मीडिया सेंटर

प्रधानमंत्री की थाईलैंड की आगामी यात्रा पर सचिव (पूर्व) द्वारा विशेष ब्रीफिंग का प्रतिलेख (31 अक्तूबर, 2019)

नवम्बर 02, 2019

आधिकारिक प्रवक्‍ता, श्री रवीश कुमार : मित्रों, आसियान से संबंधित शिखर सम्मेलनों के लिए प्रधानमंत्री की थाईलैंड यात्रा के बारे में यह एक विशेष ब्रीफिंग है। यह 2 से 4 नवंबर तक है। मेरे साथ सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह हैं। उनके साथ संयुक्त सचिव (बांग्लादेश, मालदीव और भारत-प्रशांत), श्री विक्रम दोरायस्वामी और मनीष हैं, जो संयुक्त सचिव (दक्षिण) हैं। सचिव (पूर्व) द्वारा प्रारंभिक टिप्पणी के बाद हम प्रश्‍नों के उत्‍तर देगें। महोदया, अब आपकी बारी है।

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : नमस्कार। प्रधानमंत्री थाईलैंड के प्रधानमंत्री महामहिम प्रायुत चान-ओ-चो के निमंत्रण पर 2 से 4 नवंबर तक बैंकॉक जाएंगे और उनकी यात्रा 16वें आसियान भारत शिखर सम्‍मेलन, 14वें पूर्व एशिया शिखर सम्‍मेलन, तृतीय आरसीईपी शिखर सम्‍मलेन और संबंधित कार्यक्रमों के लिए है। आसियान से संबंधित शिखर वार्ता हमारे राजनयिक कैलेंडर का अभिन्न अंग है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सातवां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और छठा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन होगा। पिछले वर्ष आपको याद होगा कि जनवरी में भारत ने भारत-आसियान के 25वें वर्षगांठ समारोह की मेजबानी की थी और जिसमें आसियान के सभी दस नेताओं ने भाग लिया था। तब दिल्ली घोषणा को अपनाया गया जिसमें आसियान भारत सामरिक भागीदारी को और सुदृढ़ करने पर सहमति हुई थी। इसके बाद, पिछले वर्ष नवम्बर में, प्रधानमंत्री ने सिंगापुर में आसियान नेताओं के साथ अनौपचारिक भारत-आसियान शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। अत: हमने पिछले साल आसियान के दो कार्यक्रम किए थे।

मुझे बैंकॉक में कार्यक्रम के बारे में बताना है। प्रधानमंत्री दो नवंबर की शाम बैंकॉक पहुंचेंगे और उनकी पहली बैठक बैंकॉक के राष्ट्रीय इनडोर स्टेडियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के लिए होगी।

थाईलैंड में भारतीय समुदाय लगभग 250 हजार है और भारतीय समुदाय की बैठक में प्रधानमंत्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी करेंगे और तिरुककुल जो महान तमिल क्लासिक है, के थाई अनुवाद का विमोचन भी करेगें।

3 नवंबर को प्रधानमंत्री एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह इस वर्ष थाईलैंड में आदित्य बिड़ला समूह की स्वर्ण जयंती भी है। हमारी कई प्रतिष्ठित भारतीय कंपनियों ने थाईलैंड में निवेश किया है और आदित्य बिड़ला ने कपड़ा, रसायन आदि जैसे क्षेत्रों में भी निवेश किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री की दूसरी भागीदारी इस आसियान भारत शिखर सम्मेलन में होगी, जिसकी वे थाईलैंड के प्रधानमंत्री के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे। बैठक में आसियान-भारत संबंधों में हुई प्रगति का आंकलन किया जाएगा।

भारत की कई पहलों का कार्यान्वयन किया जा रहा है, उदाहरण के लिए आईआईटी में आसियान छात्रों के लिए 1000 पीएचडी छात्रवृत्तियां प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता है जो वास्तव में कार्यान्वयनाधीन है। इसका अनावरण किया गया था और इसका कार्यान्वयन इस वर्ष सितंबर में शुरू हुआ था जब विदेश मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री दोनों ने संयुक्त रूप से इसका शुभारंभ किया था। इसका बजट लगभग 300 करोड़ रुपये है और कई लोगों का कहना है कि यह भारत द्वारा आसियान के लिए, वास्तव में आसियान के किसी भी संवाद भागीदार द्वारा, सबसे बड़ी मानव संसाधन विकास पहल है। इसलिए आसियान देशों को यह पेशकश की गई है।

