वाला एक बार।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: बहुत सारे हमारे नागरिक जिनको रूस भेजा गया है, यहां से झूठ बोल कर, अलग-अलग बातें बोल कर धोखाधाड़ी जो उनके साथ हुई, ये मसला हम लोग रूस सरकार के साथ, वहां की अधिकारियों के साथ बहुत कस के, पूरे दबाव के साथ हम लोगों ने लिया है, ताकि हमारे नागरिक जो वहां फंसे हुए हैं वो वापस आ सकें। यहां पर देश में बहुत सख्ती से हम लोग जो हमारे यहां एजेंट हैं, जिनको वहां पर भर्ती किया है, जो वहां भेजा है, अलग-अलग गलत बातें बोल कर, उनके खिलाफ में हम लोगों ने एक्शन लिया है। कल सीबीआई ने एक रेड किया था, कई जगह पर उन्होंने छापा मारा, सर्च किए, कई शहर में बहुत सारा सामान बहुत सारे सबूत भी उन्होने इकठ्ठा किए हैं, और जो एजेंट हैं उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है, आगे कार्यवाही होगी। एक बार हम फिर से अपील करते हैं, हम लोगों ने पहले भी कहा है इस मंच से और अपने प्रेस विज्ञप्ति के वक्तव्यों के माध्यम से, हमारे जो भारतीय नागरिक यहां हैं वो किसी प्रकार के जो लुभावन हरकत करके लोग जो उनको वहां भेजने की कोशिश करते हैं, रूस में कि वहां पर आपको हल्का सा काम करने का जो ऑफर दिया जाता है, कि बहुत सारे आपको पैसे मिल जाएंगे, बहुत सारा झांसा देकर वहां पहुंचाया जाता है, हम अपने लोगों से कहते हैं कि इस झांसे में ना आए, इसमें ख़तरा है, और इसमें आपकी जान भी जा सकती है। और जहां तक विदेश मंत्रालय का सवाल है, हम लोगों का दृढ़ संकल्प है, कि हम लोग जो वहां हमारे लोग फंसे हुए हैं, उनको जल्दी से जल्दी वहां से मुक्त करवा कर, रूसी सेना से मुक्त करवा कर अपने देश हम लोग उनके परिवार तक पहुंचा सकें।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: आप लोगों ने देखा होगा कि सीबीआई ने भी एक विज्ञप्ति जारी की है, उसको भी देख लें आप लोग। चलिए हम लोग सवाल शुरू करते हैं। आज महिला दिवस है, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, तो महिला से शुरू करें यहां से, हुमा।

हुमा: महोदय, मैं फाइनेंशियल एक्सप्रेस से हुमा सिद्दीकी हूँ। क्या आप हमें उन 14 परियोजनाओं के बारे में अधिक विवरण दे सकते हैं जिनका राष्ट्रपति मॉरीशस में उद्घाटन करने जा रही हैं?

आयुषी: महोदय, मैं ANI से आयुषी अग्रवाल हूँ। मेरे दो प्रश्न हैं। पहला, आपने जो कहा उस पर एक फॉलो अप प्रश्न है। क्या हम जानते हैं कि कितने भारतीय नागरिक रूसी सेना में काम कर रहे हैं? मुझे लगता है कि पिछले सप्ताह आपने कहा था कि लगभग 20 व्यक्तियों ने आपसे संपर्क किया है। क्या एक भारतीय नागरिक की मृत्यु होने के बाद से यह संख्या बढ़ी है? दूसरा यह कि क्या हमें अफगानिस्तान में भारतीय अधिकारियों और तालिबान के बीच हुई बैठक का कुछ विवरण मिल सकता है? एक पूर्व राष्ट्रपति और तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी एक ट्वीट किया था। उस पर कोई चर्चा का विवरण? और यह भी कि क्या आप हमें अफगानिस्तान में शासन के साथ हमारे जुड़ाव की व्यापक जानकारी दे सकते हैं?

