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आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया वार्ता का प्रतिलेख (08 फरवरी, 2024)

फरवरी 08, 2024

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: नमस्कार मित्रों, आप सभी का हार्दिक स्वागत है। आज हमने दो प्रेस विज्ञप्तियां जारी की हैं। एक हिंद महासागर सम्मेलन के लिए विदेश मंत्री के पर्थ दौरे के संबंध में थी, जो कि 9 और 10 तारीख को है। इसके अलावा, हमने आपको विदेश सचिव द्वारा जापान के दौरे का विवरण भी दिया। मुझे आशा है कि आपने दोनों प्रेस विज्ञप्तियां देखी होंगी। इसके साथ ही मैं अब आपके प्रश्न आमंत्रित करता हूँ। तो, अब हम शुरुआत कर सकते हैं।

मनीष: मैं मनीष झा हूँ टीवी9 भारतवर्ष से। मेरा सवाल है कि आज पाकिस्तान में चुनाव हो रहे हैं और निश्चित तौर पर भारत सरकार उसपर नजर रख रही है। तो किस तरह का अंदेशा आपको लग रहा है कि इस चुनाव के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में कोई परिवर्तन होने की गुंजाइश है?

उमाशंकर: उमाशंकर सिंह एनडीटीवी से। मनीष से जुड़ा मेरा सवाल है कि ये बताया जा रहा है कि नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बनेंगे। और उन्होंने अपने मैनिफेस्टो में लिखा है कि 370 वापिस बहाल हो तभी भारत के साथ रिश्ते बेहतर होंगे। तो इस तरह की शर्तों को लेकर क्या आपको उनकी सरकार आने के बाद, काल्पनिक प्रश्न है थोड़ा, लेकिन जो वहां से जानकारी आ रही है कि नवाज शरीफ ही पीएम बनेंगे; तो क्या इन शर्तो के साथ भारत बातचीत आगे बढ़ाना चाहेगा?

मधुरेन्द्र: सर मेरा सवाल म्यांमार को लेकर है। जैसा कि एडवाइजरी भारत का है कि रखाइन राज्य की तरफ ना जाएं। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने जो मुक्त आवाजाही था, उसको भी प्रतिबंधित कर दिया, बाड़ लगाने की भी बात हो रही है। तो किस तरह से भारत और म्यांमार के संबंध आगे बढ़ रहे हैं? और जो इस वक्त हम कदम ले रहे हैं उसका क्या असर भारत और म्यांमार के संबंधों पर पड़ेगा?

ऋषभ: महोदय, मैं टाइम्स नाउ से ऋषभ हूँ। महोदय, मैं बस मनीष सर के प्रश्न पर फॉलो-अप लेना चाहता था, कि सुबह पाकिस्तान में मतदान शुरू होने से कुछ मिनट पहले, इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गईं। तो, भारत इसे कैसे देखता है, यह पहली बात, और दूसरी बात यह कि एफएमआर, म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही व्यवस्था के मामले में, गृह मंत्री ने घोषणा की है कि भारत तुरंत एफएमआर को स्थगित कर रहा है। क्या यह एकतरफा है या इस पर म्यांमार के साथ चर्चा हुई है और यह द्विपक्षीय है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: म्यांमार और पाकिस्तान से संबंधित आपके यदि कोई और प्रश्न हों तो हम उन्हें जोड़ सकते हैं।

नयनिमा: मैं एबीपी लाइव से नयनिमा हूँ। गृह मंत्री ने कहा है कि विदेश मंत्रालय ने पहले ही एफएमआर को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रक्रिया क्या है? क्या आप इसकी निश्चित समय-सीमा बता सकेंगे, इसमें कितना समय लगेगा? धन्यवाद।