इसके बाद, हम सीएमएलवी देशों में सॉफ्टवेयर विकास और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए केन्द्रों की स्थापना पर भी काम कर रहे हैं और इसका बजट लगभग 8.6 मिलियन डॉलर है और इसे भी कार्यान्वित किया जा रहा है। हम आसियान भागीदारों के साथ निकटता से विचार-विमर्श कर रहे हैं ताकि हमारे आसियान देश के भागीदारों के लिए 1 बिलियन डॉलर की ऋण रेखा के अंतर्गत विशिष्ट परियोजनाएं चिह्नित की जा सकें।

आसियान और आसियान के नेतृत्व वाले तंत्रों को सुदृढ़ करना, संपर्क को बढ़ाना चाहे वह समुद्र हो, भूमि हो, वायु हो, डिजिटल हो, लोगों के लिए लोग हों, हमारी आर्थिक भागीदारी को मजबूत करना, साइबर सुरक्षा सहित डिजिटल डोमेन में सहयोग बढ़ाना और समुद्री क्षेत्र में सुधार करना, भारत आसियान सहयोग के कुछ प्रमुख विषय हैं।

अगले दिन 4 नवंबर को प्रधानमंत्री के तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। प्रधानमंत्री पूर्व एशिया के भाग लेने वाले देशों के नेताओं के लिए थाई प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित विशेष दोपहर के भोजन में भाग लेंगे और इस मंच के नेता वैश्विक सतत विकास एजेंडे को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसका विषय थाईलैंड द्वारा चुना गया है। वास्तव में थाईलैंड अध्यक्षता के तहत इस विषय को बढ़ावा दे रहा है - स्थिरता के लिए भागीदारी को बढ़ावा देना। इसलिए हम भी इस विषय का समर्थन करने की दिशा में कार्यरत हैं और होने वाली चर्चा में काम कर रहे हैं।

यदि आप इसे विशेष रूप से देखें तो थाईलैंड और हमने इस वर्ष सितंबर में समुद्री अर्थव्‍यवस्‍था पर भारत-आसियान कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें चर्चा का मुख्य उद्देश्य समुद्री संसाधनों का सतत उपयोग करना था। तो हम थाईलैंड के साथ स्थिरता अवधारणा पर काम कर रहे हैं।

हम, अलग से, भारत-प्रशांत के बारे में आसियान के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं जिसे आसियान ने इस वर्ष के शुरू में अपनाया था। हम अपने भारत-प्रशांत दृष्टिकोण के साथ अभिसरण के कई तत्वों को देखते हैं और हम अपने भारत-प्रशांत सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए आसियान भागीदारों के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।

प्रधानमंत्री का दूसरा कार्यक्रम 4 नवंबर को 14वा पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन है। जैसा कि आप जानते हैं कि पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन एक नेता के नेतृत्व वाला मंच है और इसमें यह एक ऐसा मंच है जिसमें वे इस क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों पर विचार-विमर्श करते हैं और यह इस क्षेत्र में विश्वास निर्माण तंत्र भी है।

यदि आप इसे देखें तो पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन की सदस्यता बहुत व्यापक सदस्यता है। इसके सदस्यों की आबादी विश्‍व का 54 प्रतिशत है और सकल घरेलू उत्पाद 58 प्रतिशत है। इसलिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मंच है जहां नेता मिलते हैं और चर्चा करते हैं। इस मंच की अधिकांश सफलता इस बात के लिए भी है कि आसियान देश इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि आसियान देश जो भूमिका निभाते हैं और हम सदैव अपने भारत-प्रशांत दृष्टिकोण में आसियान की केन्द्रीयता की मांग करते हैं।

आगामी पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन का एजेंडा ईएएस सहयोग की भावी दिशा की समीक्षा करना और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करना है। प्रधानमंत्री की अंतिम बैठक आरसीईपी शिखर सम्मेलन होगी जहां नेता वर्तमान में और अगले कुछ दिनों में बैंकॉक में चल रही चर्चा की स्थिति की समीक्षा करेंगे।

इसके अतिरिक्त, शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री की कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी जिन पर कार्य किया जा रहा है। चार नवंबर की शाम को ही प्रधानमंत्री नई दिल्ली लौटेंगे।

आधिकारिक प्रवक्ता, श्री रवीश कुमार : धन्यवाद महोदया। अब मैं प्रश्‍नों के लिए आंमत्रित करता हूं। एक छोटा सा सुझाव है कि कृपया यह मत पूछो कि क्या एक विशेष देश के साथ बैठक तय की गई है या नहीं, जब वे तय करगें हम आपको बता देंगे। तो हम हर बार नहीं कहने के बजाय, हम ब्‍यौरा उपलब्ध होने पर उसे साझा करेंगे।

प्रश्न : आरसीईपी वार्ता चल रही है। हमें विश्वास है कि आरसीईपी का पाठ अगले सप्ताह पूरा हो जाएगा। 25 अध्यायों की समीक्षा की जा रही है। अभी स्थिति क्या है? क्या हम आरसीईपी बैंडवागन में शामिल होने के लिए तैयार हैं?

