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प्रश्न संख्या 2591 चीन के राष्ट्रअपति की यात्रा

दिसम्बर 04, 2019

लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 2591
दिनांक 04.12.2019 को उत्तर देने के लिए

चीन के राष्ट्रअपति की यात्रा

2591. श्री भगवंत खुबा:
श्री वाई.एस. अविनाश रेड्डी:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) अक्टूेबर, 2019 में चीन के राष्ट्र्पति शी-जिनपिंग के भारत के दौरे के दौरान किए गए मुख्यत समझौतों का ब्यौ रा क्याू है;

(ख) क्या‍ आयात और निर्यात मात्रा को बढ़ाने, व्या‍पार घाटे को पाटने के लिए और परस्प र निवेश में वृद्धि करने के लिए वित्तय मंत्रियों के बीच उच्च़-स्तारीय अर्थव्योवस्था और व्याापार वार्ता तंत्र विकसित किया गया है;

(ग) यदि हां, तो तत्संकबंधी ब्यौ रा क्याप है;

(घ) क्याह सरकार ने चीन के साथ सीमा सड़क और विवादास्पतद प्रत्य र्पण संधि के संबंध में किसी समझौते पर हस्ता)क्षर किए हैं?

(ड.) यदि हां, तो तत्सं बंधी ब्यौ़रा क्याप है; और

(च) चीन के राष्ट्र पति द्वारा भारत के दौरे की मुख्या उपलब्धियां क्या हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और चीन जनवादी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री शी जिनपिंग ने दिनांक 11-12 अक्तूबर, 2019 को चैन्नै में दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक की। इस बैठक के दौरान किसी भी करार पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।

(ख) और (ग) दोनों राजनेताओं ने व्यापार एवं वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने, दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को बेहतर बनाने और विनिर्माण भागीदारी के विकास के जरिए परस्पर निवेश को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एक उच्च-स्तरीय आर्थिक एवं व्यापार संवाद तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस नए तंत्र का नेतृत्व भारतीय पक्ष की ओर से माननीय वित्त मंत्री और चीनी पक्ष की ओर से उप प्रधानमंत्री हु चुंहुआ द्वारा किया जाएगा।

(घ) और (ङ) जी, नहीं।

(च) प्रधानमंत्री और चीन जनवादी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री शी जिनपिंग के मध्य दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक से दोनों राजनेता अति महत्वपूर्ण, दीर्घावधिक और रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर प्रोतोकॉल एवं पूर्व-निर्धारित एजेण्डा की बाध्यताओं के बिना सीधे तौर पर स्वच्छन्द एवं सुस्पष्ट विचारों का आदान-प्रदान कर सके।

यद्यपि दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान किसी भी औपचारिक करार पर हस्ताक्षर नहीं किए गए, तथापि दोनों राजनेताओं के विचार-विमर्श से निम्नलिखित निष्कर्ष सामने आएः

i. दोनों राजनेताओं ने व्यापारिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने, दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को बेहतर बनाने और विनिर्माण भागीदारी के विकास के जरिए परस्पर निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उच्च- स्तरीय आर्थिक एवं व्यापार संवाद तंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।

ii. दोनों नेताओं ने वर्ष 2020 को भारत-चीन सांस्कृतिक और लोगों के बीच परस्पर मेलजोल वर्ष घोषित करने का निर्णय लिया है।

iii. दोनों राजनेताओं ने निर्णय लिया है कि 2020 में भारत-चीन संबंधों की स्थापना की 70वीं सालगिरह को मनाने के लिए 70 क्रिया-कलाप आयोजित किए जाएंगे।

iv. दोनों राजनेता तमिलनाडु और चीन के फुजिआन प्रांत के मध्य सिस्टर-स्टेट संबंध स्थापित करने और साथ ही चीन और भारत के बीच प्राचीन समुद्री संपर्कों पर अनुसंधान आयोजित करने पर भी सहमत हो गए हैं।

इसके अतिरिक्त, दोनों राजनेताओं ने अप्रैल, 2018 में चीन में वुहान में प्रथम अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान बने मतैक्य की पुनः पुष्टि की कि भारत और चीन मौजूदा अन्तरराष्ट्रीय परिदृश्य में स्थायित्व के कारक हैं और यह कि दोनों पक्ष विवेकपूर्ण ढंग से अपने मतभेदों का समाधान करेंगे और किसी भी मुद्दे पर अपने मतभेदों को विवाद नहीं बनने देंगे।

दोनों राजनेताओं ने विशेष प्रतिनिधियों के कार्य का भी सकारात्मक मूल्यांकन किया और उन्हें राजनीतिक मानदंडों एवं मार्गदर्शी सिद्घान्तों, जिन पर दोनों पक्ष 2005 में सहमत हुए थे, के आधार पर निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान हेतु पारस्परिक रूप से सहमत कार्य-ढाँचे पर पहुंचने के अपने प्रयास जारी रखने का आग्रह किया। दोनों राजनेताओं ने अपने समझौते को दोहराया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शान्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाते रहेंगे।

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