सुधि: महोदय, मैं ब्लूमबर्ग से सुधि रंजन हूँ। एफएमआर पर क्या भारत सरकार ने म्यांमार को भी सूचित किया है? क्या कोई बातचीत हुई थी और किस स्तर पर, यदि हुई थी, क्या इसकी जानकारी दी गई थी?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: मनीष जी आपका सवाल कहीं एक और साथियों का सवाल पाकिस्तान को लेकर, तो पाकिस्तान में जैसा कि आप जानते हैं कि आज वहां चुनाव हो रहे हैं। पाकिस्तान के चुनाव पर हम लोग कुछ टिप्पणी करना नहीं चाहते, ना ही हम लोग टिप्पणी करना चाहते हैं वहां पर और जो व्यवस्था, स्थिति जो बनी हुई है।

दूसरा सवाल रहा म्यांमार को लेकर। म्यांमार में आपने देखा होगा कि वहाँ पर बॉर्डर पर एक गंभीर स्थिति सी बनी हुई है। म्यांमार के मुद्दे पर, बाड़ लगाने के मुद्दे पर, एफएमआर, मुक्त आवाजाही व्यवस्था के मुद्दे पर, हमारे माननीय गृह मंत्री ने अपनी टिप्पणी दी है, अपने वक्तव्य रखे हैं, उसको आप लोग देखें, उससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूँ ।

मधुरेन्द्र आपने सवाल रखाइन पे भी किया था। रखाइन राज्य म्यांमार में, वहां पर स्थिति थोड़ी चिंताजनक है, जहां तक सुरक्षा की बात है। और हम लोगों ने कल एक एडवाइजरी निकाला था, जो वहां पर हमारे नागरिक हैं उनको हम कह रहे हैं कि आप वहां से निकल जाएं, और जो हमारे नागरिक जो वहां जाना चाहते हैं उनसे हमारी ये गुजारिश हैं कि आप लोग वहां पर न जाएं, क्योंकि वहां की स्थिति नाजुक है। तो ये रहा रखाइन के मुद्दे पर और म्यांमार के मुद्दे पर।

वक्ता: महोदय, वहां कितने भारतीय हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: मेरे पास सटीक संख्या नहीं है, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, सितवे में हमारा एक वाणिज्य दूतावास है। सुरक्षा स्थिति का असर हमारे वाणिज्य दूतावास पर भी होगा। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और देखेंगे कि इससे कैसे सर्वोत्तम तरीके से निपटा जा सकता है।'

अभिषेक: नमस्ते महोदय, मैं सीएनएन न्यूज18 से अभिषेक हूँ। मेरा प्रश्न विदेशी खुफिया हस्तक्षेप की जांच को लेकर कनाडा की सरकार के नवीनतम रुख के संबंध में है, जो इसमें भारत की भूमिका की जांच करने जा रही है। संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थानों द्वारा विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच ने घोषणा की है कि उन्होंने कनाडा की सरकार से कनाडा में चुनावों में भारत सरकार की भूमिका से संबंधित जानकारी प्रदान करने का अनुरोध किया है। यहां तक कि कनाडा के कुछ सांसदों ने भी इस मुद्दे को उठाया है। तो, क्या इस पर आपकी कोई टिप्पणी है?

ऋषिकेश: महोदय, मैं पीटीआई से ऋषिकेश हूँ। सीमा पर तनाव के बावजूद, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 120 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंच गया है जो 2022 से कहीं अधिक है। क्या हम अब भी यह तर्क दे सकते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हो गए हैं?

धैर्य माहेश्वरी: महोदय, मैं स्पुतनिक इंडिया से धैर्य माहेश्वरी हूँ। मेरा प्रश्न पिछले सप्ताह मास्को में हुई ब्रिक्स, शेरपा और सूस-शेरपा बैठक के संबंध में है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देश यूक्रेन के शांति फॉर्मूले को दूसरे देशों पर थोपने की कोशिश कर रहे हैं। अब, भारत ने भी कई बैठकों में भाग लिया है, जिसमें पिछले सप्ताह दावोस में कोपेनहेगन प्रारूप पर एक बैठक भी शामिल है। तो यूक्रेनी शांति फार्मूले पर भारत का नज़रिया क्या है, महोदय? धन्यवाद।