आधिकारिक सरकारी प्रवक्ता, श्री रवीश कुमार :
धन्यवाद। इस पहलू पर कोई अन्य सवाल?

प्रश्न:
क्या भारत के बिना आरसीईपी समझौते की संभावना है?

प्रश्न : यदि आरसीईपी में हमारी सभी चिंताओं का समाधान नहीं किया जाता तो क्या हम समय-सीमा में परिवर्तन चाहते है?

प्रश्न : अब तक आरसीईपी वार्ता प्रक्रिया में कितनी भारतीय चिंताओं को शामिल किया गया है और भारत अभी भी किन मुद्दों पर कार्य कर रहा है?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : देखिए, आरसीईपी वार्ता कई वर्षों से चल रही है और भारत ने इन वार्ताओं में रचनात्मक रूप से भाग लिया है। हमें विश्वास है कि आरसीईपी सभी भागीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक और व्यापार के अवसर का प्रतिनिधित्व करता है। जाहिर है कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे अभी भी शेष हैं और उन्हें एक निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार परिवेश प्रदान करने के लिए उनका हल निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। ये मुद्दे हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे लोगों की आजीविका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि इन मुद्दों का संतोषजनक रूप से समाधान किया जाए। भारत इन मुद्दों का समाधान तलाशने का प्रयास कर रहा है और हम आशा करते हैं कि आरसीईपी शिखर सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद इस संबंध में और अधिक स्पष्टता आएगी।

प्रश्न : भारतीय किसान 4 नवंबर को देशव्यापी आंदोलन करने जा रहे हैं, तो इस स्थानीय और घरेलू किसानों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन के बारे में क्या लेना-देना है?

आधिकारिक प्रवक्ता, श्री रवीश कुमार : इस स्तर पर आरसीईपी के प्रश्नों का उत्तर दे दिया गया है। यदि कोई और बात होती है, तो आप जानते हैं कि विशिष्ट प्रश्नों का उत्‍तर देना संभव नहीं है। आरसीईपी और वार्ता की स्थिति जिसका उत्तर सचिव (पूर्व) द्वारा दिया गया है। यदि अगले कुछ दिनों में कोई और घटनाक्रम होगा तो हम एक नया वक्तव्य देंगे लेकिन इस स्तर पर और कुछ नहीं जोड़ा जाएगा।

प्रश्न : शिखर सम्मेलन के दौरान नियोजित चतुर्भुज समूह की कोई बैठक?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : शिखर सम्मेलन के स्तर पर कोई चतुर्भुज नहीं है।

प्रश्न जारी : शिखर सम्मेलन के स्तर पर नहीं, सरकारी स्तर पर?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : हां, सरकारी स्तर पर एक बैठक होगी।

प्रश्न : आपने कहा कि कुछ बकाया मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जाना अनिवार्य है, वे हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वे महत्वपूर्ण मुद्दें कौन से हैं?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : देखिए, मैं इसमें शामिल नहीं होना चाहता। जैसा कि मैंने आपसे उल्लेख किया है कि इस समय और इस स्तर पर वार्ताएं चल रही हैं इसलिए हम वार्ताओं के परिणाम की प्रतीक्षा करेंगे; लेकिन जैसा कि मैंने आपको बताया है कि कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जो अभी भी बकाया हैं और उन्हें हल करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि एक बहुत निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापार परिवेश हो।

प्रश्न : क्‍या बैठकें सरकारी स्तर पर आयोजित की जा रही है?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह :
हाँ, सरकारी स्तर पर

प्रश्न जारी : कितनी बैठकों और कब?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : मेरे पास ब्यौरा नहीं है लेकिन ये अलग से हो रही है। केवल एक बैठक है।

प्रश्न : समझोतों पर नहीं, क्या आपको लगता है कि आरसीईपी भारत के बिना हो सकता है?

सचिव (पूर्व), श्रीमती विजय ठाकुर सिंह : मैं कैसे अटकलें लगा सकती हूँ? बातचीत चल रही है।

आधिकारिक प्रवक्ता, श्री रवीश कुमार : मुझे कोई और हाथ दिखाई नहीं दे रहा है। महोदया, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। शामिल होने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

(समापन)

Write a Comment एक टिप्पणी लिखें
टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या