मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा वर्चुअल साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की प्रतिलिपि (24 सितंबर 2020)

सितम्बर 26, 2020

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: गुड इवनिंग मित्रों! आभासी प्रारूप में इस साप्ताहिक वार्ता में आपका स्वागत है। मैं वंदे भारत मिशन पर एक अपडेट के साथ शुरुआत करूँगा। 23 सितंबर तक, 15.42 लाख भारतीयों को वंदे भारत मिशन के विभिन्न माध्यम से प्रत्यावर्तित किया गया है।

वंदे भारत मिशन का छठा चरण, 1 सितंबर से चालू है। 22 सितंबर तक, पूरे भारत के 24 हवाई अड्डों पर 24 देशों से 630 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें और 142 फीडर उड़ानें संचालित की गई हैं और अनुमानतः 1,24,000 व्यक्तियों को प्रत्यावर्तित किया गया है। यह चरण 30 सितंबर 2020 तक चालू रहेगा।

मैं यह भी बताना चाहूँगा कि 8 अगस्त से सभी आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एयर सुविधा डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है। यह मंच वंदे भारत मिशन उड़ानों पर आने वाले यात्रियों के लिए संस्थागत संगरोध से छूट की अनुमति देता है। यह सेवा, यात्रियों की, उनकी आरटी पीसीआर रिपोर्ट के आधार पर संस्थागत संगरोध से छूट के लिए लंबे समय से लंबित माँग के जवाब में उपलब्ध कराई गई है। इसने, आगमन पर यात्री प्रसंस्करण समय को कम करने में मदद की है।

भारत और श्रीलंका के बीच आगामी आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन पर मेरा एक नई खबर देने वाला बयान भी है। आपने कल हमारी प्रेस रिलीज़ देखी होगी।

26 सितंबर 2020 को भारत की मेजबानी में पीएम और प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच एक आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

यह आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी का पड़ोसी देश के साथ इस तरह का पहला आभासी जुड़ाव होगा और प्रधान मंत्री राजपक्षे का भी, उनके 09 अगस्त 2020 को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, किसी विदेशी देश के नेता के साथ पहला राजनयिक जुड़ाव है । भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय संबंधों को, नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान द्वारा मान्यता दी जाती है। इस तरह के आदान-प्रदान ने पारस्परिक सहयोग और संबंधों को गति प्रदान की है, जो प्रकृति में बहुआयामी हैं और वाणिज्य, सुरक्षा, रक्षा, संस्कृति, पर्यटन आदि जैसे क्षेत्रों में विस्तार पा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों के साथ नियमित बातचीत बनाए रखी है। आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन, नवंबर 2019 और फरवरी 2020 में क्रमशः राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे और प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे की भारत की राजकीय यात्रा के बाद आयोजित किया जा रहा है। तब से, नेता एक-दूसरे से निकट संपर्क में हैं और कई मौकों पर उनहोंने टेलीफोन पर एक-दूसरे से बात की है, जिसमें चल रही कोविड-19 महामारी के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए सहयोग के संदर्भ में की गई बातचीत भी शामिल है।

प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के नेतृत्व में, श्रीलंका के पोडुजाना पेरमुना (एसएलपीपी) की चुनावी जीत के बाद, पीएम मोदी 06 अगस्त 2020 को श्री राजपक्षे को टेलीफोन पर बधाई देने वाले पहले नेता थे। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को बधाई पत्र भी भेजे। अभी हाल ही में, राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे और प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे दोनों ने 17 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन पर उन्हें शुभकामना देने के लिए फोन किया। इससे पहले 27 मई 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की संसद में प्रवेश करने के 50 साल पूरे होने पर उन्हें बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से बात की थी।

कोविड-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में एक आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का आयोजन, दोनों पड़ोसी देशों के बीच गहरे निहित सभ्यतागत संबंधों और साझा विरासत की गवाही देता है। यह भारत के ‘नेबरहुड फर्स्ट’ दृष्टिकोण और एसएजीएआर – ‘सागर’ सिद्धांत का भी प्रतिबिंब है।

आभासी द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन दोनों नेताओं को दोनों देशों के बीच लम्बे समय पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों के विस्तृत ढांचे की व्यापक समीक्षा करने का अवसर देगा और आपसी हित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मजबूत और गहन सहयोगात्मक साझेदारी के लिए विस्तृत राजनीतिक दिशा देगा।

तो यतीन, क्या अब आप शुरू कर सकते हैं ?