कादम्बिनी: मैं एनडीटीवी से कादम्बिनी शर्मा हूँ। महोदय यूएस में जनवरी से लेकर अब तक, एक भारतीय-अमेरिकी सहित, सात छात्रों की मौत हुई है, अलग-अलग वजह रही हैं। इसको लेकर हालांकि वाणिज्य दूतावास ने और दूतावास ने जारी किए हैं बयान, लेकिन क्या इसको लेकर कोई और भी बात हुई है, या विश्वविद्यालयों से कुछ कहा गया है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: मैं पहले इन प्रश्नों के उत्तर देता हूँ और फिर हम अन्य प्रश्नों पर बात करेंगे।

आपके प्रश्न के संबंध में, अभिषेक, हमने कनाडा के आयोग द्वारा विदेशी हस्तक्षेप की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं और कुछ संबंधित घटनाक्रम भी हुए हैं। हम कनाडा के चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के ऐसे सभी निराधार आरोपों को दृढ़ता से अस्वीकृत करते हैं। दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है। वास्तव में स्थिति इसके विपरीत हे और कनाडा हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। हम इस मुद्दे को उनके समक्ष नियमित रूप से उठाते रहे हैं। हम कनाडा से हमारी मुख्य चिंताओं को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान करते रहते हैं।

ऋषिकेश, आपका प्रश्न चीन के साथ व्यापार के संबंध में था। भारत-चीन संबंधों के मामले में, हमने अपनी प्रेस वार्ता में कई बार यह कहा है। हमारे विदेश मंत्री ने भी हमारे विचारों से अवगत कराया है। हम अपने मुख्य मुद्दों, यानी सीमा पर शांति पर चीन के साथ बातचीत जारी रखे हुए हैं। इसी तरह हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पश्चिमी क्षेत्र में मौजूद समस्याओं के समाधान पर आगे कार्यवाही करते हैं। हमारी सैन्य से सैन्य स्तर पर और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी हैं और मुझे इस बारे में बस इतना ही कहना है।

कादम्बिनी आपका सवाल छात्रों के बारे में था। मैं आपको पहले ये बता दूं कि जो वहां पर दुर्घटना हुई हैं, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, उसमें से इस साल जो पांच दुर्घटना हुई हैं, उसमें से दो बच्चे जो हैं, दो छात्र हैं, वो हमारे भारतीय नागरिक हैं। ये दो भारतीय नागरिक, एक जो विवेक सैनी जिनकी मौत जॉर्जिया में हुई, वहां पर जिन्होंने उन पर हमला किया था उनको गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरे जो भारतीय छात्र हैं उनकी मौत, सिनसिनाटी के छात्र थे, वहां पर हुई है। वहां पर जो उनके स्थानीय अधिकरियों ने बताया है कि इसमें कोई षड्यंत्र नहीं है। तो ये दो जो नागरिक जो हमारे छात्र हैं, जिनकी दुःखद मौत हुई है। उसके अलावा जो तीन और लोग हैं वो अमेरिका के नागरिक हैं, तो ये बात आप लोग समझें, कि वो अमेरिकी नागरिक हैं, और इन तीनों घटनाओं में भी मेडिकल रिपोर्ट्स जो अभी तक आए नहीं हैं। वहां पर आपको पता होगा कि इस तरह की जब दुर्घटना होती है, तो मेडिकल रिपोर्ट आने में समय लगता है और मेडिकल रिपोर्ट भी वहां पर क्योंकि निजता के इस प्रकार के कानून हैं, वो सबको नहीं बताते हैं। और मैं आपको कह सकता हूँ कि तीनो मामलो में भी कोई षड्यंत्र नहीं है। अभी प्राथमिक उनकी रिपोर्ट आई है, पूरी रिपोर्ट नहीं आई है। एक बार आ जाने के बाद आपको पता चल जाएगा। लेकिन मेरी आपसे गुजारिश ये है कि आप ये जरूर देखें कि इसमे कोई संबद्धता नहीं है, वे संबंधित नहीं हैं। दो हमारे छात्र हैं जिनका देहांत हुआ है।

