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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर आई.बी.एस.ए. संयुक्त मंत्रिस्तरीय वक्तव्य

सितम्बर 16, 2020

हम, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मार्गदर्शक सिद्धांतों और संप्रभुता, स्वतंत्रता, कानून के शासन, मानवाधिकारों और लोकतंत्र के सम्मान के हमारे साझा मूल्यों से बंधे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम सुरक्षा परिषद के त्वरित और व्यापक सुधार हेतु ठोस प्रगति करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को दोगुना करने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रशासन संरचना को अधिक समावेशी, उत्तरदायी तथा भागीदारीपूर्ण बनाने हेतु एकजुट होकर, हम बहुपक्षीय प्रणाली के सुधार का आह्वान करते हुए 26 सितंबर 2019 के आई.बी.एस.ए. संयुक्त मंत्रिस्तरीय वक्तव्य का स्मरण करते हैं। हमारे संयुक्त आह्वान के अनुरूप, हम समकालीन वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने हेतु बहुपक्षीय संस्थानों के निर्णय लेने वाले निकायों में उभरते और विकासशील देशों की आवाज तथा प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।

तेजी से जटिल और अंतर-संलग्न अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों को देखते हुए, हम इस बात पर जोर देते हैं कि मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय शासन संरचना पुरानी हो चुकी है और अभी की शांति तथा सुरक्षा की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से दूर करने हेतु उपयुक्त नहीं हो सकती है।

इस बात पर जोर देते हुए कि संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का व्यापक सुधार एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय उपक्रम है, जिस पर अभी कुछ प्रगति हुई है, हम दोहराते हैं कि सुरक्षा परिषद के सुधार को आगे बढ़ाना एक जरूरी तथा महत्वपूर्ण प्राथमिकता होनी चाहिए।

सुरक्षा परिषद में सुधार में विफल होने के अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को गंभीर निहितार्थ हैं। यह सुनिश्चित करने हेतु महत्वपूर्ण तथा त्वरित सुधार महत्वपूर्ण है कि यह खंड अधिक प्रतिनिधि, प्रभावी और उत्तरदायी है, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों तथा सिद्धांतों को पूरा करने में सक्षम है।

हम स्थायी तथा गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को प्रतिनिधि, समावेशी, न्यायसंगत, उत्तरदायी और प्रभावी बनाने के लिए एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के उभरते एवं विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को शामिल करने हेतु सुरक्षा परिषद की सदस्यता के विस्तार की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। सुरक्षा परिषद का औचित्य इस बात पर टिका है कि इसकी संरचना संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता की आकांक्षाओं एवं दृष्टिकोणों के समान और प्रतिबिंबित है या नहीं।

यह स्वीकार करते हुए कि अफ्रीका द्वारा सुधरे हुए सुरक्षा परिषद में समान रूप से प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए, हम स्थायी तथा गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में परिषद में अफ्रीका के प्रतिनिधित्व हेतु अपना समर्थन दोहराते हैं और एजुलविनी सहमति और सिर्ते घोषणा में कहे अनुसार सामान्य अफ्रीकी स्थिति के लिए अपना समर्थन व्यक्त करते हैं।

अंतर-सरकारी वार्ता प्रक्रिया में सुरक्षा परिषद सुधारों पर प्रगति में धीमी गति पर निराशा व्यक्त करते हुए, जिसमें कार्य विधियों में पारदर्शिता का अभाव है, हम जोर देते हैं कि समय आ गया है कि मूल वार्ता के प्रावधान के साथ, एक औपचारिक व्यवस्था में परिणाम-उन्मुख प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ा जाए।

इसके अलावा हम,अंतर-अलिया, संयुक्त राष्ट्र और आई.बी.एस.ए. देशों के साथ-साथ क्षेत्रीय संगठनों और संस्थानों, जैसे अफ्रीकी संघ शांति और सुरक्षा परिषद (एयूपीएससी) के साथ, अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देने में सहयोग का स्वागत करते हैं।

ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने 2021-2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुने जाने पर भारत को बधाई दी। आई.बी.एस.ए. सदस्य के रूप में, भारत परिषद में एक मजबूत आवाज होगा और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार नियम-आधारित प्रणाली का परिरक्षक बना रहेगा। ब्राजील ने 2022-2023 की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में ब्राजील की उम्मीदवारी को अपना समर्थन हेतु भारत और दक्षिण अफ्रीका का धन्यवाद दिया।

नई दिल्ली
सितंबर 16, 2020

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