येशी: मैं न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी सेली हूँ। हमने ऐसी रिपोर्टें देखी हैं जिनमें मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा है कि 10 मई के बाद किसी भी भारतीय सैनिक या नागरिक को मालदीव में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए, मैं बस इस बारे में आपकी टिप्पणियाँ चाहूँगी क्योंकि हमने पिछले महीने ही नागरिकों का एक समूह भेजा है। और साथ ही भारत और मालदीव के बीच तीसरी कोर लेवल बैठक कब है?

वेदिका: धन्यवाद। मैं सीएनएन इंटरनेशनल से वेदिका हूँ। मेरा अपने सहयोगी के समान प्रश्न है कि आपके अनुसार, कितने भारतीय धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद रूस में फंसे हुए हैं। लेकिन इससे जुड़े दो प्रश्न हैं। हमने देखा है कि रूस में भारतीय दूतावास ने मोहम्मद असफान पर एक बयान जारी किया है। मैं जानना चाहूँगी कि उनकी मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई और मोहम्मद असफान और हेमल के शव उनके परिवारों को कहां और कब सौंपे जाएंगे? धन्यवाद।

कादम्बिनी: मैं एनडीटीवी से कादम्बिनी शर्मा हूँ। दो सवाल हैं सर हमारे। पहला ये कि एक तो आयुषी ने जो पूछा है वो, और दूसरा उसमें ये भी कि क्या ऐसे कुछ भारतीय हैं जिन्हें वापस लाने की जो राह में हैं, उनके बारे में अगर कोई जानकारी हो, जो मुक्त हो गए हो। दूसरा सवाल ये है कि इजराइल में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक भारतीय नागरिक की मिसाइल हमले में मौत हुई है। उसके बाद क्या इस बात पर कुछ विचार हो रहा है कि वहां पर भारतीय श्रमिक जाएं या ना जाएं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है, पहले हम इन प्रश्नों पर बात करते हैं और फिर हम आगे अन्य प्रश्न देखेंगे।

हुमा, परियोजनाओं के विवरण के बारे में आपके प्रश्न के संबंध में, परियोजनाओं, विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला है। जैसा कि आप अवगत हैं, भारत और मॉरीशस बहुत सशक्त विकास भागीदार हैं। तो परियोजनाओं का विवरण, आपको दौरा शुरू होने पर पता चल जाएगा। यह दौरा 11 से 13 तारीख तक है। जब उन परियोजनाओं की घोषणा होगी तो आप उनके बारे में सुनेंगे। मैं आपको प्रोत्साहित करूंगा, आपसे अनुरोध करूंगा कि आप दौरे को ट्रैक करती रहें। आपको जानकारी पता चल जाएगी।

आयुषी, अफगानिस्तान के संबंध में आपके प्रश्न पर बात करते हैं। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान) के नेतृत्व में हमारा एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल है। यह प्रतिनिधिमंडल अफगानिस्तान के दौरे पर है। जैसा कि आपको पता है, कि भारत ने जून 2022 में काबुल में अपना तकनीकी मिशन शुरू किया था और तब से, यह मिशन हमारे जारी मानवीय सहायता प्रयासों में सुगमता और समन्वय कर रहा है। दौरे के अंतर्गत, प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ अफगान अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति श्री हामिद करजई, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के अधिकारीगणों और अफगान व्यापार समुदाय के सदस्यों से भी भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के नागरिकों को भारत की ओर से मानवीय सहायता पर चर्चा की और अफगान व्यापारियों द्वारा चाबहार बंदरगाह के उपयोग पर भी चर्चा की। अफगान नागरिकों के साथ भारत के ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध रहे हैं और ये दीर्घकालिक संबंध हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहेंगे। तो हमारे संयुक्त सचिव के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के अफगानिस्तान दौरे की यह स्थिति है।

