मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा वर्चुअल साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की प्रतिलिपि (10 सितंबर 2020)

सितम्बर 11, 2020

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:

दोस्तों! नमस्कार और शुभ संध्या!

आभासी प्रारूप के इस साप्ताहिक ब्रीफिंग में आपका स्वागत है। मैं वंदे भारत मिशन पर एक संक्षिप्त अपडेट के साथ शुरुआत करूंगा। 10 सितंबर तक, 13.74 लाख भारतीयों को वंदे भारत मिशन के विभिन्न तरीकों, जिनमें एयर इंडिया, निजी एवं विदेशी वाहक, चार्टर्ड उड़ानें, नौसैनिक जहाज और भूमि सीमा पार कराना शामिल है, के माध्यम से स्वदेश लाया जा चुका है।

वीबीएम का छठा चरण 1 सितंबर को चालू हो गया और जैसा कि पिछले सप्ताह सूचित किया गया था, इस महीने 1007 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को संचालित किया जाना है और हम 2 लाख से अधिक लोगों को वापस लाने की उम्मीद करते हैं।

इनमें से, 270 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें पहले ही जीसीसी देशों, जॉर्डन, अफगानिस्तान, मालदीव, चीन, थाईलैंड, यूएस, यूके, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस और ऑस्ट्रेलिया से संचालित की जा चुकी हैं।

द्विपक्षीय यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं ने इस चरण में 11 देशों से ‘ट्रेवल बबल’ की उड़ानों को विस्तृत रूप दिया है।

मंत्रालय हमारे मिशन/पोस्ट के माध्यम से प्रत्यावर्तन की मांग की निगरानी करता है और हम सहायता सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइंस के साथ काम कर रहे हैं।

अब आपके सवालों पर आगे बढ़ते हैं। मैं यतिन से अनुरोध करता हूं कि कृपया इसे संभालें।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): महोदय, सवालों का पहला सेट विदेश मंत्री की यात्रा पर है। ट्रिब्यून के संदीप दीक्षित ने पूछा है- "क्या विदेश मंत्री जयशंकर की सर्गेई लावरोव के साथ व्लादिवोस्तोक-चेन्नई लिंक को पुनरारम्भ करने और सुदूर पूर्व में इस पहल के साथ आगे बढ़ने पर कोई बात हुई थी? क्या भारत वादे के मुताबिक सुदूर पूर्व को 1 बिलियन डॉलर का ऋण देने में सक्षम होगा?" एशियन एज के श्रीधर ने पूछा है- "क्या भारत ने लद्दाख सेक्टर में अप्रैल की स्थिति को बहाल करने के लिए चीन को राजी करने में रूसी मदद ली है?" द हिंदू से सुहासिनी ने पूछा है- "विदेश मंत्रियों के एससीओ सम्मेलन में, क्या पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने अगला सार्क सम्मेलन आयोजित करने या स्थल को बदलने की संभावना के बारे में बात की थी?" एनडीटीवी इंडिया से कादम्बिनी का सवाल है- "क्या आप मास्को में हुई आरआईसी की बैठक का कोई विवरण साझा कर सकते हैं?" सीएनएन न्यूज़18 से महा ने पूछा है- "भारतीय, रूसी और चीनी विदेश मंत्री आज मास्को में लंच पर मिले। क्या इस बैठक में एलएसी की वर्तमान स्थिति का उल्लेख किया गया था क्योंकि रूस क्षेत्रीय स्थिरता के पतन को लेकर चिंतित है?" इसी तरह का सवाल सीएनबीसी से परिक्षित ने भी पूछा है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: ये प्रश्न काफी हद तक विदेश मंत्री की मास्को यात्रा से संबंधित हैं और मैं आपको थोड़ी सी पृष्ठभूमि बताकर शुरू करूँगा। विदेश मंत्री वर्तमान में मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद् (सीएफएम) की बैठक में भाग लेने के लिए मौजूद हैं। यह तीसरी सीएफएम बैठक है जिसमें भारत एससीओ के पूर्ण सदस्य के रूप में भाग लेगा।

सीएफएम के अलावा, उनकी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी हुईं।

