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प्रश्न सं. 3893 परियोजनाओं को पूरा करना

दिसम्बर 11, 2019

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 3893
11.12.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए

परियोजनाओं को पूरा करना

3893. श्री हेमन्त तुकाराम गोडसे:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) गत पांच वर्षों के दौरान पड़ोसी देशों और विदेशों में सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी परियोजनाओं को पूरा करने की वर्तमान स्थिति क्या है;

(ख) भारत सरकार और विदेशों/ साझेदारों द्वारा आवंटित बजट का वर्ष–वार ब्यौरा क्या है और इस हेतु कितना व्यय किया गया है; और

(ग) लक्ष्यों को पूरा करने के लिए परियोजना-वार समय–सीमा क्या है और इसके लिए कितने बजट की आवश्यकता है?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) और (ख) विकास सहयोग के तहत भागीदार देशों के साथ हमारे सक्रिय सहयोग के अंतर्गत, पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत सरकार ने भागीदार देशों में कई परियोजनाओं को निष्पादित करने के लिए प्रतिबद्धता दी है। इन परियोजनाओं में आवागमन सुविधा, ऊर्जा, जल विद्युत, सौर, सड़क, कृषि, अन्य बुनियादी ढांचे, संस्कृति, क्षमता संवर्धन और स्वास्थ्य परिचर्या जैसे अनेक क्षेत्र शामिल हैं। हालांकि, कुछ परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, शेष परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

इनमें ऋण सहायता (एलओसी) और अनुदान के तहत विभिन्न देशों में चलाई जा रही कई परियोजनाएं शामिल हैं। पिछले पाँच वर्षों के दौरान अन्य देशों में चलाई जा रही ऋण सहायता प्राप्त परियोजनाओं का वर्ष-वार विवरण अनुबंध कTamil.pdf में दिया गया है। ये परियोजनाएँ कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

इनमें उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाएं भी हैं जो विभिन्न देशों में अनुदान के तहत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाती हैं। सरकार पिछले पांच वर्षों में पड़ोसी देशों में चलाई जा रही परियोजनाओं के अतिरिक्त अन्य देशों में 7345.60 करोड़ रुपये की अनेक परियोजनाएँ भी चला रही है। पिछले पाँच वर्षों के दौरान भारत सरकार द्वारा विदेश में अनुदान परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए आवंटित बजट और किए गए व्यय का वर्ष-वार विवरण अनुबंध ख Tamil.pdf में दिया गया है।

(ग) परियोजनाओं के पूरा होने के लिए आवश्यक निधि का मूल्यांकन परियोजना कार्यान्वयन चक्र के अनुसार की गई प्रगति के आधार पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष से पहले किया जाता है। परियोजनाओं के लिए तय की गई समय-सीमा भिन्न–भिन्न होती है और लेनदार सरकारों के साथ परामर्श और वास्तविक स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती है। लेनदार सरकारों के साथ गहन परामर्श से यथाशीघ्र इन परियोजनाओं को पूरा करने का प्रयास किया जाता है।

जहां तक ऋण सहायता योजना के तहत वित्तपोषित अन्य देशों में चल रही परियोजनाओं का संबंध है, इन परियोजनाओं की निगरानी परियोजना प्रबंधन परामर्शदाताओं, एक्ज़िम बैंक ऑफ़ इंडिया के परामर्श से आयोजित समीक्षा बैठकों, द्विपक्षीय समीक्षा बैठकों, विदेश मंत्रालय और एक्ज़िम बैंक के अधिकारियों के दौरों और संबंधित भारतीय मिशनों और केन्द्रों के माध्यम से निरंतर पर्यवेक्षण के माध्यम से की जाती है, ताकि परियोजना को पूरा करने के लक्ष्य प्राप्त हो सकें। इसी प्रकार भारत सरकार के अनुदान से विदेशों में चल रही परियोजनाओं की निगरानी विदेश में मिशनों और केन्द्रों द्वारा विदेश मंत्रालय और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के परामर्श से की जाती है ताकि लक्ष्यों को तेजी से पूरा किया जा सके।

उपरोल्लिखित प्रभावी परियोजना निगरानी और समीक्षा तंत्रों को अपनाकर, सरकार कार्यान्वित परियोजनाओं से संबंधित लागत और समय को कम करने में सक्षम रही है।

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