दूसरा सवाल व्यक्तियों की संख्या को लेकर था। जैसा कि मैंने आपको पिछली प्रेस वार्ता में बताया था कि लगभग 20 व्यक्तियों ने हमसे संपर्क किया था। हम उनका पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और हम रूसी अधिकारीगणों के संपर्क में हैं। हमने उन पर दबाव डाला है ताकि उन्हें जल्दी छुड़ाया जा सके।

येशी, आपका प्रश्न मालदीव के राष्ट्रपति, उनकी टिप्पणियों के संबंध में था। जैसा कि आपको पता है, कि 2 फरवरी 2024 को नई दिल्ली में भारत-मालदीव उच्च स्तरीय कोर समूह की दूसरी बैठक के आयोजन के दौरान हुई चर्चा के अनुसार, दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक समूह पर सहमत हुए। इनमें मालदीव के नागरिकों को मानवीय और चिकित्सा बचाव सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सक्षम करने के लिए सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पर विचार किया गया है। जैसा कि आपको पता है, तदनुसार, पहली टीम मालदीव पहुंच गई है। तो इस मामले में यही जानकारी है। तीसरी कोर ग्रुप बैठक के बारे में आपका प्रश्न है, जब यह बैठक आयोजित होगी तो आपको पता चल जाएगा। जाहिर तौर पर इसका आयोजन आपसी परामर्श से किया जाएगा।

वेदिका, भारतीयों पर आपके प्रश्न के संबंध में, दो भारतीय हैं जिनका निधन हो चुका है। हम परिवारों से लगातार संपर्क में हैं। हम उनके पार्थिव शरीरों को जल्द से जल्द भारत वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम रूसी अधिकारीगणों के संपर्क में हैं। ये मौतें राजधानी से कुछ दूरी वाले इलाकों में हुईं। इसलिए कुछ निश्चित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। हम वह कर रहे हैं और पार्थिव शरीरों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।'

कादंबिनी, अफगानिस्तान के संबंध में आपका प्रश्न था?

कादंबिनी: इज़राइल।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है। इजराइल, एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। हमारे एक भारतीय नागरिक का निधन हो गया था। उसके बाद, आपने देखा होगा कि हमने उन सभी भारतीय नागरिकों को एक सलाह जारी की है जो वर्तमान में इज़राइल में हैं ताकि वे उचित सावधानी बरत सकें, उचित सावधानी रख सकें और खुद को सुरक्षित क्षेत्रों में बनाए रखकर अपनी सुरक्षा कर सकें। और साथ ही, हमने एक हेल्पलाइन भी स्थापित की है। अगर किसी को मदद की जरूरत हो तो वह दूतावास से संपर्क कर सकता है।

कादम्बिनी: महोदय मेरा प्रश्न यह था कि क्या [अश्रव्य]

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, जहां तक व्यक्तियों की बात है... वहां पहले से ही हमारे लोग हैं। जैसा कि आप जानते हैं, वहां इज़राइल में हमारे यहां से 18,000 से अधिक देखभालकर्ता और अन्य लोग, अन्य पेशेवर हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा और संरक्षा हमारे लिए प्रमुख चिंता का विषय है। जहां तक आप जिस जी2जी समझौते की बात कर रही हैं, उस पर अभी भी काम चल रहा है। इसलिए अभी हमारा प्राथमिक ध्यान हमारे भारतीय नागरिकों पर है जो इज़राइल में हैं, जो वहां काम कर रहे हैं और इसलिए दूतावास अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने एक हेल्पलाइन शुरू की है। उनकी सुरक्षा के लिए हमने एक एडवाइजरी जारी की है।

सिद्धांत: नमस्ते महोदय, मैं WION से सिद्धांत हूँ। महोदय, हाल ही में हमने देखा कि चीन से पाकिस्तान जा रहे एक कंसाइनमेंट को भारत ने पकड़ा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के खिलाफ सामग्री थी। इस कंसाइनमेंट को पकड़ने के बारे में भारत का क्या दृष्टिकोण है? क्या आप इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि यह कई वैश्विक अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन है?