वक्ता 2: क्या आप कृपया इसे अंग्रेजी में दोहरा सकते हैं।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, आप जानते हैं, पांच भारतीय विद्यार्थी मारे गए हैं, जिनमें प्रवासी विद्यार्थी भी शामिल हैं। इन पांच में से दो लोग भारतीय नागरिक हैं और बाकी तीन भारतीय मूल के हैं। वे अमेरिकी नागरिक हैं। तो, आपको इसे ध्यान में रखना होगा। जिन दो भारतीय नागरिकों की मौत हुई है उनमें से एक विवेक सैनी का मामला था जिनकी बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मृत्यु हो गई। वह इस व्यक्ति को खाना देने की कोशिश कर रहे थे जिसने उन पर हमला कर दिया। अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है और स्थानीय अधिकारी मामले की जांच कार्यवाही कर रहे हैं। दूसरा मामला सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में एक भारतीय विद्यार्थी का, उनकी भी मृत्यु हो गई। कोई षड्यंत्र नहीं है। प्रारंभिक रिपोर्ट में यही विवरण है। उस विशेष मामले में भी कोई षड्यंत्र नहीं है। लेकिन हमें मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है। जो अन्य तीन मौतें हुई हैं वो भारतीय मूल के व्यक्तियों की हैं जो अमेरिकी नागरिक हैं। तो, यही मैं आपको बताना चाहता हूँ।

वक्ता 3: (अश्रव्य)।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: हम भारतीय नागरिकों के मामलों में वहां के स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। हमारे वाणिज्य दूतावास और हमारे मिशन भी, वे उनके परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं। वे विद्यार्थियों के संपर्क में भी हैं। उदाहरण के लिए, शिकागो में जिस विद्यार्थी को लूटा गया, हम उसके, यहां उसके परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं। और हम सर्वोत्तम संभव तरीके से सहायता देने का प्रयास कर रहे हैं।

ऋषभ: महोदय, मैं टाइम्स नाउ से ऋषभ हूँ। महोदय, हैदराबाद निवासी मज़हर अली पर चार लुटेरे व्यक्तियों ने हमला किया। उनकी पत्नी रूबिका ने भी अपने आपातकालीन वीजा में कार्यवाही तेज करने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है। क्या स्थिति है और विदेश मंत्रालय को उनके परिवार से क्या अनुरोध प्राप्त हुए हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: जैसा कि मैंने आपको बताया, ऋषभ, शिकागो में भारतीय वाणिज्य दूतावास उनके परिवार और श्री अली दोनों के संपर्क में है। वह वहां के विद्यार्थी हैं। हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें चिकित्सा सहायता के साथ सर्वोत्तम सहायता कैसे प्रदान की जाए, साथ ही उनकी देखभाल भी सुनिश्चित की जाए। मैं समझता हूँ कि स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और वाणिज्य दूतावास हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए वहां मौजूद है।

धैर्य, आपका प्रश्न यूक्रेन और रूस के संबंध में था। जैसा कि आप जानते हैं, युद्ध को लेकर हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है कि हम कहाँ हैं। हम चाहते हैं कि संवाद हो, बातचीत हो, कूटनीतिक कार्यवाही हो। यही आगे बढ़ने का सर्वोत्तम उपाय है। हमारे नेताओं ने कई मामलों में हमारी स्थिति को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट किया है। तो इस मामले में हमारा यही दृष्टिकोण है। हमने यूक्रेन को मानवीय सहायता के लिए भी अपना समर्थन प्रदान किया। और हम विभिन्न पक्षों से बातचीत करने और चर्चा के लिए आगे आने और मामले आगे बढ़ाने का आह्वान करते हैं। समस्याओं के समाधान का यही सर्वोत्तम तरीका है।