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क):
पहला सवाल केरल सोने की तस्करी से संबंधित मुद्दों पर है। मलयालम मनोरमा से जॉनी थॉमस ने पूछा है - "जनता के बीच वितरण के लिए संयुक्त अरब अमीरात से पवित्र पुस्तकों के आयात पर विदेश मंत्रालय की क्या राय है? क्या विदेशी राजनयिकों को भारत में धार्मिक पुस्तकों के वितरण सहित धार्मिक गतिविधियों में संलग्न होने की अनुमति है? क्या यूएई ने विदेश मंत्रालय को त्रिवेंद्रम में अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने की योजना के बारे में सूचित किया है?” मातृभूमि से बालगोपाल ने पूछा है - "क्या विदेश मंत्रालय ने केरल सरकार से यूएई रेड क्रिसेंट से सहायता प्राप्त करने में प्रोटोकॉल उल्लंघन के बारे में औपचारिक स्पष्टीकरण माँगा था? यदि हाँ, तो क्या मंत्रालय को राज्य से कोई जवाब मिला है? क्या कस्टम विभाग ने यूएई अटैच राशिद खमीस अल शिमिली से सोने की तस्करी मामले के संबंध में उनकी संलिप्तता के संबंध में पूछताछ के लिए विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण माँगा था?”

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: चूँकि मामला वर्तमान में जाँच के दायरे में है, इसलिए मैं विशिष्ट विवरण साझा नहीं कर पाऊँगा। आपको याद होगा कि मैंने उल्लेख किया था कि मंत्रालय एमओयू जैसे अन्य पहलुओं पर गौर कर रहा है जिनका उल्लेख प्रश्न में किया गया है और इन पहलुओं को कानूनी दृष्टि से देखा जा रहा है। इस पर जब और जैसा अपडेट होगा, हम आपको बताएँगे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): अगला सवाल कांतिपुर एक्सप्रेस के सुरेश से है। ऐसी खबरें हैं कि नेपाल ने भारत सरकार से प्याज पर निर्यात प्रतिबंध लगाने पर विचार करने का अनुरोध किया है। इस पर नवीनतम अपडेट क्या है?