ऋषभ: महोदय, मैं टाइम्स नाउ से ऋषभ हूँ। महोदय, भगवान बुद्ध के अवशेषों को थाईलैंड भेजा जा रहा है। भारत से, पिछले एक सप्ताह में हमने देखा है कि थाईलैंड ने इस पर कैसी प्रतिक्रिया दी है। आप इसे कैसे देखते हैं, और इस सांस्कृतिक जुड़ाव के उपयोग द्वारा भारत-थाईलैंड संबंधों के मामले में हमारे लक्ष्य का क्या महत्व है?

अविनाश: मैं असाही शिंबुन से अविनाश अग्रवाल हूँ। महोदय, हमारे विदेश मंत्री कोरिया और जापान के दौरे पर थे। तो महोदय, क्या आप कृपया हमें इस दौरे के बारे में कुछ बता सकते हैं? आप इसे उपयोगिता के बारे में किस नज़रिए से देखते हैं? यह दौरा कितना सार्थक रहा? कितना महत्वपूर्ण?

उमाशंकर: मेरा एक अनुपूरक प्रश्न है रूस को लेकर। क्या 20 की ही तादाद अभी तक है, जिन लोगों ने संपर्क किया है, या पिछले एक हफ्ते में तादाद बढ़ी है और वो क्या सक्रिय युद्ध क्षेत्र में हैं या वहां से अपेक्षाकृत सुरक्षित जगह पर लाए गए हैं? कितने लाए गए हैं, अगर लाए गए हैं तो? धन्यवाद।

नयनिमा: मैं एबीपी लाइव से नयनिमा हूँ। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अफगानिस्तान की बैठक के बारे में जारी रखते हुए, तालिबान ने अपने वक्तव्य में कहा था कि भारत ने कहा है कि वह उनके साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों का विस्तार करना चाहता है। और साथ ही, क्या कंधार, मजार, जलालाबाद और हेरात में भारत के चार वाणिज्य दूतावासों में से कुछ को फिर से खोलने की कोई योजना है? धन्यवाद।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो पहले मैं इन प्रश्नों के उत्तर देता हूँ।

सिद्धांत, कंसाइनमेंट के संबंध में आपके प्रश्न पर बात करते हैं। भारतीय अधिकारीगणों ने मुंबई में एक शिपिंग कंसाइनमेंट रोका। हमारे विशेषज्ञों ने उत्पादों और उनके साथ जुड़े दस्तावेजों की जांच की है और निष्कर्ष निकाला है कि ये वस्तुएं दोहरे उपयोग के उद्देश्य हेतु हैं। इस मामले में उचित कार्यवाही की गई है।

