मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा वर्चुअल साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग की प्रतिलिपि (02 जुलाई 2020)

जुलाई 03, 2020

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
मित्रो,
नमस्कार और शुभ संध्या!

इस आभासी साप्ताहिक ब्रीफिंग में आपका स्वागत है। मैं दो घोषणाओं से शुरू करना चाहता हूँ। पहला वंदे भारत मिशन से संबंधित एक अद्यतित जानकारी है। वंदे भारत मिशन, जैसा कि मैंने पिछले सप्ताह घोषणा की थी, आज से अपने चौथे चरण में प्रवेश कर रहा है। इस चरण के तहत उड़ानों की सूची हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है और उसे नियमित रूप से अद्यतित किया जा रहा है। दिनांक 1 जुलाई 2020 की स्थिति के अनुसार, कुल 5,83,109 व्यक्तियों ने भारत में प्रत्यावर्तन के लिए विदेश स्थित हमारे मिशन में अनुरोध पंजीकृत कराया जिनमें से 4,75,000 से अधिक व्यक्ति इस मिशन के तहत वापस आ गए। इस संख्या में 90,000 से अधिक भारतीय शामिल हैं जो नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से भूमि सीमा आव्रजन चेक पोस्ट से वापस आए हैं।

वंदे भारत मिशन के चौथे चरण के अधीन, हम 500 से अधिक उड़ानों का परिचालन करेंगे। इसमें एयर इंडिया और प्राइवेट विमान दोनों शामिल हैं जो बड़े पैमाने पर अपना कार्य पूरा कर रहे हैं। मेरी दूसरी घोषणा माध्यस्तम् अधिकरण द्वारा दिए गए अवार्ड के संबंध में है l यह अधिकरण इटली के टैंकर "एनरिका लेक्सी" और मछली पकड़ने के भारतीय पोत "सेंट एंटनी" के बीच उत्पन्न विवाद का निपटारा करने के लिए गठित किया गया थाl इटली के टैंकर "एनरिका लेक्सी" और मछली पकड़ने के भारतीय पोत "सेंट एंटनी" के बीच दिनांक 15 फरवरी 2012 को घटित घटना से संबंधित विवाद के संबंध में इटली के अनुरोध पर 26 जून 2015 को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (यूएनसीएलओएस) के पूरक अंश VII के अधीन गठित माध्यस्तम् अधिकरण ने अवार्ड दिया है l अवार्ड की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

• अधिकरण ने संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के प्रावधानों के तहत घटना के संबंध में भारतीय प्राधिकारियों के आचरण को मान्य ठहराया l इसने अभिनिर्धारित किया कि इटली ने संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के अनुच्छेद 87 (1) (ए) और 90 के अधीन भारत के नौपरिवहन की स्वतंत्रता भंग की।

• अधिकरण ने संप्रेक्षित किया कि भारत और इटली का इस घटना पर समवर्ती क्षेत्राधिकार था और मरीन के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही करने के लिए एक वैध कानूनी आधार था। अधिकरण ने मरीन को हिरासत में लेने के लिए प्रतिपूर्ति के इटली के दावे को खारिज कर दिया। तथापि उन्होंने पाया कि मरीन द्वारा उपभोग की जानेवाली स्वाधीनता को राज्य के प्राधिकारी भारतीय न्यायालयों की अधिकारिता का अपवाद मानते हैं, इसलिए वे उन्हें मरीन के बारे में न्याय करने से वर्जित करते हैं l

• अधिकरण ने 15 फरवरी 2012 की घटनाओं के बारे में आपराधिक जांच फिर से शुरू करने के लिए इटली द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धता को नोट किया ।