येशी: मैं दि न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी सेली हूँ। मेरा प्रश्न मालदीव को लेकर है। मालदीव और भारत के बीच दूसरी कोर लेवल मीटिंग हाल ही में दिल्ली में हुई। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि यह काम प्रक्रियाधीन है, जबकि मालदीव पक्ष ने बताया कि प्रतिस्थापन होने वाला है। क्या आप कृपया स्पष्ट कर सकते हैं कि इसका क्या अर्थ है, सैनिकों के प्रतिस्थापन का क्या अर्थ है? और साथ ही, राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि भारतीय सैनिक वापस जा रहे हैं, ऐसा उन्होंने दो दिन पहले अपने राष्ट्रपति भाषण में कहा था। तो क्या आप हमें बता सकते हैं कि वास्तव में क्या हो रहा है?

पिया: मैं प्रिंट से पिया हूँ। महोदय, बांग्लादेश के विदेश मंत्री भारत में हैं और आज सुबह उन्होंने म्यांमार के साथ भारत की सीमा पर बाड़ लगाने के लिए भारत के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और खासकर इसलिए क्योंकि विद्रोह के बड़े मुद्दे म्यांमार से निकलते हैं, उन्होंने यही कहा। क्या विदेश मंत्री जयशंकर के साथ उनकी बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई? मुझे लगता है कि यह बात कल हुई थी। क्या उस बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था?

मनोहर: मैं इकोनॉमी इंडिया से मनोहर मनोज हूँ। मेरा प्रश्न भी मालदीव से ही संबंधित है। चूँकि बजट कम कर दिया गया है, तो क्या आपके मंत्रालय की ओर से कोई स्पष्टीकरण है कि यह बजट क्यों कम किया गया है और क्या मालदीव को इस सहायता का कोई वर्गीकृत विवरण उपलब्ध है?

विशाल: सर, मैं विशाल पांडे हूँ ज़ी न्यूज़ से। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित यूएई दौरे के बारे में क्या जानकारी है, क्या कार्यक्रम रहने वाला है अबू धाबी में?

नीरज: सर मैं नीरज दुबे प्रभासाक्षी से। सर, अमेरिका में राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल रिपब्लिकन, निक्की हेली ने कहा है कि भारत अमेरिका से अच्छे संबंध चाहता ही नहीं है, इसलिए वो रूस से बहुत करीबी संबंध बनाए हुए हैं, क्या पर हमारी कोई प्रतिक्रिया रहेगी सर?

श्री‌ रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: येशी, मालदीव के संबंध में आपके प्रश्न पर बात करते हैं। देखिए, हमें जो कहना था, हमने 2 फरवरी की अपनी प्रेस विज्ञप्ति में उसे आपके सामने रखा था। वो तो आपने देखा ही होगा। यह दूसरी कोर ग्रुप बैठक, उच्च स्तरीय कोर ग्रुप बैठक के बाद किया गया और हमने यह भी कहा कि बाद में तीसरी कोर ग्रुप बैठक आयोजित की जाएगी। मैं आपसे उसका संदर्भ लेने का अनुरोध करूंगा। साथ ही, मैं यह भी कहना चाहूँगा कि वर्तमान कर्मियों को सक्षम भारतीय तकनीकी कर्मियों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस मामले में मुझे बस इतना ही कहना है।

येशी: (अश्रव्य)।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तकनीकी...सक्षम तकनीकी कर्मी, भारतीय तकनीकी कर्मी।

पिया, बांग्लादेश के विदेश मंत्री, जो कि अभी भारत में हैं उनके बारे में आपके प्रश्न पर बात करते हैं। कल उनकी विदेश मंत्री से बातचीत हुई थी। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी भेंट की। हमारे पास एक लिखित विवरण है जो हमने आपको दिया है कि विदेश मंत्री और बांग्लादेश के विदेश मंत्री के बीच क्या बातचीत हुई थी। हमने विकास संबंधी साझेदारी के बारे में बात की, हमने रक्षा और सुरक्षा के बारे में बात की। हमने आगे भी सहभागिता के कई अन्य पहलुओं; अर्थव्यवस्था, व्यापार, व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच आपसी संबंध आदि पर भी बात की; इसके अलावा, जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, तो देखेंगे कि दोनों देश अपने प्रयासों में कैसे तालमेल बना सकते हैं, हम विकसित भारत 2047 की राह पर हैं, और बांग्लादेश स्मार्ट बांग्लादेश 2041 के अपने अभियान पर आगे बढ़ रहा है।