ऋषभ भगवान बुद्ध के अवशेषों के संबंध में आपके प्रश्न पर, यह भारत-थाईलैंड संबंधों में एक बड़ा अवसर है। जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा एक साझा इतिहास रहा है। हम अपनी विरासत को थाईलैंड के नागरिकों के साथ साझा करते हैं, और न केवल थाईलैंड, बल्कि थाईलैंड के आसपास कई अन्य देशों के नागरिकों के साथ भी। थाईलैंड सरकार के अनुरोध पर अरिहंत सारिपुत्र और अरिहंत मौगल्यायन के साथ भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष, थाईलैंड भेजे गए हैं। बैंकॉक में, इन अवशेषों को 24 से 3 तारीख तक, लगभग 10 दिनों तक प्रदर्शित किया गया। इन 10 दिनों के दौरान, थाईलैंड के महामहिम राजा, शाही परिवार, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री और न केवल बैंकॉक के निवासी, बल्कि देश के विभिन्न भागों के नागरिकों और विभिन्न पड़ोसी देशों से नागरिकों सहित दस लाख से अधिक लोग श्रद्धांजलि और सम्मान देने आए। जो अवशेष भेजे गए हैं उन्हें थाईलैंड के चार शहरों में ले जाया जाएगा। इसलिए बैंकॉक के बाद अब अवशेषों को चियांग माई ले जाया गया है जहां मेरी जानकारी के अनुसार लगभग 350,000 से अधिक लोग अवशेषों के दर्शन कर चुके हैं और श्रद्धांजलि दे चुके हैं। वहां से यह क्राबी और थाईलैंड के एक अन्य शहर उबोन रतचथानी पहुंचाए जाएंगे। तो, पवित्र अवशेषों को इन चार शहरों में ले जाया जाएगा। यह एक बहुत ही विशेष अवसर है, बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है, भारत, हमारी संस्कृति, उनकी संस्कृति, हमारी साझा संस्कृति के प्रति नागरिकों में एक गहन सकारात्मक भावना उत्पन्न हुई है। यह बहुत सद्भावनापूर्ण प्रेरणा है। वास्तव में मुझे जानकारी मिली थी कि जब अवशेषों को प्रतिष्ठित किया गया और उन्हें शाही उद्यानों में प्रदर्शित किया गया, तो शाही उद्यानों के आसपास के लोग, जिनकी वहां दुकानें थीं, उन्होंने सद्भावना के प्रतीक के रूप में भारतीय पर्यटकों से धन लेने से मना कर दिया। उन्होंने हमारे इस प्रयास की बहुत सराहना की। तो यह एक बहुत ही प्रसिद्ध जुड़ाव है, एक बहुत ही सुंदर जुड़ाव है, बौद्ध विरासत का साझा जुड़ाव है जिसे हम थाईलैंड के व्यक्तियों और क्षेत्र के कई अन्य देशों के व्यक्तियों के साथ साझा करते हैं।

अविनाश, विदेश मंत्री के दक्षिण कोरिया और जापान दौरे के संबंध में आपके प्रश्न पर बात करें। हमने विदेश मंत्री द्वारा दक्षिण कोरिया के दौरे पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। उन्होंने 5 और 6 तारीख को सियोल का दौरा किया जहां उन्होंने अपने समकक्ष, कोरिया के विदेश मंत्री के साथ सह-अध्यक्षता में 10वीं भारत-कोरिया गणराज्य संयुक्त आयोग की बैठक में भाग लिया। संयुक्त आयोग की बैठक में दोनों नेतागणों, विदेश मंत्री और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री ने व्यापार, निवेश, विकास सहयोग, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति, व्यक्तियों से व्यक्तियों के आदान-प्रदान के क्षेत्रों में भारत-कोरिया गणराज्य विशेष रणनीतिक साझेदारी के अंतर्गत द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। इस तरह से, दोनों देशों के बीच बने हुए सहयोग की बहुत व्यापक समीक्षा की गई। दोनों पक्षों, दोनों नेतागणों ने साझा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे साझा हितों और चिंताओं पर भी चर्चा की। विदेश मंत्री ने सियोल में कई कोरियाई गणमान्य प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। उन्होंने दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री से भी भेंट की। उन्होंने भारतीय समुदाय से भेंट की। उन्होंने कोरिया के कई थिंक टैंक प्रमुखों से भी भेंट की। ऐसे कई कार्यक्रम थे जिनसे दक्षिण कोरिया के साथ हमारा प्रगाढ़ सभ्यतागत और सांस्कृतिक जुड़ाव प्रतिबिंबित हुआ। उन्होंने अयोध्या की सिस्टर सिटी गिम्हे सिटी के मेयर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से भी भेंट की। उन्हें श्रद्धेय भिक्षु डोमयुंग ने एक पुस्तक भी प्रदान की, जो उन्होंने प्राचीन भारत और बौद्ध धर्म के साथ कोरिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव पर लिखी है। विदेश मंत्री ने सियोल में कोरिया के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संग्रहालय में भारत की समृद्ध बौद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाली एक विशेष प्रदर्शनी का भी भ्रमण किया। तो, समग्र रूप में यह एक बहुत ही व्यापक दौरा, एक बहुत ही सफल दौरा रहा।