• अधिकरण ने विनिश्चय किया कि भारत "सेंट एंटनी" के कप्तान और चालक दल के अन्य सदस्यों की जीवन-हानि, शारीरिक क्षति, संपत्ति को नुकसान और नैतिक नुकसान के संबंध में प्रतिपूर्ति प्राप्त करने का हकदार है। अधिकरण ने यह भी अभिनिर्धारित किया कि भारत को देय प्रतिपूर्ति की राशि पर सहमत होने के लिए पक्षकारों को एक दूसरे के साथ परामर्श करने हेतु आमंत्रित किया जाए। अधिकरण ने यह भी विनिश्चय किया कि यदि कोई पक्ष या दोनों पक्ष भारत को देय प्रतिपूर्ति राशि की मात्रा की बाबत माध्यस्तम् अधिकरण से व्यवस्था देने के लिए आवेदन करता है तो इसके बारे में व्यवस्था देना उसके अधिकार क्षेत्र के भीतर है l

भारत ने अवार्ड को नोट किया है और वह इस मामले के संबंध में संबंधित संस्थाओं के साथ संपर्क करेगा।

यही दो घोषणाएं थीं जो मुझे करनी थी। अब, आपके प्रश्नों की बारी है। मैं श्री यतिन से अनुरोध करूँगा कि वे उन्हें पढ़ें।

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क):
महोदय, पहला प्रश्न ‘न्यूज 18’ से शैलेन्द्र वांगू का है। उन्होंने पूछा है: "क्या पाकिस्तान से भारतीय नागरिकों के प्रत्यावर्तन में प्रगति हुई हैं?

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: शैलेन्द्र, मैं आपको सूचित कर सकता हूँ कि पाकिस्तान में फँसे 627 भारतीय नागरिक एकीकृत चेक पोस्ट, अटारी से वापस आ गए हैं और वे 25, 26 एवं 27 जून को यानी तीन दिनों में वापस आएं हैं। लगभग 100 लोग हैं जो अभी भी पाकिस्तान में हैंl हम पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और हम उनके निर्बाधन का इंतजार कर रहे हैं जिससे कि भारतीयों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हो सके। वास्तव में, मेरे पास उक्त संख्या का ब्रेक-अप भी है। दिनांक 25 मई को 204, 26 मई को 215, और 27 मई को 208 भारतीय वापस आए।

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क):  'वायर' से देवीरूपा मित्र ने पूछा है : "पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने 18 अगस्त को गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने के लिए चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। भारत को गिलगित-बाल्टिस्तान में हाल के कानूनी और विधायी विकास पर आपत्ति है। क्या चुनावों की घोषणा पर भारत सरकार की कोई टिप्पणी है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: देवीरूपा, हमारी स्थिति इस पर बहुत स्पष्ट है। हम पाकिस्तान द्वारा जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख के भारतीय क्षेत्र में वस्तुगत परिवर्तन लाने के प्रयासों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। इस तरह के वस्तुस्थिति को ढंकने के लिए किया जाने वाला कार्य पाकिस्तान का भारतीय क्षेत्रों पर किए गए अवैध कब्जे का छलावरण हैl पाकिस्तान से हमारी अपील है कि वह अवैध रूप से कब्जा किए गए सभी भारतीय क्षेत्रों को खाली कर दे l

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): 'टाइम्स नाउ' से श्री सृंजय ने पूछा है:"क्या पाकिस्तान उच्चायोग ने अपने स्टाफ सदस्यों की संख्या घटाकर आधी कर दी है l

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता:
सृंजय, भारत और पाकिस्तान दोनों उच्चायोग के स्टाफ की संख्या को घटाने के भारत सरकार के निर्णय के बाद इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के प्राधिकारियों के परिवार सहित कुल 38 सदस्य एकीकृत चेक पोस्ट, अटारी से भारत आए, जबकि भारत में पाकिस्तान उच्चायोग के प्राधिकारियों के परिवार सहित कुल 143 सदस्य पाकिस्तान गए l

