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प्रश्न संख्य़ा 1693 यू.एन. सुरक्षा परिषद्

सितम्बर 21, 2020

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्य़ा 1693
दिनांक 21.09.2020 को उत्तर देने के लिए

यू.एन. सुरक्षा परिषद्

1693. श्री पी. वेलुसामीः

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) यू.एन.एस.सी. के चार स्थायी सदस्यों यू.के., यू.एस.ए. रूस और फ्रांस द्वारा भारत की यू.एन. सुरक्षा परिषद में सदस्यता की दावेदारी का खुला समर्थन करने के बाद सरकार द्वारा यू.एन. सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करने की दिशा में उठाए गए कदमों का ब्यौर क्या है;

(ख) क्या बीजिंग की यू.एन.एस.सी. में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का विरोध करने की नीति नहीं रही है और यदि हां,तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और क्या सरकार भारत के लिए प्रतिष्ठित यू.एन.एस.सी. में स्थायी पद सुनिश्चित करने के लिए चीन का सहयोग प्राप्त करना चाहती है;

(ग) क्या भारत ने यू.एन.एस.सी. के संविधान में परिवर्तन जो भारत का यू.एन.एस. सी. में प्रवेश करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, की मांग के लिए मित्र देशों से अनुरोध किया है या उनकी समूहबंदी की है; और

(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (घ) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में से चार ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी पर द्विपक्षीय रूप से आधिकारिक समर्थन दिया है।

मई 2015 में भारतीय प्रधानमंत्री की चीन यात्रा के अवसर पर जारी संयुक्त वक्तव्य में यह उल्लेख किया गया है कि "चीन एक बड़े विकासशील देश के रूप में अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की हैसियत को बहुत महत्व देता है और सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारत की महत्वाकांक्षा को समझता है और इसका समर्थन करता है" ।

वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की प्रक्रिया पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की अंतर सरकारी वार्ता (आईजीएन) तंत्र के तहत विचार विमर्श किया जा रहा है, जहां भारत समान विचारों वाले देशों के साथ मिलकर तात्कालिक आधार पर पाठ आधारित वार्ता शुरू करने पर जोर देता रहा है। भारत जी-4 (भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी) और एल 69 समूह (एशिया,अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विभिन्न देशों का समूह) में अपनी सदस्यता के माध्यम से अन्य सुधारोन्मुख देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र की स्थाई और गैर स्थाई दोनों ही वर्गों में विस्तार के लिए इसके सदस्य देशों के बीच समर्थन जुटाने के लिए भी कार्य कर रहा है।

भारत सरकार ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता प्राप्त करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके लिए भारत सरकार ने विभिन्न पहलें आरंभ की हैं जिनका उद्देश्य भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है। इस मामले को अन्य देशों के साथ उच्चतम स्तर सहित सभी स्तरों पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में विचार-विमर्श के दौरान लगातार उठाया जाता है।

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