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: हम जानते हैं कि पड़ोस के कई देश भारत से बड़ी मात्रा में प्याज आयात करते हैं और हम भारत सरकार के अन्य हितधारकों के साथ निकट परामर्श कर रहे हैं। मैं समझता हूँ कि एक निर्णय लिया गया है कि इस निर्यात प्रतिबंध के लागू होने से पहले जिन शिपमेंट्स को पहले ही कस्टम को सौंप दिया गया है उन्हें निर्यात के लिए जारी किया जा सकता है और इस संबंध में कुछ गतिविधियाँ हमारे पड़ोसी देशों में पहले ही हो चुकी हैं। हम स्थिति पर नजर रखेंगे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क):
द प्रिंट से नयनिमा ने पूछा है - "नेपाल अब काला पानी लिपुलेख क्षेत्र में जनगणना करने की योजना बना रहा है। भारत की प्रतिक्रिया क्या है और नई दिल्ली कब सीमा मुद्दे पर एफएस स्तर की वार्ता आयोजित करने की योजना बना रही है?" ऐसा ही सवाल यूएनआई से अनीश का है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: नयनिमा, मैंने पहले ही सीमा मुद्दे पर हमारी स्थिति स्पष्ट कर दी है। मेरे पास इस स्तर पर जोड़ने के लिए और कुछ नहीं है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): सवाल का अगला सेट गिलगित-बाल्टिस्तान पर है। विऑन के सिदांत ने पूछा है - " पाकिस्तान द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर गिलगित-बाल्टिस्तान को 5वाँ पाकिस्तानी प्रांत घोषित करने के आह्वान को आप कैसे देखते हैं?" द प्रिंट से नयनिमा ने पूछा है -"पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान के इर्द-गिर्द अपनी राजनीतिक वापसी और गतिविधियाँ करने के लिए उठाए गए कदमों को भारत कैसे देख रहा है?" टाइम्स नाउ से सृंजॉय ने पूछा है - "पाकिस्तान गिलगित क्षेत्र में, जो कि भारतीय क्षेत्र है, चुनाव करा रहा है, कृपया अपनी टिप्पणी दें?" न्यूज़ 18 से शैलेंद्र ने पूछा है - " पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रान्त के तौर पर घोषित करने वाला है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? साथ ही नवम्बर में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनाव की घोषणा भी कर चुका है, इस पर भी प्रतिक्रिया बताइए?” इसी प्रकार का सवाल इंडिया टीवी से विजयलक्ष्मी ने पूछा है ।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: हमने इस संबंध में पाकिस्तानी नेतृत्व के बयानों और मीडिया रिपोर्टों को देखा है। पाकिस्तान द्वारा तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर सैन्य रूप से कब्जे की स्थिति को बदलने के लिए कोई भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह पूरी तरह से निरर्थक है। हमारी स्थिति हमेशा स्पष्ट और सुसंगत रही है, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के पूरे क्षेत्र, भारत के अभिन्न अंग रहे हैं, हैं, और रहेंगे । भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के लिए पाकिस्तान के पास कोई हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): न्यूज नेशन से मधुरेंद्र ने पूछा है - " पाकिस्तान में जारी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और सिख लड़की का हाल में हुए अपहरण मामले में भारत के कड़े रुख का क्या परिणाम सामने आया है? "

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: मधुरेन्द्र जी, सिख लड़की के अपहरण के मामले में आपने देखा होगा कि सिख समुदाय में बेहद गुस्सा और चिंता है और यह गुस्सा और चिंता अभ्यावेदन के रूप में उन्होंने हम लोगों को दिया। मंत्रालय ने तत्काल वरिष्ठ पाकिस्तानी डिप्लोमेट को समन करके एक कड़ा विरोध दायर किया, एक वेर्बले नोट दिया और आपको ज्ञात होगा कि यह पहली घटना नहीं है, इस तरह की घटना पहले भी होती आ रही हैं और शायद कुछ ख़बरें हैं कि उस लड़की को अब रिहा कर दिया गया है । पाकिस्तान सरकार से हमने यह कहा है कि उनको अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर तरह का, जो भी ज़रूरी कदम है वह उठाना चाहिए और उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए।"

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने पूछा है -"ऐसी ख़बरें आई हैं कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के वरिष्ठ राजनयिक को वीजा जारी करने से मना किया है, इस पर मंत्रालय की क्या प्रतिक्रिया है?”

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: दीपक जी, पाकिस्तानी पक्ष को हमारे वरिष्ठ पदनामित के बारे में कुछ संदेह थे और यह प्रशासनिक मुद्दा है, हम इसको हैंडल कर रहे हैं।”