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): महोदय, प्रश्नों का अगला समूह भारत और चीन के बीच बातचीत की स्थिति और सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति से संबंधित है। मैं उन्हें पढ़कर सुनाऊंगा। ‘नवभारत टाइम्स’ के नरेंद्र नाथ मिश्र ने पूछा है: "क्या चीन के साथ राजनयिक स्तर पर वार्ता अगले दो-तीन दिनों में दोबारा होने वाली है?" 'इंडिया वर्सेस डिसइन्फार्मेशन' से शंकर कुमार ने पूछा है: "वास्तविक नियंत्रण रेखा पर राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ता की वर्तमान स्थिति क्या है?" क्या चीन उसे छोड़ने के लिए लिए तैयार है? 'द ट्रिब्यून' के संदीप दीक्षित ने पूछा है: " क्या कार्यकारी मामलों पर संयुक्त कार्य तंत्र की कोई अन्य बैठक होने वाली है? वे कौन से मुद्दे हैं,जिन पर इस बैठक में बातचीत होगी?” 'न्यूज़ 24' से संजीव त्रिवेदी ने पूछा है: "17 जून को विदेश मंत्रियों की बात हुई, कमांडर स्तर की वार्ता के 3 दौर हो चुके हैं, दोनों पक्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं, लेकिन भारत-चीन सीमा पर गतिरोध जारी है और सामरिक साज-सामान हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है। क्या विदेश मंत्रालय इस आशंका पर टिप्पणी करना चाहेगा कि "चीन द्वारा इस वार्ता का उपयोग विलंब करने एवं सीमा पर सैन्य बल बढ़ाने करने के लिए किया जा रहा है ? 'एशियन एज' से श्रीधर ने पूछा है: "पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन और भारत दोनों की सीमा पर अभी भी बड़ी तैनाती है। क्या इस स्थिति में अभी कोई परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है?"'लाइव मिंट' से एलिजाबेथ ने पूछा है: "भारत–चीन सीमा मामले पर परामर्श और समन्वय हेतु कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी)” के पिछले दौर की वार्ता एवं सीमा पर तनाव के समाधान के लिए हुई सैन्य स्तर की वार्ता से अब तक क्या प्रगति हुई है? डब्ल्यूएमसीसी की अगली बैठक कब है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: जैसा कि आप जानते हैं, भारत और चीन, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति के समाधान के लिए सुस्थित राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चर्चा कर रहे हैं। दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की बैठक 6 जून, 22 जून और 30 जून को हुई। साथ ही राजनयिक स्तर पर भी चर्चा चल रही हैl भारत–चीन सीमा मामले पर परामर्श और समन्वय हेतु कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक भी पिछले सप्ताह 24 जून को आयोजित की गई l

दिनांक 30 जून को चुशुल में आयोजित सीनियर कमांडरों की बैठक वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की तीसरी बैठक थी जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ फेसऑफ स्थलों एवं सीमावर्ती क्षेत्रों से हटने के मुद्दों पर चर्चा की गई l

दोनों पक्षों ने प्राथमिकता के आधार पर एक त्वरित, चरणबद्ध और क्रमिक रूप से तनाव में कमी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह विदेश मंत्री और उनके चीनी समकक्ष के बीच 17 जून को हुए इस समझौते के अनुसार है कि समग्र स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से नियंत्रित किया जाएगा, और दोनों पक्ष 6 जून को पीछे हटने से संबंधित समझौते को निष्ठां से लागू करेंगे। वरिष्ठ कमांडरों की सबसे हाल की बैठक में हुई चर्चा में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

दोनों पक्ष आपसी तुष्टि के अनुसार मुद्दों को हल करने के लिए भविष्य में डब्ल्यूएमसीसी के ढाँचे के अधीन सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर अपनी बैठकें जारी रखेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धीरज की त्वरित पुन:प्राप्ति के लिए निष्ठा से अनुवर्ती कार्रवाई करेगा और उसे सुनिश्चित करेगा । यह आपके प्रश्नों के उत्तर में मेरे द्वारा पढ़ा गया विवरण है।

