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प्रश्न संख्या 2671 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

दिसम्बर 04, 2019

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 2671
04.12.2019 को उत्तर दिए जाने के लिए

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

2671. श्रीमती सुप्रिया सदानंद सुले:
डॉ. सुभाष रामराव भामरे:
श्री डी.एन.वी. सेंथिलकुमार एस.:
डॉ. अमोल रामसिंह कोल्हे:
श्री कुलदीप राय शर्मा:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या भारत ने ग्यारहवें 'ब्रिक्स' शिखर सम्मेलन में भाग लिया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस सम्मेलन की विषय-वस्तु का ब्यौरा क्या है;

(ख) इसमें जिन मुद्दों पर चर्चा की गई उनका ब्यौरा क्या है और इसका क्या परिणाम रहा है;

(ग) क्या इस शिखर सम्मेलन से विकासशील देशों को वित्त और व्यापार के संबंध में अंतरराष्ट्रीय मंच में पर्याप्त संभावनाएं प्राप्त हुई हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(घ) इन शिखर सम्मेलनों के परिणामस्वरूप वित्त और व्यापार के क्षेत्र में सामान्य रूप से विकासशील देशों के लिए और विशेषकर भारत को होने वाले संभावित लाभ क्या हैं; और

(ड.) 'ब्रिक्स' में शामिल सभी देशों, विशेषकर भारत के साझा हितों की रक्षा के लिए क्या तंत्र मौजूदा है?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) ब्राजील ने "ब्रिक्सः र्इकोनॉमिक ग्रोथ फोर एन इनोवेटिव फ्यूचर” विषय के अंतर्गत दिनांक 13-14 नवंबर, 2019 को ब्रासीलिया में 11 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है। 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था।

(ख) शिखर सम्मेलन में राजनेताओं ने वैश्विक वित्तीय और सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद से निपटने, जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ विकास, बहुपक्षीय तंत्र में सुधार, विश्व व्यापार संगठन और अर्न्तराष्ट्रीय शासन संस्थाओं में सुधार, ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के उपाय जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी, व्यापार, स्वास्थ्य, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच परस्पर आदान-प्रदान शामिल है, पर विचार-विमर्श किया। ब्रिक्स व्यापार परिषद और नए विकास बैंक ने भी अपनी रिपोर्टें शिखर-सम्मेलन में राजनेताओं को प्रस्तुत की। राजनेताओं ने शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया।

2019 में ब्राजील की ब्रिक्स अध्यक्षता के व्यापक परिणाम रहे हैं- नवाचार ब्रिक्स नेटवर्क (आर्इ ब्रिक्स) और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन (डब्ल्यूबीए) की स्थापना, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआर्इ) पर नर्इ संरचना का अंगीकरण, ब्रिक्स ऊर्जा अनुसंधान सहयोग मंच के विचारार्थ विषयों को अंतिम रूप देना। इसके अतिरिक्त, आतंकवाद निवारण के लिए ब्रिक्स रणनीति पर सेमिनार, मानव दुग्ध बैंक पर कार्यशाला और परिसंपत्ति पुनः प्राप्ति पर ब्रिक्स बैठक भी आयोजित की गर्इ। वर्ष2019 में ब्रिक्स व्यापार और निवेश संवर्द्घन एजेंसियों (टीआर्इपीए) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए थे।

(ग) ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में उठाए गए मुद्दे ब्रिक्स देशों के लिए ही नहीं अपितु सामान्यतः विकासशील देशों के लिए भी महत्व रखते हैं। ब्रिक्स देश पिछले कुछ वर्षों के दौरान वैश्विक उन्नति के इंजन रहे हैं। साथ ही ब्रिक्स समूह शांतिपूर्ण, समृद्घ और बहुध्रुवीय विश्व के लिए बड़ा कारक बनकर उभरा है। राजनेताओं ने ब्रिक्स समूह देशों के भीतर व्यापार को और अधिक बढ़ावा देने, ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार लागत में कमी करने, व्यापार सुविधा बढ़ाने और सीमा शुल्क और बैंकिंग प्रक्रियाओं में सहयोग करने पर जोर दिया।

शुरु से ही वित्त और व्यापार ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग का मुख्य क्षेत्र रहा है। नया विकास बैंक (एनडीबी) और आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था (सीआरए) इस क्षेत्र के मुख्य परिणाम हैं। एनडीबी ने ब्रिक्स देशों में 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर की 44 परियोजनाएं का वित्त पोषण किया/वित्त पोषण का निर्णय लिया है, जिसमें से 3246 मिलियन अमेरिकी डॉलर की 8 परियोजनाएं भारत में हैं।

(घ) ब्रिक्स सभी विकासशील देशों के साझा सरोकारों पर परिचर्चा और विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच बन गया है। ब्रिक्स देश बहुपक्षीय संस्थाओं जिसमें संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, अर्न्तराष्ट्रीय मौद्रिक कोष शामिल है, को और अधिक प्रतिनिधि परक आैर समावेशी बनाने के लिए इनमें नियमित रूप से सुधार की मांग करते रहे हैं। ब्रिक्स समूह के सभी सदस्य परस्पर हितों के आर्थिक मुद्दों पर और ज्वलंत वैश्विक मुद्दों जैसे अर्न्तराष्ट्रीय आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार इत्यादि पर परामर्श और सहयोग द्वारा अपनी सामूहिक ताकत से लाभान्वित होते हैं।

(ड.) ब्रिक्स की अध्यक्षता इसके सदस्य देशों में प्रतिवर्ष बदलती रहती है। प्रत्येक वर्ष ब्रिक्स के अंतर्गत विकासशील देशों के साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है जिनमें वैश्विक वित्तीय, स्थिति, आतंकवाद निवारण, संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, अर्न्तराष्ट्रीय मौद्रिक कोष सहित बहुपक्षीय तंत्र का भ्रष्टाचार रोधी सुधार शामिल है।

प्रत्येक देश अपनी अध्यक्षता में स्वयं की प्राथमिकता पेश करता है। ब्रिक्स देशों में आम समझ विकसित करने के लिए वर्ष भर के दौरान विषय के विशेषज्ञों, वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्य समूहों इत्यादि की बैठकें होती रहती है। इन बैठकों के बाद, कुछेक मामलों में मंत्रियों की बैठकें होती हैं। ब्रिक्स समूह देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और विदेश मंत्री भी पारस्परिक हित के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए नियमित अंतराल पर बैठक करते हैं। इन तैयारियों के बाद ब्रिक्स राजनेताओं का शिखर सम्मेलन होता है जिसमें राजनेता संयुक्त घोषणा पत्र जारी करते हैं।

भारत ने सुनिश्चित किया है कि आतंकवाद से निपटने का मुद्दा ब्रिक्स चर्चाओं के दौरान बना रहे। पूर्व में ब्रिक्स राजनेताओं ने आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद,टीटीपी इत्यादि को हिंसा फैलाने वाली तंजीमों के रूप में सूचीबद्घ किया है। 2019 में आतंकवाद रोधी कार्य समूह के अंतर्गत पांच उप समूहों का गठन किया गया है और वे आतंकवाद का मुकाबला करने संबंधी विभिन्न पहलुओं को शामिल करेंगे।


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