म्यांमार के प्रश्न पर हमारे गृह मंत्री ने बताया है। मैं उस पर आगे कुछ भी टिप्पणी नहीं करना चाहूँगा। मैं आपसे वह संदर्भ लेने को कहूँगा जो उन्होंने दोनों मुद्दों पर कहा है, एफएमआर पर और बाड़ लगाने पर भी। बैठक में क्या हुआ, हमने आपको इसकी पूरी जानकारी दी है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप कृपया उसका संदर्भ लीजिए। इस संबंध में, हमारा यही उत्तर है।

मनोहर, आपने मालदीव और बजट के बारे में एक प्रश्न पूछा था। लोग इस बजटीय आवंटन की व्याख्या कई विरोधाभासी तरीकों से कर रहे हैं। मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट देखीं जिनमें कहा गया था कि मालदीव को बजटीय आवंटन बढ़ गया है। अन्य कुछ ने यह कहा है कि मालदीव को बजटीय आवंटन कम हो गया है। देखिए, होता यह है कि एक निश्चित राशि आवंटित की जाती है। और उसके बाद, पुनरीक्षण का एक चरण होता है। पुनरीक्षण के उस चरण के दौरान नये प्रस्तावों पर विचार किया जाता है। तो वास्तव में आप देख सकते हैं कि मालदीव के लिए बजट, इस बार जो दिया गया है, वह 779 करोड़ है, जबकि पहले 600 करोड़ का पूर्वानुमानित किया गया था। तो यह वास्तव में बढ़ा है। आप जो नए आंकड़े बता रहे हैं, उन्हें भी एक बार संशोधित किया जाएगा जब हमारे पास इस बारे में अधिक विवरण, अधिक स्पष्टता होगी कि आगे की गतिविधियां किस प्रकार हो रही हैं। इसलिए मैं कहना चाहूँगा कि हम मालदीव के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार, एक प्रतिबद्ध विकास भागीदार बने रहेंगे।

विशाल आपका सवाल यूएई के संबंध में है, यूएई की यात्रा होने वाली है, जल्दी ही आपको उसके बारे में हम लोग खबर करेंगे, क्या कुछ वहां होने वाला है, क्या कार्यक्रम रहेगा। आपको न्यौता मिलेगा जल्द ही, इसी कमरे में एक प्रेस वार्ता होगी। तो मैं आपको अमंत्रित करता हूँ, जल्द ही आपको पता चल जाएगा उसके बारे में।

नीरज, आपका प्रश्न संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाली गतिविधियों के संबंध में था। ये वे टिप्पणियाँ हैं जो वहां घटनाक्रम आदि के दौरान की गई हैं। हम उन मुद्दों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

चंद्रकला: मैं ईटीवी भारत से चंद्रकला हूँ। महोदय, मेरा प्रश्न ग्रीक प्रधानमंत्री के भारत के दौरे से संबंधित है। वह यहां रायसीना डायलॉग के लिए आएंगे। तो बस यह जानना था कि कार्यक्रम क्या रहेगा। और साथ ही, क्या इस बारे में विदेश मंत्रालय की टिप्पणी मिल सकेगी कि इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के बाद, स्थगित भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे के संदर्भ में यह दौरा कितना महत्वपूर्ण है।

मधुरेंद्र: सर मधुरेंद्र मैं न्यूज नेशन से। मेरा सवाल विदेश सचिव के जापान दौरे को लेकर है। भारत और जापान के बीच जो बुलेट ट्रेन कॉरिडोर है, उसके वित्तपोषण को लेकर काफी कुछ मुद्दे चल रहे थे, और कई प्रोजेक्ट विलंबित भी हैं, क्या इसपर कोई बातचीत हुई है? उसका कोई अपडेट है? और हिंद महासागर को लेकर जो सम्मेलन है, इस वक्त जो हिंद महासागर की स्थिति है, जिस तरह के हमले हो रहे हैं, हूथियों के हमले और खास दौर पर जो सामुद्रिक सुरक्षा को लेकर चुनौतियां हैं, उसपर क्या बातचीत इस सम्मेलन में होने वाली है ?

