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प्रश्न सं. 3782 पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय

दिसम्बर 11, 2019

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 3782
11.12.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए

पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय

3782. श्री राजेश नारणभाई चुड़ासमा:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) पाकिस्ता‍न की जेलों में बंद भारतीय नागरिकों एवं मछुआरों की संख्यात कितनी है तथा वे कब से उक्ता जेलों में बंद है;

(ख) क्या उक्त व्यृक्तियों के परिवारों को सरकार द्वारा कोई वित्तीमय या अन्य सहायता प्रदान की गई है; और

(ग) यदि हां, तो तत्संतबंधी ब्यौंरा क्याक है तथा उक्ति व्यीक्तियों को रिहा करवाने हेतु सरकार द्वारा क्याी कार्रवाई की गई है?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (ग) उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 292 भारतीय और भारतीय समझे जाने वाले सिविलियन कैदी तथा मछुआरे पाकिस्तान की हिरासत में हैं। 1 जुलाई, 2019 को साझा की गई सूची के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय समझे जाने वाले 52 सिविलियन कैदियों और 209 मछुआरों के उनकी हिरासत में होने की बात को स्वीकार किया है। इसके अतिरिक्त, युद्ध बंदियों सहित 83 लापता भारतीय रक्षा कर्मियों का मुद्दा है, जिनके हिरासत में होने की बात अभी तक पाकिस्तान ने स्वीकार नहीं की है।

भारत सरकार पाकिस्तान की हिरासत में कैदियों के मुद्दे को उच्च महत्व देती है और उनकी शीघ्र रिहाई और उनके भारत प्रत्यावर्तन के मामले को लगातार उठाती है। हमारे निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, सरकार 2014 से अब तक पाकिस्तान की हिरासत से मछुआरों सहित 2112 भारतीयों की रिहाई और उनका प्रत्यावर्तन कराने में सफल रही है। इनमें वे 364 भारतीय भी शामिल हैं, जो इस साल अब तक वापस लौट आए हैं।

सरकार शेष भारतीय कैदियों की रिहाई और प्रत्यावर्तन का मामला लगातार उठाती रहती है। भारत ने मानसिक रूप से अस्वस्थ कैदियों की राष्ट्रीयता के सत्यापन और बाद में उनके प्रत्यावर्तन की सुविधा के लिए उनसे मिलने के लिए जाने वाले चिकित्सा विशेषज्ञों के एक दल का विवरण भी साझा किया है। पाकिस्तान ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

जहां तक वित्तीय सहायता का संबंध है, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मात्स्यिकी विभाग की पाकिस्तान में पकड़कर रखे गए मछली पकड़ने वाले जलयानों के स्थान पर नए जलयान लेने के लिए कम ब्याज वाले ऋण के संबंध में एक गैर-योजना स्कीम है। इस योजना में प्रत्येक जलयान की 30% लागत तक की पूंजीगत सब्सिडी के साथ 6 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक, पाकिस्तान में पकड़कर रखे गए कुल 326 जलयानों को एकबारगी बदलने की परिकल्पना की गर्इ है। समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीर्इडीए) को एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामोदिष्ट किया गया है। इसके अतिरिक्त, मात्स्यिकी विभाग सक्रिय मछुआरों के लिए समूह दुर्घटना बीमा योजना के माध्यम से बीमा कवरेज प्रदान करता आ रहा है।

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