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): महोदय, प्रश्नों के अगले समूह का संबंध कुछ मोबाइल ऐप को अवरुद्ध करने के सरकार के निर्णय और संबंधित मुद्दों से है l 'द हिंदू' से सुहासिनी ने पूछा है : "चीन ने भारत द्वारा चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समक्ष उठाने की धमकी दी है। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?" 'इंडिया वर्सेस डिसइनफ़ॉर्मेशन' से शंकर कुमार ने पूछा है: "चीनी ऐप्स की कुल बाज़ार हिस्सेदारी कितनी थी और वे भारत से प्रति माह और प्रति वर्ष कितना कमाते थे?" 'सीएनएन नेटवर्क 18' से महा ने पूछा है: "चीन ने कहा है कि 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बारे में भारत का निर्णय डब्ल्यूटीओ के मानकों या अंतर्राष्ट्रीय ई-कॉमर्स की प्रवृत्ति का अनुपालन नहीं करता है और वह चाहता है कि भारत इस निर्णय की समीक्षा करे। क्या भारत के निर्णय के बारे में चीन को राजनयिक रूप से सूचित किया गया है? और क्या यह अंतिम निर्णय है? क्या उन कंपनियों को भारत सरकार के पास अभ्यावेदन देने की अनुमति दी जाएगी?

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता : इन ऐप्स को अवरुद्ध किए जाने के संबंध में मैं चाहूँगा कि आप इन प्रश्नों की बारीकियों के संबंध में संबंधित मंत्रालय का संदर्भ ग्रहण करें l मैं जिस तथ्य की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ, वह यह है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के मामले में भारत में संसार की एक सबसे अधिक खुली शासन व्यवस्था है। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने अधिक निवेशक-अनुकूल शासन व्यवस्था कायम करने के लिए कई उपाय किए हैं। इसी तरह, डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट के क्षेत्र में भी भारत ने बहुत ही खुली शासन व्यवस्था अपनाई है। भारत आज 680 मिलियन से अधिक ग्राहकों के साथ डिजिटल और इंटरनेट प्रौद्योगिकियों के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर और इंटरनेट एप्लिकेशन कंपनियां भारत में मौजूद हैं। स्वाभाविक रूप से, भारत में काम करते समय उन्हें संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा जारी किए गए हमारे नियमों और विनियमों का पालन करना है, जिसमें डेटा सुरक्षा और व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता शामिल हैं। हम इंटरनेट प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र सहित भारत में विदेशी निवेश का स्वागत करना जारी रखेंगे, लेकिन यह सरकार द्वारा स्थापित नियमों और विनियामक ढांचे के अनुसार होगा।

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): महोदय, प्रश्नों का अगला समूह वेस्ट बैंक के बारे में है। 'मलयालम मनोरमा' से जोमी थॉमस ने पूछा है: "वेस्ट बैंक के अधिकृत क्षेत्रों को अपने कब्जे में करने संबंधी इजरायल की कार्यवाही तथा उस पर फिलिस्तीन की प्रतिक्रिया एवं राज्य का दर्जा के लिए विश्व समुदाय के समर्थन की माँग पर भारत की स्थिति क्या है?" 'टेलीग्राफ' से अनीता जोशुआ ने पूछा है: "वेस्ट बैंक को अपने कब्जे में करने से संबंधित इजरायल की योजना पर भारत की क्या प्रतिक्रिया है ?"'द हिंदू' से सुहासिनी ने पूछा है: "संयुक्त राष्ट्र के महासचिव गुटेरेस, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, जर्मनी, और अन्य देशों ने सार्वजनिक रूप से इज़राइल से कहा है कि वह वेस्ट बैंक को अपने कब्जे में करने की योजना पर विराम लगाए l क्या भारत ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रया से इजरायल सरकार को अवगत कराया है l इजरायल की कब्जा करने की नीति पर भारत की राय क्या है?

