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प्रश्न संख्या 2690 मत्स्यपालन के संबंध में संयुक्त कार्यसमूह

दिसम्बर 04, 2019

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 2690
04.12.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए

मत्स्यपालन के संबंध में संयुक्त कार्यसमूह

2690. श्री हिबी ईडन:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या भारत और श्रीलंका ने दोनों देशों के मछुआरों के बीच विवादों को हल करने के लिए मत्स्यपालन के संबंध में एक संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्ल्यूजी) के गठन का समझौता किया है;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) इस कार्यसमूह की बैठकें कितने अंतराल पर होंगी; और

(घ) विगत जेडब्ल्यूजी के निर्णयों का ब्यौरा क्या है?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (घ) भारत और श्रीलंका मछुवारों से जुड़े मुद्दों का एक स्थायी समाधान खोजने के लिए एक तंत्र के रूप में मछली पकड़ने के संबंध में एक संयुक्त कार्य समूह का गठन करने पर सहमत हुए हैं। यह निर्णय नवंबर 2016 में नई दिल्ली में मछुवारों से जुड़े मुद्दों पर हुई मंत्री स्तरीय बैठक में लिया गया था। इस संयुक्त कार्य समूह में दोनों देशों के मत्स्यपालन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, तट रक्षक बल एवं नौसेना से प्रतिनिधि शामिल हैं। मछली पकड़ने के संबंध में संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक दिसंबर 2016 में नई दिल्ली में हुई थी जिसमें दोनों पक्ष (i) दोनों तट रक्षक बलों के बीच हॉटलाइन चालू करने सहित गश्त में सहयोग; ii) मछुवारों के लिए कम्यूनिकेशन ट्रैकिंग सेट्स के प्रावधान में तेजी लाने; iii) गिरफ्तार किए गए मछुवारों एवं मछली पकड़ने की नौकाओं को रिहा करने; और iv) समुद्र तल तक जाकर मछली पकड़ने की पद्धति को समाप्त करने की दिशा में त्वरित उपाय करने जैसे विश्वास वर्द्धक उपाय (सीबीएम) स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। अप्रैल 2017 को कोलंबो में तथा अक्तूबर 2017 को नई दिल्ली में हुई जेडबल्यूजी की क्रमशः दूसरी एवं तीसरी बैठकों में विश्वास वर्द्धक उपायों के कार्यान्वयन का जायजा लिया गया। सरकार जेडबल्यूजी की चौथे दौर की बैठक निर्धारित करने के लिए श्रीलंका के साथ नियमित संपर्क में है।


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