मीडिया सेंटर

प्रश्न संख्या 1796 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अस्थायी सदस्यता

सितम्बर 21, 2020

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1796
दिनांक 21.09.2020 को उत्तर देने के लिए

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अस्थायी सदस्यता

1796. श्री पिनाकी मिश्राः

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत की वर्ष 2021-22 हेतु प्राथमिकताओं का ब्यौरा क्या है और इसके लिए क्या तैयारियां की गई हैं;

(ख) क्या संयुक्त राष्ट्र विशेष प्रक्रियाओं के कई अनुरोध भारत के पास लंबित पड़े हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) क्या सरकार की उक्त लंबित अनुरोधों को स्वीकृति प्रदान करने की योजना है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं;

(घ) क्या भारत ने संयुक्त राष्ट्र नागरिक और राजनीतिक अधिकार समिति और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार समिति के प्रति अपने कथित दायित्वों का अनुपालन नहीं किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

(ड.) क्या सरकार की उक्त कथित दायित्वों का अनुपालन करने की योजना है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (ड.) 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत की प्राथमिकताएं दुनिया के लिए भारत के पांच "स" वाले दृष्टिकोण पर आधारित हैं ये हैं - सम्मान, सांवद, सहयोग और शांति ; सार्वभौमिक समृद्धि के लिए परिस्थितियां बनाना। इस दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत 'न्‍यू ओरिएंटेशन फॉर ए रिफार्म्‍ड मल्टिलेटरल सिस्‍टम' की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा है, - जिसे NORMS के रूप में भी जाना जाता है। NORMS शीर्षक के तहत, भारत की प्राथमिकताएँ निम्‍नवत होंगी:

जिम्मेदार और समावेशी समाधान ढूंढने का प्रयास करना;

अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का प्रभावी मुकाबला करने के लिए सुरक्षा परिषद में ठोस और परिणामोन्मुखी कार्रवाई;

समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए पुनर्गठित बहुपक्षीयता ;

संवाद, पारस्परिक सम्मान, अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए प्रतिबद्धता से संचालित बहुपक्षीय शांति और सुरक्षा वाला व्यापक दृष्टिकोण, जिसके लिए हम संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को कारगार बनाने हेतु सहायता की आशा करते हैं; तथा

मानवीयता के साथ प्रौद्योगिकी।

भारत ने अपनी प्राथमिकताओं में प्रगति हासिल करने के लिए सुरक्षा परिषद के सदस्यों और अन्य रणनीतिक भागीदारों के साथ विचार विमर्श शुरू कर दिया है।

भारत उन 126 सदस्य देशों में से एक है जिन्‍होंने 2011 से सभी विषयगत विशेष कार्य प्रक्रियाओं को स्‍थायी रूप से आमंत्रित किया है अर्थात खुला निमंत्रण दिया है। सरकार को संयुक्त राष्ट्र की समितियों को रिपोर्ट करने के अपने दायित्‍वों की जानकारी है। यह मंत्रालय संबंधित विषयगत मामलों/विषयों पर सरकार के संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ विचार-विमर्श करके यथोचित उत्‍तर तैयार करने में लगा हुआ है।

***

Write a Comment एक टिप्पणी लिखें
टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या