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): फाइनेंशियल एक्सप्रेस से हुमा ने पूछा है - "भारत-श्रीलंका आभासी शिखर सम्मेलन का एजेंडा क्या है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
हुमा, मुझे लगता है कि मैंने एक विस्तृत रीडआउट दिया जो मोटे तौर पर आपको बताता है कि इस शिखर सम्मेलन का संदर्भ क्या है और एजेंडा क्या होने वाला है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): विऑन के सिदांत ने पूछा है - " क्या भारत को नवंबर में एससीओ ब्रिक्स की बैठक के लिए रूसी निमंत्रण मिला है?" रक्षक न्यूज़ से रंजीत कुमार ने पूछा है - "क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी एससीओ और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
हम शिखर बैठक के लिए एक तारीख को अंतिम रूप देने के लिए रूसी पक्ष के साथ चर्चा कर रहे हैं और हम मानक प्रक्रिया के अनुसार एक घोषणा करेंगे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): आजतक के कमलजीत ने पूछा है - "लॉकडाउन के बाद से कितने सिख, अफगानिस्तान से वापस लाए गए, भारत सरकार उनकी मदद करने की योजना कैसे बनाती है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: कमलजीत, हमें अफगानिस्तान से हिंदुओं और सिखों से, भारत में बसने की अनुमति देने के लिए अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं और ये अनुरोध, मार्च 2020 में काबुल में गुरुद्वारे में हुए हमले के बाद विशेष रूप से बढ़े हैं। हम आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर लक्षित उत्पीड़न को देखते हैं और यह गंभीर चिंता का विषय है। अब उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए, काबुल में हमारा मिशन सक्रिय रूप से उनके संपर्क में रहा है और उन्होंने कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के बावजूद, अफगानिस्तान से उनके सुगम आगमन की सुविधा प्रदान की है। संख्या के संदर्भ में जो सूचना मेरे पास है, तालाबंदी के बाद से अब तक अल्पसंख्यक समुदाय के 357 सदस्य अफगानिस्तान से भारत आ चुके हैं और यहाँ भारतीय-सिख समुदाय भी भारत में उनके प्रवास को आरामदायक बनाने में सहायता कर रहा है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): ज़ी न्यूज़ से ब्रह्म प्रकाश ने पूछा है - "जाकिर नाइक को ले कर खुफिया एजेंसियों के हवाले से नई जानकारी सामने आई है। ज़ी न्यूज़ के पास इसके पुख्ता सबूत हैं कि वह मोबाइल ऐप और विडियो लिंक के ज़रिये भारत में लगातार कट्टरता फैला रहा है । मलेशिया से जाकिर नाइक को वापस लाने की अभी क्या स्थिति है?” श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: जाकिर नाइक के मामले में हम मलेशिया सरकार से संपर्क में हैं और उनके प्रत्यर्पण के लिए बात कर रहे हैं।”

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): न्यूज नेशन से मधुरेंद्र ने पूछा है – " कुलभूषण जाधव मामले में क्या अपडेट है?”

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: मधुरेन्द्र जी, कुलभूषण जाधव के मामले में हम लगातार काम कर रहे हैं और पूरे प्रयास किए जा रहे हैं कि उनकी यहाँ पर सुरक्षित वापसी हो और जैसा भी अपडेट होगा हम आपको सूचित करेंगे ।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): विऑन के सिद्धांत ने पूछा है - "तुर्की ने एक बार फिर से कश्मीर पर टिप्पणी की है, हमने इसका जवाब दिया है। लेकिन यह लगातार दूसरा साल है, तुर्की ने कश्मीर पर टिप्पणी की है। तुर्की की कार्रवाई ने संबंधों को कितना प्रभावित किया है?” इसी तरह का सवाल पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने भी पूछा है।"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: आपने न्यूयॉर्क में हमारे स्थायी मिशन द्वारा इस्तेमाल किए गए उत्तर के अधिकार को देखा होगा, जहाँ हमने अन्य बातों के साथ साथ कहा है कि भारतीय संघ शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर तुर्की गणराज्य के राष्ट्रपति की टिप्पणियाँ, भारत के आंतरिक मामलों में एक घोर हस्तक्षेप हैं और ये पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।