रूसी विदेश मंत्री के साथ विदेश मंत्री की बैठक 9 सितंबर की दोपहर में हुई थी। जैसा कि आप जानते हैं, रूस के साथ हमारी एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है और इस वर्ष इस रणनीतिक साझेदारी के 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं। कोविड की स्थिति के बाद यह पहली सदेह बैठक थी और इसमें द्विपक्षीय मामलों, क्षेत्रीय विकास और ज्वलंत अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर उत्कृष्ट चर्चा हुई। दोनों मंत्रियों ने सितंबर 2019 में 5वें ईईएफ के लिए हुई पीएम की व्लादिवोस्तोक यात्रा के परिणामों की भी जानकारी ली। द्विपक्षीय आर्थिक मुद्दों, रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास में सहयोग, परमाणु एवं अंतरिक्ष के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की गई। दोनों मंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के आगामी कार्यकाल के दौरान मिलकर काम करने के लिए सहमत हुए।

वास्तव में, मैं बता दूं, उन्होंने कल किर्गिज़ गणराज्य और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं। दोनों देश हमारे रणनीतिक साझेदार हैं और बैठक के दौरान सभी क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने पर सहमति हुई।

आज सुबह, सीएफएम की बैठक में शामिल होने से पहले विदेश मंत्री ने उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

निकट भविष्य में भी एससीओ शिखर सम्मेलन निर्धारित है और इस सीएफएम बैठक में आगामी शिखर सम्मेलन की तैयारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

बैठक के बाद आरआईसी के विदेश मंत्रियों का दोपहर का भोजन था जो लगभग एक घंटे पहले शुरू हुआ। इस प्रकार, मेरे पास अभी तक इतना ही है, और जैसे-जैसे हमें आगे के विवरण मिलते रहेंगे, हम आपको अपडेट करते रहेंगे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): मातृभूमि से वसंत ने पूछा है- "विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि लाइफ मिशन प्रोजेक्ट के लिए रेड क्रिसेंट के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने से पहले केरल सरकार ने अनुमति नहीं ली है, क्या कोई कार्रवाई की गई है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
देखिये, जैसा कि मैंने पहले बताया था, केरल सरकार ने एमिरेट्स रेड क्रिसेंट सोसाइटी के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले मंजूरी नहीं ली थी और आपको पता होगा कि संविधान के अनुसार, विदेशी मामले, विशेष रूप से दूसरे देशों के साथ समझौता करना संघीय सूची के अंतर्गत आता है, इसलिए वर्तमान में हम इस मामले की जांच इसी दृष्टिकोण से कर रहे हैं।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): सवाल का अगला सेट पीएम-अबे की बातचीत को लेकर है। संकेई शिंबुन से देवदीप ने पूछा है- "भारत-जापान ने आज एक आभासी द्विपक्षीय शिखर बैठक की। क्या यह हमारे वार्षिक शिखर सम्मलेन तंत्र का हिस्सा है? क्या आप इस दौरान चर्चा किए गए विषयों के बारे में कुछ और जानकारी दे सकते हैं, जैसे कि क्या हालिया भारत-चीन गतिरोध पर चर्चा हुई?" जी न्यूज़ के ब्रह्म प्रकाश ने पूछा है- "भारत-जापान के बीच सैन्य समझौते को लेकर क्या जानकारी है?" (हिंदी में प्रश्न पूछा गया; अनुमानित अनुवाद) "क्या भारत-जापान सैन्य समझौते के संबंध में कोई जानकारी है?" ऐसा ही सवाल जिजी प्रेस के ताकेदा ने भी पूछा