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता : इस पर हमारी स्थिति काफी स्पष्ट है और हम अपना विचार दोहराते हैं कि दो पक्षों के बीच सीधी बातचीत के जरिए अंतिम स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिएl हम पक्षकारों से एक-दूसरे के साथ जुड़ने और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए स्वीकार्य दो-राज्य का समाधान खोजने का आग्रह करते हैं।

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): महोदय, प्रश्नों का अगला समूह पाकिस्तानी नेतृत्व की टिप्पणी से संबंधित है। 'ब्लूमबर्ग' से आशिमा चौधरी ने पूछा है: "पाकिस्तान के इमरान खान ने कराची हमलों के लिए भारत को दोषी ठहराया है। क्या भारत सरकार की ओर से कोई बयान जारी किया जाएगा?" 'न्यूज 24' से संजीव त्रिवेदी ने पूछा है: पाकिस्तानी प्रधान मंत्री द्वारा भारत पर लगाए गए इस आरोप के बारे में भारत को क्या कहना है कि कराची पर आतंकी हमला भारत द्वारा प्रेरित था?

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता : हमने पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणियों पर 29 जून को जवाब दे दिया है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ऐसी ही टिप्पणियों पर हमारा समान उत्तर है। भारत इन बेतुकी टिप्पणियों को खारिज करता हैl पाकिस्तान अपनी घरेलू समस्याओं के लिए भारत पर दोषारोपण नहीं कर सकता। हम पाकिस्तान से कहेंगे कि वे अपनी सरकार की स्थिति पर विचार करें जिसमें उनके प्रधानमंत्री द्वारा वैश्विक आतंकवादी को शहीद के रूप में उल्लेख किया जाना शामिल है।

श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): प्रश्नों का अगला समूह नेपाल के मुद्दों से संबंधित है l ' न्यूज 18' से शैलेंद्र ने पूछा है: "ऐसी खबरें हैं कि पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार ने सीमा पर नेपाली मालवाहक ट्रकों की आवाजाही रोक दी है। इस पर आपकी क्या टिप्पणी है?" ' वर्ल्ड इज वन न्यूज(डब्ल्यूआईओएन)' से सिद्धांत ने पूछा है: "ऐसी खबरें थीं कि नेपाली सीमा पुलिस ने लालबकेया नदी पर तटबंध का काम रोक दिया है। क्या इसके बारे में कोई अद्यतित जानकारी है?" 'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' से पुष्कर बैंकर ने पूछा है: "नेपाल के प्रधान मंत्री ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है । क्या विदेश मंत्रालय इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा?" 'नवभारत टाइम्स' से नरेंद्र नाथ मिश्र ने पूछा है: "नेपाल में राजनीतिक स्थिरता को क्या भारत वहाँ हाल में लिए गए कुछ फैसलों का परिणाम मान रहा है ?" 'न्यूज़ 24' के संजीव त्रिवेदी ने पूछा है: "नेपाल के प्रधान मंत्री के.पी. ओली ने भारत पर आरोप लगाए हैं कि भारत उनकी सरकार को गिराने का प्रयास कर रहा हैं। क्या विदेश मंत्रालय इस आरोप पर टिप्पणी करेगा? नेपाल की संसद ने नेपाल का एक नक्शा पारित किया है जिसमें भारतीय क्षेत्र शामिल है? क्या हमने इस संबंध में नेपाल के साथ राजनयिक स्तर पर कोई संपर्क स्थापित किया है?" 'सीएनएन नेटवर्क 18' से महा ने पूछा है: "नेपाल के प्रधान मंत्री के.पी. शर्मा ओली ने भारत पर उनकी स्थिति को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। भारत की इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता : इन सभी प्रश्नों के उत्तर में मैं यह कहूँगा कि भारत और नेपाल के बीच प्राचीन काल से चली आ रही मित्रता का बंधन है, जिनकी जड़ें सांस्कृतिक और सामाजिक श्रृंखलाओं से जकड़ी हुई हैं l हम इन संबंधों को लगातार मजबूत करने की दिशा में प्रतिबद्ध हैं।

व्यापार के मोर्चे पर, दोनों देशों के बीच व्यापार के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों ने कड़ी मेहनत और लगन से काम किया है। भारत में जिस समय सबसे कठोर कोविद-19 लॉकडाउन उपाय अपनाए गए थे,उस समय भी माल और सामग्री के व्यापार की गतिविधियां सुचारू रूप से जारी रहीं।