अभिषेक: महोदय, मैं सीएनएन न्यूज़18 से अभिषेक हूँ। मेरा प्रश्न एनएसए डोभाल द्वारा हाल ही में बांग्लादेश का दौरा किए जाने के संबंध में है। अधिकांश मीडिया में यह रिपोर्ट किया गया है। क्या हमें कोई आधिकारिक संस्करण मिल सकता है कि उन्होंने किससे भेंट की और उन्होंने अपने बांग्लादेशी समकक्ष या वहां जिन नेताओं से भेंट की, उनके साथ क्या चर्चा की? धन्यवाद।

राघवेंद्र: मैं जर्मन टेलीविजन जेडडीएफ से राघवेंद्र वर्मा हूँ। महोदय, मेरा प्रश्न यूरोपीय देशों और गुटों के साथ एफटीए के संबंध में है। यूके में खबर आई है कि चुनावों से पूर्व ऐसा हो सकता है। स्विट्ज़रलैंड में स्थानीय राजनेताओं के हवाले से ऐसी ख़बरें आई थीं, जिनमें कहा गया था, क्योंकि भारत में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि इसमें तेज़ी आएगी। और यूके भी...महोदय, क्या आप हमें इस बारे में नई जानकारी दे सकते हैं? क्या कोई संबंध है, और क्या हम जल्दी ही यह होने की उम्मीद कर सकते हैं?

श्री‌ रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है। चंद्रकला, ग्रीक प्रधानमंत्री के दौरे पर आपके प्रश्न के संबंध में मैं यह कहना चाहूँगा कि आपको उचित समय पर प्रधानमंत्री के दौरे के बारे में अधिक जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा कई देशों या बड़ी संख्या में देशों के साथ हमारा जुड़ाव है। हमारे सभी अंतर्राष्ट्रीय हितधारक हमारे लिए बहुत महत्व रखते हैं। ग्रीस सहित ये सभी द्विपक्षीय संबंध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनके साथ हमारे मधुर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। अधिक जानकारी प्रतीक्षित है। दौरे की तारीख निकट आते-आते आपको इसके बारे में अधिक विवरण समुचित समय पर मिल जाएगा।

मधु, आपका सवाल विदेश सचिव के संबंध में है। विदेश सचिव अभी जापान के दौरे पर हैं, आज उन्होंने विदेश कार्यालय परामर्श किया है, आज उन्होंने वहां पर द्विपक्षीय परामर्श ...और भी जो वहां पर जो हमारे मंत्रीगण हैं, और रक्षा में और व्यापार मंत्रालय में जो लोग हैं, उनके साथ किया है। इसके बारे में आप विवरण अगर जानना चाहें तो हमारी जो प्रेस विज्ञप्ति है, उसमें आप देखेंगे कि सभी मुद्दों पर बातचीत हुई है, क्षेत्रीय स्थितियों पर बातचीत हुई है, वैश्विक स्थिति पर बातचीत हुई है, हिंद-प्रशांत में क्या हो रहा है, उसके बारे में बातचीत हुई हैं। तो ये सब चीजें आप वहां से ले सकते हैं, कुछ देर पहले हमने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी।