है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: दिन की शुरुआत में, पीएम और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई। हमने इस टेलीफोन वार्तालाप पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। जो कुछ अतिरिक्त रूप से मैं आपके साथ साझा कर सकता हूं वो यह है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत बहुत गर्मजोशी से भरी थी। उन्होंने वाराणसी, साबरमती तथा जापान में कोबे, क्योटो में पूर्व में हुई बैठकों की यादों को ताजा किया। उन्होंने 2018 में पीएम आबे के यामानाशी स्थित पैतृक निवास पर पीएम की यात्रा को भी याद किया। अन्य विवरणों के संदर्भ में, आपने पहले ही प्रेस विज्ञप्ति देखी होगी जो हमने जारी की है और उनमें से कुछ तत्वों को उजागर करने के लिए मैं बता दूं कि, पीएम ने विभिन्न क्षेत्रों में जापान के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में पीएम आबे के व्यक्तिगत नेतृत्व और प्रतिबद्धता के लिए, आभार व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी के तहत चल रहे सहयोग की स्थिति पर चर्चा की, और विशेष रूप से मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेलवे परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। जहाँ तक समझौते को लेकर सवाल हैं, भारतीय सशस्त्र बलों और जापान के आत्मरक्षा बलों के बीच आपूर्ति और सेवाओं के पारस्परिक प्रावधान पर एक समझौता, जिसे एसीएसए समझौते के रूप में भी जाना जाता है, पर कल रक्षा सचिव और जापानी राजदूत ने हस्ताक्षर किये और इस समझौते से द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के और बढ़ने की उम्मीद है। तो विवरण के तौर पर मेरे पास यही है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): सवाल का अगला सेट विदेश मंत्री की ईरान यात्रा पर है। इंडिया टुडे से गीता मोहन ने पूछा है- " विदेश मंत्री की ईरान यात्रा का विवरण साझा करें। चाबहार और चाबहार-ज़ाहेदान रेल परियोजना पर क्या बातचीत हुई? क्या सभी मुद्दे सुलझा लिए गए हैं?" द ट्रिब्यून के संदीप दीक्षित ने पूछा है - "क्या आप एक के बाद एक दो अभूतपूर्व मंत्रीस्तरीय तेहरान यात्रा के दौरान ईरान के साथ हुई चर्चा के बारे में बता सकते हैं?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, मास्को के रास्ते में, ईरान में तकनीकी पड़ाव के दौरान, विदेश मंत्री और रक्षामंत्री दोनों ने पहले अपने समकक्षों के साथ बैठक की। ईरान, जैसा कि आप जानते हैं कि एक ऐसा देश है जो हमारे विस्तारित पड़ोस में है, हमारे इस देश के साथ गहरे सभ्यतागत संबंध हैं, यह एक ऐतिहासिक संबंध है और इन बैठकों के दौरान कनेक्टिविटी सहित द्विपक्षीय और क्षेत्रीय महत्व के सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। चाबहार परियोजना पर विशेष रूप से, दोनों पक्षों ने उल्लेख किया कि चाबहार के माध्यम से यातायात बढ़ रहा है और हम इस बंदरगाह के रास्ते माल की आवाजाही में बढ़ोतरी देख रहे हैं। तो, ईरान में बैठक के बारे में मेरे पास यही है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): पीटीआई भाषा से दीपक रंजन ने पूछा है- "नीरव मोदी मामले में ताजा स्थिति क्या है, खासकर वहां की अदालत में भारतीय जेल का मुद्दा उठाए जाने के सन्दर्भ में?” (हिंदी में प्रश्न; अनुमानित अनुवाद) नीरव मोदी मामले में नवीनतम अपडेट क्या है, विशेष रूप से भारतीय जेल के मुद्दे के संबंध में?