तुर्की को अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए और अपनी स्वयं की नीतियों पर अधिक गहराई से चिंतन करना चाहिए।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): फाइनेंशियल एक्सप्रेस से हुमा ने पूछा है - "वन्दे भारत मिशन पर कोई अपडेट हैं, क्योंकि खाड़ी क्षेत्र और अन्य देशों में अभी भी कई भारतीय फंसे हुए हैं? श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: हुमा, मैंने अभी-अभी वंदे भारत मिशन पर एक अपडेट दिया है और मैंने उन भारतीयों की संख्या बताई है, जिन्हें अब तक वापस लाया जा चुका है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): गौतम लाहिड़ी ने पूछा है - "भविष्य में बांगलादेश और अन्य देशों के साथ एयर बबल यात्रा समझौते की नवीनतम स्थिति और अपेक्षित समय रेखा क्या है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: हमने बांग्लादेश को एयर बबल की उसी व्यवस्था की पेशकश की है, जो हमने अपने अन्य पड़ोसियों को पेशकश की है। हमारे पास मालदीव और अफगानिस्तान के साथ पहले से ही कुछ व्यवस्था है। फिलहाल मामला चर्चा में है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): विऑन से सिद्धांत ने पूछा है - "पाकिस्तान ने सीआईसीए मंत्रिस्तरीय बैठक में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया और सार्क मंत्रिस्तरीय बैठक में भी इसका परोक्ष रूप से उल्लेख किया। उस पर हमारी क्या प्रतिक्रिया है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: सिद्धांत, पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय और विवादास्पद मुद्दों को उठाने के लिए इस तरह के मंचों का उपयोग करना बहुत विशिष्ट है जो कि ऐसे संगठनों के सिद्धांतों के विरुद्ध होने के साथ-साथ इन बैठकों की भावना के खिलाफ हैं। हम एक ऐसे देश से और क्या उम्मीद कर सकते हैं जो अपनी राज्य नीति के एक भाग के रूप में सीमा पार आतंकवाद में लिप्त है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): राज्यसभा टीवी से अखिलेश सुमन ने पूछा - "विदेश मंत्री ने सार्क मंत्रियों की बैठक में भाग लिया है। इस बैठक के क्या परिणाम हुए और महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की स्थिति क्या थी?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: अखिलेश जी, आपने प्रेस विज्ञप्ति देखी होगी जो हमने इस बैठक से कुछ घंटे पहले दी है। अब, केवल कुछ मुख्य बिंदुओं को इंगित करने के लिए - यह सार्क मंत्रिपरिषद की एक अनौपचारिक बैठक थी, जिसे परंपरागत रूप से 1997 से यूएनजीए की तर्ज पर आयोजित किया गया है, और यह सभी सार्क नेताओं की भागीदारी के साथ आभासी मोड में आयोजित की गई थी। सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में अंतिम अनौपचारिक बैठक के बाद से क्षेत्रीय सहयोग की स्थिति पर महासचिव की एक रिपोर्ट थी। बैठक में कोविड -19 महामारी से निपटने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों की समीक्षा की गई और अपने देश के बयानों में प्रतिभागियों ने, क्षेत्र में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सहयोगात्मक उपाय करने के लिए, इस वर्ष 15 मार्च को सार्क नेताओं के वीडियो सम्मेलन को आयोजित करने में पीएम के नेतृत्व की सराहना की। इस संदर्भ में, विदेश मंत्री ने अपने हस्तक्षेप में इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने, इस पहल के बाद, क्षेत्र के देशों के लिए बनाए गए कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष को याद किया । इस फंड में, भारत ने पहले ही 10 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता की है और सार्क के अन्य सभी सदस्य राज्यों ने भी उदारता से इस फंड में योगदान दिया है। उन्होंने यह भी याद किया कि सार्क नेताओं की इस वीडियो कॉन्फ्रेंस की अनुवर्ती के रूप में, स्वास्थ्य पेशेवरों की बैठक, व्यापार अधिकारियों की बैठक, और कोविड-19 सूचना विनिमय मंच "कोएनिक्स” किया गया था। विदेशी मुद्रा विनिमय स्वैप समर्थन और खाद्य बैंक तंत्र के लिए सार्क की सक्रियता पर भी एक पहल थी। विदेश मंत्री ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में सार्क क्षेत्र में देशों की सहायता करने के लिए भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दोहराया। तो, मेरे पास इस बैठक के यही विवरण हैं।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): प्रश्न का अगला सेट वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है। द प्रिंट से नयनीमा ने पूछा - "क्या संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव सातवें दौर के वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता के भी हिस्सा होंगे?" क्या यह अब एक मानक बन गया है? क्या कोई अनुमान है कि यह कब आयोजित किया जाएगा क्योंकि संयुक्त बयान में कहा गया है कि जितनी जल्दी हो सके? क्या भारत ने बैठक के दौरान यथास्थिति का मुद्दा भी उठाया?” नेशनल डिफेंस के शैलेश कुमार ने पूछा है - "विदेश मामलों के स्तर की वार्ता और नवीनतम सैन्य कमांडरों की बैठक के बाद दो देशों के बीच सहमति के बाद पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की स्थिति पर नवीनतम आधिकारिक अद्यतन क्या है?" क्या पीएलए सैन्य-वृद्धि रोक रहा है और भारतीय क्षेत्रों से वापस जा रहा है? " टाइम्स नाउ से सृंजॉय ने पूछा है - "लद्दाख में कमांडरों की बैठक के बाद वास्तविक स्थिति क्या है?" पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने पूछा है -"लद्दाख गतिरोध के मुद्दे पर चीन और भारत के बीच ताज़ा वार्ता के क्या परिणाम सामने आये हैं?" पीटीआई से मानस ने पूछा है - "क्या भारत को, पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा आक्रामक रुख कम होते दिखा है? क्या अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास चीन द्वारा सैन्य निर्माण हुआ है? क्या अगले कुछ हफ़्तों में समाधान वार्ता की कोई संभावना है? ” न्यूज़ नेशन के मधुरेंद्र और भारत वर्सिस डिसिन्फो के शंकर से इसी तरह के सवाल हैं ।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: जैसा कि आप जानते हैं कि भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडरों की 6ठी बैठक, 21 सितंबर को मोल्दो में हुई थी। यह बैठक मास्को में 4 सितंबर को भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की बैठक और 10 सितंबर को दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक की भी पृष्ठभूमि में हुई। दोनों विदेश मंत्रियों ने एक समझौता किया था कि दोनों पक्षों को बातचीत जारी रखनी चाहिए और टकराव के सभी क्षेत्रों में जल्दी और व्यापक रूप से विघटन करना चाहिए।