विदेश मंत्री इस समय जापान में हैं। उन्होंने 6 से से 8 तारीख तक जापान का दौरा किया जहां उन्होंने विदेश मंत्री कामिकावा के साथ 16वें दौर की रणनीतिक वार्ता में भाग लिया। दोनों पक्षों के बीच वार्ताओं ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। नेतागणों ने रक्षा और सुरक्षा संबंधों पर चर्चा की। जैसा कि आप अवगत होंगे कि इस समय भारत और जापान, राजस्थान में संयुक्त रक्षा अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने आर्थिक सहयोग पर भी चर्चा की जो जापान और भारत के बीच सहयोग का एक बहुत महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने भारत की पहली शिंकानसेन परियोजना, मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेलवे सहित चल रही परियोजनाओं का जायजा लिया। नेतागणों ने पूर्वोत्तर भारत में विकास हेतु जापान की भूमिका का स्वागत किया, जो उस क्षेत्र की संपर्क-सुविधा और औद्योगिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने व्यापार और प्रौद्योगिकी के बारे में रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाकर पारस्परिक आर्थिक सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों की पूरक शक्तियों का लाभ उठाकर सेमीकंडक्टर परिवेश, पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों और डिजिटल भुगतान संबंधी संभावनाओं पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने... हमने "कनेक्टिंग दि हिमालय विद माउंट फ़ूजी" की थीम के साथ भारत-जापान पर्यटन आदान-प्रदान वर्ष को एक और वर्ष 2024 तक विस्तारित करने पर सहमति दी, और वर्ष के अंत में एक-दूसरे के देशों में एक भारत माह और एक जापान माह आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। नेतागणों ने दोनों प्रमुख हिंद-प्रशांत देशों के संदर्भ में साझा मूल्यों, इतिहास और हितों, क्षेत्र में शांति और सुरक्षा और समृद्धि पर भी चर्चा की। उन्होंने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पत्नी से भी भेंट की और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मां के निधन पर माननीय प्रधानमंत्री की ओर से संवेदना का एक व्यक्तिगत पत्र सौंपा। इसके अतिरिक्त, विदेश मंत्री ने टोक्यो में आरंभिक रायसीना राउंड टेबल में भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने एलडीपी के उपाध्यक्ष तारो असो सहित कई अन्य नेतागणों से भेंट की। विदेश मंत्री ने निकेई फोरम में भारत-जापान साझेदारी और कार्यक्रम के कई अन्य घटकों पर भी बात की, जिसने उनके जापान दौरे को बहुत प्रभावी, बहुत परिणामोन्मुख और व्यापक बनाया। इस दौरे के साथ, हमने आपसी साझेदारी को आगे बढ़ाया है और हम इस साझेदारी में अधिक मूल्य, अधिक ऊर्जा और अधिक गतिशीलता ला रहे हैं।

आपने सवाल जो पूछा कि वो कहां पर हैं...तो जैसे हम लोगों ने कहा, पहले भी कहा है इस बात को, कि कई लोगों को रूसी सरकार से बातचीत करके वहां से हम लोग छुड़वा पाए हैं, और अभी भी हमारी बात जारी है। जो लोग वहां पर शेष बचे हैं, उनको किस प्रकार जल्दी से जल्दी वहां से रिहा करवाया जाए, रूसी सेना से मुक्त कराया जाए और उनको भारत वापस लाया जाए। तो ये हमारी बातचीत और ये हमारी कोशिश चल रही है, और बड़े दमखम के साथ और पूरे जोर के साथ पुरजोर कोशिश के साथ चल रही है। पिछली बार 20 के इर्द-गिर्द थे, अभी कुछ और देखे हैं हम लोगों ने, वीडियो देखा है, उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, और आपको और जानकारी हम इस मामले में आपको देंगे।

अफ़ग़ानिस्तान पर नयनिमा, मुझे जो कहना था मैंने बता दिया है, मैंने जो कहा है वही इस मामले पर हमारी स्थिति है।

आशीष: सर, मैं एबीपी न्यूज से आशीष हूँ। अभी चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा है कि LAC पर भारत का कदम है सैन्य दल बढ़ाने का या बनाए रखने का, वो अनुकूल नहीं है तनाव में कमी करने के लिए, उस पर हमारी प्रतिक्रिया? दूसरा WMCC को लेकर कोई प्रगति हुई है सर, क्या अब हम आयोजित करने वाले हैं या हाल में कोई आयोजित किया गया है?