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, नीरव मोदी मामले में जैसा कि आपको याद होगा, नीरव मोदी न्यायिक हिरासत में हैं, जबसे उनकी गिरफ्तारी हुई है मार्च 2019 में। और फिलहाल प्रत्यावर्तन के मामले में उनकी सुनवाई चल रही है, 7 तारीख को सुनवाई शुरू हुई है और 11 को खत्म होगी। और अभियोजन पक्ष ने अपना केस प्रस्तुत कर दिया है, नीरव मोदी के खिलाफ। और इस केस में कई तत्व हैं, आपराधिक षड्यंत्र हैं, सबूतों को नष्ट किया गया है, आपराधिक धमकी का मामला है। फिलहाल ये अपडेट है मेरे पास।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर):
डब्ल्यूआईओएन के सिद्धांत ने पूछा है- "विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर कोई अपडेट?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: सिद्धान्त, विजय माल्या के मामले पर वास्तव में कोई और अपडेट नहीं है, जो मैंने पिछली बार आपको बताया था। सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए छुट्टी की उनकी अर्जी इस साल मई में खारिज कर दी गई थी और उसके बाद से हम भारत के लिए उनके शीघ्र प्रत्यर्पण को सुनिश्चित करने के लिए यूके के साथ संपर्क में थे।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर):
सिद्धांत ने ये भी पूछा है - "क्या भारत ने श्री कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान को जवाब दिया है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
कुलभूषण जाधव पर, हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं और जैसा कि मैंने पहले कहा था, हमने पाकिस्तान को कहा था कि उन्हें कुछ मौलिक मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है, और इन मुद्दों में शामिल हैं, वाणिज्य दूत तक बिना शर्त और बेरोक-टोक पहुँच प्रदान करना, बुनियादी दस्तावेजों का प्रावधान, और स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए एक भारतीय वकील की नियुक्ति करना। तो अभी तक की यही स्थिति है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): द हिंदू से सुहासिनी ने पूछा है- "सीमा मानचित्र मुद्दे पर नेपाल-एफएस के साथ एफएस की बैठक की तारीख तय करने पर कोई काम हुआ है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
इस मुद्दे पर, मैंने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और मेरे पास इसमें आगे और कुछ नहीं है।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): रक्षक न्यूज से रंजीत कुमार ने पूछा है- "क्या भारत-अमेरिका के बीच 2 + 2 और चतुष्कोणीय मंत्रिस्तरीय संवादों की तिथि और स्थान को अंतिम रूप दे दिया गया है?" ट्रिब्यून से संदीप दीक्षित का भी ऐसा ही सवाल है।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
पिछले सप्ताह मैंने आपको सूचित किया था कि हम इस 2 + 2 मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए तत्पर हैं और अब हम विवरणों पर काम कर रहे हैं।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर):
सवाल का अगला सेट चीनी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है। पीटीआई भाषा से दीपक रंजन का सवाल है- "चीनी सेना द्वारा पैंगोंग झील के उत्तर में फिर से निर्माण गतिविधियाँ शुरू किये जाने की खबरें हैं। इसके साथ ही, चुशूल, देपसंग एवं कुछ अन्य इलाकों में भी सैनिकों की संख्या बढाए जाने की खबर है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मास्को यात्रा की पृष्ठभूमि में सम्पूर्ण घटनाक्रम पर मंत्रालय की क्या प्रतिक्रिया है?” द हिंदू से सुहासिनी ने पूछा है- "मॉस्को की यात्रा के दौरान एलएसी की स्थिति के बारे में क्या विदेश मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री से बात की है? कृपया हमें विवरण दें।" इंडिया टीवी से विजया लक्ष्मी का सवाल है- "भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच ही आज हमारे विदेश मंत्री चीन के विदेश मंत्री से शाम में मुलाकात करेंगे। क्या इस मुलाकात से हम उम्मीद कर रहे हैं कि समस्या का कुछ समाधान निकलेगा? द वायर के देवीरूपा ने पूछा है - "कृपया हमें चीनी और भारतीय विदेश मंत्रियों की बैठक के बारे में जानकारी दें?" नवभारत टाइम्स के नरेंद्र नाथ का सवाल है- "क्या भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारत ने अपने सहयोगी मित्र देशों को ताजे हालात के बारे में जानकारी दी है?" इसी तरह के सवाल परिक्षित ने सीएनबीसी से, ज़ी न्यूज़ से ब्रह्म प्रकाश ने, और सीएनएन न्यूज़ 18 से महा ने भी पूछे हैं।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: जैसा कि आप जानते होंगे, भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं। और, दोनों रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी इस पर आम सहमति रही है। विदेश मंत्री शीघ्र ही चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे जहां वे इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। और जब हमारे पास इसे लेकर कोई जानकारी होगी, मैं आपको अपडेट करूंगा। जहां तक ​​हमारी स्थिति का सवाल है, आप जानते हैं कि जैसा कि हमने अतीत में कई बार दोहराया है, भारतीय पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से भारत-चीन सीमा पर वर्तमान स्थिति को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। फिर से, एलएसी पर स्थिति पर, आप जानते हैं, आपने मेरे पहले के बयानों को देखा होगा जो मैंने दिए हैं। विशेष रूप से 7 सितंबर की घटना के बारे में, जिसे एक प्रश्न में संदर्भित किया गया था, रक्षा मंत्रालय ने पहले ही एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है जो स्पष्ट रूप से हमारी स्थिति और हमारी प्रतिक्रिया को ज़ाहिर करती है। मेरे पास इस स्तर पर इसमें जोड़ने के लिए और कुछ नहीं है। कोई और प्रश्न, यतिन।

श्री यतिन पटेल, ओएसडी (पीआर): नहीं महोदय।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
धन्यवाद। तो यहाँ साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग समाप्त होती है।

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