जहाँ तक तटबंध के मुद्दे का प्रश्न है, संबंधित राज्य सरकारों द्वारा स्थापित तंत्र के तहत तटबंधों की मरम्मत और रखरखाव नियमित रूप से किया जा रहा है।श्री यतिन पटेल, विशेष कार्य अधिकारी (जन संपर्क): महोदय, प्रश्नों का अगला समूह प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता से संबंधित है। 'एशियन एज' से श्रीधर ने पूछा है: "क्या आज प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान चीन सीमा पर स्थिति के बारे में चर्चा हुई थी?" 'सीएनएन नेटवर्क 18' से महा ने पूछा है: "क्या प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बातचीत हुई है, क्या उसमें चीन और एलएसी पर स्थिति का कोई जिक्र था?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: आपने उस रीडआउट का अवलोकन किया होगा जो हमने टेलीफोन पर उस बातचीत के बाद जारी किया है। दरअसल उस बातचीत में प्रधान मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75 वीं वर्षगांठ पर समारोह के सफल आयोजन पर एवं रूस में संवैधानिक संशोधनों पर वोट के सफल समापन पर बधाई दी l आपको स्मरण होगा कि रक्षा मंत्री ने हाल ही में रूस का दौरा किया, और हमारी भारतीय टुकड़ी ने वहां सैन्य परेड में भाग लिया, जो 24 जून को आयोजित किया गया था । हमारे प्रधान मंत्री ने स्मरण किया कि यह भारत और रूस के लोगों के बीच स्थायी मित्रता का प्रतीक है। इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाली वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक पर भी चर्चा की गई, और प्रधान मंत्री ने द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करने हेतु अपनी उत्सुकता व्यक्त की।

तो, यह टेलीफोन पर हुई बातचीत के बारे में हमारी जानकारी का ब्योरा था l

श्री यतिन पटेल,विशेष कार्य अधिकारी(जन संपर्क): महोदय, अगला प्रश्न एच -1बी वीजा मुद्दे के संबंध में है। ' न्यूज 18 तमिल' से सुचित्रा ने पूछा है:"क्या एच -1बी वीजा मुद्दे के बारे में कोई नई प्रगति हुई है? क्या अमेरिकी समकक्षों के साथ चर्चा करने के लिए कोई बैठक निर्धारित है?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव,आधिकारिक प्रवक्ता: सुचित्रा, पिछले सप्ताह मैंने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा 22 जून को जारी की गई उस घोषणा पर प्रतिक्रया व्यक्त की थी जिसके द्वारा गैर-आप्रवासी वीज़ा धारकों की विभिन्न श्रेणियों के अधीन प्रविष्टि अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है l लोगों के बीच संपर्क और विशेष रूप से प्रौद्योगिकी एवं नवाचार क्षेत्रों में व्यापार तथा आर्थिक सहयोग, अमेरिका-भारत साझेदारी का एक महत्वपूर्ण आयाम है। यही मैंने व्यक्त किया था। इसलिए, इसी संदर्भ में हमने इस मुद्दे को अमेरिकी पक्ष के साथ उठाया है और हम उनके साथ चर्चा कर रहे हैं।

श्री यतिन पटेल,विशेष कार्य अधिकारी(जन संपर्क): अगला प्रश्न 'न्यूज 18 तमिल' से सुचित्रा का है। "क्या विदेश मंत्रालय इस संबंध में डेटा प्रदान कर सकता है कि वर्तमान में विदेशों में कितने भारतीय कोविड -19 से संक्रमित हैं और अब तक कितनी मौतें हुई हैं?"

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: सुचित्रा, मेरे पास यह जानकारी साझा करने के लिए नहीं है। क्या कोई और प्रश्न हैं?

श्री यतिन पटेल,विशेष कार्य अधिकारी(जन संपर्क): कोई और प्रश्न नहीं है, महोदय ।

श्री अनुराग श्रीवास्तव, आधिकारिक प्रवक्ता: धन्यवाद। यहाँ इस ब्रीफिंग का समापन होता है।

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