मिलन: महोदय, मैं इंडिया टुडे से मिलन हूँ। बस एक स्पष्टीकरण चाहिए, मैं जानना चाहता था क्योंकि धोखाधड़ी करके रूस भेजे गए भारतीयों के संबंध में सीबीआई की जांच में कहा गया है कि एक विदेशी फाउंडेशन ने लगभग 180 व्यक्तियों को रूस भेजा है और निश्चित रूप से उनमें से ज्यादातर छात्र वीजा पर हैं, महोदय। इसलिए, मैं यह जानना चाहता था कि क्या हम जानते हैं कि इनमें से कितने व्यक्तियों को वास्तव में गैरकानूनी ढंग से युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है। और महोदय, मेरा दूसरा सवाल उस स्पेनिश पर्यटक के बारे में है जिसके साथ झारखंड में बलात्कार हुआ था। विदेश मंत्रालय द्वारा पर्यटक को किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई है?

सुधि: महोदय मैं ब्लूमबर्ग से सुधि रंजन हूँ। मुझे बस यह पूछना है कि आपने मानव तस्करी शब्द का इस्तेमाल हमारे लड़कों के मामले में किया है जो रूस में हैं। क्या आप हमें बेहतर बता सकते हैं, क्या यह संदेह है कि यह मानव तस्करी का ही मामला है... क्योंकि हम समझते हैं कि उन्हें वेतन भी मिल रहा है और महोदय, क्या सीबीआई या किसी से भी इस बारे में कोई स्पष्टता है कि सरकार वास्तव में कितने व्यक्तियों को वापस लाने पर विचार कर रही है?

सृंजॉय: महोदय, 14 और 15 को, अर्थात कुछ ही दिनों में, ब्राज़ील के साथ राजनीतिक-सैन्य वार्ता है। यह एक प्रकार का सचिव स्तर पर 2 प्लस 2 है। अब ब्राजील, चूंकि हम ब्रिक्स का अंग हैं, और रूस भी; तो वे बहुत उत्सुक हैं कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने की दिशा में भारत एक प्रमुख भूमिका निभाए। क्या आप कृपया इस पर टिप्पणी करना चाहेंगे?

प्रणय: सर मैं ज़ी न्यूज़ से प्रणय उपाध्याय हूँ। सर हाल के दिनों में कई भारतीय छात्र और जो अमेरिका में कुछ भारतीय हैं उनकी हत्या की घटनाएं सामने आई हैं। इस मामले को लेकर, अमरनाथ घोष का भी मामला सामने आया है, भारत सरकार ने इस मामले को अमेरिकी अधिकारियों के साथ कैसे उठाया है और इस मामले की जांच में क्या अभी तक कोई ठोस जानकारी हमारे पास है, जिस तरह से गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, आशीष, मैं चीन पर आपके प्रश्न पर बात करता हूँ। हाल ही में भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की 21वें दौर की बैठक हुई थी। 21वें दौर की बैठक 19 फरवरी को चुशूल-मोल्डो सीमा पर हुई थी और उसके बाद हमने 21 फरवरी को एक वक्तव्य भी जारी किया था। वहां चर्चाएं, पिछले दौर चर्चाओं जिनमें भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति की बहाली के लिए आवश्यक आधार के रूप में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष क्षेत्रों से सेनाएं पूरी तरह से हटाए जाने का प्रयास किया गया था, पर आगे बढ़ीं। मैत्रीपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई वार्ता में दोनों पक्षों ने इस पर अपने-अपने दृष्टिकोण साझा किए। दोनों पक्ष प्रासंगिक सैन्य और राजनयिक तंत्र के माध्यम से भावी उपायों हेतु संवाद बनाए रखने पर भी सहमत हुए हैं। उन्होंने अंतरिम रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति बनाए रखने की भी प्रतिबद्धता जाहिर की। तो जहां तक आपके प्रश्न का संबंध है उसमें अभी यही स्थिति बनी हुई है।