वरिष्ठ कमांडर लगभग 50 दिनों की अवधि के बाद मिले।

बैठक के बाद दोनों पक्षों ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है जिसे आपने पहले ही देखा होगा।

मैं यह उल्लेख करना चाहूँगा कि किसी भी वरिष्ठ कमांडर की बैठक के बाद यह पहली संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति है। इस प्रकार, यह दोनों पक्षों की एलएसी के पास विघटन के लिए घोषित प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसा कि हमने पहले भी बताया है, विघटन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें प्रत्येक पक्ष द्वारा एलएसी की अपनी संबंधित दिशा में सैनिकों को उनके नियमित पदों की ओर पुनर्नियोजन की आवश्यकता होती है। इसके लिए पारस्परिक रूप से सहमत पारस्परिक क्रियाओं की आवश्यकता होगी। यहाँ तक कि जब दो पक्ष टकराव के सभी क्षेत्रों में पूर्ण विघटन की दिशा में काम करते हैं, तो उसी समय जमीन पर स्थिरता सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता होती है। वरिष्ठ कमांडरों की नवीनतम बैठक को इस पूरे संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

6 ठी बैठक ने वरिष्ठ कमांडरों को एलएसी के पास स्थिति को स्थिर करने पर विचारों के स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान करने का अवसर दिया। दोनों पक्षों ने आगे और किन्हीं भी गलतफहमियों और गलतनिर्णयों से बचने के लिए जमीनी संचार को मजबूत करने, अधिक सैनिकों को मोर्चे पर भेजने से रोकने, एकतरफा रूप से जमीन पर स्थिति को बदलने से बचने, और ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से बचने, जो स्थिति को जटिल कर सकती है, का भी फैसला किया है।

आगे का रास्ता यही होगा कि, जब तक दोनों पक्ष टकराव के सभी क्षेत्रों में पूर्ण विघटन को प्राप्त करने और सीमा क्षेत्रों में शांति और प्रशांति की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करने के लिए अपनी चर्चा जारी रखे हुए हैं, तब तक यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा प्रयास करने से बचना होगा।

इस संबंध में, दोनों पक्षों ने वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक जल्द से जल्द करने का फैसला किया है। इसके समानांतर में, डब्ल्यूएमसीसी की अगली बैठक भी जल्द होने वाली है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: क्या कोई और प्रश्न हैं?

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (जन-संपर्क): नहीं महोदय।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: धन्यवाद। तो साप्ताहिक वार्ता यहीं समाप्त होती है।

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