जहां तक हिंद महासागर सम्मेलन का सवाल है, 9 और 10 को ये सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में होगा। हम लोगों की समझ है कि करीबन 22 देशों से मंत्री प्रतिनिधिमंडल ले के आ रहे हैं। उसके अलावा श्रीलंका के राष्ट्रपति भी रहेंगे वहां पर, उसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री, उसके अलावा और भी लोग हैं जो वहां पर रहेंगे। जितने मुद्दे हैं, जो हिंद महासागर को लेकर जो मुद्दे हैं, सारे मुद्दों पर बातचीत होगी। बहुत सारे लोग, वो भी लोग जो रणनीतिक समुदाय के हैं, थिंक टैंक के हैं, वो सब लोग वहां रहेंगे, तो मेरे ख्याल से एक बड़ी अच्छी चर्चा वहां पर होने वाली है।

अभिषेक आपका सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को ले के था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने हाल ही में बांग्लादेश का दौरा किया। बांग्लादेश हमारा बहुत निकटवर्ती पड़ोसी है। हाल ही में यहां आम चुनाव हुए थे। देशों के लिए उच्च स्तरीय दौरों का आदान-प्रदान एक नियमित मामला है, खासकर किसी निकटवर्ती पड़ोसी के साथ। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दौरा उसी संदर्भ में था। उन्होंने प्रधानमंत्री शेख हसीना से भेंट की और उन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं। इस मामले में मैं आपको यही बता सकता हूँ।

राघवेंद्र, ईएफटीए और यूके एफटीए पर आपके प्रश्न के संबंध में बात करें तो...मेरे विचार में ये दोनों व्यापार वार्ताएं जारी हैं। हमें पहले से ही यह निर्णय नहीं लेना चाहिए कि क्या हो रहा है, या क्या नहीं हो रहा है। लेकिन मैं समझता हूँ कि ये दोनों वार्ताएं चल रही हैं, ये दोनों प्रक्रियाएं आगे बढ़ रही हैं।

येशी: मैं द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी हूँ। कतर में आठ नौसैनिकों के संबंध में कैसेशन कोर्ट में अपील दायर करने के संबंध में नई जानकारी क्या है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: कतर की स्थिति पर, अपीलीय न्यायालय के संबंध में स्थिति वही है जो मैंने आपको पहले बताई थी। 60 दिनों की एक अवधि है जिसके भीतर अपील की यह प्रक्रिया की जानी है। तो अभी वही स्थिति है। स्थिति बदली नहीं है। हम परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं। हम कानूनी टीम के भी संपर्क में हैं।

उर्वशी: महोदय मैं न्यू इंडियन से उर्वशी खोना हूँ। मेरा प्रश्न अरिहा शाह के मामले के संबंध में है। जहां तक प्रगति हुई है, एक प्रत्यावर्तन नीति है; क्योंकि मुझे लगता है कि मां अनुरोध कर रही है और वह अपनी बच्ची को वापस लाने के लिए कल जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है, जो पिछले 2.5 साल से फंसी हुई है।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: बेबी अरिहा शाह का यह मामला, हम पहले भी कई बार कह चुके हैं। हम इस मामले को अत्यधिक महत्व दे रहे हैं। न्यायालय के निर्देश पर, माता-पिता को मुलाक़ात का अधिकार दिया गया था। उन्होंने बच्ची से भेंट की है। हम भी, दूतावास और वाणिज्य दूतावास की ओर से, कांसुलर पहुंच के अंतर्गत बच्ची से मिल रहे हैं। हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि बच्ची का सांस्कृतिक जुड़ाव आगे बढ़े, उसके सांस्कृतिक अधिकार, उसकी पहचान, उसका लोकाचार; उसका पालन-पोषण इस ढंग से किया जाए कि वह अपनी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि और गुणों तथा धारणाओं से परिचित हो। मैं आपको यह भी बताना चाहूँगा कि बच्ची को भारतीय भाषाएं सिखाने के लिए हम एक रूपरेखा पर जर्मन अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसलिए हम वह सब कर रहे हैं जो हम कर सकते हैं और हम इस विशेष मामले को बहुत अधिक महत्व दे रहे हैं।

यदि अब कोई प्रश्न नहीं है तो आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। और हम आगे भी आपके साथ सहभागिता की आशा करते हैं। धन्यवाद।

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