सीबीआई द्वारा तलाशी आदि पर मिलन आपके प्रश्न के संबंध में, यह एक ऐसा मामला है जिसमें जांच चल रही है। तलाशी कल हुई, मामले दर्ज किए गए हैं और जांच अब जारी है। तो आगे आपको अधिक जानकारी मिलेगी। कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है, ऐसा मुझे प्रेस विज्ञप्ति से पता चला है। इसलिए जांच पूरी होने के बाद हमें इस बारे में अधिक जानकारी मिलेगी कि कितने लोग इसमें लिप्त हैं, इस तस्करी नेटवर्क में और क्या-क्या शामिल है।

स्पेन के पर्यटक के मामले के संबंध में, जैसा कि आप जानते हैं, मामले की जांच चल रही है। कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और आपने यह भी देखा होगा कि झारखंड उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस विशेष मामले पर कार्यवाही की है। तो इस मामले में अब तक यही स्थिति है, हमारी जानकारी के अनुसार पर्यटक, वहां से जा चुके हैं।

मानव तस्करी के संबंध में सुधि, मैं फिर से कहना चाहूँगा कि यह एक ऐसा मामला है जिसकी जांच चल रही है। मामला दर्ज कर लिया गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी हमें अधिक जानकारी मिलेगी।

सृंजॉय, ब्राज़ील के संबंध में आपके प्रश्न पर, ब्राज़ील के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। हम उन्हें और सशक्त बनाना चाहते हैं। ब्राजील के साथ हमारी बहुपक्षीय, बहुलवादी साझेदारी भी है। जहां तक यूक्रेन पर हमारे दृष्टिकोण का प्रश्न है, आपने यूक्रेन पर दृष्टिकोण पूछा था। आप भलीभांति हमारे दृष्टिकोण से अवगत हैं, हम चाहते हैं कि इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत और कूटनीति को आधार बनाया जाए। हम सभी पक्षों को इस पर आने और शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

प्रणय आपका सवाल जो छात्र, शिकागो के इलाके में जो छात्र जिनका वहां पर निधन हुआ, उसके बारे में है, तो इस मसले पर भी वहां की पुलिस है, वो कार्यवाही कर रही है। हमारा वाणिज्य दूतावास लगतार उनसे संपर्क बनाए हुए है, और एक बार जब जांच पूरी हो जाएगी तब हमको पता चलेगा कि किस कारण से ये निधन हुआ, क्या कुछ और है इस मसले में, तो हम लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। हमारे वाणिज्य दूतावास की तरफ से जितनी कोशिश हो सकती है, जितनी मदद हो सकती है, वो हम लोग इस केस में मुहैय्या करा रहे हैं, और हम लोगों ने वहां छात्रों के साथ खास कर, सारे वाणिज्य दूतावास, खाली शिकागो की बात नहीं, जितने वाणिज्य दूतावास हैं सभी ने छात्रों के साथ आउटरीच किया है, उनको बताया है, मार्गदर्शन दिया है, और साथ में ये भी कहा है कि जब भी आपको कोई दिक्कत हो, किसी प्रकार की परेशानी हो, वहां हमारा दूतावास और हमारे वाणिज्य दूतावास वहां पर मौजूद हैं, आप बेशक हमसे संपर्क करें ताकि हम लोग आपकी बेहतर देखभाल कर सकें।

तो अब यदि अन्य कोई प्रश्न नहीं है, तो हम आज की यह वार्ता समाप्त करते हैं। अगली प्रेस वार्ता में आपके साथ बातचीत करने के लिए मुझे प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।

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